Saturday, 7 April 2018

पांच तत्वों को समझना

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Get PERSONALISED Events, Life Meter, Day Guide, Compatibility and more -14 BODY -62 EQ -95 IQ ☰ पांच तत्वों को समझना Share on : पांच गुआ पांच तत्वों के समान होते हैं | ये हैं काष्ठ, अग्नि, पृथ्वी, धातु और जल | जीवन के किसी भी क्षेत्र को प्रभावी बनाने के लिए जिस गुआ की ज़रुरत है उसका या उससे संबधित सामाग्री का प्रयोग कीजिए | उदाहरण के तौर पर यदि आप प्रसिद्धि पाना चाहते हैं तो अग्नि से सबंधित वस्तुएं अपने घर या आफ़िस के प्रसिद्धि गुआ वाले स्थान पर लगाइये जैसे कि मोमबत्तियां आदि | आप ऎसी वस्तुओं का भी प्रयोग कर सकते हैं जो प्रसिद्धि को आकर्षित करती हैं जैसे स्वंय की फ़ोटो, आपके डिप्लोमा, अवार्ड या ट्राफ़ियां आदि | आप ऎसे व्यक्तियों की तस्वीरें भी लगा सकते हैं जिनसे आपको प्रेरणा मिलती है |जैसे मैंने ओप्राह विनफ़्रे और सर रिचर्ड ब्रैनसान की तस्वीरें अपने प्रसिद्धि क्षेत्र में लगायी हैं | यदि आप संपत्ति को बढ़ाना चाहते हैं तो संपत्ति गुआ के स्थान (आपके घर या कमरे का बांया दूरस्थ कोना) पर पैसों से सबंधित वस्तुएं जैसे कि सिक्के के आकार के पत्ते वाले पौधे, पैसों के चित्र वाले फ़ोटो या पोस्टकार्ड,या फ़िर आभुषण का बक्सा आदि इस स्थान पर रख सकते हैं | ये पांच तत्व इस संसार मे सभी दृश्य और अदृश्य चीजों को प्रतिबिम्बित करता हैं | हम प्रकृति में इन पांच तत्वों को उनके प्राकृतिक रुप में देखते हैं |पेड़-पौधे काष्ट (लकड़ी) तत्व को दिखाते हैं, सूर्य अग्नि तत्व को दिखाता हैं | मानव निर्मित वस्तुओं में तत्व रंगो, आकार और दिशा से प्रर्दशित किया जा सकता हैं | अर्थात हम इस आधार पर अपनी दैनिक प्रयोग की वस्तुओं को पंच तत्वों के आधार पर रंग रुप बदल कर उपयोग कर सकते हैं | सभी तत्व आपकी व्यक्तिगत ऊर्जा या आपके स्थल की ऊर्जा को प्रभावित करते हैं | जब आप पंच तत्व और उनके प्रभावों के बारे में जान जाते हैं तो आप इनकी ऊर्जा को अपने लाभ के लिये प्रयोग में ला सकते हैं | 1. काष्ट तत्व: काष्ठ पंच तत्वों के चक्र का उद्गम कर्ता हैं और नव जीवन के शुभारंभ का प्रतीक हैं | बहुत से लोग इस गलतफ़हमी के शिकार होते हैं कि फ़र्निचर फ़ेंग शुई का समाधान हैं | लकड़ी के फ़र्निचर के साथ समस्या यह है कि यह निर्जीव होता हैं | लकड़ी की ऊर्जा का उपयोग करने के लिये आपको ऎसा काष्ठ उपयोग करना पड़ेगा जो जीवित हो |एक झाड़ी दार पौधा अतिउत्तम है इसके लिये क्योंकि यह ची ऊर्जा का उत्सर्जन करता है और बनाए रखता हैं |हम जो हवा सांस में लेते हैं पौधे उसे पुन:प्रयोग के लायक बनाते हैं और एक प्राकृतिक रूप से हवा को शुद्ध करते हैं | सीढ़ीयों के नीचे खाली स्थान रखने से अच्छा यह है कि कोई झाड़ी दार पौधा वँहा पर रखा जाय | काष्ठ तत्व का प्रयोग का सबसे सही तरीका है कि वह जीवित रुप में हो | पौधो को स्वस्थ और जीवित रखिए | एक मृत पौधा नकारात्मक ऊर्जा फ़ैलाता है | अगर आप जीवित पौधा नहीं रख सकते हैं तो सिल्क का पौधा रख सकते हैं पर प्लास्टिक का पौधा कभी भी मत रखिए | इस तत्व को हरे रंग द्वारा भी प्रर्दशित किया जा सकता है | पर बेहतर यह है कि पौधे,झाड़ियां, फ़ूल आदि जीवित अवस्था में प्रयोग में लायें जायें |क्योंकि केवल हरा