Saturday, 10 June 2017
पाखण्ड खंडिनी, हिन्दी ब्रह्मकुमारी का सच
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पाखण्ड खंडिनी, हिन्दी
ब्रह्मकुमारी का सच : आचार्य सोमदेव जी
FEBRUARY 2, 2015 RISHWA ARYA 237 COMMENTS
जिज्ञासा– मैं परोपकारी का लगभग ३० वर्षों से नियमित पाठक हूँ। आपसे मैं आशा करता हूँ कि तथाकथित असामाजिक तत्वों व संगठनों द्वारा आर्यसमाज व महर्षि दयानन्द की विचारधारा पर किए जा रहे हमलों व षड्यन्त्रों का आप जवाब ही नहीं देते, उन्हें शास्त्रार्थ के लिए चुनौती देने में भी सक्षम हैं। ऐसी मेरी मान्यता है। ऐसे ही एक पत्र मेरे (आर्यसमाज सोजत) पते पर दुबारा डाक से प्राप्त हुआ है। इस पत्र की फोटो प्रति मैं आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहा हूँ। यह पत्र ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ा किसी व्यक्ति का है, मैंने उससे फोन पर बात भी की है तथा उसे कठोर शब्दों में आमने-सामने बैठकर चर्चा के लिए चुनौती दी है। परन्तु फोन पर उसने कोई जवाब नहीं दिया।
आपकी जानकारी हेतु पत्र की फोटो प्रति पत्र के साथ संलग्न है। पत्र लिखने वाले ने नीचे अपना नाम के साथ चलभाष संख्या भी लिखी है। कृपया आपकी सेवा में प्रस्तुत है –
धर्माचार्य जानते हैं कि वे भगवान् से कभी नहीं मिले, वे यह भी जानते हैं कि वेदों शास्त्रों द्वारा भगवान् को नहीं जाना जा सकता, फिर यह किस आधार से भगवान् को सर्वव्यापी कहते हैं? कुत्ते बिल्ली में भी भगवान् हैं, ऐसा कहकर, भगवान् की ग्लानि क्यों करते हैं? यदि इन्हें कोई कुत्ता कहे तो कैसा लगेगा? धर्माचार्य यह भी कहते हैं कि सब ईश्वर इच्छा से होता है। जरा सोचे! कि क्या छः माह की बच्ची से बलात्कार, ईश्वर इच्छा से होता है? क्या यही है ईश्वर इच्छा? अरे मूर्खों, निर्लज्जों, राम का काम, रामलीला करना है या रावण लीला? राम की आड़ में रावण लीला करने वाले राक्षसों, सम्भल जाओ, क्योंकि राक्षसों से धरती को मुक्त कराने राम आए हैं।
-अर्जुन, दिल्ली, मो.-०९२१३३२४१३४
– हीरालाल आर्य, मन्त्री आर्यसमाज सोजत नगर, जि. पाली, राज.-३०६१०४
समाधान– वर्तमान में भारत देश के अन्दर हजारों गुरुओं ने मत-सम्प्रदाय चला रखे हैं, जो कि प्रायः वेद विरुद्ध हैं। ईसाई, मुस्लिम, जैन, बौद्ध, नारायण सम्प्रदाय, रामस्नेही सम्प्रदाय, राधास्वामी, निरंकारी, धन-धन सतगुरु (सच्चा सौदा), हंसा मत, जय गुरुदेव, सत्य साईं बाबा, आनन्द मार्ग, ब्रह्माकुमारी आदि मत ये सब वेद विरोधी हैं। सबके अपने-अपने गुरु हैं, ये सम्प्रदायवादी ईश्वर से अधिक मह व अपने सम्प्रदाय के प्रवर्तक को देते हैं, वेद से अधिक मह व अपने सम्प्रदाय की पुस्तक को देते हैं।
आपने ब्रह्माकुमारी के विषय में जानना चाहा है। ब्रह्माकुमारी मत वाले हमारे प्राचीन इतिहास व शास्त्र के घोर शत्रु हैं। इस मत के मानने वाले १ अरब ९६ करोड़ ८ लाख, ५३ हजार ११५ वर्ष से चली आ रही सृष्टि को मात्र ५ हजार वर्ष में समेट देते हैं। ये लाखों वर्ष पूर्व हुए राम आदि के इतिहास को नहीं मानते हैं। वेद आदि किसी शास्त्र को नहीं मानते, इसके प्रमाण की तो बात ही दूर रह जाती है। वेद में प्रतिपादित सर्वव्यापक परमेश्वर को न मान एक स्थान विशेष पर ईश्वर को मानते हैं। अपने मत के प्रवर्तक लेखराम को ही ब्रह्मा वा परमात्मा कहते हैं।
इनके विषय में स्वामी विद्यानन्द जी ने अपने ग्रन्थ सत्यार्थ भास्कर में विस्तार से लिखा है, उसको हम यहाँ दे रहे हैं।
‘‘ब्रह्माकुमारी मत- दादा लेखराज के नाम से कुख्यात खूबचन्द कृपलानी नामक एक अवकाश प्राप्त व्यक्ति ने अपनी कामवासनाओं की तृप्ति के लिए सिन्ध में ओम् मण्डली नाम से एक संस्था की स्थापना की थी। सबसे पहले उसने कोलकाता से मायादेवी नामक एक विधवा का अपहरण किया। उसी के माध्यम से उसने अन्य अनेक लड़कियों को अपने जाल में फंसाया। इलाहाबाद के एक साप्ताहिक के द्वारा पोल खुलने पर सन् १९३७ में लाहौर में रफीखां पी.सी.एस. की अदालत में मुकदमा चला। मायादेवी ने अपने बयान में बताया कि ‘‘गुरु जी ने हमसे कहा कि तुम जनता में जाकर कहो कि मैं गोपी हूँ और ये भगवान् कृष्ण हैं। मैं बड़ी पापिनी हूँ। मैंने कितनी कुँवारी लड़कियों को गुमराह किया है। कितनी ही बहनों को उनके पतियों से दूर किया है……’’ (आर्य जगत् जालन्धर २३ जुलाई १९६१)। कलियुगी कृष्ण ने अदालत में क्षमा मांगी और भाग निकला। १३ अगस्त, १९४० में उसने बिहार में डेरा डाल दिया। चेले-चेलियाँ आने लगे। एक दिन एक बूढ़े हरिजन की युवा पत्नी धनिया को लेकर भाग खड़े हुए। फिर मुकदमा चला। धनिया ने अपने बयान में कहा- ‘‘इस गुरु महाराज ने हमें कहा था कि मैं आपका पति हूँ। ब्रह्माजी ने मुझे आपके लिए भेजा है।’’ इसी प्रकार नाना प्रकार के अनैतिक कर्म करते हुए दादा लेखराम हैदराबाद (सिन्ध) में जम गये और देवियों को गोपियाँ बनाकर रासलीलाएँ रचाने लगे। रासलीला की ओर से होने वाले व्यभिचार का पता जब प्रसिद्ध विद्वान्, ओजस्वी वक्ता और समाजसेवी साधु टी.एल. वास्वानी को चला तो वे उसके विरुद्ध मैदान में कूद पड़े। इससे सामान्यतः देशभर में और विशेषतः सिन्ध में तहलका मच गया। ओम् मण्डली के काले कारनामे खुलकर सामने आने लगे। यहाँ पर भी मुकदमा चला। पटना के ‘योगी’ पत्र से ‘सरस्वती’ (भाग ३९, संख्या खण्ड ६१, मई १९३८) का यह विवरण द्रष्टव्य है- ‘‘ओम् मण्डली पर पिकेटिंग शुरू हो गई है। सी.पी.सी. की धारा १०७ के अनुसार सिटी मजिस्ट्रेट की अदालत में पिकेटिंग करवाने वालों के साथ ओम् मण्डली के संस्थापक और चार अन्य सदस्यों पर मुकदमा चल रहा है।’’ दादा लेखराज को कारावास का दण्ड मिला।
भारत विभाजन के बाद से ब्रह्माकुमारी मत का मुख्यालय आबू पर्वत पर है। जनवरी १९६९ में दादा लेखराज की मृत्यु के बाद से दादी के नाम से चर्चित प्रकाशमणि इस सम्प्रदाय की प्रमुख रही हैं। वर्तमान में इस संस्था या सम्प्रदाय की लगभग दो हजार से अधिक शाखाएँ संसार के अनेक देशों में स्थापित हैं। मैट्रिक तक पढ़ी प्रकाशमणि आबू से विश्वभर में फैले अपने धर्म साम्राज्य का संचालन करती रही। समस्त साधक या साधिकाएँ, प्रचारक या प्रचारिकाएँ ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी कहाती हैं। प्रचारिकाएँ प्रायः कुमारी होती हैं। विवाहित स्त्रियाँ अपने पतियों को छोड़कर या छोड़ी जाकर इस सम्प्रदाय में साधिकाएँ बन सकती हैं। ये भी ब्रह्माकुमारी ही कहाती हैं। पुरुष, चाहे विवाहित अथवा अविवाहित, ब्रह्मकुमार ही कहाते हैं। ब्रह्माकुमारियों के वस्त्र श्वेत रेशम के होते हैं। …..प्रचारिकाएँ विशेष प्रकार का सुर्मा लगाती हैं, जो इनकी सम्मोहन शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। सात दिन की साधना में ही वे साधकों को ब्रह्म का साक्षात्कार कराने का दावा करती हैं।
अनुभवी लोगों के अनुसार –
‘तप्तांगारसमा नारी घृतकुम्भसमः पुमान्’
अर्थात् स्त्री जलते हुए अंगारे के समान और पुरुष घी के घड़े के समान है। दोनों को पास-पास रखना खतरे से खाली नहीं है। गीता में लिखा है-
यततो ह्यापि कौन्तये पुरुषस्य विपश्चितः।
इन्द्रियाणि प्रमाथीनि हरन्ति प्रसभं मनः।।
अर्थात् यत्न करते हुए विद्वान् पुरुष के मन को भी इन्द्रियाँ बलपूर्वक मनमानी की ओर खींच ले जाती हैं। भर्तृहरि ने कहा है-
विश्वामित्र पाराशरप्रभृतयो वाताम्बुपर्णाशनास्तेऽपि
स्त्रीमुखपङ्कजे सुललितं दृष्ट्वैव मोहंगता।
अन्नं घृतदधिपयोयुतं भुञ्जति ये मानवाः,
तेषामिन्द्रियनिग्रहो यदि भवेद्विन्ध्यस्तरेत्सागरम्।।
अर्थात्- विश्वामित्र, पाराशर आदि महर्षि जो प ाों, वायु और जल का ही सेवन करते थे, वे भी स्त्री के सुन्दर मुखकमल को देखते ही मुग्ध हो गये थे। फिर घी, दुग्ध, दही आदि से युक्त अन्न खाने वाले मनुष्य यदि इन्द्रियों को वश में कर लें तो विन्ध्यपर्वत समुद्र में तैरने लगे।
इसलिए भगवान् मनु ने एकान्त कमरे में भाई-बहन के भी सोने का निषेध किया है।
वस्तुतः ब्रह्माकुमारों और कुमारियों का समागम मध्यकालीन वाममार्गियों के भैरवी चक्र जैसा ही प्रतीत होता है। दादा लेखराज तो ब्रह्माकुमारियों के साथ आलिंगन करते, मुख चूमते तथा…..। भक्तों का कहना है कि ब्रह्माकुमारियाँ तो उनकी पुत्रियों के समान हैं और दादा उनके पिता के समान। जैसे बच्चे उचक कर पिता की गोद में जा बैठते हैं, वैसे ही ब्रह्माकुमारियाँ दादा लेखराज की गोद में जा बैठती थीं और वे उन्हें पिता के समान प्यार करते थे।
बिठाकर गोद में हमको बनाकर वत्स सेते हैं, जरा सी बात है।
बनाने को हमें सच्चा समर्पण माँग लेते हैं।
हमें स्वीकार कर वस्तुतः सम्मान देते हैं।
लोकलाज कुल मर्यादा का, डुबा चलें हम कूल किनारा।
हमको क्या फिर और चाहिए, अगर पा सकें प्यार तुम्हारा।।
– भगवान् आया है, पृ. ५०, ५१, ६९
इनके धर्मग्रन्थ ‘सच्ची गीता’ पृष्ठ ९६ पर लिखा है-
‘‘बड़ों में भी सबसे बड़ा कौन है, जो सर्वोत्तम ज्ञान का सागर और त्रिकालदर्शी कहा जाता है। मेरे गुण सर्वोत्तम माने जाते हैं। इसलिए मुझे पुरुषो ाम कहते हैं।’’
पुरुषो ाम श द की दो निरुक्तियाँ होती हैं- एक है-
‘पुरुषेषु उ ामः इति पुरुषो ामः।’
जो व्यक्ति परस्त्रियों के साथ रमण करता है, उन्हें अपनी गोद में बैठाता है और उनके….. उसे इन अर्थों में तो पुरुषो ाम नहीं कहा जा सकता।
दूसरी निरुक्ति-
‘पुरुषेषु ऊतस्तेषु उ ाम इति पुरुषो ामः’
के अनुसार दादा लेखराज को पुरुषो ाम मानने में किसी को कोई आप िा नहीं होनी चाहिए।
आश्चर्य की बात है कि अपनी सभाओं और सम्मेलनों में देश-परदेश के राजनेताओं, शासकों, न्यायाधीशों, पत्रकारों, शिक्षा शास्त्रियों तक को आमन्त्रित करने वाली ब्रह्माकुमारी संस्था मूल सिद्धान्तों, दार्शनिक मान्यताओं तथा कार्यकलापों को ये अभ्यागत लोग नहीं जानते। हो सकता है, वे ब्रह्माकुमारियों के….. खिंचे चले आते हों। आज तक निश्चित रूप से यह पता नहीं चल सका कि इस संस्था के करोड़ों रुपये के बजट को पूरा करने के लिए यह अपार राशि कहाँ से आती है। कहा जाता है कि ब्रह्माकुमारियाँ ही अपने घरों को लूट कर लाती हैं। पर उतने से काम बनता समझ में नहीं आता। कुछ स्वकल्पित चित्रों और चार्टों तथा रटी-रटाई श दावली में अपने मन्तव्यों का परिचय देने वाली ब्रह्माकुमारियाँ और ब्रह्मकुमार राजयोग, शिव, ब्रह्मा, कृष्ण, गीता आदि की बातें तो करते हैं, परन्तु सुपठित व्यक्ति जल्दी ही भाँप जाता है कि महर्षि पतञ्जलि द्वारा प्रतिपादित राजयोग तथा व्यासरचित गीता का तो ये क, ख, ग भी नहीं जानते। ये विश्वशान्ति और चरित्र निर्माण के लिए आडम्बरपूर्ण आयोजन करते हैं, शिविर लगाते हैं, कार्यशालाएँ संचालित करते हैं, किन्तु उनमें से किसी का भी कोई प्रतिफल दिखाई नहीं देता।’’
पाठक, ब्रह्माकुमारी के मूल संस्थापक के चरित्र को इस लेख से जान गये होंगे, आज के रामपाल और उस समय के लेखराज में क्या अन्तर है? आर्यसमाज सदा से ही गलत का विरोधी रहा है, आज भी है। ब्रह्माकुमारी वाले अपने मूल सिद्धान्तों के लिए आर्यसमाज से चर्चा वा शास्त्रार्थ करना चाहे, तो आर्यसमाज सदा इसके लिए तैयार है।
आपने जो इनका पत्र संकलित कर भेजा है उसी से ज्ञात हो रहा है कि ये वेद-शास्त्र के निन्दक व वेदानुकूल ईश्वर को न मानने वाले हैं।
– ऋषि उद्यान, पुष्कर मार्ग, अजमेर
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237 THOUGHTS ON “ब्रह्मकुमारी का सच : आचार्य सोमदेव जी”
bkdhiri
FEBRUARY 2, 2015 AT 11:23 AM
sivaye pakhand ke kuchh nahi hain brahma kumarion ke pas meai ne prictically unki sadhna karke jo anubhaw kiya hai …pata nahi murli kahan se unmadi sithti me bana leti hain….sara kores kiya hai…..lekin aabu parbat par jo aashram hai vahan vatavarn bahut khoobsurat bana rakha hai koyee bhi phans sakta hai……jisne styarth parkash parha ho wahi dimag se soch kar faisla kar sakta hai……..
