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Home » हिमाचल प्रदेश में ट्राउट का उत्पादन » ताजा पानी के मोती का उत्पादन
Source:
इंडिया डेवलपमेंट गेटवे
मोती उत्पादन क्या है?
मोती एक प्राकृतिक रत्न है जो सीप से पैदा होता है। भारत समेत हर जगह हालांकि मोतियों की माँग बढ़ती जा रही है, लेकिन दोहन और प्रदूषण से इनकी संख्या घटती जा रही है। अपनी घरेलू माँग को पूरा करने के लिए भारत अंतराष्ट्रीय बाजार से हर साल मोतियों का बड़ी मात्रा में आयात करता है। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर, भुवनेश्वर ने ताजा पानी के सीप से ताजा पानी का मोती बनाने की तकनीक विकसित कर ली है जो देशभर में बड़ी मात्रा में पाये जाते हैं।
प्राकृतिक रूप से एक मोती का निर्माण तब होता है जब कोई बाहरी कण जैसे रेत, कीट आदि किसी सीप के भीतर प्रवेश कर जाते हैं और सीप उन्हें बाहर नहीं निकाल पाता, बजाय उसके ऊपर चमकदार परतें जमा होती जाती हैं। इसी आसान तरीके को मोती उत्पादन में इस्तेमाल किया जाता है।
है और यह कैल्शियम कार्बोनेट, जैपिक पदार्थों व पानी से बना होता है। बाजार में मिलने वाले मोती नकली, प्राकृतिक या फिर उपजाए हुए हो सकते हैं। नकली मोती, मोती नहीं होता बल्कि उसके जैसी एक करीबी चीज होती है जिसका आधार गोल होता है और बाहर मोती जैसी परत होती है। प्राकृतिक मोतियों का केंद्र बहुत सूक्ष्म होता है जबकि बाहरी सतह मोटी होती है। यह आकार में छोटा होता और इसकी आकृति बराबर नहीं होती। पैदा किया हुआ मोती भी प्राकृतिक मोती की ही तरह होता है, बस अंतर इतना होता है कि उसमें मानवीय प्रयास शामिल होता है जिसमें इच्छित आकार, आकृति और रंग का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में आमतौर पर सीपों की तीन प्रजातियां पाई जाती हैं- लैमेलिडेन्स मार्जिनालिस, एल.कोरियानस और पैरेसिया कोरुगाटा जिनसे अच्छी गुणवत्ता वाले मोती पैदा किए जा सकते हैं।
उत्पादन का तरीका
इसमें छह प्रमुख चरण होते हैं- सीपों को इकट्ठा करना, इस्तेमाल से पहले उन्हें अनुकूल बनाना, सर्जरी, देखभाल, तालाब में उपजाना और मोतियों का उत्पादन।
i) सीपों को इकट्ठा करना
तालाब, नदी आदि से सीपों को इकट्ठा किया जाता है और पानी के बरतन या बाल्टियों में रखा जाता है। इसका आदर्श आकार 8 सेंटी मीटर से ज्यादा होता है।
ii) इस्तेमाल से पहले उन्हें अनुकूल बनाना
इन्हें इस्तेमाल से पहले दो-तीन दिनों तक पुराने पानी में रखा जाता है जिससे इसकी माँसपेशियाँ ढीली पड़ जाएं और सर्जरी में आसानी हो।
iii) सर्जरी
सर्जरी के स्थान के हिसाब से यह तीन तरह की होती है- सतह का केंद्र, सतह की कोशिका और प्रजनन अंगों की सर्जरी। इसमें इस्तेमाल में आनेवाली प्रमुख चीजों में बीड या न्यूक्लियाई होते हैं, जो सीप के खोल या अन्य कैल्शियम युक्त सामग्री से बनाए जाते हैं।
सतह के केंद्र की सर्जरी: इस प्रक्रिया में 4 से 6 मिली मीटर व्यास वाले डिजायनदार बीड जैसे गणेश, बुद्ध आदि के आकार वाले सीप के भीतर उसके दोनों खोलों को अलग कर डाला जाता है। इसमें सर्जिकल उपकरणों से सतह को अलग किया जाता है। कोशिश यह की जाती है कि डिजायन वाला हिस्सा सतह की ओर रहे। वहाँ रखने के बाद थोड़ी सी जगह छोड़कर सीप को बंद कर दिया जाता है।
