Friday, 2 February 2018

गुरु नानक देव जी योगियों के प्रसिद्ध स्थान गोरखमते

खोजें आध्यात्मिक जगतसिक्ख गुरु साहिबानश्री गुरु नानक देव जी - साखियाँगोरखमते में योगियों से चर्चा गोरखमते में योगियों से चर्चा 1 2 3 4 5 (1 Vote) font size 1834 Views inShare श्री गुरु नानक देव जी योगियों के प्रसिद्ध स्थान गोरखमते पहुंचे| वहां उन्होंने उनके डेरे से कुछ दूर बैठकर कीर्तन आरम्भ कर दिया| गोरखमते में योगियों से चर्चा सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio 0:00 सभी योगी इकट्ठे हो गए व पूछने लगे की आप कौन है और कहां से आए है आपका मत क्या है? यहाँ किस तरह आए है? गुरु जी ने उत्तर दिया - हम निरंकारी है और निरंकार के देश से आए है| योगियों ने गुरु जी को योग मत धारण करने को कहा कि आप को भी सच्चा मार्ग प्राप्त हो जाएगा| गुरु जी ने उत्तर दिया, "सच्चा मार्ग किसी वेश में सीमित नहीं है| जो व्यक्ति अपने आप को संसार की बुराइयों से बचाकर कर रखता है उसको ही सच्चा मार्ग प्राप्त होता है|" सिद्धों ने आपको चिह्न, खिंथा, मुंदरा, झोली व डंडा धारण करने को कहा व साथ-साथ रंगदार वस्त्र उतारकर राख मलने को भी कह दिया| गुरु जी ने कहा इन चिह्नों को धारण करने से ईश्वर से नहीं जुड़ सकते, आप जी ने यहां शब्द का उच्चारण भी किया| हे योगी जनों! खिंथा और डंडा धारण करके शरीर पर राख मलना, सिंडी बजानी और सिर मुंडवाने से योग नहीं होता| योग की युक्ति यह है कि माया में रहते हुए ऐसे शव के समान अडोल, अनेच्छित व निर्विकार हो जाओ| सिंडी को फूंक मारने के बिना ही जब अनहद नाद की ध्वनि उठे तो अलख निरंजन पद को ग्रहण करते है| गुरु जी का यह वचन सुनकर सिद्ध स्वेच्छा से आदेश करते-करते पहाड़ों की ओर चल दिए|  सिकन्दर लोधी को उपदेश रीठे मीठे करने नगर के राजे को उपदेश कटक शहर में जाना व भैरों के पुजारी से चर्चा करना Please write your thoughts or suggestions in comment box given below. This will help us to make this portal better.SpiritualWorld.co.in, Administrator अपनी आप बीती, आध्यात्मिक या शिक्षाप्रद कहानी को अपने नाम के साथ इस पोर्टल में सम्मलित करने हेतु हमें ई-मेल करें । (Email your story with your name, city, state & country to: info@spiritualworld.co.in) Submit your story to publish in this portal Shri Guru Nanak Dev JisikhismSakhiya RELATED ITEMS जेठा जी को लाहौर भेजना हवन कुंड के स्थान पर अमृत तीर्थ अकबर की श्री गुरु अमरदास जी को भेंट श्री जेठा जी को आदेश सेवा की प्रेरणा देना उत्तम सेवा - गुरु का तीर्थ श्री गुरु अर्जुन देव जी का धीरज बीबी भानी को वरदान देना गुरु के चक्क व गुरु के महल More in this category: « रीठे मीठे करने नगर के राजे को उपदेश » श्री गुरु नानक देव जी - साखियाँ गुरु जी की बाल लीला गुरु नानक देव जी जब 5 वर्ष के हुए तो… खेती का नष्ट होना व गुरु जी का वैराग्य धारण करना श्री गुरु नानक देव जी खेत की रखवाली करने खेत… सिआलकोट जाना श्री गुरु नानक देव जी मरदाने को साथ लेकर जब… कलयुग से वार्तालाप गुरु जी मरदाने के साथ बैठकर शब्द कीर्तन कर रहे… बनारस में पंडितों से हरि चर्चा श्री गुरु नानक देव जी बनारस पहुंचे तो गुरु जी … सिकन्दर लोधी को उपदेश दिल्ली का बादशाह सिकंदर लोधी बहुत अत्याचारी था| उसने भक्त… नवाब व काजी के साथ नमाज पढ़ने का कौतक गुरु जी के बचन, "ना कोई हिंदू न मुसलमान" को… पंडित के पास संस्कृत पढ़ना गुरु जी को संस्कृत विद्या हासिल करने के लिए पंडित… श्री गुरु नानक देव जी का बाल गुदाई टिल्ले पहुंचना श्री गुरु नानक देव जी कान-फटे योगियों के डेरे टिल्ला… बाबर का गुरु जी समेत कई लोगों को कैदी बनाना बाबर ने सैदपुर के इलाके में हमला कर दिया| सैदपुर… मीठा रीठा जब गुरु जी (Shri Guru Nanak Dev Ji) पूरब दिशा… सांई बुढण शाह के पास मिलने जाना श्री गुरु नानक देव जी सतलुज नदी को पार