REPLY
gyanesh
APRIL 24, 2015 AT 8:17 AM
ati uttam
REPLY
सुनील
AUGUST 9, 2016 AT 7:06 AM
मैं सत्यार्थ प्रकाश पढ़ा हूँ । आर्य समाजी को ज्ञानी मानता हूँ । लेकिन ब्रह्मा कुमारी वाले सही हैं ।
REPLY
Amit Roy
AUGUST 9, 2016 AT 8:00 AM
सुनील जी
यदि आप सत्यार्थ प्रकाश सही से पढ़े होते तो आप ब्रह्मकुमारी वाले को सही नहीं मानते | ब्रह्मकुमारी वाले की कौन सी बात आपको सही लगा यह जानकारी देना जी | फिर उस बात पर चर्चा करने की कोशिश की जायेगी | धन्यवाद
REPLY
Rakesh Bihari Jain
OCTOBER 5, 2016 AT 3:59 AM
वे लोग किस बात मे सही हैं, बता सकते हैं? इस लेखराज का ही शरीर क्यूँ चुना उसने(ईश्वर ने) अपनी गीता सुनने के लिए? अपने आप को प्रजापिता ब्रह्मा कहता है, शिव बाबा भी कहता है और गीता सुनने वाला कृष्ण भी कहता है; याने यह आख़िर क्या कहना चाहता है और क्या साबित करना चाहता है? फिर उसमे येशू ख्रिस्त या अल्ला के किसी फरिश्ते ने क्यूँ प्रवेश नही किया? उसके मुह से बाइबिल या क़ुरान क्यूँ नही निकल रही(यदि ऐसा कहेगा तो दूसरे ही दिन उसके सारे आम पिटाई हो जाएगी)? गीता झुटि है, उसमे अपभ्रंश आ गया है, तो, उसने बताना चाहिए की कौनसा श्लोक भ्रष्ट है और कैसे? उसी तरह उसने सही सही बताना चाहिए की आख़िर वह शिव, ब्रह्मा या कृष्ण मे एकज़ेक्ट क्या है? उसका पिछला इतिहास क्या है? कहाँ से आया? पहले क्या करता था? क्या उस पर कहीं किसी (सिंध राज्य के) थाने मे अपराधिक मामला दर्ज हुआ था? उसमे प्रजापिता ब्रह्मा-शिव-कृष्ण इनमे से एकज़ेक्ट किसने प्रवेश किया? उसने इनमे से किसे और कैसे पहचाना? उन तीनों ने एक साथ उसके शरीर मे प्रवेश कैसे किया? उसके मुह से कौनसा देवता कब और क्या बोलता है इसकी जानकारी उसे कैसे होती है. यही वे देवता हैं और उसके शरीर से बोलते हैं यह किसने साबित किया? कल तो कोई भी मनोरोगि उठ कर कहेगा उसके मुह से येशू खिस्त बोल रहा है, अल्ला का कोई फरिश्ता(जिब्राइल) वग़ैरह बोल रहा है. तो क्या सबने उसी पर विश्वास करके अनुयायी बन जाना चाहिए?
REPLY
ramesh chandra tripathi
MARCH 7, 2017 AT 2:48 PM
Bhagwan kisi ke tan me aayen ho questions Kerne wale question hi kiye hai. Purani sari kahani me.
REPLY
Lali
JUNE 8, 2017 AT 2:02 PM
Mujhe sirf itna batao ki kya ram ji or krishan ji es duniya main aaye hai jo wo purane ithas main likh hai sirf yes or no main
REPLY
Amit Roy
JUNE 9, 2017 AT 7:58 AM
raam krishn koi kaalpanik nahi unka janam is dharti par huwa thaa….
REPLY
aarti kesherwani
MARCH 12, 2017 AT 4:35 PM
Aap jaker 7day course Kr le Clear ho jayega
REPLY
Amit Roy
MARCH 13, 2017 AT 2:35 AM
aarti ji….
yah aap log kyu bolte ho 7 din kaa course kar lo ji…. ham to aapke bk ke watsaap group me lagbhag 1 saal se hain… hame to kuch achhai najar nahi aayi…..
REPLY
rajesh kumar gupta
JANUARY 13, 2017 AT 11:30 AM
भाई मै कई शालो से अधर मे लटका पडा हूं बीके मेरी समझ आता है पर चल नही पाता और अन्य भक्ति मार्ग मेरी समझ मे नही आता मै तो शिव को जानता हूं वही परमात्मा है।इस लेख को पढकर मुझे लगा की आप लोग सही दिशा सही ग्यान देगे जो कि घर मे रह बगैर सरदर्दी के हम निभा सके
बीके बुराई करने लायक सौदा नही है लेकिन कुछ बाते जैसे पती पत्नी दूर रहे आदि कई बाते ।
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 8:25 PM
Dekhiye jee aap ne apane bheja me satya jhooth , paap punya achcha bura dharm adharm etc. Ko dal rakha hai isi karan aap ko sirdardi ho raha hai in sab ko bahar nikaliye sab thik ho jayega.
REPLY
अत्रि देव
AUGUST 26, 2015 AT 10:29 AM
बहुत बढ़िया लेख है। रंगे सियार हैं ये ब्रह्मकुमारी वाले। इनकी सच्चाई सामने आनी चाहिए।
REPLY
Pushpendra
OCTOBER 22, 2016 AT 5:40 PM
Bhai mujhe lagta hai brahma Kumari ke Karan aap logo ka dhanda chopat ho gaya h
REPLY
Rishwa Arya
OCTOBER 23, 2016 AT 2:36 AM
Ham koi dhandha naheen karte bandhuwar
darad kisko ho raha hia sabko pata hai
REPLY
anish sain
DECEMBER 22, 2016 AT 12:38 PM
shi bole bhai
REPLY
aarti kesherwani
MARCH 12, 2017 AT 4:36 PM
Sahi h
REPLY
Amit Roy
MARCH 13, 2017 AT 2:41 AM
kya sahi hai ji….
REPLY
Vinay mishra
APRIL 8, 2017 AT 5:21 PM
Mere Nana g last 40+ year se Jude hue ..baba se unke swayam k anubhav se me bhi baba ko manane laga unka dhyan karane laga aur mujhe lgta h baba ek ishwariya shakti h…mene feel kiya h….om shanti bhai g
REPLY
Amit Roy
APRIL 9, 2017 AT 4:06 AM
andhvishwaas ki koi tulna nahi ki jaa sakti ji… sachin tendulkar tak ko bhagwaan bana diya hai … soch aapki vichaar aapki… aasthaa aapki…
REPLY
Naresh Tiwari
AUGUST 26, 2015 AT 1:14 PM
तुम्हारे कहने से सच्चाई नहीं बदल जायेगी | परमात्मा एक है | और आत्मा का उससे क्या सम्बन्ध है ये तुमको बह्मकुमारी ही समझा सकती है| अगर तुमको सही ज्ञान नहो है तो कम से कम लोगो को तो मत बरगलाओ | पहले उस परम सक्ति को पहचानो जिसका नाम शिव है | और वही सत्य है| सत्यम शिवम् सुंदरम |
ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति। ॐ शांति।
REPLY
Rishwa Arya
AUGUST 27, 2015 AT 4:02 AM
Namste Tiwari Ji,
Arya samaj siddhantah Satya ke grahan ke liye hamesha udhyat rahta hai.
YAdi aapke pas tark hein uparyukt lekh ko galat sahib karane ke liye to aapke tarkon ka swagat hai .
REPLY
Rakesh Bihari Jain
OCTOBER 5, 2016 AT 4:03 AM
वे लोग किस बात मे सही हैं, बता सकते हैं? इस लेखराज का ही शरीर क्यूँ चुना उसने(ईश्वर ने) अपनी गीता सुनने के लिए? अपने आप को प्रजापिता ब्रह्मा कहता है, शिव बाबा भी कहता है और गीता सुनने वाला कृष्ण भी कहता है; याने यह आख़िर क्या कहना चाहता है और क्या साबित करना चाहता है? फिर उसमे येशू ख्रिस्त या अल्ला के किसी फरिश्ते ने क्यूँ प्रवेश नही किया? उसके मुह से बाइबिल या क़ुरान क्यूँ नही निकल रही(यदि ऐसा कहेगा तो दूसरे ही दिन उसके सारे आम पिटाई हो जाएगी)? गीता झुटि है, उसमे अपभ्रंश आ गया है, तो, उसने बताना चाहिए की कौनसा श्लोक भ्रष्ट है और कैसे? उसी तरह उसने सही सही बताना चाहिए की आख़िर वह शिव, ब्रह्मा या कृष्ण मे एकज़ेक्ट क्या है? उसका पिछला इतिहास क्या है? कहाँ से आया? पहले क्या करता था? क्या उस पर कहीं किसी (सिंध राज्य के) थाने मे अपराधिक मामला दर्ज हुआ था? उसमे प्रजापिता ब्रह्मा-शिव-कृष्ण इनमे से एकज़ेक्ट किसने प्रवेश किया? उसने इनमे से किसे और कैसे पहचाना? उन तीनों ने एक साथ उसके शरीर मे प्रवेश कैसे किया? उसके मुह से कौनसा देवता कब और क्या बोलता है इसकी जानकारी उसे कैसे होती है. यही वे देवता हैं और उसके शरीर से बोलते हैं यह किसने साबित किया? कल तो कोई भी मनोरोगि उठ कर कहेगा उसके मुह से येशू खिस्त बोल रहा है, अल्ला का कोई फरिश्ता(जिब्राइल) वग़ैरह बोल रहा है. तो क्या सबने उसी पर विश्वास करके अनुयायी बन जाना चाहिए?
REPLY
aarti kesherwani
MARCH 12, 2017 AT 4:39 PM
Isliye koi aur majhab nhi nikla qki shiv parmatma sabhi aatmao k pita h. Aur Devi dewta dharm 1h. Abhi bhagwan khud sbhi aatmao ko Geeta gyan de rha h. Aur sbhi kitabo ko samjha rhe hain
REPLY
Amit Roy
MARCH 13, 2017 AT 2:46 AM
shiv bhi parmatama kaa ek naam hai ji… magar aapke shiv 4 shir waale hain haath paanv hain us tarah ki maanta ko ham nahi maante…. ham bhi geetaa ko maante hain… hame yah batlana geetaa kaa updesh 5152 saal pahle di gayi thi jabki bk ke hisaab se 5000 saal ki srishti hoti hai to yah bk waale jhute aur galat pramanit nahi huye ????
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 8:38 PM
Dekhiye ji sachchai chup nahi sakati banawat ke vasoolo we aour khusabu as nahi sakati kabhi kagaj ke phoolo se.
REPLY
aarti kesherwani
MARCH 12, 2017 AT 4:40 PM
Isliye koi aur majhab nhi nikla qki shiv parmatma sabhi aatmao k pita h. Aur Devi dewta dharm 1h. Abhi bhagwan khud sbhi aatmao ko Geeta gyan de rha h. Aur sbhi kitabo ko samjha rhe hain .koi b gyan sun sakta h
REPLY
Amit Roy
MARCH 13, 2017 AT 2:51 AM
ham bhi is baat se swikaar karte hain parmatama aatma ke pita hain…. magar wah parmatama nirakara hai… aur aatmaa bhi. parmaatama bas aatma kaa pita ki tarah paalan karta hai… are geeta se bhi charchaa karna chaho to aap hamare fb page par aaye geetaa ke screenshot ke saath charchaa ki jaayegi… dhanywaad
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 8:34 PM
Shiv to kartik ganesh ke pita the sabake banane kyo jayenge. Sabke banenge to etane ko sambhalenge kaise oh sayad sambhal nahi paye isi liye bahut se bachche nalayak ho gaye hai is duniya me. App ko pata hai jab tak aap jivit hai tabhi tak sab satya hai, marane ke baad sab jhooth.
REPLY
Karan
NOVEMBER 17, 2016 AT 8:38 AM
Om shantI bhay sty mashus kijiye tab likhiye.
REPLY
Rishwa Arya
NOVEMBER 17, 2016 AT 10:40 AM
तभी तो लिखा है
REPLY
aarti kesherwani
MARCH 12, 2017 AT 4:42 PM
Aap khud apne aap ko ni Jante vastav me aap ek aatma ho
REPLY
Amit Roy
MARCH 13, 2017 AT 2:53 AM
are ham bhi bolte hain ki ham aatama hai… aur aatma ko ham khud nahi jaan sakte… aatma ko nahi dekh sakte. agali baar kaun saa janam hoga. pichhali baar kaun saa janam huwa yah bhi ham nahi jaan sakte….