सतह कोशिका की सर्जरी: यहाँ सीप को दो हिस्सों- दाता और प्राप्तकर्त्ता कौड़ी में बाँटा जाता है। इस प्रक्रिया के पहले कदम में उसके कलम (ढके कोशिका के छोटे-छोटे हिस्से) बनाने की तैयारी है। इसके लिए सीप के किनारों पर सतह की एक पट्टी बनाई जाती है जो दाता हिस्से की होती है। इसे 2/2 मिली मीटर के दो छोटे टुकड़ों में काटा जाता है जिसे प्राप्त करने वाले सीप के भीतर डिजायन डाले जाते हैं। यह दो किस्म का होता है- न्यूक्लीयस और बिना न्यूक्लीयस वाला। पहले में सिर्फ कटे हुए हिस्सों यानी ग्राफ्ट को डाला जाता है जबकि न्यूक्लीयस वाले में एक ग्राफ्ट हिस्सा और साथ ही दो मिली मीटर का एक छोटा न्यूक्लीयस भी डाला जाता है। इसमें ध्यान रखा जाता है कि कहीं ग्राफ्ट या न्यूक्लीयस बाहर न निकल आएँ।
प्रजनन अंगों की सर्जरी: इसमें भी कलम बनाने की उपर्युक्त प्रक्रिया अपनाई जाती है। सबसे पहले सीप के प्रजनन क्षेत्र के किनारे एक कट लगाया जाता है जिसके बाद एक कलम और 2-4 मिली मीटर का न्यूक्लीयस का इस तरह प्रवेश कराया जाता है कि न्यूक्लीयस और कलम दोनों आपस में जुड़े रह सकें। ध्यान रखा जाता है कि न्यूक्लीयस कलम के बाहरी हिस्से से स्पर्श करता रहे और सर्जरी के दौरान आँत को काटने की जरूरत न पड़े।
iv) देखभाल
इन सीपों को नायलॉन बैग में 10 दिनों तक एंटी-बायोटिक और प्राकृतिक चारे पर रखा जाता है। रोजाना इनका निरीक्षण किया जाता है और मृत सीपों और न्यूक्लीयस बाहर कर देने वाले सीपों को हटा लिया जाता है।
v) तालाब में पालन
देखभाल के चरण के बाद इन सीपों को तालाबों में डाल दिया जाता है। इसके लिए इन्हें नायलॉन बैगों में रखकर (दो सीप प्रति बैग) बाँस या पीवीसी की पाइप से लटका दिया जाता है और तालाब में एक मीटर की गहराई पर छोड़ दिया जाता है। इनका पालन प्रति हेक्टेयर 20 हजार से 30 हजार सीप के मुताबिक किया जाता है। उत्पादकता बढ़ाने के लिए तालाबों में जैविक और अजैविक खाद डाली जाती है। समय-समय पर सीपों का निरीक्षण किया जाता है और मृत सीपों को अलग कर लिया जाता है। 12 से 18 माह की अवधि में इन बैगों को साफ करने की जरूरत पड़ती है।
vi) मोती का उत्पादन
पालन अवधि खत्म हो जाने के बाद सीपों को निकाल लिया जाता है। कोशिका या प्रजनन अंग से मोती निकाले जा सकते हैं, लेकिन यदि सतह वाला सर्जरी का तरीका अपनाया गया हो, तो सीपों को मारना पड़ता है। विभिन्न विधियों से प्राप्त मोती खोल से जुड़े होते हैं और आधे होते हैं; कोशिका वाली विधि में ये जुड़े नहीं होते और गोल होते हैं तथा आखिरी विधि से प्राप्त सीप काफी बड़े आकार के होते हैं।
ताजा पानी में मोती उत्पादन का खर्च
• ये सभी अनुमान सीआईएफए में प्राप्त प्रायोगिक परिणामों पर आधारित हैं।
• डिजायनदार या किसी आकृति वाला मोती अब बहुत पुराना हो चुका है, हालांकि सीआईएफए में पैदा किए जाने वाले डिजायनदार मोतियों का पर्याप्त बाजार मूल्य है क्योंकि घरेलू बाजार में बड़े पैमाने पर चीन से अर्द्ध-प्रसंस्कृत मोती का आयात किया जाता है। इस गणना में परामर्श और विपणन जैसे खर्चे नहीं जोड़े जाते।
• कामकाजी विवरण
• 1. क्षेत्र 0.4 हेक्टेयर
• 2. उत्पाद डिजायनदार मोती
• 3. भंडारण की क्षमता 25 हजार सीप प्रति 0.4 हेक्टेयर
4. पैदावार अवधि डेढ़ साल
क्रम संख्या
सामग्री
राशि(लाख रुपये में)
I.
