Tuesday, 24 October 2017

वाचिक परम्परा

मुख्य मेनू खोलें खोजें 2 संपादित करेंध्यानसूची से हटाएँ।किसी अन्य भाषा में पढ़ें वाचिक परम्परा कथा, कहानी, लोकोक्ति, गान, भजन, कविता या अन्य मौखिक (अलिखित) साधनों द्वारा सांस्कृतिक तत्वों और परम्परा का संचार वाचिक परम्परा (oral tradition) कहलाती है। वाचित परम्परा के द्वारा विभिन्न समाज (किसी लेखन प्रणाली के बिना भी) वाचिक इतिहास, वाचिक साहित्य, वाचिक कानून तथा अन्य ज्ञान का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचार करते आये हैं। अन्य संस्कृतियों की भांति ही भारतीय संस्कृति में वाचिक परम्परा ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। भारतीय काव्य किसी न किसी रूप में वाचिक संस्कार से अभी तक सुवसित है। कविता की वाचिकता अभी भी है और वह लोक में आदर भी पाती है। श्रुति की रक्षा इसी परम्परा से हुई। इन्हें भी देखें संपादित करें परम्परा बाहरी कड़ियाँ संपादित करें वाचिक कविता भोजपुरी (विद्यानिवास मिश्र) संवाद Last edited 1 year ago by Hunnjazal RELATED PAGES गुरु-शिष्य परम्परा विद्यानिवास मिश्र परम्परा सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

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