Monday, 4 September 2017

वेद की उत्पत्ति वेदमाता गायत्री से हुई थी, इसको उद्धृत ब्रह्मा ने अपने मुँह से किया, चार मुंह से उत्पन्न होने के नाते चार वेद प्रकट हुए, कालांतर में ग्यानी ॠषियों ने इसे सरल भाष्य दिया

Press question mark to see available shortcut keys 7   हिन्दू परिवार संघठन संस्थ Public Nov 14, 2014  Originally shared by Krishna Kumar Jha वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं। वेदों की 28 हजार पांडुलिपियां भारत में पुणे के 'भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट' में रखी हुई हैं। इनमें से ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियां बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिन्हें यूनेस्को ने विश्व विरासत सूची में शामिल किया है। यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि यूनेस्को की 158 सूची में भारत की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों की सूची 38 है। वेद पहले एक ही था। फिर ऋग्वेद हुआ, फिर युजुर्वेद व सामवेद। वेद के तीन भाग राम के काल में पुरुरवा ऋषि ने किए थे, जिसे वेदत्रयी कहे गए हैं। फिर अंत में अथर्ववेद को लिखा अथर्वा ऋषि ने। वेदों को परब्रह्म ने सर्वप्रथम किसे सुनाया? यह शोध का विषय हो सकता है। 'वेद' परमेश्वर के मुख से निकला हुआ 'परावाक' है, वह 'अनादि' एवं 'नित्य' कहा गया है। वह अपौरूषेय ही है। वेद ही हिन्दू धर्म के सर्वोच्च और सर्वोपरि धर्मग्रंथ हैं, दूसरा कोई धर्मग्रंथ नहीं है। ऋग्वेद पद्यात्मक है, यजुर्वेद गद्यमय है और सामवेद गीतात्मक है। वेदों को हजारों वर्षों से ऋषियों ने अपने शिष्यों को सुनाया और शिष्यों ने अपने शिष्यों को इस तरह पीढ़ी-दर-पीढ़ी वेद एक-दूसरे को सुनाकर ही ट्रांसफर किए गए अर्थात उनको आज तलक जिंदा बनाए रखा। आज भी यह परंपरा कायम है तभी तो असल में वेद कायम है। वेद प्राचीन भारत के वैदिक काल की वाचिक परंपरा की अनुपम कृति हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी पिछले 6-7 हजार वर्षों से चली आ रही है। वेद के असल मंत्र भाग को संहिता कहते हैं और तत्व को ब्राह्मण। Translate  6 plus ones 6 one comment 1 no shares Shared publicly•View activity  Dinesh Dube dd वेद की उत्पत्ति वेदमाता गायत्री से हुई थी, इसको उद्धृत ब्रह्मा ने अपने मुँह से किया, चार मुंह से उत्पन्न होने के नाते चार वेद प्रकट हुए, कालांतर में ग्यानी ॠषियों ने इसे सरल भाष्य दिया, जय श्री कृष्ण Translate Nov 15, 2014  Add a comment...

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