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 8:55 PM
Yeh aap ko kis murkh ne bataya ji, koun gyani mil gaya jee appaka dimag kharab hai use thin karo. Gita nahi padha to gita Saar padho usaka arth bistar karake likho usake baad kya gyan milata hai dekho him logo ki sachchi ohi hai.
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 8:19 PM
Tiwari jee ab aap ne pahachan liya shiv baba ko ab to aap brahm kumari me sath satyayuga me jayenge sour 2500 salo tak maja karenge. Congratulation tiwari jee.
REPLY
raveena
NOVEMBER 14, 2015 AT 10:42 AM
Jo premmay iswar ki upasna karta hai wo itne kadwe kaise likh sakte hai. Bhagwan ke pass jane ke liye ek hi rasta nahi hai. Hame aapas me pyar se rahna chahiye na ki aaps me ladna
REPLY
Rock veeru
NOVEMBER 23, 2015 AT 5:25 PM
Bat to aapki sahi hai ki hume mil julkar rehna chahiye par mera manana hai ki bhawan hai he nhi to hum in par bharosa kyo karte hai. Yahi humari backside jane ki nishani hai. मैं मानता हुॅ कि हम सब भगवान है ।क्योंकि भगवान 5 अक्षर से मिलकर बना है।भ:-भुमि
ग:-गगन
व:-वायु
आ:-आग
न:-नीर।।।।।
और यही पंचतंत्र है जो एक जीव मे ही होते है
My whatsapp no :-9671431493
REPLY
Rishwa Arya
NOVEMBER 29, 2015 AT 2:56 AM
Ydi ham bhagwaan hein to hamen dukh sukh irshya aadi kyon hote hehin ye to jeev ke lakshn naheen hein
aap neeche dee huyin link par jake adwaitvaad jisakee aap bat kar rahe hein usake bare men jan sakate hien
http://aryamantavya.in/category/adwaitwaad-khandan/
REPLY
Rock veeru
NOVEMBER 29, 2015 AT 4:51 PM
Yahi to humein insaan banati hai. Agr ye sab control ho jaye to hum bhagwan he hai
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:28 AM
Agar hum common man ban jaay to humari sabhi samasya dur ho jayegi, Lenin hum gyani, pandit, mulla , Hindu Muslim Sikh, isai, paapi , puny banana chahate hai, yehi par hum galati kar rahe hai him insaan nahi banana chahate hai.
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 9:04 PM
Bilkul satya, kyo ki hum log sabhi bhagawan hai , Hume kisi ka gyan Lena hi nahi hai , jitana bhi bahari gyan bhara hai use nikaal do. All is well ho jayega. Yaar bhagawan mukho se kyo gyaan leta hai jee khud ki bati jalao
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 8:46 PM
Bilkul sahi rabina jee bagawan ke pass jaane kaa ek hi rasta hai jee mout , mene eisa suna hai ki marane ke baad bhagawan me pass Jana hai, mujhe ye samajh me nahi aata logo ko bhagawan se milane ki jaldi kyo hai , marane ke baad khud pata chal jayega. Abhi jara khulkar ji lo phalatu tension kyo paal rakhe ho, oh app ko kahi swarg jaane ki koi sawari mil gayi hai kya
REPLY
a k sureka
NOVEMBER 18, 2015 AT 9:09 AM
I m a businessman in delhi & a student of brahmakumaris since 1999 . From my 16 years experience with this Godly university, I can say that this is the only organization who is giving true godly knowledge. From brahmakumaris I learn rajyoga meditation and learn how to live a blissful life.
REPLY
Rishwa Arya
NOVEMBER 18, 2015 AT 9:14 AM
Pls do reply on the objection raised in the article.
REPLY
Rock veeru
NOVEMBER 23, 2015 AT 5:27 PM
Ye jitne bhi baba hai sab dhongi hai
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 9:08 PM
Yaar tumhara dimag thik ho gaya hai. Please dusaro par bhi thodi daya karo.
REPLY
om prakash tiwari
NOVEMBER 30, 2015 AT 11:49 AM
Brahmakumari ka knowledge logically and scientifically satya hai. Yeh vedo ke knowledge se mail khata hai
1) aatma , param+aatma =paramatma, prakati •- अविनाशी है|
Ved bhi yahi kahate hai
2) यह सृष्टि-चक्र अनादि , अविनाशी , अपरिवर्तनीय है|
३) सृष्टि अनादि होने कि वजह से कब बनी , कितने साल पुरानी है, यह सवाल ही नही उठ सकता है|
REPLY
Rishwa Arya
NOVEMBER 30, 2015 AT 12:09 PM
Tiwari ji Brhamkumari to kahatee hai ki Parmatma to sab jagah naheen hai ?
fir ye vedon ka gyan kaise ho gaya?
REPLY
om prakash tiwari
NOVEMBER 30, 2015 AT 12:14 PM
Maine bola mail khata hai, maine yeh nahi kaha ke pura ka pura
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 8:55 AM
Are bhai paramatma San jagah hota to duniya me murder , rap, danga fasad, itane dharm nahi hota ek hi charm hota, aap kio akal hai yaa nahi logo ko padha rahe hai.
REPLY
om prakash tiwari
NOVEMBER 30, 2015 AT 12:50 PM
Paramatma har jagah nahi hai yeh baat satya lagati hai. Ham paramatma ke mahima me bolte hai, santi ka sagar
, prem ka sagar, sukh ka sagar, ab agar paramatma har jagah hai to yeh गुण bhi har jagh hona chahiye. Kya aisa hai?
2)hum bolte hai ke parmatma awataar leta hai, धर्म ग्लानि ke samaya aata hai,
Agar वह सर्वव्यापी है, तो आए कहाँ से? Avwataar kaise le?
3)
REPLY
Rishwa Arya
DECEMBER 1, 2015 AT 3:34 AM
Tiwari ji, Parmatma to awatarit naheen hota ye to Ved ke virduddh siddhant hai jo aapne kaha.
Parmatma to sarv vyapak hai isliye usakaa Awataran naheen ho saktaa.
Behtar hai aap Rishi Dayanand dwara likhit “Satyarth Prakash Padhen”
http://www.satyarthprakash.in aap yahan se padh sakte hein.
REPLY
Satyendra
SEPTEMBER 5, 2016 AT 8:01 AM
आर्या जी अगर परमात्मा सर्व व्याप्त है तो आतंकवादियो में, वेश्याओं में, चोर डाकुओ में, बलात्कारियो में सभी में परमात्मा हुआ | तो आप मुझे बताइए इन सभी के अंदर परमात्मा है तो ये सभी लोग गलत काम क्यों करते है क्योकी परमात्मा गलत कार्य कर ही नहीं सकते | क्या आप के पास मेरे इस प्रश्न का सही उत्तर है ?
REPLY
Amit Roy
SEPTEMBER 6, 2016 AT 1:09 AM
हमारे इस लेख को पढ़े आपको जवाब मिल जायेगी पूरी
http://aryamantavya.in/parmatma-ke-ikshaa-ke-bina/
धन्यवाद
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:08 AM
Dekhiye jee kabir days jee me thik hi kaha tha ki ,, pothi padhat yug bhaya pandit hua naa koi dhai aakhar pyra ke Jo na padhe kabhi naa pandit hoy. Aour ek ,,,,,, maala pherat yug mita mita naa man kaa pher manaka manaka Dari ke manaka manaka phere. Sabhi Jo pahale se lekar abhi tak khud ko gyani pandit maan kar gyan de rahe hai ve sirf hum logo kaa brain wash kar rahe hai ,apani jayakar lagaane ke liye aour him murkh unlogo ki baato me phase huye hai , kal ki baato ko nahi chod rage hai to nayi kya banaye ge , hum atith me hi jiyenge
REPLY
om prakash tiwari
NOVEMBER 30, 2015 AT 2:40 PM
Brahmakumari ke anusaar is kalyug ka vinash bhi nikat hai. Aur iska vinash atomicbombs, naturalcalamatices , civil waar se hoga.
REPLY
Rishwa Arya
DECEMBER 1, 2015 AT 3:39 AM
Bhramkumari ke anusar to srishi ko bane 5000 sala huye hein kya aap ye manate hien
REPLY
om prakash tiwari
NOVEMBER 30, 2015 AT 2:59 PM
Brahmakumari ke anusaar is kalyug ka vinash bhi nikat hai. Aur iska vinash atomicbombs, naturalcalamatices , civil waar se hoga.
Yeh baat 1936 me boli gayi the jab paramanu bomb bana bhi nahi tha.
Jahir se baat hai ke yeh baat to ab sab manange . sochne waali baat hai ke yeh weapons bane he kyu hai? Kya isse yudh nahi hoga? Kya isse shanti hogi? Paach tatavo ke beech santulan bigad
Raha hai.
Kya nahi lagta ke hum vinash ke nikat hai?
REPLY
Raman Bharadwaz
MARCH 30, 2017 AT 3:15 PM
2036 tak ham Yu baat Kar sakta hai kyuki tatpaschyat Koi ek hi khega Aur dusra sunega ………..if you believe in your baba then u still have patience till….
REPLY
Amit Roy
MARCH 31, 2017 AT 10:54 AM
are kiski baat sahi ai ji koi bolta hai islaam pura sansaar ho jaayega koi bolta hai isai ho jaayega koi bolta hai brahmkumari ho jaayega aakhir baat kiski sach hotii hai intjaar kar le 2036 tak.. tab tak apana vichaar naa dein .. dhanywaad
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:16 AM
Abe an 2036ke naam se logo ko kyo dara Raha hai, pahale to aap logo ko apane brain kaa ilaj kara Lena chahiye kyoki aap logo ke brain me bahut kachara jama ho gaya hai kachara nikaliye aour dusaro me brain me Jo kachara bhar rahe hai gyan samajh kar use band Kate, kyoki aap sabhi maha murkh hai. Bachcho ki tarah aap ke andar dar bass hua hai, paap punya ke chakkar me aap log bakawas kar rage hai.
REPLY
Rishwa Arya
MAY 24, 2017 AT 4:12 PM
salah ke liye dhanyawad
REPLY
Manish Kumar
DECEMBER 15, 2015 AT 12:23 PM
Sorry but this post is full of lies about brahmakumaries institution and just a propaganda to defame them. The writer is trying to b a false representator of Hindu vaidik culture or sanatan dharma.
Thanks and be righteous first before teaching others about righteous.
REPLY
Rishwa Arya
DECEMBER 16, 2015 AT 6:02 AM
Please do inform what wrong is written int his article
REPLY
सागर
DECEMBER 17, 2015 AT 7:04 PM
आपके लेख से एक बात तो साफ है कि आप उभरते और उच्च पद पर आसीन लोगो पे आरोप लगा के नज़रो में आना चाहते हो जिससे आपका बुरा ही सही कम से कम नाम हो जाये और आरोप लगा के अपना प्रचार प्रसार करके धन कमाया जा सके। पहले इस्तेमाल करे फिर विश्वास करे ये पंक्ति यहां उचित बैठती है। आपको एक बार देवी शिवानी के लेख उनका प्रसारण तन्मयता से देखना चाहिए तब आपको सच झूठ का फर्क दिख जायेगा। मुझे आपके धर्म पर ही शक हो रहा है कहीं पता चले कोई फ़र्ज़ी नाम और धर्म से हमारे धर्म को कलंकित और आरोप ऐ मढ़ना चाहता है। पर एक बात याद रखना सूरज को बोलोगे कि अपनी रौशनी मत दे तो आप मुर्ख हो या तो आप अंधे बन जाओ या फिर आँखे बन्द कर लो पर आप सूरज को ये नही कह सकते की प्रकाश फैलाना बन्द कर दो क्योंकि उससे आपको दिक्कत है पर अनेक लोगो का जीवन उस पर निर्भर है ठीक यही चीज़ यहां भी लागु होती है !!
ध्यान से आरोप लगाओ और समझदारी से
क्योंकि आरोप में कोई दम नही है और अगर नाम और काम करना है तो ईश्वर भक्ति के साथ करो न कि आरोप लगा के। ये एक कायर वाला तरीका है
जयश्रीराम
REPLY
Rishwa Arya
DECEMBER 18, 2015 AT 3:22 AM
नमस्ते सागर जी
केवल आरोप लगाने से कुछ नहीं होता
यदि हमारे लेख में कुछ तथ्यात्मक गलतियाँ हैं तो वह उजागर करें
और यह लेख लेखक ने स्वतः नहीं लिखा अपितु ब्रह्मकुमारी संस्था के लेख के प्रतिउत्तर में लिखा है
यदि आपको इस लेख के किसी हिस्से से आपत्ति है तो उसका वर्णन और खंडन करें
धन्यवाद
REPLY
Rakesh Bihari Jain
OCTOBER 5, 2016 AT 4:06 AM
वे लोग किस बात मे सही हैं, बता सकते हैं? इस लेखराज का ही शरीर क्यूँ चुना उसने(ईश्वर ने) अपनी गीता सुनने के लिए? अपने आप को प्रजापिता ब्रह्मा कहता है, शिव बाबा भी कहता है और गीता सुनने वाला कृष्ण भी कहता है; याने यह आख़िर क्या कहना चाहता है और क्या साबित करना चाहता है? फिर उसमे येशू ख्रिस्त या अल्ला के किसी फरिश्ते ने क्यूँ प्रवेश नही किया? उसके मुह से बाइबिल या क़ुरान क्यूँ नही निकल रही(यदि ऐसा कहेगा तो दूसरे ही दिन उसके सारे आम पिटाई हो जाएगी)? गीता झुटि है, उसमे अपभ्रंश आ गया है, तो, उसने बताना चाहिए की कौनसा श्लोक भ्रष्ट है और कैसे? उसी तरह उसने सही सही बताना चाहिए की आख़िर वह शिव, ब्रह्मा या कृष्ण मे एकज़ेक्ट क्या है? उसका पिछला इतिहास क्या है? कहाँ से आया? पहले क्या करता था? क्या उस पर कहीं किसी (सिंध राज्य के) थाने मे अपराधिक मामला दर्ज हुआ था? उसमे प्रजापिता ब्रह्मा-शिव-कृष्ण इनमे से एकज़ेक्ट किसने प्रवेश किया? उसने इनमे से किसे और कैसे पहचाना? उन तीनों ने एक साथ उसके शरीर मे प्रवेश कैसे किया? उसके मुह से कौनसा देवता कब और क्या बोलता है इसकी जानकारी उसे कैसे होती है. यही वे देवता हैं और उसके शरीर से बोलते हैं यह किसने साबित किया? कल तो कोई भी मनोरोगि उठ कर कहेगा उसके मुह से येशू खिस्त बोल रहा है, अल्ला का कोई फरिश्ता(जिब्राइल) वग़ैरह बोल रहा है. तो क्या सबने उसी पर विश्वास करके अनुयायी बन जाना चाहिए?
