प्र०1 सुरत शब्द योग (अभ्यास) क्या होता है है ???
उत्तर- सुरत शब्द का अर्थ है शब्द पर ध्यान । कि मे क्या जाप कर रहा हूँ । यह सुरत शब्द है । और सुरत शब्द योग होता है कि लगातार उस नाम जो गुरू ने दिया है उस पर ध्यान रहे कि हम क्या जाप कर रहे है ।
कबीर साहेब कहते है -
माला तो कर मे फिरे , जीव फिर मुख माहिं
मनवा तो चौदस फिरे , यह तो सुमरन नाहि
सतगुरू रामपाल जी बताया है कि - जो नाम आप जाप कर रहे हो उस पर ध्यान रहे और इस चीज का अभ्यास हो जाना ही सुरत शब्द योग कहते है ।
जब आप सुमरन करें तो
1) मन
2) पवन
3) सुरति
4) निरति
यह चारों पदारथ जहाँ एक जगह पर आजाएं इसे ही सुरत शब्द योग कहा जाता है ।
आजकल कुछ नकली पंथ राधास्वामी ने इसी सुरत शब्द का पता नही क्या बना रखा था । 2 घंटे सुबह 2 घंटे शाम को । यह सब पागलों की साधना है ।
अब सतगुरू रामपाल जा आएं हुए है देखो कब दया होगी कब समझें गें मालिक के बच्चे उनको ।
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