विकि लव्ज़ मॉन्युमॅण्ट्स: किसी स्मारक की तस्वीर खींचिए, विकीपीडिया की सहायता कीजिए और जीति मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखेंकिसी अन्य भाषा में पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी खूबसूरत देवी, क्वींस की रानी  चतुर्भुजा ललिता रूप में पार्वती, साथ में पुत्र गणेश और स्कन्द हैं। ११वीं शताब्दी में ओड़िशा में निर्मित यह प्रतिमा वर्तमान समय में यह मूर्ति ब्रिटिश संग्रहालय लन्दन में स्थित है। त्रिपुरासुन्दरी दस महाविद्याओं (दस देवियों) में से एक हैं। इन्हें 'महात्रिपुरसुन्दरी', षोडशी, ललिता, लीलावती, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, लीलेश्वरी, तथा राजराजेश्वरी भी कहते हैं। वे दस महाविद्याओं में सबसे प्रमुख देवी हैं। त्रिपुरसुन्दरी के चार कर दर्शाए गए हैं। चारों हाथों में पाश, अंकुश, धनुष और बाण सुशोभित हैं। देवीभागवत में ये कहा गया है वर देने के लिए सदा-सर्वदा तत्पर भगवती मां का श्रीविग्रह सौम्य और हृदय दया से पूर्ण है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] जो इनका आश्रय लेते है, उन्हें इनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इनकी महिमा अवर्णनीय है। संसार के समस्त तंत्र-मंत्र इनकी आराधना करते हैं। प्रसन्न होने पर ये भक्तों को अमूल्य निधियां प्रदान कर देती हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें] चार दिशाओं में चार और एक ऊपर की ओर मुख होने से इन्हें तंत्र शास्त्रों में ‘पंचवक्त्र’ अर्थात् पांच मुखों वाली कहा गया है। आप सोलह कलाओं से परिपूर्ण हैं, इसलिए इनका नाम ‘षोडशी’ भी है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] एक बार पार्वती जी ने भगवान शिवजी से पूछा, ‘भगवन! आपके द्वारा वर्णित तंत्र शास्त्र की साधना से जीव के आधि-व्याधि, शोक संताप, दीनता-हीनता तो दूर हो जाएगी, किन्तु गर्भवास और मरण के असह्य दुख की निवृत्ति और मोक्ष पद की प्राप्ति का कोई सरल उपाय बताइये।’ तब पार्वती जी के अनुरोध पर भगवान शिव ने त्रिपुर सुन्दरी श्रीविद्या साधना-प्रणाली को प्रकट किया।[कृपया उद्धरण जोड़ें] ‘‘भैरवयामल और शक्तिलहरी’’ में त्रिपुर सुन्दरी उपासना का विस्तृत वर्णन मिलता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] ऋषि दुर्वासा आपके परम आराधक थे। इनकी उपासना ‘‘श्री चक्र’’ में होती है। आदिगुरू शंकरचार्य ने भी अपने ग्रन्थ सौन्दर्यलहरी में त्रिपुर सुन्दरी श्रीविद्या की बड़ी सरस स्तुति की है। कहा जाता है- भगवती त्रिपुर सुन्दरी के आशीर्वाद से साधक को भोग और मोक्ष दोनों सहज उपलब्ध हो जाते हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें] इन्हें भी देखें संपादित करें श्रीविद्या त्रिपुर त्रिपुरसुंदरी शक्तिपीठ त्रिपुर सुंदरी मंदिर, त्रिपुरा त्रिपुर सुंदरी मंदिर, बांसवाड़ा त्रिपुर सुंदरी मंदिर, हथियागढ़ भण्डासुर बाहरी कड़ियाँ संपादित करें त्रिपुरसुन्दरी अष्टकम् Last edited 15 days ago by अनुनाद सिंह RELATED PAGES माध्यमिक तंत्र-साहित्य महाविद्या श्री विद्या  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप
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