करके… माई-जस्सी से वार्तालाप श्री गुरु नानक देव जी आगरा पहुंचे| यहां एक माई… हमजा गौंस को नसीयत देनी श्री गुरु नानक देव जी ने सिआलकोट शहर में आकर… पीर बहावलदीन के साथ चर्चा श्री गुरु नानक देव जी समुन्द्र के पश्चिमी तट के… भृर्थरी जोगी से कजलीवन में चर्चा श्री गुरु नानक देव जी बीजापुर के घने जंगल कजलीबन… नगर के राजे को उपदेश गुरु जी एक नगर के बाहर वृक्ष के नीचे जा… हमीद कारूँ जी नसीहत देनी श्री गुरु नानक देव जी रोम देश के सुलतान हमीद… मलक भागो का ब्रह्म भोज व उसको उपदेश मलक भागो ने ब्रह्म भोज करके सभ खत्रियों, ब्राह्मणों और… गुरु जी का कैलाश पर्वत योगियों से मिलना श्री गुरु नानक देव जी हेम कुन्ट के रास्ते बदरी…   Videos नम्रता का पाठ एक बार अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन नगर की स्थिति का जायजा लेने के लिए निकले। रास्ते में एक जगह भवन का निर्माण कार्य चल रहा था। वह कुछ देर के लिए वहीं रुक गए और वहां चल रहे कार्य को गौर से देखने लगे। कुछ देर में उन्होंने देखा कि कई मजदूर एक बड़ा-सा पत्थर उठा कर इमारत पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। किंतु पत्थर बहुत ही भारी था, इसलिए वह more...   Download Wallpapers व्यर्थ की लड़ाई एक आदमी के पास बहुत जायदाद थी| उसके कारण रोज कोई-न-कोई झगड़ा होता रहता था| बेचारा वकीलों और अदालत के चक्कर के मारे परेशान था| उसकी स्त्री अक्सर बीमार रहती थी| वह दवाइयां खा-खाकर जीती थी और डॉक्टरों के मारे उसकी नाक में दम था| एक दिन पति-पत्नी में झगड़ा हो गया| पति ने कहा - "मैं लड़के को वकील बनाऊंगा, जिससे वह मुझे सहारा दे सके|" more...   English Version धर्म और दुकानदारी एक दिन एक पण्डितजी कथा सुना रहे थे| बड़ी भीड़ इकट्ठी थी| मर्द, औरतें, बच्चे सब ध्यान से पण्डितजी की बातें सुन रहे थे| पण्डितजी ने कहा - "इस दुनिया में जितने प्राणी हैं, सबमें आत्मा है, सारे जीव एक-समान हैं| भीड़ में एक लड़का और उसका बाप बैठा था| पण्डितजी की बात लड़के को बहुत पसंद आई और उसने उसे गांठ बांध ली| अगले दिन लड़का दुकान पर गया| थोड़ी देर में एक more...   E-Mail समझदारी की बात एक सेठ था| उसने एक नौकर रखा| रख तो लिया, पर उसे उसकी ईमानदारी पर विश्वास नहीं हुआ| उसने उसकी परीक्षा लेनी चाही| अगले दिन सेठ ने कमरे के फर्श पर एक रुपया डाल दिया| सफाई करते समय नौकर ने देखा| उसने रुपया उठाया और उसी समय सेठ के हवाले कर दिया| दूसरे दिन वह देखता है कि फर्श पर पांच रुपए का नोट पड़ा है| उसके मन में थोड़ा शक पैदा हुआ| more... आध्यात्मिक जगत - World of Spiritual & Divine Thoughts. महान भक्त I राजा जनक भगत बुल्ले शाह जी भगत रहीम जी भगत रविदास जी भगत नामदेव जी महान भक्त II भक्त बेनी जी भक्त सधना जी भक्त भीखण जी भक्त सैन जी भक्त धन्ना जी महान भक्त III अजामल जी गनिका जी राजा हरिचन्द राजा उग्रसैन गजिन्द्र हाथी महान भक्त IV भक्त अम्ब्रीक जी भक्त अंगरा जी भक्त पीपा जी भक्त जयदेव जी भक्त त्रिलोचन जी महान भक्त V भक्त शेख फरीद जी भक्त परमानंद जी भक्त रामानंद जी भक्त सूरदास जी भक्त ध्रुव जी महान भक्त VI भक्त मीरा बाई जी महर्षि वाल्मीकि जी राजा बली भाई समुन्दा जी भक्त परमानंद जी DISCLAIMER   इस वेबसाइट का उद्देश्य जन साधारण तक अपना संदेश पहुँचाना है| ताकि एक धर्म का व्यक्ति दूसरे धर्म के बारे में जानकारी ले सके| इस वेबसाइट को बनाने के लिए विभिन्न पत्रिकाओं, पुस्तकों व अखबारों से सामग्री एकत्रित की गई है| इसमें किसी भी प्रकार की आलोचना व कटु शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया| Special Thanks to Dr. Rajni Hans, Ms. Karuna Miglani, Ms. Anisha Arora, Mr. Ashish Hans, Ms. Mini Chhabra & Ms. Ginny Chhabra for their contribution in development of this spiritual website. 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