Wednesday, 29 March 2017
नवरात्रि साधना


मै कौलाचार्य मुक्तारानन्द तीर्थ आप सब का स्वतंत्र साधक परिवार में स्वागत करता हूँ ... जय माँ तारा ..
Thursday, 30 January 2014
navdurga sadhna

नवरात्र साधना विधान ...
नवरात्रि को साधारणतः नव दुर्गा पूजा व साधनाए साधक जन किया करते है ..और उन्ही नवदुर्गाओ की मंत्र ही जपा करते है
किन्तु मेरे आत्मन ! हम तांत्रिक है और तांत्रिक साधनाए ही करते है वैदिक साधना नहीं .. क्योंकि भगवान ने भी यही कहा है की कलियुग में केवल तांत्रिक मन्त्र और साधनाए ही पूर्ण फल प्रदान करने में सक्षम होंगे ..
और इसी कारण ही अब की बार नवरात्र में नवदुर्गाओ की जो तत्व है उसी तत्व स्वरूपी महामाया शक्ति का उन विशिष्ट शक्तिओ की ही पूजा व जाप मंत्र प्रस्तुत कर रहा हूँ ..
और यह सभी मन्त्र नव दुर्गा के मंत्र से भिन्न है .. क्योंकि मुझे लगता है नव दुर्गा का अर्थ को समझ कर अगर उसका सार तत्व को ही साधा जाय तो उत्तम होगा .. क्योंकि तंत्र यह कहता है यही वोह नव निधि है जिसका उल्लेख शास्त्र में आता है .. माँ तारा की कृपा से आप सब भी नव निधि सम्पन्न हो यही कामना करते हुए आप के सामने पोस्ट को रख रहा हूँ ..
1 शैलपुत्री जो त्रैलोक्य मोहन कार्य अर्थात तीनो लोको को मोहित कर देने वाली शक्ति है ..
मंत्र ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं सर्वजन मनोहारिणी नमः स्वाहा
2 ब्रह्मचारिणी जो समस्त इच्छाओ को पूरण करने वाली शक्ति है ..
मंत्र ऐं क्लीं सौः कामेश्वरीच्छा काम फल प्रदे देवी नमः स्वाहा
3 चन्द्रघंटा जो समस्त प्रकार की पापो का हनन करने वाली शक्ति है ..
मंत्र श्रीं क्लीं ह्रीं ऐं सर्वपापसंहारिके देवी नमः स्वाहा
4 कुष्मांडा जो सर्व सौभाग्य प्रदान करने वाली शक्ति है ..
मंत्र ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौः सर्व सौभाग्य प्रदायिनी देवी नमः स्वाहा
5 स्कन्दमाता जो समस्त प्रकार की कार्य को सिद्धि करने वाली शक्ति है चाहे वो शांति कर्म हो या मारण कर्म..
मंत्र ऐं ईं हौं सः कामत्रिपुराय नमः स्वाहा
6 कात्यानी जो सर्व प्रकार की रक्षा करने वाली शक्ति है ..
मंत्र ॐ ह्रीं महायक्षीश्वरी रक्षय रक्षय मम शत्रुनाम भक्षय भक्षय स्वाहा
7काल रात्रि जो समस्त प्रकार की रोग नाश करने वाली शक्ति है ..
मंत्र ॐ कालि कालि काल रात्रिके मम सर्व रोगान छिन्धि छिन्धि भिन्दी भिन्दी भक्षय भक्षय नमः स्वाहा
8 महागौरी जो समस्त प्रकार की आनंद को देने वाली शक्ति है..
मंत्र ह्रीं क्लीं ॐ सर्व आनंद प्रदायिने नित्य मदद्रवे स्वाहा
9 सिद्धिदात्री जो समस्त प्रकार की सिद्धि प्रदान करने वाली है ..
मंत्र स्त्रीं हूँ फट क्लीं ऐं तुरे तारे कुल्ले कुरु कुल्ले नमः स्वाहा
इन शक्तिओ की मंत्र साधना आप नव रात्र के दौरान कर सकते है ..
विधान व सामग्री ..............
लाल वस्त्र आसनी ..दिशा उत्तर .. माला रुद्राक्ष की या लाल चन्दन की गले में रुद्राक्ष होना अनिर्वार्य है ..
माँ तारा के चित्र के सामने नौ दीपक शुद्ध घी के प्रज्वलित कर उन दीपकों को नव दुर्गा स्वरुप मान कर नौ दिन लगातार इन्ही दीपकों को प्रज्वलित करे और गुरु पूजन आज्ञा लेकर बिना संकल्प लिए यह साधना करना होता है ...दीपक बदलना नहीं बस बत्ती छोटा हो जाय तो उसे बदल दीजियेगा ..
कौलिक शिव एक दिन में एक मंत्र को प्रतिदिन 16 माला और बाकी के भक्त 21 माला जाप करे ...एक एक कर नौ दिन में नौ मंत्र का जाप पूरा हो जाता है ..
इसके बाद दशमी को सभी सामग्री दीपक फोटो को विसर्जन कर दे .. माला को नहीं ...किसी कुमारी कन्या को भोजन करवाके उनसे आशीर्वाद ले या फिर किसी अनाथ आश्रम में पैसे दान करदे .. अगर आप किसी जरुरतमंद को भी दान कर देते है तो भी विधान पूर्ण माना जायेगा ... जय माँ तारा ..
Sagar Shrimali at 13:41
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3 comments:

Sumit Mehta2 March 2014 at 21:46
sir aap ashta siddhi ki puri vidhaan bataye or hreem jaap k bare m b vistaar se bataye aap ke uttar ki pratiksha me...
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Unknown2 October 2015 at 17:01
अतिउत्तम
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Avtar Singh2 January 2017 at 18:01
GuruJi AapKo mere Sadar Pranam. Kripya naye posts kab publish karege. Dhanyavad.
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