व्यय
क.
स्थायी पूँजी
1.
परिचालन छप्पर (12 मीटर 5 मीटर)
1.00
2.
सीपों के टैंक (20 फेरो सीमेंट/एफआरपी टैंक 200 लीटर की क्षमता वाले प्रति डेढ़ हजार रुपये)
0.30
3.
उत्पादन इकाई (पीवीसी पाइप और फ्लोट)
1.50
4.
सर्जिकल सेट्स (प्रति सेट 5000 रुपये के हिसाब से 4 सेट)
0.20
5.
सर्जिकल सुविधाओं के लिए फर्निचर (4 सेट)
0.10
कुल योग
3.10
ख.
परिचालन लागत
1.
तालाब को पट्टे पर लेने का मूल्य (डेढ़ साल के लिए)
0.15
2.
सीप (25,000 प्रति 50 पैसे के हिसाब से)
0.125
3.
डिजायनदार मोती का खाँचा (50,000 प्रति 4 रुपये के हिसाब से)
2.00
4.
कुशल मजदूर (3 महीने के लिए तीन व्यक्ति 6000 प्रति व्यक्ति के हिसाब से
1.08
5.
मजदूर (डेढ़ साल के लिए प्रबंधन और देखभाल के लिए दो व्यक्ति प्रति व्यक्ति 3000 रुपये प्रति महीने के हिसाब से
1.08
6.
उर्वरक, चूना और अन्य विविध लागत
0.30
7.
मोतियों का फसलोपरांत प्रसंस्करण (प्रति मोती 5 रुपये के हिसाब से 9000 रुपये)
0.45
कुल योग
4.645
ग.
कुल लागत
1.
कुल परिवर्तनीय लागत
4.645
2.
परिवर्तनीय लागत पर छह महीने के लिए 15 फीसदी के हिसाब से ब्याज
0.348
3.
स्थायी पूँजी पर गिरावट लागत (प्रतिवर्ष 10 फीसदी के हिसाब से डेढ़ वर्ष के लिए)
0.465
4.
स्थायी पूँजी पर ब्याज (प्रतिवर्ष 15 फीसदी के हिसाब से डेढ़ वर्ष के लिए
0.465
कुल योग
5.923
II.
कुल आय
1.
मोतियों की बिक्री पर रिटर्न (15,000 सीपों से निकले 30,000 मोती यह मानते हुए कि उनमें से 60 फीसदी बचे रहेंगे)
डिजायन मोती (ग्रेड ए) (कुल का 10 फीसदी) प्रति मोती 150 रुपये के हिसाब से 3000
4.50
डिजायन मोती (ग्रेड बी) (कुल का 20 फीसदी) प्रति मोती 60 रुपये के हिसाब से 6000
3.60
कुल रिटर्न
8.10
III.
शुद्ध आय (कुल आय-कुल लागत)
2.177
स्रोत: सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवॉटर एक्वाकल्चर, भुवनेश्वर, उड़ीसा
‹ कीचड़ में पाये जानेवाले केकड़ाupमछली संसाधन (क्योरिंग) की उन्नत विधि ›
Submitted by narender (not verified) on Fri, 02/17/2017 - 12:21.
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Submitted by narender (not verified) on Fri, 02/17/2017 - 12:18.
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Submitted by Ms sylakshna Bamoriya (not verified) on Fri, 02/17/2017 - 00:46.