REPLY
बालाजीदत्त
DECEMBER 18, 2015 AT 12:52 PM
निरञ्जन निराकारो एकोदेवो महेश्वर:– शिव स्वरोदय तंत्र
सबसे scientific व logical आत्मा परमात्मा का ज्ञान , ब्रह्माकुमारीज वाले ही देते है
व सबसे अच्छी साधना गायत्री परिवार वाले बताते है
और संसार से पार जाने व मोक्ष की प्राप्ति का विधान कबीरपंथी वाले बताते है ।
आर्य समाज वाले केवल अच्छी बहस कर सकते है लेकिन साधक की जिज्ञासा को शान्त नहीं कर सकते न ही जीव के कल्याण का सरल मार्ग बता सकते है ।
REPLY
Rishwa Arya
DECEMBER 19, 2015 AT 1:04 PM
🙂
Mahoday kya sansar ko bane 5000 sal hee huye hien ?
REPLY
Drashwin
JULY 3, 2016 AT 9:09 AM
Gita mai krishna sab hai
Shivpuran mai shiv sab hai
Srusti ka kram kisi ke baap main todne ki himmat nahi
Kalyug Shiva puran main Hi 450000 years hai to 5000 year mai kalyug pura nahi ho sakta
Or kalyug me 5000 sale pure hue hai aissa sarv jan ka maanna hai
Kya Sab log apne dharm ke liye rote ho
Apne dharm main kon bada hai koi nahi bata sakta
Pura praman laiye sab koi
Praman veda mai hai . kyu ki sabse pahle veda Hi tha
Sab dharma vaale sabko ullu bana rahe hai yahi sahi hai
Shiva ne kaha mera ist raam hai or raam ne kaha mera ist Shiva hai to aap sab agyani apna gyaan kyu West karte ho
Koi bada nahi maanav bada banna chahta hai or kuch nahi
Or bramhakumari ki baat bhi sahi hai ullu bano sab bannane baithe hai
Khud ke underground main jank prabhu vahi milenge yaar ….
Aastu
REPLY
Rishwa Arya
JULY 3, 2016 AT 1:54 PM
Ved hee sab staya vidyaon ka pustak hai
Gyan ki taraf lauto
satya ko sweekaren
REPLY
PREM BAHADUR KC
JULY 9, 2016 AT 6:54 AM
OUM…
NAMASTE..
BALAJI BANDHU, AAP HAR JAGAH SARAL MARG DHUDTE FIROGE TO NAHIN MILEGI…..SATYA KEVAL YEK HI HOTA HAI…SATYA MAARG BHI YEK HAI….OH HAI VEDA KI MAARG…AAP LOG OH MAARG BHOOL CHUKE HO…MAARG SE BHATKE HUE LOGON KE LIYE AB YEK HI VIKALP HAI- VEDA AUR EESHWAR, EESHWAR SE KSHEMA-YACHANA-PRARTHANA KARO APNI BHYOOL SWIKAR KARO AKAL KI AANKH KHOLO..TAB MUKTI MILEGI….KHUBCHAND KRIPALANI TO MAR GAYE OH NAHIN AATE KISI KO MUKTI DILANE KE LIYE…
BAAT KO SAMAJH JAAO…THIK HE… EESHWAR SAB KO SADBUDDHI DE…
OUM…
REPLY
Anil Arya
SEPTEMBER 17, 2016 AT 3:08 PM
Aryasamaji kiso ko dhokha nahi deta……
REPLY
Reena
DECEMBER 20, 2016 AT 2:02 PM
Bilkul sahi kha aapne
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:20 AM
Are bhai him de dete hai , jaisi karani waisi bharani, arth karm me anusaar hi aap ko phal milega. Baki sab gyaan bakawaas hai jee.
REPLY
Sagar
JANUARY 20, 2016 AT 10:37 AM
ishwar ke baare me koi bhi achhe se nhi jaanta..jo jo yaha pe comment kr raha hai….
REPLY
Gokul Kakarwal
MARCH 18, 2016 AT 6:37 AM
Om Shanti
REPLY
Amit Roy
MARCH 20, 2016 AT 6:36 AM
सागर साहब क्या आप जानकारी देने कि कृपा करेंगे इश्वर क्या है
REPLY
om prakash pal
MAY 1, 2016 AT 11:12 AM
Mai abhi kuch nahi bol sakta
REPLY
Brajesh Kumar
MAY 8, 2016 AT 10:19 AM
ईश्वर, सचिच्दानन्द, स्वरूप,निराकार सर्व शक्तिमान, न्यायकारि, दयालु अजन्मा,अनन्त,निरविकार,अनादि,अनुपम,सर्वाधार,सर्वेश्वर,सर्वअन्तरयामि, अजर,अमर, अभय नित्य,पवित्र और सन्सार का उत्पत्ति कर्ता है उसी की उपासना करनी योग्य है ।। जिसमें यह गुण विद्यमान हैं वह ईश्वर है।।
REPLY
सुनील
AUGUST 9, 2016 AT 7:17 AM
शिव ज्योति
REPLY
Amit Roy
AUGUST 9, 2016 AT 8:01 AM
इससे आप क्या बतलाना कहते हैं जी |
REPLY
Arjun adhikari
MAY 11, 2016 AT 3:01 AM
Ach kal pakhanda bohut bad gaya hain ——-aapne dimak me jo aaya so bak te rehe te hain ——iswer krit ved ko nahi dekhte na padte na sunte —–
agar pado ge to sab galat pheli thik ho jaye ki ——-
—sab anda viswas hain —-ved pado to aaakhe khul jaye gi —–muje bhi kuch bhi pata nahi tha ——-jab maile satyarth prakas pada to muje sachhi iswer ki pehechan huyi ————————-brahma kumari ki tara hi —-hara rou lok hain jo apne apne mat chala rakhe hain——-sab mapne mat kohi sacha gyan bata te hain ———-agar ved ka gyan hota to ye sab nahi bakte —-isliye me kehe ta hu —–kisi ka baat aakhmuch kisike pixe mat pado—–khud sab dharma ke dharma sastra pado ——phir khud samaj jaoge satya kya hain———–satyarth prakash pado ge to sab gharma sastra ki hall nikal aye gi
REPLY
neha
JULY 13, 2016 AT 11:22 AM
Mjhe bhi lgta hai ki Brahma kumaris wall ki saare baatein true h
REPLY
Rishwa Arya
JULY 20, 2016 AT 3:31 PM
dEVI SE AAPKA MAT HO SAKTA HAI LEKIN SATYA NAHEEN
REPLY
DEEPAK
JULY 29, 2016 AT 2:25 PM
Agar Barhmkumaries galat hai to satya kya hai ? Bhram mat failay agar satya hai to samna karaye .
REPLY
Amit Roy
JULY 29, 2016 AT 3:58 PM
दीपक जी
यह आपके हिसाब से सत्य क्या है यह आप जानकारी दें फिर उसपर आगे चर्चा की जायेगी |
REPLY
sanjit
MAY 10, 2017 AT 7:32 PM
Are bhai jitane bhi dharm abhi tak app ne dekha hai sabhi to brain wash kar ke apane dharm ki dukan chala rahe hai, lekharaj jee ne yehi sikh duniya she Lee aour apani dukan chala di galat kya kar diya app mujhe kisi bhi dharm ka koi mahapurush dikha de Jo koi chamatkar kar diya ho , kyoki is duniya me ye impossible hai, agar aisa hota to Krishna Mahabharata me arjun ko gita kaa gyan nahi dete, khud hi papiyo kaa Nash kar dete. Aap apani brain chetana ko jagao app ko maloom pad jayega ki ye sab pakhandi logo ko murkh bana rage hai, swarg nark aour paap punya ke chakkar me , agar eisa kuch hota to duniya aaj eisi nahi hoti, ye pakhand aam logo ko loot kar apana ghar bharane ki mouj karane ke liye kiya jaa raha hai , Jo sadiyo she ho raha hai, ishwar ka gyan kisi ko abhi tak nahi , sirf aam logo ko sadiyo se murky banaya jaa raha hai, jab tak log achetan rahege ye pakhandi aap ko padhate rahenge Jo khud maha murkh hai o maha gyani is duniya me ban baitha hai , kyo ki hum logo ka brain kharab hai thik se kaam hi nahi karata, samajhe
REPLY
sanjit
MAY 10, 2017 AT 7:41 PM
Dekhiye jee aap Jo satya janana chahate hai na jite ji kisi ko satya ka gyan hua hi nahi , sadiyo se kuch gyani logo ko murkh bans rahe hai aour apani satta chala rahe hai, app sirf ek mahapurush kaa naam bata dijiye jisake chamatkaar ko puri duniya manati ho, sirf kisi ek sampraday yaa dharm ke manane wale ko chodakar, kyoki yesa kuch hota nahi hai sab dukan chala rahe hai apana saman acha hai sabhi bolate hai , kyoki sab business kar rahe hai jisaka naam religion ya dharm rakha gaya hai, aap ke pass koi sahi uttar hai kya.
REPLY
Ashok
JULY 31, 2016 AT 1:57 AM
शरीर वाली माँ एक बच्चे को जन्म दे कर उसके सारे कार्य करती है, जबतक एक बच्चा पढ लिख कर अपने पैरो पर खडे रहकर अपने बलबूते पर सही सही जीना सीख ले। पर एक माँ बिना शरीर वाली जीससे यह शरीर चलता फिरता और सारे कर्म जीससे हो पा रहे है। हरेक जीव और मनुष्य शरीर की वह है सारे जीवो की शक्ति। जो अच्छे बूरे इन्सान सभी के पास हो सकती है शक्ति। पर बिना शरीर वाला बाप सबके पास नहीं हो सकता वह एक समय पर एक ही के पास हो सकता है, वह है ईश्वर, आत्म ज्ञान। शक्ति शरीर में मनुष्य सारे शरीर मे कही भी अनुभव कर सकता है। पर ईश्वर अनुभूति उसे सिर्फ और सिर्फ संयम नियम, त्याग समर्पण, प्राणायाम होने के बाद निर्विचार स्थिती में ईश्वर अनुभूति होती है जीससे सारे ब्रह्मांड के खेल जारी है, जो अजन्मा है, जो अकाल पुरुष, स्त्री भी है। नोंध: ईश्वर को शरीर नही है ईश्वरसे शरीर और सारा कुछ है तो लिंग भेद का प्रश्न नही उठता है। जब भी कीसी मनुष्य शरीर में जीव को ईश्वर अनुभूति हूई है तब वह असल मे वास्तव वर्तमान मे ही रहता है और सबका सहारा छोड, सभी कुछ जीससे है उस ईश्वर परायण हो कर अमर हो जाता है। ईश्वर वही है जीसकी सत्ता के बगैर पता भी नही हिलता। धन्यवाद।🙏।। शुभ प्रभात।।🙏
REPLY
प्रकाश
AUGUST 3, 2016 AT 5:15 PM
ब्रम्हाकुमारी संस्थान पूरा बकवास है ।
ये कलयुगी राक्षस है जो समाज को सत्य से हटाकर अपने मन घड़ंत बातो में फसा रही हैं।
इनका बहिष्कार करना सबके हित में हैं।
REPLY
Bishwa
AUGUST 8, 2016 AT 5:56 PM
I feel that they are bickering over nonsense matters. Does a rose laugh at lily? I think it is neither rose nor lily, simply my mirage!
Dear ones,
Refine yourself,
Hinduism is beyond your petty minds
Parochial horizons!
REPLY
Amit Roy
AUGUST 9, 2016 AT 8:18 AM
बिश्वा जी
सबसे पहले क्या आप इस बात की जानकारी देने की कष्ट करेंगे की धर्म किसे कहते है | और ये आपस में कलह नहीं कर रहे जी चर्चा कर रहे हैं जिससे इन्हें सत्य का ज्ञान हो सके और सत्य मार्ग को ग्रहण कर सके | धन्यवाद
REPLY
सुनील
AUGUST 9, 2016 AT 7:24 AM
मैं बचपन से पुजारी था । पर शास्त्र इत्यादि के ज्ञान से अचंभित था । फिर धीरे धीरे सत्य की खोज करने लगा । पुराण गलत लगा । वेद और गीता के श्लोक अच्छे लगे । फिर अन्ततः इसके आधारित ज्ञान मुझे ब्रह्माकुमारीज़ में मिला । मैं धन्य हो गया ।
अगर कोई ये संसथान से जुड़कर बैरागी पन को पागलपन तक ले जाकर बदनामी करता है तो उनका भाग्य फूटा है।
REPLY
Amit Roy
AUGUST 9, 2016 AT 8:06 AM
सुनील जी यदि आप वेद पढ़े होते तो श्लोक नहीं बोलते जी आप | वेद में श्लोक नहीं होते जी | वेद में मंत्र होता है जी | यदि आप वेद ठीक से पढ़े होते तो आप ब्रह्मकुमारी के पास नहीं जाते और ना ही आप उनसे मिलकर धन्य महसूस करते | एक बार ध्यान से पढ़े वेद फिर आप इन सबको गलत बोलने लगेंगे | धन्यवाद जी
REPLY
rupa
FEBRUARY 26, 2017 AT 5:26 PM
yadi Aapne ved shastra pade hote to aise vivad nahi karte
brahma kumari k pass jo gyan h use wo paractically life m use karte h
ved padh kar to aap Apne aap ko nahi badal paaya insan wo sansar kiya badlega
Jab insan ki buddhi bhrasht ho gai tabhi to shiv baba ko aana pada
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 6:49 AM
rupaa ji
chalo hamne geetaa ved nahi parhaa aap hame jaankaari de diya kare. waise bhi geetaa ki tulna ved se ki jaati hai naa ki ved ki tulnaa geetaa se… aur dusari baat geetaa me bhi ved ki mahimaa kaa gungaan kiya gaya hai. chalo aap hame gyaan dein jisse mere jaise agyaani ko gyan ki prapti ho.waise ved ki jaankaari deta hu is link par ved parhen aur hame bhi parhaye. http://www.onlineved.com
dhanywaad
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 9:15 PM
Shiv baba kaha aaye huye hai jee jara Hume bhi pata bataye.