रंग प्राकृतिक चीजो के जितना प्रभावी नही होता हैं | यदि आपके वातावरण में पर्याप्त मात्रा में काष्ठ तत्व नहीं होगा तो आप किसी पर विश्वास नहीं कर पायेंगे |आप हमेशा चिंतित और परेशान रहेंगे |आपका अपना कोई मत नहीं होगा |और आप बहुत आसानी से दुसरों की बातों में आ जायेंगे |और कुछ बोल नहीं पायेंगे |इन सबका सबसे सरल उपाय है कि आप काष्ठ तत्व की मात्रा फ़ूलों,पौधो,बोनसाई पौधों ,जलीय पौधों या फ़िर और कुछ नहीं तो पौधों की तस्वीरें ही लगा कर बढ़ाइये | 2.अग्नि तत्व: अग्नि फ़ेंगशुई में यांग तत्व को दर्शाता हैं |इसे सूर्य के प्रखर किरणों द्वारा प्रर्दशित किया जाता हैं | दिन का मध्य समय जब सूर्य की उष्मा अपने चरम पर होती हैं या मोमबत्ती के ज्वाला का लाल वाला भाग इस यांग ऊर्जा को बेहतर रुप से प्रर्दशित करता है | इस तत्व को प्रभावी बनाने के लिये आप रंगो का प्रयोग कर सकते हैं | उदाहरण के तौर पर एक लाल रंग का नाईट बल्ब या लाल रंग का लैम्प शेड अच्छा समाधान हो सकता हैं | अग्नि समझ,शिष्टाचार और समारोह का रंग हैं | अग्नि तत्व की प्रधानता वाले व्यक्ति भावनाओं को उचित रुप से जाहिर कर पाते हैं | इनको किसी प्रकार का बैर नहीं रहता है और दुसरो के प्रति दया भावना रहती हैं | जब अग्नि तत्व में असंतुलन आ जाता है तो यह आपको अपने आपको जाहिर करने में असमर्थ बना देता है |ऎसा व्यक्ति जो रसोई घर या ऎसे ही गर्म वातावरण में काम करता है या रेगिस्तान में रहता है या त्रिकोणाकार पर्वत के नीचे रहता है उसकी भावनाएं चरम सीमाओं में प्रकट होती हैं | निष्क्रिय और निर्जीव से उन्मत और अतिक्रियाशील हो जाती हैं अग्नि तत्व की कमी से जोड़ो का दर्द,शुष्क त्वचा,नजर की कमजोरी और खराब रक्त संचार की समस्या आती हैं |हम थके हुये महसूस करते हैं, जोश की कमी रहती है भविष्य को लेकर भय और उत्तेजना बनी रहती है | यदि आपके वातावरण को अग्नि तत्व की जरुरत है तो अलाव में अग्नि जला कर रखिए, मोमबत्तियां या अगरबत्तियां जलाइये | शयनकक्ष में लाल रंग के फ़ूल सजाइये | यदि आपको लगता है कि आपको अग्नि तत्व की जरुरत है तो सूर्य की रोशनी में बाहर जाइये और गहरी सांसे लीजिए | यह सबसे आसान तरीका है आपके अन्दर के अग्नि तत्व को प्रभावी बनाने का | बहुत ज़्यादा अग्नि तत्व का प्रभाव अस्थिर, आलोचनात्मक और अप्रिय व्यक्तित्व जो आसानी से गुस्सा होने वाले और झगड़े में पड़ने वाले होता हैं | यदि आप अग्नि तत्व कम करना चाहते है तो पृथ्वी तत्व से सबंधित रंग और चीनीमिट्टी के बर्तन या मिट्टी के टाइल्स प्रयोग में लाने चाहिए |आपको जल तत्व का विभिन्न रुपों में प्रयोग करना चाहिये जैसे फ़व्वारे, जल से भरे पात्र, कांच की वस्तुएं, झीलों, सागरो की तस्वीरें आदि | यदि आपको लगता है कि आपके अन्दर अत्यधिक अग्नि तत्व है तो आपको चांदनी रात में बाहर निकल कर गहरी लंबी सांसे लेना चाहिए | ये पुरातन समाधान आपको अवश्य ही शांत एहसास देगा | 3. पृथ्वी तत्व: पृथ्वी की ऊर्जा विश्वसनीय, भरोसेमंद, शांत और केंद्रित होती हैं | यह तत्व शनि द्वारा शासित होता है और दृढ़ता और सुरक्षा द्वारा प्रर्दशित किया जाता हैं | इस तत्व का रंग पीला होता है मुख्यत: चीनी पीली मिट्टी | ऎसे सभी पदार्थ जो धरती से प्राप्त होते है जैसे मिट्टी, ईंट, ठोस सिरेमिक टाइल, संगमरमर, रेत और चट्टाने