Tuesday, 30 May 2017

हरीश ब्रह्म

हरसू ब्रह्मधाम में भूत-प्रेत बाधा से मिलती मुक्ति Thu Nov 17 16:54:21 IST 2011  जाटी,भभुआ,चैनपुर (कैमूर) इस अत्याधुनिक वैज्ञानिक युग में भी असंख्य लोग भूत-प्रेत बाधा में विश्वास करते है। मुक्ति पाने के लिए हरसू ब्रह्म धाम में आकर मत्था टेकते है। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। प्रेत बाधा से ग्रसित श्रद्धालु आम तौर पर शारदीय चैत्र नवरात्र में यहां आते हैं। कैंसर जैसे असाध्य रोगों को भी लोग प्रेत बाधा मानकर हरसू ब्रह्म धाम में आकर त्राण पाते हैं। यह सिलसिला पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। क्षेत्र के जानकार बताते है चैत नवरात्र में यहां भूत-प्रेतों का मेला लगता है। इसीलिए हरसू ब्रह्म धाम को भूतों का सुप्रीम कोर्ट कहा जाता है। इस शीर्ष अदालत में सभी को न्याय मिलता है। प्रेत बाधा से पीड़ित लोग यहां आते है और हरसू ब्रह्म की अपार महिमा से खुश और संतुष्ट होकर लौटते है। भूत पिशाच से पीड़ित महिला और पुरुष दोनों होते है। हरसू ब्रह्म धाम के पंडा राजकेश्वर त्रिपाठी ने बताया कि इस अलौकिक धाम में न सिर्फ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल और महाराष्ट्र से बल्कि अमेरिका, सूरिनाम और कनाडा के भी अप्रवासी भारतीय आते है और मत्था टेकते है। यहां आने से न सिर्फ उनकी प्रेत बाधाएं दूर होती है बल्कि उनकी मनवांछित मनोकामना भी पूरी होती है। त्रिपाठी ने बताया कि अमेरिका में रहने वाले इंजीनियर केएच बनर्जी की पत्‍‌नी को कैंसर था,हरसू ब्रह्म धाम में आने से उनको लाभ मिला। जौनपुर के रहने वाले एसके पांडेय सूरिपनाम में रहते हैं और हर साल चैत नवरात्र में दर्शन-पूजन को आते हैं। महाराष्ट्र निवासी डा. अरुण नायक कनाडा में रहते हैं और पटना निवासी डा. राजीव श्रीवास्तव इंगलैंड में रहते हैं। लेकिन चैत नवरात्र या शारदीय नवरात्र में हरसू ब्रह्म धाम में मत्था टेकने आने से नहीं चूकते। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से आये श्रद्धालु राजबली यादव ने बताया कि 35 वर्षीय पत्‍‌नी बीमा देवी भूत प्रेत से ग्रसित थी। इसको साथ लेकर एक साल से यहां आ रहा हूं। काफी लाभ हुआ है। सुल्तानपुर से ही आए हरिशचन्द्र ने बताया कि हम चार साल से बाबा के धाम में आ रहे हैं। भूत बाधा से परेशान हैं,लेकिन यहां आने पर बहुत शांति मिली। विश्वास है पूर्ण निवारण हो जाएगा। हरसू ब्रह्म धाम के एक अन्य पुजारी ने बताया कि भूत-प्रेत,संतानोत्पत्ति, पागलपन और कुष्ट सहित अन्य असाध्य बाधाओं से पीड़ित लोग शांति और निवारण के लिए यहां आते है। प्रेत बाधा पीड़ितों को हर सोमवार को व्रत रखना पड़ता है। हरसू ब्रह्म इस घोर कलिकाल में भगवान शंकर के साक्षात अवतार माने जाते है। मुगल शासन के अंत के बाद हरसू ब्रह्म धाम के बारे में प्रचार-प्रसार हुआ।

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