ⓘ Optimized 14 hours agoView original http://spiritualsys.com/shivlinga-ultimate-wisdom/ Menu Skip to content Meditation ,Tratak , Healing , Mantra Science at one place  शिवलिंग का आध्यात्मिक रहस्य April 4, 2016 by onkar kumar ॐ नमः शिवाय  Shivling The ultimate wisdom सम्भोग क्रिया में चित्त से कुछ ही क्षण के लिए ही सही अहंभाव लुप्त हो जाता है और आनंद घटित होता है । इस समय प्रेम का ही अस्तित्व रह जाता है , क्रोध , घृणा , लोभ , मोह इत्यादि विकृतियों का नामोनिशान नहीं रहता। क्योंकि ये विकृतियां तभी तक हैं जबतक मैं का आस्तित्व है । खुद के आस्तित्व का विलुप्त हो जाना , भले ही एक क्षण के लिए अहंकारियों को अपनी कमजोरी का अहसास देता है । क्योंकि हम खुद को इतने जोड़ से पकड़ कर बैठे हैं और एक क्षण के लिए सब कुछ छूट जाना बहुत भ्रम पैदा कर देता है | एक क्षण के लिए भी अहम् भाव के लुप्त होने से आनंद और प्रेम का झरना फूट पड़ता है तो , अगर हम स्थितप्रज्ञ हो जाएँ तो क्या सम्भावना है । मूलाधार में सोई कुण्डलिनी और सहस्त्रार में स्थित शिव का जब मिलन हो जायेगा तो परमानन्द का बहाव रोम रोम से होगा । योगी जनो के अनुभव में इन्द्रिय जनित सुख क्षणिक और अंत में दुःख कारी ही है पर ध्यान जनित सुख का अंत नहीं , और तारने वाला है । हमारे ऋषि मुनियों ने जो आध्यात्मिक रिसर्च किये थे उसका बस सांकेतिक रूप ही बचा है , रामायण और महाभारत के बीच , महाभारत और 2000 साल पहले के बिच का इतिहास या संस्कृति गायब है । हमें ये ठीक से पता नहीं की खजुराहो मंदिर पे संभोगरत मूर्ति कला के पीछे क्या राज है । वो क्या सन्देश है जो दिया गया था । कहीं और होता तो कोई बात होती लेकिन मंदिर पे ? पूछिये आज के सनातनी व्याख्याकारों से , उनके पास शायद ही कोई उत्तर होगा । ओशो ने बहुत अच्छी व्याख़्या की थी और प्रथम बार ये गुप्त सन्देश सामने रखा की जो वासना से मुक्त हो गया वही ईश्वर से मिलने को तैयार हो सकता है । वही मन मंदिर के अंदर प्रवेश कर विराजमान ईश्वर दर्शन का अधिकारी हो पायेगा । कैसा खुले विचारों वाला समाज रहां होगा उस वक्त जो इस मंदिर को अपने समाज में श्रद्धा के साथ स्थान देता हो सोचने की बात है । शिवलिंग पर मैंने कई तरह के टिका टिपण्णी पढ़ी और सब ये समझाने की कोशिश में हैं की शिव लिंग में , योनि और लिंग का नामोनिशान नहीं है । अजीब बात है अगर योनि और लिंग की बात है भी तो इतनी बैचनी क्यों ? क्या इससे सनातन धर्म की वैज्ञानिक परंपरा का नाश हो जायेगा ? ऐसे धर्म के ठेकेदारों के कारन ही वस्तुतः आज हमें अपने ही कर्मकांडों का ठीक से ज्ञान नहीं । और अगर कोई कारण पूछता है तो पुराणों से दो चार कहानियां निकाल कर सुना देते हैं । एक बात को सिद्ध करने के लिए दूसरी कहानी और फिर तीसरी । शिवलिंग का ज्ञान गूढ़ है और समझदारों के लिए है । क्योंकि अध्यात्म वैज्ञानिकों का क्षेत्र है कथाकारों के लिए नहीं । आज इसपे ही चर्चा करने का मूड है संक्षिप्त में ही क्योंकि ये बहुत ही गुप्त विद्या है , और प्रैक्टिकल है जो सच्चे गुरुओं से मिलेगा चोरों और डकैतों के पास नहीं जो पैसे के लिए धर्म का दिखावा करते हैं । और कथाकारों के पास भी नहीं जिनके पास अध्यात्म के नाम पे बस कहानियां ही हैं । ये सृष्टि मैथुनी है , मतलब सम्भोग से सृष्टि की प्रक्रिया चलती है चाहे वो कोई भी जीव या निर्जीव हो । + और – जबतक अलग हैं तभी तक हलचल है तभी तक गति है । इलेक्ट्रान और प्रोटोन जब मिलते हैं तो न्यूट्रॉन बनता है जो की न्यूट्रल है । अर्धनारीश्वर के पूर्णता का यही संकेत है । भैरवी तंत्र में इसीलिए सभी साधकों को भैरव और साधिकाओं को भैरवी की संज्ञा दी गयी है । इस महान विज्ञान का इतना दुष्प्रयोग और शोषण का माध्यम बनाया गया की तंत्र की बदनामी के पीछे 80 % यही कारन हो गया । खैर अभी पतन के कारणों की बात का मुद्दा नहीं है । तंत्र में स्त्रियों का स्थान सर्वोच्च