REPLY
Rakesh Bihari Jain
OCTOBER 5, 2016 AT 4:07 AM
वे लोग किस बात मे सही हैं, बता सकते हैं? इस लेखराज का ही शरीर क्यूँ चुना उसने(ईश्वर ने) अपनी गीता सुनने के लिए? अपने आप को प्रजापिता ब्रह्मा कहता है, शिव बाबा भी कहता है और गीता सुनने वाला कृष्ण भी कहता है; याने यह आख़िर क्या कहना चाहता है और क्या साबित करना चाहता है? फिर उसमे येशू ख्रिस्त या अल्ला के किसी फरिश्ते ने क्यूँ प्रवेश नही किया? उसके मुह से बाइबिल या क़ुरान क्यूँ नही निकल रही(यदि ऐसा कहेगा तो दूसरे ही दिन उसके सारे आम पिटाई हो जाएगी)? गीता झुटि है, उसमे अपभ्रंश आ गया है, तो, उसने बताना चाहिए की कौनसा श्लोक भ्रष्ट है और कैसे? उसी तरह उसने सही सही बताना चाहिए की आख़िर वह शिव, ब्रह्मा या कृष्ण मे एकज़ेक्ट क्या है? उसका पिछला इतिहास क्या है? कहाँ से आया? पहले क्या करता था? क्या उस पर कहीं किसी (सिंध राज्य के) थाने मे अपराधिक मामला दर्ज हुआ था? उसमे प्रजापिता ब्रह्मा-शिव-कृष्ण इनमे से एकज़ेक्ट किसने प्रवेश किया? उसने इनमे से किसे और कैसे पहचाना? उन तीनों ने एक साथ उसके शरीर मे प्रवेश कैसे किया? उसके मुह से कौनसा देवता कब और क्या बोलता है इसकी जानकारी उसे कैसे होती है. यही वे देवता हैं और उसके शरीर से बोलते हैं यह किसने साबित किया? कल तो कोई भी मनोरोगि उठ कर कहेगा उसके मुह से येशू खिस्त बोल रहा है, अल्ला का कोई फरिश्ता(जिब्राइल) वग़ैरह बोल रहा है. तो क्या सबने उसी पर विश्वास करके अनुयायी बन जाना चाहिए?
REPLY
bk yogesh bhai
FEBRUARY 26, 2017 AT 5:38 AM
najdeek aao tab to pata pade jab apni aankho se dekho suni sunai bato se kuch nahi hota agar brahmakumari galat hoti to 80 sal se din duni rat chuguni progress na hoti ab tak sanshan band ho jata aap kud najdeek se janch karo dekho shiv aate hai ya brahma tab mano kisi ko chek kiye bagir ham uske baare me kuchh nahi kah sakte brahmakumari wale kabhi kisi ki burai nahi karte aapki tarah se .
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 6:19 AM
bk yogesh bhai
sabse pahli baat ham burai nahi karte saty ki jaankaari dene ki koshish karte hain. jaise koi 2+2=5 bole to use use 2+2=4 batlaane ki koshish karte hain . fir bhi jo 2+2=5 bole aur samjhe use kuch nahi bola jaa sakta. marji aapko soch aapki. dusari baat yadi aap brahmkumaari ki baat kar rahe hain to ve geetaa ko maante aur geetaa me ved ki mahimaa kaa gungaan kiya gaya hai to fir aap ved ko anusarn kyu nahi aur brahmkumaari kyu nahi karte. marji aapki soch aapki. dhanywaad
REPLY
bk yogesh bhai
FEBRUARY 26, 2017 AT 5:55 AM
najdeek aao tab to pata pade jab apni aankho se dekho suni sunai bato se kuch nahi hota agar brahmakumari galat hoti to 80 sal se din duni rat chuguni progress na hoti ab tak sansthan band ho jata aap kud najdeek se janch karo dekho shiv aate hai ya brahma tab mano kisi ko chek kiye bagir ham uske baare me kuchh nahi kah sakte brahmakumari wale kabhi kisi ki burai nahi karte aapki tarah se .
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 6:22 AM
bk yogesh bhai
sabse pahli baat ham burai nahi karte saty ki jaankaari dene ki koshish karte hain. jaise koi 2+2=5 bole to use use 2+2=4 batlaane ki koshish karte hain . fir bhi jo 2+2=5 bole aur samjhe use kuch nahi bola jaa sakta. marji aapko soch aapki. dusari baat yadi aap brahmkumaari ki baat kar rahe hain to ve geetaa ko maante aur geetaa me ved ki mahimaa kaa gungaan kiya gaya hai to fir aap ved ko anusarn kyu nahi aur brahmkumaari kyu nahi karte. marji aapki soch aapki. dhanywaad
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 7, 2017 AT 3:51 AM
Satya to swayam siddh hota hai usko siddh karne ki jarurat nahi padti hai.
REPLY
Amit Roy
MARCH 8, 2017 AT 3:52 AM
yogesh ji
ham bhi yahi bol rahe hain saty swayam siddh hoti hai.. jhuth kab tak saty ke maarg ko rok sakegaa… magar ko samjhane waala aur sat bol bolne waala bahut kam hote hain… aaye ved ki maarg me aaye….
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 7:53 PM
Aap ki is baat me dum hai ji 2+2 4 hota hai jee . satya yehi hai jee Jo 2+2 = 4 ki tarah prove ho jay, nahi to asatya hota hai jee
REPLY
sanjit,
MAY 10, 2017 AT 7:48 PM
Are bhai satya ka gyan app ko me de raha hu, jaisi karani waisi bharani is duniya ka stya yahi hai , is ke Siva kuch nahi hai jee. Aap ka dimag kharab hai pahale apani aankhe kholo dekho phir bolo dusare ki baat kyo bol rahe ho apani kuch bolo kya aap tote hai , ratta lava rahe ho
REPLY
दिनेश जोशी
AUGUST 16, 2016 AT 9:25 AM
में अपने परिवार सहित पिछले 18 वर्षो से ब्रह्माकारीज परिवार से जुड़ा हूँ जितना अनुशासन,पॉजिटिव सोच,और बिना अर्थ लाभ की आशा रखे जीवन में सच्चे परमपिता परमात्मा शिव का दर्शन करवाते है,कौन संत ऐसा है जो बिना अर्थ लाभ की आशा में रहता हो ब्रह्माकुमारीज् केवल दो जाति बताते है नर और नारी सब धर्मो का सार है ब्रह्माकुमारीज् जँहा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई उच्च वर्ण नीच वर्ण गरीब अमीर में कोई अंतर नहीं समझा जाता है! आप एक बार माउंट आबू आइये फिर वास्तविकता का पता चलेगा ! आपको मानसिक चिकित्सा की आवश्यकता हो रही है ! पहले देखो फिर बोलो,
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Amit Roy
AUGUST 17, 2016 AT 10:33 AM
दिनेश जोशी जी
यह अच्छी बात है की आप 18 वर्षो से ब्रह्मकुमारी परिवार से जुड़े हो जी हम आपको इस बात की बधाई देते हैं जी |दिनेश भाई सबसे पहली बात की कोई भी संस्था तब सफल होती है जब उसमे अनुशाशन हो पॉजिटिव सोच हो और बिना अर्थ लाभ की आशा रखे | आपको यह बतला दू कोई भी मत मजहब बिना अनुशासन के सफल नहीं हो सकता मगर अनुशासन सब जगह होती है केवल आपके ब्रह्मकुमारी में नहीं जी | आप सबसे पहले यह बताओ जी की परमात्मा शिव कौन हैं हमें शिव की दर्शन किस प्रकार होगा | दर्शन का मतलब होता है दिखाई देना | क्या आपने परमात्मा शिव की दर्शन की ? शिव के कितने सिर हैं किस तरह की आकृति है जी ? थोड़ा जानकारी देना जी यदि आपने दर्शन किये होंगे तो क्यूंकि 18 साल में शिव का दर्शन यदि आपने नहीं किया होगा तो यह आपके लिए कलंक की बात होगी | ब्रह्मकुमारी और उनके संत ने आपको कितनी बार शिव की दर्शन करवाए इसकी भी जानकारी देना जी और यदि वे आपको दर्शन नहीं करवा पाए तो यह उनपर भी कलंक की बात होगी और आपको मुर्ख बनाया जा रहा होगा जी | दिनेश जी आपने बतलाया की ब्रह्मकुमारी बस केवल तो जाती बतलाती है नर और नारी | वेद सिर्फ एक बोलता है वह है मानव बनो यह नहीं बोलता की नर और नारी दो जाती है | दिनेश जी धर्म किसे बोलते हैं इसकी भी आप जानकारी देना जी | वैदिक धर्म में भी किसी से उंच नीच मुस्लिम इसाई सिख हिन्दू इत्यादि में कोई भेदभाव नहीं रखता क्यूंकि वैदिक धर्म के आधार पर पूरा संसार कुटुंब के समान है | अब आगे के कमेंट में आपको कुछ जानकारी दूंगा इस्लाम इसाई सब मत मजहब के बारे में |
REPLY
Shiv
AUGUST 29, 2016 AT 7:25 AM
Iss post se saaph nazar aata ki post likhne aur usko likhne ka rup sirfh brahmakumaris ko galat saabit karne ke liye banaayi hui baaten hai….joki koi bhi isse samajh sakta hai….aur yadi kisi ko bhi sacchai jaanni hai tab abu madhuban pahuchkar clear karne ke baad hi kuch aur bole.
REPLY
Amit Roy
AUGUST 30, 2016 AT 4:03 AM
शिव जी
यदि यह पोस्ट ब्रह्मकुमारी को गलत साबित करने के लिए बनाया गया है तो आप ब्रह्मकुमारी की तरफ से अपना पक्ष रखें | आप अपना पक्ष रखो और बताओ की कहाँ गलत साबित करने की कोशिश की गयी है फिर उसके बाद उसपर चर्चा की जायेगी | हमें मधुबन की निमंत्रण बाद में देना पहले यहाँ अपना पक्ष रखकर ब्रह्मकुमारी को सही साबित करें |
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rupa
FEBRUARY 26, 2017 AT 5:44 PM
brahma kumari k baare m pehle Theek se Suniye padiye phir decision lijiye
ek brahma kumari sanstha hi jisme padane wala teacher supreme soul h
brahma kumaris m koi guru nahi h brahma baba to instument h jinme shiv baba ne parvesh kiya h
shiv baba to jyoti vindu swaroop h unhe her dhrma m yaad kiya jaata h Muslim noor kehte h,isai god is light kehte h,Hindu log jyoti lingam kehte h. sabka Mutlab ek hi h bus abhi hum sub Apne pita ko bhul apas m hi vivad m apna itna anmol samay gava rahe h
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 6:53 AM
rupaa jii…..
mere jaise agyaani ko yah jaankaari denge kya aap ??? aapne kya shiv ko dekhaa hai ?? kewal brahma baba ke hi sharir me shiv ne kyu pravesh kiya ??? kya kaaran hai ??? main yadi yah bol du ki main hi shiv kaa avtaar hu to kyaa aap maan loge ?? aao saty ko jaanane kaa prayas karen aur saty ki khoj kare. aur saty ke maarg ko apanaye. dhanywaad.
REPLY
rupa
MARCH 3, 2017 AT 11:29 PM
hawa ko dekha h aapne ?hum khud ko hi nahi jaante to us supreme soul ko kaise jaanenge ?
isliye pehle khud ko to pehchaniye. jab khud ka parichay mil jaayega to us parmatma ki bhi sahi pehchan mil jaayegi or ye pehchan brahma kumari wale hi dete h.
REPLY
Amit Roy
MARCH 6, 2017 AT 9:09 AM
brhamkumaari waale ko yah tak nahi maalum ki srishti ki utpati kab huyi ??? ve kya sahi jaankaari denge ??? unke anusaar 5000 me pralay aa jaati hai to geetaa ka updesh diya huwa krishn ko 5152 saal kaise ho gaya. isi baat se jaankaari mil jaata hai ki bk waale kitne jaankaar hain. aur sune jab ham khud aatma ko nahi dekh paate to parmatama ko kaise dekh paayenge…
REPLY
rupa
MARCH 3, 2017 AT 11:52 PM
parmatma kisi k bhi tan m aaye question to her baar hi Yahi rahega Iske tan m q?parmetma to apna gyan de rahe h jinke bhagya m hoga wo lenge jinko nahi lena wo unki kismat %0@
Bhagwan dharti per Aa chuke h or brahma k dwara apna karya bhi kra rahe h isliye hum aapko satya parichay dete h parmatma jo shiv h nirakar h jyoti vindu swaroop h unhe hum ne jaan liya pehchan liya Ub aap bhi jaaniye bhai g
warna samay kisi k liye rukta nahi h
Abhi nahi to kabhi nahi. ..aisa naa ho Bhagwan apna kaam kar k Chale bhi jaaye or moodmati manushay unhe penchan bhi nahi sake
Humne satya ki penchan kar li h or aap bhi kar lijiye pehle khud ko pehchan lijiye phir parmatma ko?
REPLY
Amit Roy
MARCH 8, 2017 AT 3:44 AM
rupa ji
sawal yah uthata hai ki yadi parmatama kisi ke tan me aaye to kya wah purush us parmatama se badaa aur mahan nahi ho jaayegaa??? dusari baat aapne bola ki parmatma shiv hai nirakar hai jyoti swarrop hai is baat se ham bhi sahmat hain magar yah shiv 4 sir waale nahi 4 waise jyadatar jagah shiv ke 3 sir hi dikhaye jaate hain. jo nirakar hai wah saakar kaise ho sakta hai??? kya aap ek hi samay me has bhi sakte ho aur ro bhi sakte ho kyaa ???? aur rahi baat saty ki to ham bhi saty ke maarg me hi khoj kar rahe hain aur wah saty ki maarg hai ved … aao ved ki aor laut chale……… dhanywaad.