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सूखा-अकाल की मार झेल रहे किसानों एवं बेरोजगार छात्र-छात्राओं को मीठे पानी में मोती संवर्धन के क्षेत्र में आगे आना चाहिए क्योंकि मोतीयों की मांग देश विदेश में बनी रहने के कारण इसके खेती का भविष्य उज्जवल प्रतीत होता है। भारत के अनेक राज्यों के नवयुवकों ने मोती उत्पादन को एक पेशे के रूप में अपनाया है। उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश,झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्य में भी मोती उत्पादन की बेहतर संभावना है। मोती संवर्द्धन से सम्बधित अधिक जानकारी के लिए smt बमाेरिया 9893232938,9770085381 (Bamoriya मोती फार्म एवं ट्रेनिंग सेंटर) से संपर्क किया जा सकता है । यह संस्थान ग्रामीण नवयुवकों, किसानों एवं छात्र-छात्राओँ को मोती उत्पादन पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है। किसान हैल्प भी किसानों एवं छात्र-छात्राओँ को मोती उत्पादन पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है।
मोती एक प्राकृतिक रत्न है जो सीप के अंदर पैदा होता है। इसकी खेती भी की जाती है। मोती की खेती मे ज्यादा खर्चा भी नहीं होता। किसान ही नहीं बल्कि नौकरी पेसे वाले वे लोग भी कर सकते हैं जिनके पास मात्र सप्ताह के 2 दिन का समय ही उपलब्ध रहता है ।इस ग्रुप का उद्देश्य मोती की खेती को हर इच्छुक व्यक्ति तक पहुंचाना है।
फीस में इन लोगों के लिए छूट -
1. गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को
2. भू. पू सैनिक
3. शहीद सैनिक के परिवार
4. महिला
5. छात्र- छात्राऐ
मोतियों की खेती के प्रति लोगों के बढ़ते हुए उत्साह को देखते हुए हमने मोती की खेती की ट्रेनिंग क्लासेस शुरू की हैं।यह ट्रेनिंग 2 दिन की होती है ,इन 2 दिनों में सीप में डिज़ाइनर मोती और गोल मोती बनाने की विधि के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से दी जाती है सीपों का पालन पोषण सीपों की सर्जरी आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है कृपया इच्छुक व्यक्ति प्रशिक्षण के लिए कम से कम 5 दिन पहले बताएं। प्रशिक्षण में निम्नलिखित विषयों को विस्तार से समझाया जाता है,
1. पहले दिन सीपों का प्रकार।
2. सीप के विभिन्न अंग।
3. प्रयोग में लाए जाने वाले सभी प्रकार के इंस्ट्रुमेंट्स।
4. मोतियों का बीज अर्थार्त बीड़ बनाने की विधि तथा उसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पदार्थ की जानकारी।
5. Designer bead तथा गोल बीड़ तैयार करना।
6 डिजाइनर मोती तैयार करने की विधि।
7. तालाब बनाने की विधि के बारे में।
8. दूसरे दिन, सीपों के लिए भोजन तैयार करने की विधि।
9. Operation से पहले सीपों के रखरखाव के बारे में।
10. ऑपरेशन करके गोल मोती तैयार करने की विधि।
11. ऑपरेशन के पश्चात सीपों के रखरखाव के बारे में।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्ति कृपया प्रशिक्षण की तारीख से कम से कम 5 दिन पहले सूचित करें
Bamoriya farm (Kadaknath Murga.. Bater.. And Pearl Farm)
Ramlal Bamoriya (Babu ji)
Madai Road
Kamti rangpur
Teh. Sohagur
Distt Hoshangabad
Pin 461771 MP
9770085381 wtsapp/ call
9584120929 wtsapp /call
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Other Contact Number -
9407461361
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9039832938
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Submitted by manjeet (rohtak) (not verified) on Thu, 02/16/2017 - 19:38.
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Submitted by Ms sylakshna Bamoriya (not verified) on Wed, 02/15/2017 - 00:30.
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Submitted by Ms sylakshna Bamoriya (not verified) on Wed, 02/15/2017 - 00:23.
सावधान मित्रों आप पर्ल फार्मिंग (pf)की खेती करने वाले है उसके लिये कूछ लोग ट्रैनिंग लेना चाहते है पर कहाँ ले यह समस्या है कौन सही पढ़ायेगा और कौन नही क्योंकि महीने भर ट्रैनिंग लेकर कूछ लोग ट्रैनिंग के नाम पर बेवकूफ बना रहे है और कूछ लोग बेवकूफ बन भी रहे है इसलिये जहाँ भी ट्रैनिंग के लिये जाये शोच समज कर ले जिन लोगो की 1/2बेंच मोती की निकली है वही सही ट्रैनिंग दे सकता है होशियार रहे हमारे शिवाय और कहाँ सही रहे गी ट्रैनिंग हम भी बता सकते है क्योंकि जो ट्रैनिंग दे रहे है हम सब को जानते है please hum aapke time or pese ki keemat jante hai.. Kuchh log.. 2 din Me 3 khana dete hai.. Kuchh log.. Pearl Banane Me use aane Wale material ki jankari nhi dete.. Or kuchh to 2 din ki training leke.. Training dena suru kar diye hai.. Kripya apna keemti samay or pesa Sahi jagh lagaye.. ..Bamoriya Pearl Farm is the best place for Pearl Farm training
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Submitted by Ashwani (not verified) on Sat, 02/11/2017 - 14:31.
