Tuesday, 5 September 2017

संध्या वंदन है ... 

खबर-संसारज्योतिषबॉलीवुडधर्म-संसारसामयिकक्रिकेटवीडियोअन्यProfessional Courses हिंदी धर्म-संसार>सनातन धर्म>महापुरुष शिव है धर्म का मूल सत्यम, शिवम और सुंदरम अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'|     WD शिव ग्रंथ : वेद और उपनिषद सहित ‍विज्ञान भैरव तंत्र, शिव पुराण और शिव संहिता में शिव की संपूर्ण शिक्षा और दीक्षा समाई हुई है। तंत्र के अनेक ग्रंथों में उनकी शिक्षा का विस्तार हुआ है। महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित शिव-पुराण को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। इस ग्रंथ में भगवान शिव की भक्ति महिमा का उल्लेख है। इसमें शिव के अवतार आदि विस्तार से लिखे हैं। शिवलिंग : आमतौर पर शिवलिंग को गलत अर्थों में लिया जाता है जो कि अनुचित है या उचित यह हम नहीं जानते। वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती है, उसे लिंग कहते हैं। इस प्रकार विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग की प्रतीक है। वस्तुत: यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है। बिंदु शक्ति है और नाद शिव। यही सबका आधार है। बिंदु एवं नाद अर्थात शक्ति और शिव का संयुक्त रूप ही तो शिवलिंग में अवस्थित है। बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि। यही दो संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है। इसी कारण प्रतीक स्वरूप शिवलिंग की पूजा-अर्चना है। ज्योतिर्लिंग : ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएँ प्रचलित है। ज्योतिर्लिंग यानी 'व्यापक ब्रह्मात्मलिंग' जिसका अर्थ है 'व्यापक प्रकाश'। जो शिवलिंग के बारह खंड हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है। दूसरी मान्यता अनुसार विक्रम संवत के कुछ सहस्राब्‍दी पूर्व उल्कापात का अधिक प्रकोप हुआ। आदि मानव को यह रुद्र का आविर्भाव दिखा। शिव पुराण के अनुसार उस समय आकाश से ज्‍योति पिंड पृथ्‍वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इस तरह के अनेकों उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे। कहते हैं कि मक्का का संग-ए-असवद भी आकाश से गिरा था। भारत में गिरे अनेकों पिंडों में से प्रमुख बारह पिंड को ही ज्‍योतिर्लिंग में शामिल किया गया। । बारह ज्योतिर्लिंग : (1) सोमनाथ, (2) मल्लिकार्जुन, (3) महाकालेश्वर, (4) ॐकारेश्वर, (5) वैद्यनाथ, (6) भीमशंकर, (7) रामेश्वर, (8) नागेश्वर, (9) विश्वनाथजी, (10) त्र्यम्बकेश्वर, (11) केदारनाथ, (12) घृष्णेश्वर। शिव चिन्ह : वनवासी से लेकर सभी साधारण व्‍यक्ति जिस चिन्‍ह की पूजा कर सकें, उस पत्‍थर के ढेले, बटिया को शिव का चिन्‍ह माना जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष और त्रिशुल को भी शिव का चिन्ह माना गया है। कुछ लोग डमरू और अर्ध चंद्र को भी शिव का चिन्ह मानते हैं। शिव पार्षद : बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी, आदि ‍शिव पार्षद है। × शिव गण : भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है। शिव के द्वारपाल : नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमामहेश्वर और महाकाल। शिव पंचायत : सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं। शिव का दर्शन : शिव के जीवन और दर्शन को जो लोग यथार्थ दृष्टि से देखते हैं वे सही बुद्धि वाले और यथार्थ को पकड़ने वाले शिवभक्त हैं, क्योंकि शिव का दर्शन कहता है कि यथार्थ में ‍जियो, वर्तमान में ‍जियो, अपनी चित्तवृत्तियों से लड़ो मत, उन्हें अजनबी बनकर देखो और कल्पना का भी यथार्थ के लिए उपयोग करो। आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है। शिव प्रमाण : भारत ही नहीं विश्व के अन्य अनेक देशों में भी प्राचीनकाल से शिव की पूजा होती रही है। इसके अनेक प्रमाण समय-समय पर प्राप्त हुए हैं। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में भी ऐसे अवशेष प्राप्त हुए हैं जो शिव पूजा के प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। शिव के एक गण नंदी ने ही कामशास्त्र की रचना की थी। कामशास्त्र के आधार पर ही कामसूत्र लिखा गया था। अंतत: शिव के दर्शन और जीवन की कहानी दुनिया के हर धर्म और उनके ग्रंथों में अलग-अलग रूपों में विद्यमान है और इस भिन्नता का कारण है परम्परा और भाषा का बदलते रहना।। ॐ।। शिव तेरे कितने नाम...। शिव के पौराणिक शिवालय पार्वती ही 'माता' हैं...। शिव हैं योग का प्रारम्भ... << < 1 2 > >> VIDEO : Shivraj Chouhan offers prayers at Ujjain's Mahakala Temple 00:00 / 00:00 : Loading ad ... : Know More Powered by वेबदुनिया हिंदी मोबाइल ऐप अब iOS पर भी, डाउनलोड के लिए क्लिक करें। एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें। ख़बरें पढ़ने और राय देने के लिए हमारे फेसबुक पन्ने और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं। विज्ञापन विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें ! Sponsored Links You May Like Single in Mountain View? See Who’s on uDate uDate.com Homeowners In California Must Claim Their Rebate Check Before Funding Runs Out! The Better Finance She Had No idea Why The Crew Was Staring Trend-Chaser by Taboola  सम्बंधित जानकारी संध्या वंदन है सभी का कर्तव्य आत्मा का अन्नमय कोश-1 आत्मा का विज्ञानमय कोश-4 आत्मा का आनंदमय कोश-5 अनुभूति के चार स्तर और भी पढ़ें : सनातन धर्म धर्म सनातन हिन्दू धर्म हिन्दू शंकर महेश महादेव Lord Shiva भगवान शिव   खबर-संसार मनोरंजन लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार खेल सामयिक मुख पृष्ठ हमारे बारे में आपके सुझाव विज्ञापन दें अस्वीकरण हमसे संपर्क करें Copyright 2016, Webdunia.com   Scroll   Click  

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