Friday 6 April 2018

शक्तिचालिनी क्रिया

वीडियो चेंज मेकर्स Today's ePaper इंडिया राज्य मनोरंजन खेल विश्व ऑटोमोबाइल गैजेट बिजनेस एम्प्लॉई कॉर्नर स्वास्थ्य धर्म/ज्योतिष रियल एस्टेट मुद्दा HOME INDIA MADHYA PRADESH JABALPUR आश्चर्यजनक योग: आप भी दे सकते हैं ऋषियों जैसे वरदान PREMSHANKAR TIWARI JABALPUR, MADHYA PRADESH, INDIA आष्टांग योग के हठयोग में समाईं हैं अनूठी सिद्धियां, 5 हजार वर्ष पुराना है महत्व जबलपुर। योग व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन की क्रिया है। इसके माध्यम से बड़ी-बड़ी सिद्धियां अर्जित करने की शक्ति प्राप्त होती है। योग 5000 वर्ष प्राचीन भारतीय ज्ञान का प्रमुख अंग रहा है। योग सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने की क्रिया नहीं बल्कि वह अद्भुत शक्ति प्रदान करती है जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित हो उठते हैं। हठ योग के माध्यम से व्यक्ति उस अलौकिक शक्तियों को प्राप्त कर जाता है जिसे लोग चमत्कार चमझते हुए जिंदगी भर नमस्कार करते हैं। यदि आप भी किसी व्यक्ति का रोग या फिर कोई कष्ट हरना चाहते हैं तो हठयोग की साधना से उसे कर सकते हैं। आप भी इस अनूठी सिद्धि से किसी को भी वरदान दे सकते हैं। यह बात कोई अंधविश्वास नहीं बल्कि हठयोग का रहस्य है। यह भी पढ़ें:- हनुमानजी की तरह आप भी भर सकते हैं उड़ान, जानिए कैसे विलक्षण शक्ति देती है यह मुद्रा आप लोगों ने कई बार ऐसा देखा होगा या सुना होगा कि फला संत ने देखते ही देखते उसका कष्ट दूर कर दिया। या फिर से संत, ऋिषी के वरदान से उसका भला हो गया। संत ने जिस सिद्धि से व्यक्ति के कष्टों को हरा वह है अगोचरी मुद्रा। यह मुद्रा ऐसी विलक्षणकारी है जिसे प्राप्त कर लेने से आप ऐसा कर पाने में महारथ हासिल कर सकते हैं। आप को बता दें कि यह सब संभव है योग से। ऐसे सिद्ध होता है योग कटनी निवासी योगाचार्य मुकेश अग्रवाल के अनुसार अगोचरी योग मुद्रा को सिद्ध करने के लिए बड़ा ही कठिन परिश्रम करना होता है। नांसिका से मात्र चार अंगुल आगे की ओर शून्य स्थान पर दोनों नेत्रों की दृष्टि को एक बिंदु पर केंद्रित करना होता है। जब यह आप लगातार करते हैं और इस विलक्षण मुद्रा को हासिल कर लेते हैं तो यह मुद्रा हठयोग के अनुसार पाप भक्षण करने में सहायक होती है। जब आप किसी का पाप हर लेंगे से स्वभाविक बात है कि फिर आप उसे वरदान देने के काबिल बन जाएंगे। इस आश्चर्यजनक योग से प्राप्त की जा सकने वाली शक्ति का वर्णन घेरण्ड संहिता में मिलता है। यह भी पढ़ें:- पल भर में टूटी हड्डियां जोड़ देते हैं ये हनुमान, जानिए रहस्य योग को सिर्फ न समझें व्यायाम यद्यपि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं जहां लोग शरीर को तोड़ते-मरोड़ते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। वास्तव में देखा जाए तो ये मुद्राएं मनुष्य के मन और आत्मा की अनंत क्षमताओं की तमाम परतों को खोलने वाले ग़ूढ विज्ञान के बहुत ही सतही पहलू से संबंधित हैं। योग विज्ञान में जीवन शैली का आत्मसात किया गया है। मिलती हैं कई शक्तियां योग में आप जितनी महारथ प्राप्त करते जाएंगे उतनी ही आश्चर्य सिद्धियां अर्जित करते जाएंगे। आप नभो मुद्रा, महा बंध शक्तिचालिनी मुद्रा, ताडगी, माण्डवी, अधोधारण, आम्भसी, वैश्वानरी, बायवी, नभोधारणा, अश्वनी, पाशनी, काकी सहित ऐसी 25 मुद्राएं हैं जिनके माध्यम से आप ज्ञान योग या तत्व ज्ञान, भक्ति योग या परमानंद भक्ति मार्ग, कर्म योग या आनंदित कार्य मार्ग और राज योग या मानसिक नियंत्रण मार्ग प्राप्त कर सकते हैं। अब पाइए अपने शहर ( Jabalpur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज अपनी कम्युनिटी से वैवाहिक प्रस्ताव पाएं। फोटो और बायोडेटा पसंद आने पर तुरंत वाट्सएप्प / फ़ोन पर बात करें।३,५०,००० मेंबर्स की तरह familyshaadi.com से जुड़ें।FREE More Videos अपना सही जीवनसंगी चुनिए| केवल भारत मैट्रिमोनी पर- निःशुल्क रजिस्ट्रेशन! Web Title "Are in power boon giving of yoga " SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER Never miss any news Email Address आगे पढे़ं जब तल्ख अंदाज में CM ने कहा, गुंडों को क्रश कर दो    LATEST NEWS Home About Us Advertise Careers Newsroom Archive Privacy Policy Sitemap Disclaimer © 2018 Patrika Group

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