Saturday, 9 September 2017
गर्ग संहिता

विकि लव्ज़ मॉन्युमॅण्ट्स: किसी स्मारक की तस्वीर खींचिए, विकीपीडिया की सहायता कीजिए और जीति
मुख्य मेनू खोलें
 खोजें
संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें
गर्ग संहिता
बहुविकल्पी पृष्ठ
गर्गसंहिता नाम से एक दूसरा गन्थ भी है जो ज्योतिष ग्रन्थ है।
गर्ग संहिता यदुवंशियों के आचार्य गर्ग मुनि की रचना है। इस संहिता में मधुर श्रीकृष्णलीला परिपूर्ण है। इसमें राधाजी की माधुर्य-भाव वाली लीलाओं का वर्णन है। श्रीमद्भगवद्गीता में जो कुछ सूत्ररूप से कहा गया है, गर्ग-संहिता में उसी का बखान किया गया है। अतः यह भागवतोक्त श्रीकृष्णलीला का महाभाष्य है।
भगवान श्रीकृष्ण की पूर्णाता के संबंध में गर्ग ऋषि ने कहा है:
यस्मिन सर्वाणि तेजांसि विलीयन्ते स्वतेजसि।
त वेदान्त परे साक्षात् परिपूर्णं स्वयम्।।
जबकि श्रीमद्भागवत में इस संबंध में महर्षि व्यास ने मात्र कृष्णस्तु भगवान स्वयम् — इतना ही कहा है।
श्रीकृष्ण की मधुरली की रचना हुई दिव्य रस के द्वारा उस रस का रास में प्रकाश हुआ है। श्रीमद्भागवत् में उस रास के केवल एक बार का वर्णन पाँच अध्यायों में किया गया है; जबकि इस गर्ग-संहिता में वृन्दावन में, अश्व खण्ड के प्रभाव सम्मिलन के समय और उसी अश्वमेध खण्डके दिग्विजय के अनन्तर लौटते समय तीन बार कई अध्यायों में बड़ा सुन्दर वर्णन है। इसके माधुर्य ख्ण्ड में विभिन्न गोपियों के पूर्वजन्मों का बड़ा ही सुन्दर वर्णन है और भी बहुत-सी नयी कथाएँ हैं। यह संहिता भक्तों के लिये परम समादर की वस्तु है; क्योंकि इसमें श्रीमद्भागवत के गूढ़ तत्त्वों का स्प्ष्ट रूप में उल्लेख है। [1]
खण्ड संपादित करें
गर्ग संहिता के निम्नलिखित खण्ड (अध्याय) हैं-
गोलोक खण्ड
वृन्दावन खण्ड
गिरिराज खण्ड
माधुर्य खण्ड
मथुरा खण्ड
द्वारका खण्ड
विश्वजीत खण्ड
बलभद्र खण्ड
विज्ञान खण्ड
अश्वमेध खण्ड
सन्दर्भ संपादित करें
↑ (हिन्दी/संस्कृत में) (सजिल्द) श्री गर्ग-संहिता (सजिल्द सं॰). गोरखपुर: गीताप्रेस. २३. पृ. ५५४. doi:अप्रैल २३, २००५. ISBN 81-293-0151-2. http://pustak.org/home.php?bookid=1195.
बाहरी कड़ियाँ संपादित करें
[[श्रेणी:हिन्दू ग्रंथ
Last edited 6 months ago by NehalDaveND
RELATED PAGES
कृष्ण
कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार हैं
ब्रह्म वैवर्त पुराण
गीतगोविन्द

सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो।
गोपनीयताडेस्कटॉप
No comments:
Post a Comment