REPLY
Anil Kathane
AUGUST 29, 2016 AT 11:10 AM
Meri profile dekhiye kuch aap aur muze pata chal jaye
REPLY
Amit Roy
AUGUST 30, 2016 AT 4:05 AM
अनिल जी
आपकी प्रोफाइल कैसे देखें अपना लिंक दें जिससे आपके बारे में जानकारी हो सकेगी | और आपने प्रोफाइल देखने को क्यों बोला यह बात समझ में नहीं आई
REPLY
Hitesh
AUGUST 29, 2016 AT 4:54 PM
To kya arya smaj gita ke anusar ye bata skta hai ki bhagvan sarva vyapi hai ya ek vyapi .
REPLY
Amit Roy
AUGUST 30, 2016 AT 4:23 AM
हितेश जी
इश्वर सर्वव्यापी है वह एक देशी नहीं हो सकता | एक देशी होने पर इश्वर पर दोष लगेगा |
REPLY
Gaurav
SEPTEMBER 20, 2016 AT 3:27 AM
bramha kumari desh ke ladkiyo ko bech kar dhanda chalakar hi karodo rupaye kamate hai…… WO Buddha Dada lekhraj ladkiyo ke sath galat karta tha…..
us bramha kumari ne mere apno ki zingi barbad ki hai…
mai us bramha kumari ka naam desh se to kya duniya se hi nikal dena cahta hu…..
Jai sri ram..
kattar Hindu..
REPLY
Gaurav
SEPTEMBER 20, 2016 AT 3:31 AM
pata nai ye karodo rupaye bramha kumaries ke pass aate kaha se hai…
sidha jawab galat raketo se…
REPLY
bk yogesh bhai
FEBRUARY 27, 2017 AT 5:11 AM
pata karo kud thodi mehnat karo aankhe khul jayegi aur sach samne aa jayega brahmakumaris jaisa gyan kisi ke pas nahi hai
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 7:02 AM
bk yogesh bhai
yadi jaankaari de doge to gaurav ji ko samjhane me aasani hogi. is kaaran aap hame jaankaari dein isse bahut se logo ko gyaan ki prapti hogi… dhanywaad
REPLY
मनोज कुमार शर्मा
SEPTEMBER 23, 2016 AT 7:18 AM
डुबकिय सिन्धुं में गोताखोर लगाता है, जा जा कर खाली हाथ लोट कर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में ,बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकीं खाली हर बार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. मै आत्मा, परमात्मा भी परम आत्मा,देखो ही नहीं अपनी भाषा अपने तरीके से बातें भीकरो.ओम शान्ति.
REPLY
Amit Roy
SEPTEMBER 24, 2016 AT 12:31 PM
मनोज कुमार शर्मा जी
आप बोलना क्या चाहते हैं विस्तृत रूप से जानकारी दें जिससे की उस बारे में चर्चा की जा सके |
धन्यवाद
REPLY
Parshuram
SEPTEMBER 24, 2016 AT 8:26 AM
Aap puri tarah galat baat Bol rahe hai
Aap ko jo bhi pata hai dharm ke bare me usme aap ka anubhav kya hai
Tote ki tarah rat ke bat kar rahe ho in sab baato ke karne aur janane se aap ko moksh mil jaaega
Aap logo sirf brahamad vadi baat karte hai aap logo ko chalaya huaa dhRm me itani neechta kyun hai jaatiyon ki duniya me sabse ganda byoshtha hinduon ka jaha jati pati ke adhar par sab chalata hai
Mujhe tum logo ne dhobi jati bana diya aur saamaj me mujhe chuaa chut jhelna padata hai to mai tumhare dharm ko kya karoon
REPLY
Amit Roy
SEPTEMBER 24, 2016 AT 12:44 PM
परशुराम जी
हम क्या गलत बोल रहे हैं जनाब , भाईजान,बंधू , मित्र . यह जानकारी देना जी ? धर्म किसे बोलते हैं यह जानकारी देना मेरे बंधू ? अरे जनाब तोते की तरह कौन बोल रहा है यह आप खुद अपनी अक्ल लगाये जी | भाई साहब ब्राह्मणवादी कौन बात कर रहा है ? आर्य किसे बोलते हैं यह आपको मालुम है ? कभी वेद की शरण में लौट आओ आपको खुद ब खुद जाती वयवस्था कहीं नजर नहीं आयेगी | क्या आपने वैदिक वर्ण वयवस्था की लेख आपने पढ़ा ? पढ़ा होता तो यह जाती पाती की बात नहीं करते | पहले आप वर्ण वयवस्था पर हमारे कुछ लेख हैं उसे पढ़े आपको सब जानकारी हो जायेगी फिर समझ में ना आये तो बोलना फिर उस विषय पर चर्चा की जायेगी | आओ सत्य सनातन वैदिक धर्म की ओर लौट चले |
धन्यवाद |
REPLY
आचार्य आनंद पुरुषार्थी वैदिक प्रवक्ता होशंगाबाद (मध्यप्रदेश )
SEPTEMBER 26, 2016 AT 2:19 PM
हिंदी की टाइपिंग करने का सबसे सरल तरीका!
अब आप भी कर सकते हैं हिंदी में टाइपिंग……… सबसे सरल ढंग से !
*********************
गूगल पर जाओ और उसमे लिखो “गूगल ट्रांस्लितरेशन – टाइप इन हिंदी ”
जब वो खुल जाये तो उसके ऊपर की तरफ राईट हैण्ड साइड में डाउनलोड गूगल ट्रांस्लितरेशन आई एम् ई लिखा होगा
उस पर क्लिक कर देना!
इसके बाद विंडो ७ वाले 64 बिट हिंदी चुन लेना ! और विंडो एक्स.पी. वाले ३२ बिट हिंदी चुन लेना! और डाउनलोड पर क्लिक कर देना! सोफ्टवेयर डाउन लोड हो जायेगा !
इसका सेटअप चलाकर इसको अपने पी.सी. में इंस्टाल कर लेना!
जब यह सोफ्टवेयर इंस्टाल हो जाए तो सबसे नीचे टास्क बार में क्लोक की तरफ एक EN लिखा आएगा………… उस पर क्लिक कर देना…………… और उसमे से हिंदी को चुन लेना…………….
उसके बाद आप चाहे फेसबुक में टाइप करो या वर्ड में या एक्स्सल में या किसी सोफ्टवेयर में…………. सब हिंदी में टाइप होगा! लिखोगे इंग्लिश में लेकिन कन्वर्ट हो जायेगा हिंदी में!
जब आप हिंदी की जगह इंग्लिश चुन लोगे तो इंग्लिश में टाइप होगा!
**********************************
तो आओ.हिंदी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करे ………
REPLY
Bk Raghu
SEPTEMBER 27, 2016 AT 1:46 PM
Ye Rawan ki santan baba ko bhi nahi chod rahe hai brahmakumari to saksat fariste hai bagwan ke bacche master bhagwan hai chlo koi bat nahi baba aap inhe atmao ko maf karna
REPLY
Rishwa Arya
SEPTEMBER 28, 2016 AT 3:27 AM
बाबा को छोड़ने का क्या अर्थ है
जो सत्य है वही कहा गया है
जो सत्य को स्वीकार करना चाहिए
यदि लेखक ने कुछ गलत लिखा है तो आप उसे बताइये
हम सत्य को स्वीकार करने के लिए उद्यत हैं
REPLY
bk yogesh
OCTOBER 13, 2016 AT 6:00 AM
sach janana hai to nikat aao mount abu me kuch samay raho tab kuch kaho bina janch kiye bina dekhe aap itni badi bat kaise kah sakte hai?
REPLY
Rishwa Arya
OCTOBER 13, 2016 AT 12:53 PM
सत्य को जानने के लिए कही जाने कि आवश्यकता नहीं बल्कि तथ्यों कि उपस्तिथि की है
जो सत्य है वह सूर्य कि तरह चमकता है
यदि आप सत्य पर स्थिर हैं तो आक्षेपों का प्रतिउत्तर आपसे अपेक्षित है
धन्यवाद्
नमस्ते
REPLY
Neelam
OCTOBER 22, 2016 AT 9:11 AM
Main v guru ki talash mein hun lekin dhongiyon se darr lagta hai. Brahmakumari jana chahti thi, lekin yahan jo read kiya to asmanjas mein hun. Kya aap bata sakte hain ki kise join karu ki gyan mil sake, sahi rasta dikh sake aur shanti mile?
REPLY
Rishwa Arya
OCTOBER 23, 2016 AT 2:37 AM
Sarvpratham Satyarth Prakash padhen
swayam samajh men aa jayega kya satya hai kya asatya
satyasatya ko samajhne ki shakti aane ke bad swayam nirdharit kar sakte hein
REPLY
Devendra Singh
JANUARY 31, 2017 AT 11:21 AM
Neelam bahan aap you tube par type Karen
BK Shivani
And watch videos..
Sabhi doubt clear ho jayenge..
Om Shanti
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 2, 2017 AT 8:39 AM
devendra ji kyu logo ko murkh banane ki koshish kar rahe ho ji. brahmakumaari kaa sach yaha par prakt ki jaa rahi hai vo bhi tark ke saath. saty ko chhupaya nahi jaa sakta ji. video dekhkar aur aapki pol khol karnaa aasan ho jaayega hamare liye. filhaal samay nahi ki video dekhu. dhanywaad
REPLY
PREM ARYA
FEBRUARY 2, 2017 AT 8:58 AM
OM…
Devendra ji, namste..!
‘OM MANDALI’ KE BAAREME ADHYAYAN KAREN PATAA LAGJAAEGAA..
DHANYAWAAD
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:54 AM
Are yaar bk shivani Jo lagati hai naani , khub kahani sunayegi.
REPLY
विशाल चौधरी
NOVEMBER 14, 2016 AT 6:45 AM
।
REPLY
विशाल चौधरी
NOVEMBER 14, 2016 AT 7:00 AM
श्रीमान आपने जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं।
इस विषय में मैं ब्रह्मकुमारी मत के वरिष्ठ लोगों से वार्तालाप करके सत्य तक पहुंचने की कोशिश करुंगा परंतु यह भी सत्य है अगर हम आर्य समाज और ब्रह्मकुमारी मत की वर्तमान स्थिति को देखते हैं तो हम पाएंगे के ब्रह्मकुमारी मत में आर्यसमाज की अपेक्षा अधिक अनुशासन एकजुटता और समरसता का भाव देखने को मिलता है आर्य समाज आज की स्थिति में काफी बाटता जा रहा है आर्य समाज के लोग कट्टरवादी होते जा रहे हैं इनके अंदर से स्वीकार्यता का गुण समाप्त होता जा रहा है वहीं दूसरी ओर यदि हम ब्रह्म कुमारी मत की आज की स्थिति को देखते हैं तो हम पाएंगे के यहां पर काफी मात्रा में एकजुटता और सद्भावना का विकास हुआ है ब्रह्मकुमारी मत के समर्थक अपने धर्म के लिए ज्यादा संजीदा होकर कार्य कर रहे हैं और अगर हम वर्तमान प्रचारक बी के शिवानी के विषय में बात करते हैं तो वह एक अत्यधिक सुलझी हुई मानसिकता रखती हैं उनकी सोच और मानसिकता काफी उत्कृष्ट है जिसके फलस्वरुप ब्रह्मकुमारी मत का प्रचार-प्रसार तिरुपति से हो रहा है इस विषय में आपका सुझाव जानने का जिज्ञासु रहूंगा
विशाल चौधरी
REPLY
Rishwa Arya
NOVEMBER 14, 2016 AT 7:09 AM
बन्धुवर
आर्य समाज तो सदैव सत्य के ग्रहण करने को उद्यत रहता है असत्य के ग्राह्य न करने से यदि वह कट्टरता प्रतीत होती है तो न्याय नहीं है.