पृथ्वी तत्व से सबंधित हैं | वर्ग, बॉक्स की तरह, या फ्लैट आकार पृथ्वी तत्व से सबंधित हैं | सहानुभूति, विश्वास, निष्ठा, और एक अच्छी तरह से संतुलित व्यक्तित्व पृथ्वी तत्व को प्रदर्शित करता है जो विश्वसनीय और गंभीर होता हैं | ऎसे व्यक्ति जिनमें पृथ्वी तत्व कम होता है वे जांच के समय गायब हो जाते है जबकि इस तत्व की अधिकता वाले व्यक्ति स्वंय पेशकश करते हैं जांच की | बहुत ऊँची इमारत में रहना या जमीन के अन्दर रहना इस तत्व में असंतुलन की स्थिति बनाता हैं | पृथ्वी तत्व की अधिकता से धन या उसके स्त्रोतो को आकर्षित करने में कठिनाई होती है | संतुलित वातावरण बनाने के लिए धातुओं का प्रयोग करना चाहिए जैसे कि चांदी, पीतल,तांबा तथा दर्पण या चमकदार सतह वाली वस्तुएं या सफ़ेद रंग आदि का उपयोग करना चाहिए | पौधो या हरे रंग का प्रयोग भी पृथ्वी तत्व के असंतुलन को कम करता है | यदि आप अकर्मण्य,अव्यवस्थित,असंतुलित,स्वाभिमान में कमी, दिशाहीनता या लक्ष्य तय करने में कठिनाई आदि मुश्किलें सामने आये तो इसका मतलब है आपके वातावरण में पृथ्वी तत्व की कमी हैं | ऎसे में आप रेत और पत्थर के बगीचों ,चीनी मिट्टी के पात्रों में लगे हुए बोनसाई पौधो, मिट्टी के बर्तन, संगमरमर, मूर्तियां या सोने,नारंगी या पीले रंगो का प्रयोग आप पृथ्वी तत्व बढ़ाने के लिए कर सकते हैं | अग्नि तत्व भी पृथ्वी तत्व को बढ़ाते हैं अत: दीए,अगरबत्तीयों,मोमबत्तीयों और लाल रंग का प्रयोग कर सकते हैं | 4. धात्विक तत्व: धातु तत्व पतन,छोड़ देने,वापस देने या करने का प्रतीक है | अगर आप अपने बीते हुए कल को पकड़े हुए रहते हैं तो इसका मतलब धातु तत्व की अधिकता हैं | धातु तत्व की अधिकता के अन्य लक्षण है कब्जियत, सांस लेने में अवरोध आदि |एक्युपंक्चर में धातु फ़ेफ़ड़ो से संबधित हैं | वास्तविकता को स्वीकारने में परेशानी होती है,जोड़ो का दर्द और रक्त संचार में परेशानी आती हैं | धन और भौतिकता में ज्यादा ध्यान रहता हैं | धातु तत्व की अधिकता को संतुलित करने के अग्नि तत्व का समावेश करना चाहिए जैसे मोमबत्तियां,अगरबत्तियां, लाल पोर्सलिन के गुलदान और सोने या पीतल के शमादान आदि | और दूसरा समाधान जल तत्व शामिल करने का है जैसे जलीय बगीचे, फ़व्वारें, जलपात्र या कांच का जल वितरक | आप पृथ्वी तत्व भी शामिल कर सकते हैं जैसे रेत,चट्टान,पत्थर या टाईल आदि से वातावरण को संतुलित किया जा सकता हैं | धातु नैतिकता, नैतिकता, धर्म, और सटीक सोच का प्रतिनिधित्व करता है |धातु तत्व द्वारा शासित व्यक्ति अच्छी तरह से संवाद करने में सक्षम होते हैं और जब उचित हो तब बात करते हैं या चुप रहते हैं | सटीक रूप से सोच पाते हैं तथा नए विचारों पर भी ध्यान दे पाते हैं | धातु तत्व की कमी व्यक्ति को शांत, सतर्क और सावधान बना देती हैं | ऎसे व्यक्तियों को दुसरों के साथ घुलने मिलने में परेशानी आती हैं |जबकि धातु तत्व की अधिकता वाले व्यक्ति बहुत अधिक बातुनी,धार्मिक, अति उत्साही और भाषण और व्यवहार में आवेगी होते हैं | भावनात्मक दु: ख धातु तत्व में असंतुलन का एक लक्षण है | विचारों और संसाधनों को व्यवस्थित करने में परेशानी आती हैं | वस्तुएं भटके हुए ए ध्यान और ध्यान की कमी की वजह से खो जाती है | वातावरण में धातु तत्व शामिल करने के लिए सफ़ेद,ग्रे या काले-सफ़ेद के पैर्टन प्रयोग