है । अगर साधना में स्त्री ( पत्नी ) सहयोगी हो जाए तो अध्यात्म का सारा रहस्य प्रकट होने लगेगा । भैरव हमेशा ही भैरवियों के कृपाभिलाशि रहते हैं अगर साधना में साधिका ने साथ नहीं दिया तो साधक की सारी ऊर्जा ख़त्म हो जाती है और साधक का घोर पतन हो जाता है । इस तरह इस विद्या का दुरूपयोग कर स्त्री का कभी शोषण नहीं किया जा सकता है , क्योंकि पतन 100 % निश्चित हो जायेगा | तंत्र साधना सम्पूर्ण विज्ञान है आदि से अंत तक का सारा ज्ञान है इसमें । पर धूर्तों के कारन आज समाज में सबसे नीच का स्थान मिला और इस कारन आज समाज में आध्यात्मिक मूल्यों का कोई महत्त्व नहीं रहा । आज कोई तांत्रिक है इसका सामान्य मतलब भूत प्रेतों की साधना , मुर्दा खोरी , षट्कर्म करने वाला हो गया है । आत्मसाक्षात्कार का मार्ग लुप्तप्राय ही हो गया । तांत्रिक मतलब शारीरिक मानसिक और आर्थिक शोषण करने वाला नीच प्राणी । आदि गुरु शिव से आई इस गूढ़ विद्या को इस अंजाम तक पहुचाने वाले ऐसे स्वम्भू धूर्त गुरु पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं । ऐसे लोगों को परमात्मा उचित दंड भी देता है , कुत्ते जैसी जिंदगी हो जाती है इनकी । खैर , आश्चर्य होता है की लोग शिवलिंग के रहस्य की उलुल जुलूल व्याख्या करके ये सिद्ध करने की कोशिश करते हैं की इसमें लिंग और योनि का की बात नहीं जबकि शिवलिंग का रहस्य का इन्हें खुद नहीं पता है । शिवलिंग में लिंग और योनि के के संयोग से मैथुनी सृष्टि का आरम्भ है और भैरवी चक्र की साधना में एक ही क्षण पे भैरव और भैरवी के ऊर्जा का प्रचंड विस्फोट मन्त्र के माध्यम से उर्ध्व गति लेकर साधक की कुण्डलिनी को ब्रह्म रंध्र तक पंहुचा देती है । जो आत्म साक्षात्कार की ऊंचाई है और सृष्टि का अंत भी । क्योंकि समाधी की अवस्था के बाद अब साधक से सृष्टि का चक्र में योगदान नहीं हो पायेगा । इस तरह संक्षिप्त में शिवलिंग सृष्टि के आदि और अंत का प्रतीक है और साधकों के लिए आत्मज्ञान का मार्ग दिखाने वाला , सभी दुखों से दूर कर आनंद में स्थित करने वाला । खैर ज्यादा विस्तार की यहाँ कोई जरूरत नहीं पर अधकचरा ज्ञान से किसी को कोई फायदा नहीं । सनातन धर्म शब्दों का खेल नहीं बल्कि प्रैक्टिकल ज्ञान है जो व्याख्याओं में लुप्त हो गया है । ये साधना सबके वश की बात नहीं इसके लिए साधक में वीर भाव होना चाहिए जो इन्द्रिय का संयम करने में सक्षम हों और गिने चुने सच्चे गुरुओं के पास मौखिक रूप से योग्य शिष्यों को बताया जाता है । ONKAR KUMAR  SPIRITUAL SYSTEMS I am a software enginner in an MNC with deep interest in spiritual stuffs . I have knowledge of healing such as Reiki , Prana voilet healing , Crystal healing etc . I am Reiki Grand master , love meditation and inspire everyone to experience peaceful and blissful life . It would be awesome if you would share your knowledge and experience . Thank you . Categories Meditation , Tantra Post navigation 10 दिवसीय विपासना ध्यान कोर्स का अद्भुत अनुभव यज्ञ का महत्व और साधना Search for: Search  Search … Latest questions दीपक त्राटक में क्या सावधानियां रखनी चाहिए ? asked by Anonymous, 2 years ago Find us on Facebook Recent Posts होरा शास्त्र एवं होरा मुहूर्त यज्ञों के विविध विधान-कुण्ड विज्ञान यज्ञ प्रक्रिया, दिव्य अनुशासन एवं यज्ञ−संसद यज्ञ का महत्व और साधना शिवलिंग का आध्यात्मिक रहस्य Recent Comments Reiki Meditation | Spiritual Systems on रेकी का आवाहन प्रार्थना ( Reiki Prayer ) sachin agrawal on हमारे संस्कार Neeraj on रेकी की दीक्षा : Reiki Attunement onkar kumar on कुण्डलिनी जागरण onkar kumar on हमारे संस्कार ReikiPrana-voilet HealingMeditationMantra ScienceYagyaYagya-awgpAstrologyध्यान प्रयोगसाधना सूत्र
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