Tuesday, 28 February 2017

ब्रह्मत्य असित

असित  

असितएक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- असित (बहुविकल्पी)असित एक सिद्ध महात्मा जो भीष्म की मृत्यु के समय उनसे मिलने गये थे।[1] असित युधिष्ठिर के यज्ञ में भी निमंत्रित थे।[2] स्यमंतपंचक में यह श्रीकृष्ण से मिले थे।[3]द्वारका छोड़ पिंडारक जानेवाले ऋषियों में से यह भी एक थे।[4]श्रीकृष्ण के कुरुक्षेत्र वाले यज्ञ में यह पुरोहित थे। असित को सरस्वती नदी का एक स्थान अति प्रिय था।[5]कश्यप के पुत्र एक गोत्रकार ऋषि जिनका विवाह हिमवान की पुत्री एकपर्णा से हुआ था। ये ब्रह्मवादी तथा मंत्रद्रष्टा थे। यह देवल के पिता थे जो एकपर्णा के मानसपुत्र थे।[6]एक पहाड़ जहाँ असित ऋषि का आश्रम था।[7] यहाँ श्राद्ध करने का अनंत फल कहा गया है।[8]एक ऋषि का नाम जिससे पृथ्वी ने संसार के राजाओं के अज्ञानता का रहस्य कहा था और ऋषि ने यह संवाद राजा जनक से कहा था।[9]एक ऋषि, जिन्होंने दाशराज से सत्यवती का हाथ माँगा था, किंतु दाशराज ने इनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऊपर जायें↑ भागवत पुराण.1.9.7ऊपर जायें↑ भागवत पुराण.10.74.7ऊपर जायें↑ भागवत पुराण.10.84.3ऊपर जायें↑ भागवत पुराण.11.1.12.।ऊपर जायें↑ भागवत पुराण.3.1.22)।ऊपर जायें↑ ब्रह्माण्ड पुराण. 2.32.112;3.8.29;10-18; मत्स्य पुराण. 145. 107; वायु पुराण. 59.103;70.25; 72.17ऊपर जायें↑ वायु पुराण.77.39ऊपर जायें↑ ब्रह्माण्ड पुराण.3.13.39ऊपर जायें↑ विष्णु पुराण. 4.24.127

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