जो तर्क लेखक ने प्रस्तुत किये हैं उसके प्रतिउत्तर में आपके कथन के साथ वार्ता अग्रसर करेंगे
धन्यवाद्
REPLY
kartik
NOVEMBER 19, 2016 AT 8:13 AM
ये भ्रमकुमारी वाले मेनुपलेट करते हैं ।वेदादिक शास्त्र को नहीं मानते।एक बुड्ढे को रसूल मानते हैं।सिस्टर शिवानी भी जाकिर नाइक की बहन।
REPLY
Anjan
DECEMBER 7, 2016 AT 9:04 AM
Hello friends ab tak main aap logon ka jitne bhi comments Padha . Aur paya ki Charcha kaam, आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा था इस से कोई ज्ञान की प्राप्ति नहीं अपितु घृणा ईर्ष्या का फैलाव था इसलिए मेरे प्यारे साथियों जहां तक मैं जानता हूं दयानंद सरस्वती जी हमारे पूज्य तथा सत्य की खोज करने वाले थे वेदों का उन्होंने बहुत ही सुंदर तरीके से व्याख्या किए थे अगर वह आज हमारे बीच होते तो जरूर हम पर हंसते कि जिस समाज का मैंने स्थापना किया था आज वह समाज दूसरों की आरोप प्रत्यारोप करने में लगा है अभी जहां तक बात है ब्रह्माकुमारीज का तो उनका भी बात सत्य की खोज में हमें आगे ले जाता दोनों ही अपनी अपनी जगह पर सही है दोनों ही उस पुरातन सनातन धर्म की वेदों की अपने अपने तरीके से सत्य को खोज कर रखा है, इसलिए मेरे साथियों आरोप प्रत्यारोप से ऊपर उठकर सत्य की खोज खुद करें तो आर्य समाज से भी हम सत्य को लें, ब्रम्हाकुमारीज se भी सत्य को सत्य को ले तब जाकर परम सत्य की ओर बढ़ सकेंगे इसलिए Brahma Kumaris ke baate bhi satya hai, Baki Dada lekhraj ke baare mein जो भी आरोप है वह पूरी तरह से गलत है इसलिए मेरे आर्यसमाजी भाइयों स्वामी दयानंद सरस्वती जी का सम्मान करते हुए, किसी दूसरे पर आरोप ना लगाएं वह तो ऐसे महान तपस्वी थे जिन्होंने समाज की कुरीतियों को मिटाने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दिए और हम उनकी कुर्बानी को मिथ्या आरोप मैं बर्बाद ना करें हर बातों की गहराई में जाएं तभी हमें सत्य का दर्शन होगा बाकी डिबेट में कुछ रखा नहीं है सत्य तो इस जीवन को जीने में तथा insaaniyat aur मानवता को पर कल्याण में लगाने में है इसलिए मेरे भाइयों आत्मा परमात्मा की झगड़े से निकल कुछ ऐसा कार्य करो जो सब मिलकर रह सको तभी उस आत्मा और परमात्मा की एकरूपता एक गुण और उसके संतान होने का सही परिचय दे सकेंगे🔹
REPLY
Amit Roy
DECEMBER 7, 2016 AT 1:14 PM
anjan जी
सत्य केवल सत्य होता है | सत्य कई प्रकार का नहीं होता है | उदाहरन देकर आपको समझाने की कोशिश कर रहा हु | 2 + 2 = 4 होते हैं कोई इसे 5 पढ़े कोई इसे 3 पढ़े तो क्या वह सत्य कहलायेगा ? यह बतलाना जी | दूसरी बात यह की चोरी करना अच्छा भी है और चोरी करना बुरा भी है ऐसा क्या हो सकता है ? ब्रह्मकुमारी के आधार पर 5000 पर प्रलय आ जाता है जबकि अभी गीता का उपदेश दिए हुए 5152 साल हो गए उस हिसाब से तो ब्रह्मकुमारी सत्य हुए या असत्य ? खुद अपनी अकल का इस्तेमाल करें आप | दूसरी बात यह की कोई 2 + 2 = 5 बोले तो जानकार हैं उन्हें यह जानकारी देने की कोशिश की जाती है की आप गलत हो और यही प्रयास हम कर रहे हैं | जैसे चोरी करना अच्छा और बुरा दोनों कैसे सही हो सकता है | लोगो को सत्य की ओर अग्रसर करना हमारा उदेशय है और हम सत्य को प्रकाश में लाने की कोशिश कर रहे हैं | यहाँ हम किसी पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगा रहे सत्य को जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं | ब्रह्मकुमारी के आधार पर इसाई बौध मुस्लिम इत्यादि सभी एक हैं वे बाइबिल कुरआन इत्यादि सब को सत्य मानते हैं जो की सही नहीं है | सत्य एक होता है | बाइबिल कुरआन इत्यादि में बहुत सी बातें ऐसी मिल जायेंगी जो समझ से बाहर हैं और उन्हें सत्य मान लेना क्या सही है ? चलो एक सवाल बाइबिल और कुरआन से करता हु जिसे आप बतलाना | बाइबिल में आदम के एक हड्डी से हव्वा को बनाया क्या औरत का शारीर में एक ही हड्डी होती है ? कुरआन बाइबिल में एक फूंक से मरयम गर्भवती हो गयी ? क्या बिना स्पर्म और ओवुम के मिले कोई औरत माँ बन सकती है ? सवाल तो कई उठते है जिसे ब्रह्मकुमारी सत्य मानते हैं यह आप जानकारी देना क्या बिना ovum और स्पर्म मिले ऐसा संभव है ? फिर सत्य एक या अनेक ? थोड़ा जानकारी देना ? आओ सत्य सनातन वैदिक धर्म की ओर लौटो |
REPLY
Anjan
DECEMBER 7, 2016 AT 9:27 AM
मैं आर्यसमाजियों का बड़ा ही सम्मान करता हूं तथा swami दयानंद सरस्वतीjee ka में बड़ा ही सम्मान के साथ उनका में गुणगान करता रहता हूं, ऐसे में मुझे बहुत दु:ख होता है, कि ऐसे महान swameejee के द्वारा बनाया हुआ समाज के साथियों आज हम कर क्या रहे हैं दूसरों पर सिर्फ आरोप उन भुली बिसरी बातों को कुरेद कुरेद कर घाव कर रहे Brahma Kumaris ko अच्छा से जानता हूं उनकी भी बातों में लॉजिकल साइंटिफिक सत्य है ऐसे में हम दोनों भाई एक दूसरों के साथ लड़ाई झगड़ा करें उस परमात्मा को बड़ा ही दुख और लज्जा आती होगी कि मेरे ही दोनों ज्ञानी बच्चे आपस में मेरे कारण लड़ रहे अगर हमें ज्ञान है तो यह आरोप-प्रत्यारोप लड़ाई छोड़ खतना ही सही उंगली मिलाने की कोशिश करें मैं दोनों समाज को भली भांति जानता हूं एक ही समाज के अंदर रहने वाले एक ही उस परमात्मा के हम दोनों बाजूए हैं मिलकर ऐसा कुछ करें जिस समाज का सतत कल्याण हो और हमें सभी वाह वाह करें नो की कॉमेंट्स को पढ़ कर एक दूसरे के प्रति घृणा को बड़ा कर लोगों के दिल में नफरत ना ना भरे यूं समझ ले की एक समाज हमारा बाप है तो दूसरा समाज हमारा मां है मां बाप के बिना हम अधूरे हैं, रही बात ब्रम्हाकुमारीज के 5000वर्ष की बात वह ek baar बात करते हैं ऐसे अनेक 5000 साल की बात वेदो में लिखा गया है जो कि लाखों-करोड़ों वर्ष हो जाता है गहराई में अगर जाएं तो हम दोनों की बातें सत्य पाएंगे, Mere Sathiyon Zara Socho to sahi हम यहां झगड़ा कर रहे हैं इन 5000 साल की बात के लिए वहां देश में हमारे लोग दुख में तड़प रहे हैं हस्पतालों में, हजारों दुख दुनिया में हैं और हम यहां खा पीकर लगे हैं अपनी बात को सही करने में लगे हैं, जिनके पास उन विचारों का दुख देखने के लिए आंखें बंद हो गया हो वह इन सब बातों में आगे बढ़ जाते हैं, जरा अंतर कि चक्षु तो खोलें हम, उनके दुख को दूर करने में अपनी मदद तो दे चाहे वह अंतरिक हो चाहे वह व्यवहारिक हो,
REPLY
Amit Roy
DECEMBER 7, 2016 AT 2:28 PM
anjan जी
मुझे यह नहीं मालुम की आप आर्य समाजी हो या फिर ब्रह्मकुमारी या फिर मोमिन बंधू या इसाई बंधू | हम किसी पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाते |हम तो सत्य की जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं फिर क्या सत्य को जानकारी देना गलत है क्या ? चलो मान लो आपके दो भाई हो और आपके छोटे भाई मार्ग से भटक जाए तो क्या आप प्रयास नहीं करोगे की आपके छोटे भाई सही मार्ग पर आ जाए ? फिर जब हम वही काम कर रहे हैं सही मार्ग पर लाने का प्रयास कर रहे हैं तो आपको दुखी नहीं खुश होना चाहिए मगर लगता है आपको बुरा लग रहा है की हम उन्हें सही मार्ग पर लाने की कोशिश कर रहे हैं | आपने महर्षि दयानंद जी की बात की और उन्हें सम्मान करते हैं | यह बहुत अछि बात है | क्या आपने सत्यार्थ प्रकाश पढ़ा जो उन्होंने लिखा था ? आप सत्यार्थ प्रकाश का कम से कम 11 समूलाह से 14 समुलाह पढ़े | फिर आपको मालुम हो जाएगा की सत्य क्या है ? हमारा मकसद है जो भाई मार्ग से भटक गए हैं उन्हें सही मार्ग पर लाया जाए ? आपने वेद पढ़ा है क्या ? अरे आर्य लोग तो पूरा विश्व को अपना कुटुंब मानते हैं | वेद के बारे में आपने चर्चा की है तो यह वेद से जानकारी देना प्रमाण के साथ | हम वेद से भी चर्चा करने को तैयार हैं आप जिस जिस से चर्चा करना चाहे हैं जरुर चर्चा करेंगे चाहे कुरआन हो बाइबिल हो पुराण हो गीता हो रामायण हो या जिससे भी | हमारा मकसद है लोगो को सत्य का ज्ञान प्रदान करें | आओ वेद की ओर लौटें | सत्य सनातन वैदिक धर्म की ओर लौटें |
REPLY
pushpdhwaj nayak/shastri
DECEMBER 14, 2016 AT 6:31 PM
Ye bat sach hai ki ved anant gyan ki ñidhi hai , aur use iswareeya kruti na kahen,waise to sabhi utpanna vastuyen ishwareei kruti hai, parantu is sandarbh me nahi , vedas ishwareeya kruti nahi hai , atah kewal vedo ko hi pramaan maanana uchit nahi, swamii dayanand Ji ke vichaar se sahamat hu, PR sabhii se nahi,
Gyaan ki khoj jaruri e hi raaste se hi yah uchit nahi hai.pura vishwa apana jiwanjii raha hai, aur pure vishwa me tamam log vedo ke baare me nahi jaante PR kisi n kisi prakaar se iswar ko maanate hain.
Aaryasamaaj ke kattar sarthako ko ye samajhana hi padega ki swami dayanand saraswati Ji ka mukhya uddeshya paakhand ko dur karna hai ,ishwar ke vishaya me khoj ek nirantar chalne wali yaatra hai, isiliye ishwar koun hai is PR bahas uchit nahi parantu vyakti Jo apane aapko paramatma ghoshit kr rahe kisi bhi nam se yah band hona chahiye.
Aaryasamaj ko bahas ke saath saath saamajik kaarya bhi bade paimane PR krne honge.taki usaki pahachaan fir se nai unchaiya basil kar sake.
REPLY
Amit Roy
DECEMBER 16, 2016 AT 5:51 AM
शास्त्री जी
आपका मत संप्रदाय क्या है यह बतलाने की कोशिश करें जिसके बाद आपसे उस हिसाब से चर्चा करने की कोशिश की जायेगी | वेद ईश्वरीय ज्ञान है जो सृस्ती के आरम्भ में मनुष्यों को दी गयी गयी थी जिसे इश्वर ने ४ ऋषि को प्रदान किया था | वेद को प्रमाण ना माने तो किन्हें प्रमाण माने और किस कारण उनहे माने प्रमाण के साथ जानकारी देना मेरे बंधू |फिर आपके दिए हुए प्रमाण के आधार पर चर्चा की जायेगी | मेरे बंधू कोई २ + २ = ५ बोलता है और कोई २ + २ = ३ बोलता है और कोई २ + २ = ४ बोलता है तो किसे सही माने ? यह लोगो की सोच पर निर्भर करता है आप क्या सही मानते हो यह आपकी सोच पर निर्भर करता है | कुरआन पुराण बाइबिल इत्यादि में बहुत सी ऐसी बाते हैं जिसे पढ़ने के बाद ईश्वरीय ग्रन्थ नहीं माना जा सकता | आप किसे ईश्वरीय ज्ञान मानते हो जानकारी देना और क्यों ? आपके जवाब की प्रतीक्षा में | धन्यवाद |
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Rahul C
DECEMBER 20, 2016 AT 7:54 PM
ये जो ब्रह्माकुमारी के जितने फोल्लोवेर्स है उनसे हाथ जोर के नमन है और उनलोगों से मेरा ये अनुरोध है की कृपा कर के कमेंट के अनन्त में दिए विडियो है इसको एक बार देख ले! ज्यादा कुछ चर्चा करने को कुछ नहीं बचेगा फिर. ये विडियो कई वर्ष पुराना है! लगभग 35 वर्ष तब भी ब्रह्मकुमारियों और दादा लेखराज का यही ढोंग था की दुनिया ख़त्म होने वाली है! उस समय भी कुछ नहीं हुआ और अभी भी कुछ नहीं होगा!
ये संस्था बुरी नहीं है पर यहाँ का ज्ञान पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद है ! बस एक कहानी है जिसको सुनके दिल को निश्चिन्ता मिलते है! ये आपको फील गुड (feel Good)करते है और कुछ नहीं! और इस फील गुड करा के आपके पैसे भी लूट लेते है और आपको पता भी नहीं लगता ! आपलोग इनकी मीठी-मीठी बातों में आके अपना रुपया पैसा सब दे देते है भगवन के नाम पे!
हर आदमी को भगवन और आस्था के नाम पे लोग मुर्ख बना देते है ! और हम डर के या भगवन के नाम में सब कुछ करने को तैयार रहते है !
अगर आपके जीवन में कोई दुःख है और आप को फील गुड करने और मन लगाने डिप्रेशन भागने का कोई सोर्स नहीं है तो आप इस संस्था से जुड़ सकते है ! अगर कोई आपके जीवन से डिप्रेशन और इनसिक्योरिटी (insecurity) दूर कर सके तो इससे आपका लाभ ही है !
बीमार इंसान को अगर सटीक दावा मिल जाए औए उसका इलाज हो जाए तो इसमे बुरा क्या है ! हां पर आस्था के नाम पे और धरती पे भगवन आया है ऐसा कहके जो मूर्खता का परिचय यहाँ दिया जाता है उसपे थोड़ा सा भी दिमाग न लगाएं और इनबातों पर यकीं न ही करे
पिकनिक मानाने और social गैदरिंग के लिए बिलकुल सही जगह है ये ! मुझे पता है कुछ लोग जो इनके बारे में negative सुनना नहीं पसंद करते उनको मेरी बातें बुरी ही लगेगी पर क्या करसकते हैं दोस्तों “सच्ची बात कढ़वी” ही लगती है !
