Thursday, 19 October 2017
अरनी मंथन, बरसों से चली आ रही है परंपरा,

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क्या होता है अरनी मंथन, बरसों से चली आ रही है परंपरा, जानने के लिए क्लिक करें
Published: Feb 17,201706:18 PM
हमीरपुर। ऋषि मुनियों के समय से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए धनेटा गांव भडोली भगौर में अरनी मंथन से पवित्र अग्नि जलाकर यज्ञ का शुभारंभ किया गया। विश्व कल्याण की शांति के लिए हवन यज्ञ में अरनी मंथन के लिए काफी समय तक हरिद्वार से आए हुए महात्माओं ने मंत्रोच्चारण किया। उसके बाद ही अरनी मंथन से निकली आग से यज्ञ को शुरू किया।

अरनी मंथन के जरिए यज्ञ के लिए आग निकालते पंडित।
गौरतलब है कि पिछले ग्यारह सालों से हर साल रमेश शर्मा के निवास स्थान पर अरनी मंथन से ही पवित्र अग्नि प्रकट कर हवन यज्ञ को पूरा किया जाता है।
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आयोजक रमेश शर्मा ने बताया कि विश्व शांति के लिए हर साल ही अरनी मंथन के माध्यम से पवित्र अग्नि प्रकट करके हवन यज्ञ शुरू किया जाता है। यह ग्यारहवां हवन यज्ञ है जिसे संपन्न किया जा रहा है।
महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशनंद सरस्वती ने बताई महत्ता
जूना अखाड़े हरिद्वार के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशनंद सरस्वती ने बताया कि वेदों में अरनी मंथन के बारे में बताया गया है। अरनी मंथन से निकली अग्नि को सबसे पवित्र अग्नि माना जाता है। उन्होंने कहा कि इस विधि को भूलना मानवजाति के लिए अच्छा नहीं है।
धनेटा में हर साल होने वाले विश्व शांति के लिए करवाए जाने वाले यज्ञ में लोग भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं, और आहूतियां देकर यज्ञ को पूरा करवाते हैं। ताकि विश्व कल्याण के लिए यज्ञ के माध्मय से फल मिल सके।
क्या है अरनी मंथन प्रक्रिया
ऋषि मुनियों के समय में आग जलाने के लिए दो लकड़ियों को तब तक घिसा जाता था जब तक उसमें से आग नहीं निकलनी शुरू होती।
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