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Submitted by vinod kumar (not verified) on Fri, 02/10/2017 - 21:10.
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PEARL FARMING TRAINING IN KANPUR
Submitted by DEEPAK (not verified) on Wed, 02/08/2017 - 09:38.
कानपुर में मोती की खेती के प्रशिक्षण के लिए संपर्क करें। दीपक-8168363624
Submitted by Anonymousmunna jangra (not verified) on Wed, 02/15/2017 - 15:16.
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Submitted by praveen shukla (not verified) on Tue, 02/07/2017 - 10:41.
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Submitted by manoj (not verified) on Sat, 02/04/2017 - 18:29.
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Submitted by manoj (not verified) on Sat, 02/04/2017 - 18:25.
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Submitted by RAHUL kumar (not verified) on Sat, 02/04/2017 - 18:02.
Kya koi mujhe meerut,moradabad,bijnor.etc place ke paas moti ki kheti ki training de sakta hai.....please contact mee
Submitted by manoj (not verified) on Sat, 02/04/2017 - 12:54.
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Submitted by Sanjeev Gupta (not verified) on Sat, 02/04/2017 - 12:49.
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Submitted by deepak kumar (not verified) on Wed, 02/01/2017 - 12:31.
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Submitted by Rizwan Ali (not verified) on Wed, 02/01/2017 - 02:25.
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Submitted by Vivek Kumar (not verified) on Sat, 01/28/2017 - 08:51.
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PEARL FARMING TRAINING IN KANPUR
Submitted by DEEPAK (not verified) on Wed, 02/08/2017 - 14:32.
कानपुर में मोती की खेती के प्रशिक्षण के लिए संपर्क करें ।दीपक-8168363624
Submitted by vinod kumar (not verified) on Fri, 01/27/2017 - 15:52.
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Submitted by RAHUL kumar (not verified) on Sat, 02/04/2017 - 18:08.
Sir mai bijnor (u.p) se hu...aap mujhe meerut,moradabad,hardware ke aas paas training de sakte hai kya
I want to pearl cultivation....but how...??..
Submitted by Pinaki jana (not verified) on Thu, 01/26/2017 - 20:46.
I want to pearl cultivation .in my pond. But sir how to start it i don't know.... Pls help me.....pls pls pls...
Submitted by vinod kumar (not verified) on Thu, 01/26/2017 - 09:37.
pearl farming training ke liye contact kare vinod kumar-9050555757,i give full training ,
Submitted by shubham daf (not verified) on Wed, 01/25/2017 - 19:19.
plz give mi innformetion of miti ki kheti.
Submitted by vinod kumar (not verified) on Wed, 01/25/2017 - 09:41.
pearl farming training ke liye sampark kare vinod kumar -9050555757
Submitted by Anonymous (not verified) on Wed, 01/25/2017 - 00:55.
how we can do it.
India's greatest pearl farm training center
Submitted by Ms sylakshna Bamoriya (not verified) on Wed, 01/25/2017 - 00:18.
नई दिल्ली। अगर आप छोटे से इन्वेस्टमेंट से लाखों कमाना चाहते हैं तो आपके लिए मोती की खेती एक बेहतर विकल्प हो सकती है। मोती की मांग इन दिनों घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी अधिक है, इसलिए इसके अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। आप महज 2 लाख रुपए के इंन्वेस्ट से इससे करीब डेढ़ साल में 20 लाख रुपए यानी हर महीने 1 लाख रुपए से अधिक की कमाई कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि कैसे करें मोती की खेती से कमाई...