कर सकते हैं | चांदी की ट्रे, धातु के बर्तन,सोने के गहने,गढ़े लोहे की रेलिंग, इस्पात के फ़र्निचर,धातु की मूर्तियां या धातु से बना हुआ कुछ भी प्रयोग किया जा सकता हैं | सच्चे या जाली पैसे, सोने की गिन्नियां या मेड्ल भी रखे जा सकते हैं संसाधनों को आकर्षित करने के लिए | धातु हमें ध्यान केंद्रित करने के लिए सक्षम बनाता है | यदि आप धातु को अपनी जिन्दगी में प्रभावी बनाना चाहते हैं तो निम्नानुसार धातु की अंगुठियां पहनिए | दांये हाथ की अंगुलियों में यदि आप पुरुष हैं और बांयी हाथ की अंगुलियों में यदि आप महिला हैं : अंगूठा : व्यक्तिगत शक्ति तर्जनी : विद्विय सफ़लता मध्य उंगली : स्थायित्व अनामिका : प्यार छोटि उंगली : रचनात्मकता फ़ेंग शुई तत्वों का मतलब वातावरण को खुबसूरत बनाना हैं |जब धातु क उपयोग करें तो सावधान रहें कि यह नुकीला या धारदार ना हो |और जो वातावरण में आसानी से मिलने-जुलने वाला हो तथा इनके रंग सफ़ेद,चांदी या सोने के रंग का हो | 5. जल तत्व: हमारे ग्रह में जल से जीवन हैं इसके बिना हमारा अस्तित्व संभव नहीं हैं |फ़ेंगशुई में पानी एक अति महत्वपूर्ण तत्व हैं | जल साफ़ और शुद्ध होना चाहिए | ठहरा हुआ पानी ज्यादा मुश्किलें पैदा कर सकता हैं | जल तत्व सम्प्रेषण,विचारों के आदान-प्रदान,बुद्धिमता और सामाजिक व्यवहार का प्रतीक हैं | यदि जल तत्व में असंतुलन की स्थिति आ जाती है तो व्यक्ति, अकेला और अलग रहने वाला, भुलक्कड़, बांझ, या नपुंसक हो जाता हैं |ये जोड़ो के दर्द, नेत्र हीनता, नींद न आना, खराब सपने या हीनता की भावना से ग्रसित रहते हैं | जल तत्व की अधिकता से व्यक्ति ज्यादा सक्रिय,सागर की तरहा असमीमित, अभिभूत और ज्यादा ताकत दिखाने वाला हो जाता है |जहाँ पर बहता हुआ पानी कम मात्रा में रहता है जैसे कि चट्टानों से टपकता हुआ पानी या फ़व्वारे से निकलता हुआ पानी जो निकल तो रहा है पर जा कहीं नहीं जा रहा है | जल सामाजिक व्यवहार को दर्शाता हैं अगर आप सामाजिक रुप से ज्यादा सक्रिय होना चाहते हैं तो आपको अपनी जिन्दगी में जल तत्व को बढ़ाना चाहिए | आपने जिससे छ: महीने से बात नहीं की है उससे बात करें | जब भी आप बाहर जाएं जान-पहचान बढ़ाए | कोई भी शिकायत या अनुरोध मत कीजिए |यह एक अति साधारण और सरल उपाय हैं जो अति उपयोगी भी हैं | जल तत्व में असंतुलन विचारों में असंगतता लाता हैं | विचारो में स्पष्टता लाने के लिए रात को अपने बिस्तर के निकट साफ़ जल से भरा पात्र रखिए | ऎसी कल्पना कीजिए कि आपका दिमाग जल के जितना साफ़ हैं | ऎसा तब तक कीजिए जब तक आपके विचारों में इच्छित स्पष्टता नहीं आ जाती हैं | साफ़ जल वातावरण को भी साफ़ रखता हैं | प्रात:काल जल को बदल दीजिए |अपने वातावरण में जल तत्व का समावेश करना आसान है सिर्फ़ जल से भरा पात्र,फ़व्वारा,वाटर कूलर या कांच की वस्तुएं जैसे गुलदान और जार रख कर ऎसा किया जा सकता हैं | धातु तत्व से सबंधित वस्तुएं भी जल तत्व को आकर्षित करती हैं | नीले या काले रंग से भी जल तत्व को प्रदर्शित किया जा सकता हैं | गणेश जी की कृपा से मालव भट्ट गणेशा स्पीक्स टीम 15 Nov 2013 View All blogs आज की विशेष ओफ़र Coming Soon! नये ऑफर्स 2018 संक्षिप्त समीक्षा रिपोर्ट – 30% OFF ☰ More Articles जैन धर्म के अनुसार 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