Wednesday, 29 March 2017

मचिन्दरनाथ

मुख्य मेनू खोलें  खोजें मेरी अधिसूचनाएँ दिखाएँ 1 संपादित करेंध्यानसूची से हटाएँ।किसी अन्य भाषा में पढ़ें मत्स्येंद्रनाथ चित्र:Swami Machindranath Mitmita Mandir.gif मत्सेन्द्रनाथ मत्स्येंद्रनाथ अथवा मचिन्द्रनाथ ८४ महासिद्धों (बौद्ध धर्म के वज्रयान शाखा के योगी) में से एक थे। वो गोरखनाथ के गुरु थे जिनके साथ उन्होंने हठयोग विद्यालय की स्थापना की। उन्हें संस्कृत में हठयोग की प्रारम्भिक रचनाओं में से एक कौलजणाननिर्णय (कौल परंपरा से संबंधित ज्ञान की चर्चा) के लेखक माना जाता है।[1] वो हिन्दू और बौद्ध दोनों ही समुदायों में प्रतिष्ठित हैं।[2] मचिन्द्रनाथ को नाथ प्रथा के संस्थापक भी माना जाता है। मचिन्द्रनाथ को उनके सार्वभौम शिक्षण के लिए "विश्वयोगी" भी कहा जाता है।[3] सन्दर्भ संपादित करें ↑ लार्सन, जेराल्ड जेम्स; राम शंकर भट्टाचार्य (2008) (अंग्रेज़ी में). Yoga: India's Philosophy of Meditation [योग: ध्यान का भारतीय दर्शन]. Encyclopedia of Indian Philosophies (भारतीय दर्शन के विश्वकोश). Vol. XII. दिल्ली: मोतीलाल बंशीदास. प॰ 436. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-3349-4. http://books.google.co.in/books?id=p6pURGdBBmIC&pg=PA436. ↑ An Introduction to Hinduism [हिन्दू धर्म का परिचय]; गेवलिन फ्लूड; 1996; पृ॰ 98 ↑ Tridal, Publication by Shree Pratishtan Trust, Mitmita, पृ॰:5 संवाद Last edited 2 months ago by Sanjeev bot RELATED PAGES योग yog ane kasrat na jivan ma labh नाथ सम्प्रदाय बावाजी  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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