कम लागत ज्यादा मुनाफा Pearl Farming
बाजार में 1 मिमी से 20 मिमी सीप के मोती का दाम करीब 300 रूपये से लेकर 1500 रूपये होता है। आजकल डिजायनर मोतियों को खासा पसन्द किया जा रहा है जिनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। भारतीय बाजार की अपेक्षा विदेशी बाजार में मोतिओ का निर्यात कर काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। तथा सीप से मोती निकाल लेने के बाद सीप को भी बाजार में बेंचा जा सकता है। सीप द्वारा कई सजावटी सामान तैयार किये जाते है। जैसे कि सिलिंग झूमर, आर्कषक झालर, गुलदस्ते आदि वही वर्तमान समय में सीपों से कन्नौज में इत्र का तेल निकालने का काम भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। जिससे सीप को भी स्थानीय बाजार में तत्काल बेचा जा सकता है। सीपों से नदीं और तालाबों के जल का शुद्धिकरण भी होता रहता है जिससे जल प्रदूषण की समस्या से काफी हद तक निपटा जा सकता है।
सूखा-अकाल की मार झेल रहे किसानों एवं बेरोजगार छात्र-छात्राओं को मीठे पानी में मोती संवर्धन के क्षेत्र में आगे आना चाहिए क्योंकि मोतीयों की मांग देश विदेश में बनी रहने के कारण इसके खेती का भविष्य उज्जवल प्रतीत होता है। भारत के अनेक राज्यों के नवयुवकों ने मोती उत्पादन को एक पेशे के रूप में अपनाया है। उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश,झारखण्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्य में भी मोती उत्पादन की बेहतर संभावना है। मोती संवर्द्धन से सम्बधित अधिक जानकारी के लिए smt बमाेरिया एवं संजय गडनाते 9893232938,9770085381 (Bamoriya मोती फार्म एवं ट्रेनिंग सेंटर) से संपर्क किया जा सकता है । यह संस्थान ग्रामीण नवयुवकों, किसानों एवं छात्र-छात्राओँ को मोती उत्पादन पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है। किसान हैल्प भी किसानों एवं छात्र-छात्राओँ को मोती उत्पादन पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है।
संपर्क करें-
Smt Sulakshna बमाेरिया
9407461361
9770085381
बमाेरिया मोती फार्म एवं ट्रेनिंग सेंटर
(मोती /कड़कनाथ /बटेर / मछली एवं बकरी फार्म )
कामतीरंगपुर, मढई राेड, साेहागपुर
विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लीक करें
https://m.youtube.com/#/channel/UCpUOawnNhQ5_Jr2QhTUcGYw
कृपया आगे फॉरवड करें शायद किसी की जिंदगी बदल जाए,1
FRESH WATER PEARL FARMING TRAINING
Submitted by A P SINGH (not verified) on Sun, 01/22/2017 - 19:10.
We provide Natural Pearls farming (मोती पालन) Traning in Khurja/ Jewar near Greater Noida u.p. We will help in Buy your production. so you do nt need to worry about sell your production. we will help you make good production. call A P SINGH 8860493964 wsp no 8447609624
fresh water pearl farming training
Submitted by shelly shalinder (not verified) on Mon, 02/06/2017 - 14:08.
i need a fresh water pearl farming training so plz provide all technical and financial detail.
Submitted by Ms sylakshna Bamoriya (not verified) on Wed, 01/18/2017 - 05:17.
मोती पालन के लिए जरूरी नहीं है के आपके बडा तालाब हाे , 10 *10 की जगह में लाखों रुपये कमा सकते हैं
नेक्स्ट प्रशिक्षण कि तारीख 04 & 05 Feb 17
11& 12 Feb 17
18 &19 Feb 17
25 &26 Feb 17
प्रशिक्षण सुबह 9:30बजे से सुरु होगा 5:00तक और दूसरे दिन 9:30से शाम 5:00बजे तक
संपर्क करें-
सुलक्षणा बमाेरिया
9584120929
9770085381
बमाेरिया मोती फार्म एवं ट्रेनिंग सेंटर
(मोती /कड़कनाथ /बटेर / मछली एवं बकरी फार्म )
कामतीरंगपुर, मढई राेड, साेहागपुर
(ट्रेनिंग के बाद में हम आपके देगें - Pearl Farming Book, Video, Presentations., Sample Material ..All Soft Data in Pen drive)
Submitted by Amit Verma (not verified) on Mon, 01/23/2017 - 12:39.
Intrested in pedal farming
Submitted by devendra singh bisht (not verified) on Sat, 02/11/2017 - 00:48.
hlo sir nmaskar sir i want that how to make moti sir i have request plz give me some knowladge m from vill: peerumadar,post:ramnagar, distt.: nainital, pin no.: 244715
Submitted by devendra singh bisht (not verified) on Sat, 02/11/2017 - 00:47.
hlo sir nmaskar sir i want that how to make moti sir i have request plz give me some knowladge m from vill: peerumadar,post:ramnagar, distt.: nainital, pin no.: 244715
Submitted by Pravin (not verified) on Sat, 01/14/2017 - 16:36.
पर्ल कृषि प्रशिक्षण केन्द्र मुम्बई में उपलब्ध हैं क्या
Submitted by Kshitij Amraskar (not verified) on Thu, 01/26/2017 - 12:47.
Dear Sir,
I am interested to attain perl farming training at mumbai location .
Please provide me training schedule.
Thankyou ,
Kshitij Amraskar,
Submitted by Ashad (not verified) on Wed, 01/11/2017 - 13:07.
i want to do pearl farming in my village if any one having knowledge of pearl farming please contact to me i want to get traing of pearl farming. i am from U.P. basti distric.
Submitted by INDRA PRATAP PANDEY (not verified) on Wed, 01/18/2017 - 20:01.
Hi
I want pearls cultivation training so consult me.
Submitted by vinod kumar (not verified) on Tue, 01/10/2017 - 14:24.
pearl farming training ke liye sampark kare,contact vinod kumar-9050555757
Submitted by indian pearl farming training institute (not verified) on Fri, 01/06/2017 - 13:57.
Dear friendsPearl Farming is a shining business of India. Whereinitial minimum investment 20-30 thousandminimum 10x12 ft land area requiredthe complete entrepreneur development trainingsip from local rivers/ponds or we have provide.Instruments/training we have providesale in local market or in our sale groupfor more details and training schedule please mail is onipearlfarmingtinstitute@gmail.comcall on 9717443729whats app 9540883888Indian Pearl Farming Training Institute
मैंहरदोई उत्तर प्रदेश का निवासी हैं मैं मोती की खेती करना चाहता
Submitted by Ritesh Awasthi (not verified) on Thu, 01/05/2017 - 11:47.
क्रपया मेरे gimail पे सम्पूण जानकारी देने की क्रपया करे
आपकी महान् कर्पा होगी
तथा इसका ट्रेनिंग सेंटर कहाँ है।
PEARL FARMING TRAINING IN KANPUR
Submitted by DEEPAK (not verified) on Wed, 02/08/2017 - 09:35.
कानपुर में मोती की खेती के प्रशिक्षण के लिए संपर्क करेंं। Deepak-8168363624
FRESH WATER PEARL FARMING TRAINING
Submitted by A P SINGH (not verified) on Sun, 01/22/2017 - 19:13.
We provide Natural Pearls farming (मोती पालन) Traning in Khurja/ Jewar near Greater Noida u.p. We will help in Buy your production. so you do nt need to worry about sell your production. we will help you make good production. call A P SINGH 8860493964 wsp no 8447609624We provide Natural Pearls farming (मोती पालन) Traning in Khurja/ Jewar near Greater Noida u.p. We will help in Buy your production. so you do nt need to worry about sell your production. we will help you make good production. call A P SINGH 8860493964 wsp no 8447609624
Submitted by Anonymous (not verified) on Thu, 01/05/2017 - 16:52.
Indian Pearl Farming Training InstituteKhurja City Distt.Buland shahar Pin 203131 New Batch starts 25-26 and 28-29 January 2017 Prospectus ke liye email kareipearlfarmingtinstitute@gmail.com whatsapp kare 9540883888
Submitted by Anonymous (not verified) on Sat, 01/07/2017 - 20:01.
Pearl farming ki training lena chahta hu
Submitted by vijay kumar (not verified) on Sun, 01/01/2017 - 20:58.
yh sab jola chap trainer ina khud moti ki kheti nahi aati savdhan
Submitted by vijay kumar (not verified) on Sun, 01/01/2017 - 19:00.
moti ki kheti ka prashikshan lene vale savdhan soch samj kar training le kyo ki yh sab training dene vale nav shikiye hai in logo ne khud 2 ya 4 pah le training li hai vah aap ko kya sikhaye ge sahi margdarshan chahiye to cifa ya bhawanbhai ke hi pas jaye baki aap ki ichhya bhagwan aapka sab sahi kare
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