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=aT9fs0SkcBI&w=560&h=315%5D
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सुनील
APRIL 21, 2017 AT 6:36 AM
आप से बात करनेकी प्रबल इच्छा है
9455156578 सुनील
REPLY
काशी विश्वनाथ की भक्त
JANUARY 3, 2017 AT 8:58 AM
बहुत-बहुत धन्यवाद स्वामी जी आपने बहुत ही रहस्यमय बातें हम लोगों के बीच में रखी हैं इसके लिए आपको साधुवाद हमें उम्मीद है कि आप ऐसे ही भविष्य में इन पाखंडियों के बारे में विस्तृत जानकारी हम सभी आर्य बंधुओं को देते रहेंगे |
कोटि कोटि धन्वायद
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daine Laxman
FEBRUARY 17, 2017 AT 4:18 PM
मैं तो स्वामी दयानंद सरस्वती जी से नमन करता हूँ ,जिन्होंने भारतीय जनता में आत्मबल और आत्मविश्वास जागृत किया । रही बात वेदों की क्या फायदा है वेदों का भारत के लिए और एक सामान्य व्यक्ति के लिए ।यह वही
वेद है जिन्होंने भारत में वर्णव्यवस्था से जातिवाद का निर्माण किया। यह वही वेद है जिन्होंने मनुष्य के साथ पशुओं जैसा व्यवहार किया , जातिवाद जैसी
मानसिक भोगना दी । वेदों के कारण भारत में कभी भी समानता और भाईचारा का निर्माण नहीं हुआ , नहीं हो सकता है ।
REPLY
Rishwa Arya
FEBRUARY 18, 2017 AT 9:16 AM
“वेद है जिन्होंने भारत में वर्णव्यवस्था से जातिवाद का निर्माण किया। ”
Ved varn vyavastha ka hee poshak hai n ki prachlit vyavstha ka
aur varn vyvastha hee uchit hai
REPLY
daine Laxman
FEBRUARY 21, 2017 AT 3:31 PM
मेरे प्यारे भाई, आपने गीता पढी होगी, उसमें परमात्मा कहते हैं, न तब्धा शयते सुय्रो न शशांक न पावक यदगत्त्वात निर्वतते त धामम परमम अर्थात हे अर्जुन जीस स्थान को चंद्रमा और सुर्य प्रकाशित नहीं कर सकते वहीं मेरा धाम हैं, शिव परमात्मा परमधाम के रहने वाले हैं, इस संसार चारों तरफ हर एक चीज के बारे में जब उलझन पैदा हो जाती हैं आत्मा परमात्मा, स्वर्ग नर्क, पाप पुण्य, सत्य असत्य, इसके बारे में हर एक मनुष्य का अपना मत बन जाता है, तो परमात्मा शिव परमधाम से ( परमात्मा जोतिस्वरुप अजन्मा अभोक्ता अयोणी अशरिरी हैं, जो गीता में वर्णित है ) आकर साधारण मनुष्य का शरीर में प्रवेश कर गीता का परम गुह्य ज्ञान देते हैं ,जो ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय में सन 1937 से चल रहा है , आचार्य जी जीस प्रकार के आरोप आपने अधुरा ज्ञान सुनने के बाद लगाए उससे आपके विवेक का पता चलता है । करोडों देवता स्वर्ग के मालिक हैं और परमात्मा परमधाम के रहने वाले हैं, मुक्ति और जीवन मुक्ति के दाता है, जीस दिन देवता और परमात्मा के कर्तव्य का फर्क दुनिया के सामने आएगा, दुनिया की सब उलझनें दुर हो जाएगी, सब भ्रम दूर हो जाऐगे दुनिया की समस्याएं हल हो जाएगी और उसके बाद हर मनुष्य का कल्याण होगा,
REPLY
Rishwa Arya
FEBRUARY 22, 2017 AT 2:16 PM
वैदिक धर्मानुसार अवतार वाद एक पाखण्ड है
इश्वर सर्वशक्तिमान है वह सर्व व्यापक है उसे अवतार लेने कि आवश्यकता ही नहीं
REPLY
daine Laxman
FEBRUARY 23, 2017 AT 11:00 AM
गीता में भगवान कहते हैं
ना वेद ना तपस्या ना दानेन ना त्येजया
अर्थात वेद ,दान ,तप इससे मेरी ( परमात्मा) की प्राप्ति नहीं हो सकती हैं , वेद गीता के बालबचे हैं , गीता के बहुत समय के बाद वेद लिखें गए वेदों का आधार लेकर गीता को स्पष्ट नहीं किया जा सकता है । अगर वेदों से परमात्मा की प्राप्ति ही नहीं हो सकती तो वेद किसने लिखें ? ईश्वर ने या हमारे ऋषियों ने? वेद अपौरुषेय हैं , यह बात विवेक संमत नहीं है ! वेदों से अगर परमात्मा की प्राप्ति होती हैं तो परमात्मा की प्राप्ति उन्हें ही होगी ज्यो वेद पढते हैं , या जानते हैं अनपढ, गँवार,जिन्हें वेद पढना नहीं आता है ,उनको परमात्मा की प्राप्ति नहीं होगी क्या?
परमात्मा की प्राप्ति तो उन्हें ही होती हैं जिनके मन में करुणा हो , आत्मियता हो !
भौतिक सत्ता के अधिकता से परमात्मा को खरीदा नहीं जा सकता है ।
REPLY
Rishwa Arya
FEBRUARY 23, 2017 AT 2:28 PM
मित्र लगता है ज्ञान से शुन्य हो जो ऐसा लिखते हो “गीता के बहुत समय के बाद वेद लिखें ”
वेद इश्वर का नित्य ज्ञान है और गीता तो महाभारत काल का लिखा है
REPLY
daine Laxman
FEBRUARY 23, 2017 AT 3:44 PM
इतिहास समजने के लिए ज्ञान नहीं बल्कि विवेक का होना अति आवश्यक है । रही बात महाभारत की , आप शायद महाभारत की कथाएँ सुनकर वर्तमान में जी रहे हैं! मैं तो महाभारत काल अनुभव कर रहा हूं।महाभारत काल के हर एक पात्र यहां मौजूद हैं , इतिहास चक्रीय हैं ,कारण और परिणाम की कि शृंखला हैं , इतिहास रेषीय नहीं है ! आप भले इतिहास के पंडित हो , धार्मिक सिद्धांतों को जानते हो ,लेकिन अध्यात्मिक दृष्टि से निरक्षर लगते हो । आप बहुत ज्ञानी हो लेकिन दुनिया हर धर्म , संप्रदाय अच्छा कर रहा है , हर एक इस संसार में जीने का अधिकार है , यह भूल जाते हो । हम अगर गलत लिखते हैं , तो पाप के भागी बनते हैं , तो भाई ब्रह्मकुमारीवालो पर बिना कुछ सच्चाई जाने बिना , अधुरा ज्ञान सुनकर जो गंदे आरोप लगा रहे हों ,इसमें कौनसा पुण्य कर रहे हो?
क्या आप पाप नहीं कर रहे हो?
अरे बंद करो आरोप ,
और सबको सम्मान दो , दुनिया में किसी का कोई दोष नहीं है ! हर एक को आपने मन से जीने आधिकार हैं ,संस्था चलाने का भी आधिकार है ।
मै सात साल से ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय से जुडा हू और पवित्रता का पालन कर रहा हूं उन्होंने मुझे पवित्रता सिखाई हैं !और आप उनपर इतने गंदे आरोप लगा रहे हों तो आपके उस ज्ञान क्या फायदा? खैर दुनिया में कोरे उपदेश करने वालों की कमी नहीं है!
पाप और पुण्य मै आपसे बेहतर जानता हूँ !
REPLY
daine Laxman
FEBRUARY 24, 2017 AT 12:44 PM
इतिहास समजने के लिए ज्ञान नहीं बल्कि विवेक का होना अति आवश्यक है । रही बात महाभारत की, आप शायद महाभारत की कथाएँ सुनकर वर्तमान में जी रहे हैं !मैं तो महाभारत काल अनुभव कर रहा हूं । महाभारत काल के हर एक पात्र यहां मौजूद हैं ,इतिहास चक्रीय हैं, कारण और परिणाम की कि शृंखला हैं, इतिहास रेषीय नहीं है! आप भले इतिहास के पंडित हो, धार्मिक सिद्धांतों को जानते हो, लेकिन अध्यात्मिक दृष्टि से निरक्षर लगते हो । आप बहुत ज्ञानी हो लेकिन दुनिया हर धर्म, संप्रदाय अच्छा कर रहा है, हर एक मनुष्य अपने मतों के अनुसार जीने का अधिकार है, यह
भूल जाते हो । हम अगर गलत लिखते हैं, तो पाप के भागी बनते हैं, तो भाई ब्रह्मकुमारीवालो पर बिना कुछ सच्चाई जाने बिना, अधुरा ज्ञान सुनकर जो गंदे आरोप लगा रहे हों, इसमें कौनसा पुण्य कर रहे हो? क्या आप पाप नहीं कर रहे हो? अरे बंद करो आरोप, और सबको सम्मान दो, दुनिया में किसी का कोई दोष नहीं है!
पाप और पुण्य मै आपसे बेहतर जानता हूँ !
REPLY
Amit Roy
MARCH 9, 2017 AT 4:27 AM
daniel laxman ji
mere ko kuch sawal kaa jawab doge aap ??? aapke pita kaa kya naam hai ??? aapke pita ke pita kaa kya naam hai ??? unke daada ji kaa kya naam hai ??? jab tak aapko jaankaari naa ho gyaan naa ho aap jawab nahi de sakte. aur yah aapke pariwaar kaa itihaas huwa. aur itihaas ke liye gyaan jaruri hota hai … janab 5000 saal kaa sristi kram hai to 5152 saal pahle krishn ne geetaa kaa updesh kaise de diyaa ??? aao saty ki maarg me aa jaao bandhu… yadi aap paap punya aur saty jaante to aap ved ko follow karte… andhvishwaas se upar utho ji…..
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 24, 2017 AT 2:22 PM
dharm sampraday kise bolte hain ise jaankaari dena mere bandhu. paap punya kise bolte hain ise jaankaari dena mere bandhu. kya vigyaan ko maante ho iskaa jaankaari dena mere bandhu……. brahmkumaari ke aadhaar par par 5000 varsh me hi pralay ho jaata haijabki krishn ki diye gaye updesh shayad 5152 yaa fir 5153 ho gaye haye hain fir tab yah sachhai kaise huyi mere manywar. thoda jaankaari dena aap hame. ham yah nahi bolte ki aap apani man ke anurup samprady ko swikaar naa kare kyunki soch aapki marji aapki aastha aapki. ham to bas saty ki jaankaari dete hain hain uska anusaran karna yaa naa karna kisne bola hai karo. aap 2 + 2 ko 5 bolo kya fark padta hai. saty to aakhir 2 + 2 = 4 hi rahega. marji aapki soch aapki. dhanywaad
REPLY
daine Laxman
FEBRUARY 23, 2017 AT 11:42 AM
अवतार वाद हमारे भक्ति संप्रदाय की एक भावना है , श्रध्दा हैं ,लेकिन सत्य नहीं है! हम उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते हैं , हमें अधिकार नहीं है !
आपने कहा कि ईश्वर सर्वशक्तीमान है , उससे तो सब सहमत हैं , लेकिन ईश्वर सर्वव्यापी हैं ,यह सत्य नहीं है? यह तो ईश्वर की ग्लानि है ,क्या आतंकवादियोमे ईश्वर है? क्या बलात्कारीयोमे में ईश्वर हैं? क्या पशुओं , जनावारोमे ईश्वर हैं?
अरे कैसी विडंबना है ईश्वर की? इसे ही कहते हैं धर्म ग्लानि ,परमात्मा के कर्तव्य ,स्वरुप ,स्थान इसके बारे में गलत धारणाएं होना ।
सर्वव्यापकता सिर्फ हमारी भावना है , अध्यात्मिक सत्य नहीं है!
परमात्मा ना सुख देते हैं , ना दुख वह तो सिर्फ सुख का रास्ता दिखाते हैं।
परमात्मा अयोणी अशरिरी अजन्मा है , वह अवतार नहीं लेते परकाया प्रवेश के द्वारा शरीरशरुपी प्रकृति को अधिन करके प्रकट होते हैं
जैसे कि गीता में कहा है कि मेरे साधारण रूप को मुढंमती नहीं समझ पाते हैं।
जब दुनिया में गलत धारणाएं बन जाती हैं , तो परमात्मा को प्रकट होना ही पडता है।
REPLY
Rishwa Arya
FEBRUARY 23, 2017 AT 2:29 PM
जो सत्य नहीं है तो मानते क्यों हो ?
झूठ को बढ़ावा देकर क्यों पाप के भागी बनते हो
REPLY
daine Laxman
FEBRUARY 21, 2017 AT 3:54 PM
आचार्य जी ब्रह्मकुमारीवाले वाले वेदों के विरोधी नहीं है, बल्कि वह गीता और वेदों का सार ही सुना रहे हैं, करोडों देवता और परमात्मा के कर्तव्य स्पष्ट कर रहे हैं, करोडों देवता और परमात्मा के कर्तव्य मे फर्क है ।
REPLY
Rishwa Arya
FEBRUARY 22, 2017 AT 2:15 PM
ब्रह्म कुमारी ज्ञान के ही दुश्मन हैं
न वो वेद का सार सुना रहे हैं
ये तो इतिहास के भी दुश्मन हैं
REPLY
daine Laxman
FEBRUARY 25, 2017 AT 4:22 AM
आप लोग व्यर्थ ही ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय पर आरोप लगाते हो । कोई मतभेद नहीं है आर्य समाज और ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय के ज्ञान में । जीस परमात्मा के स्तुति से सम्पूर्ण वेद भरे पडे हैं , उस परमात्मा की स्तुति ही ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय में हो रही है ।
वेदों में ही लिखा है कि परमात्मा अजन्मा है , निराकार है , उसकी कोई प्रतिमा नहीं है ! ब्रह्मकुमारीवाले वाले भी तो परमात्मा को आजन्मा , निराकार , ही बताते हैं ।
हा कुछ मतभेद हो सकते हैं , लेकिन मूलभूत सत्य तो एक ही है।
आर्य समाज ने स्वतंत्रता आंदोलन में जो
कार्य किए वह सब जानते हैं ,पापाश्चात्य संस्कृति के आंधी से भारतीय संस्कृति का संरक्षण किया ।
लेकिन आज लोग तो आर्य समाज के लगते ही नहीं हो , क्योंकि इतनी संकुचितता और कट्टरता नाही वेदों की देन है और नाही आर्य समाज के सिद्धांत
।
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Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 5:54 AM
laxman ji
brahamkumaari geetaa quraan bible ityaadi sabhi ko manti hai aary samaj ved ko maanta hai. bahut antar hai mere bhai. quran bible ityaadi parho aur fir ved parhana saty ki jaankaari khud ho jaayegi. dhanywaad
REPLY
dainelaxman
FEBRUARY 27, 2017 AT 4:13 PM
अमित भाई , मैंने गीता , कुरान और बायबल के साथ ऋग्वेद भी पढ लिया है ,मैं तो दर्शनशास्त्र का विद्यार्थी हूँ ।मुझे आस्था है आपनी प्राचीन संस्कृति में , गीता और वेदों में ।भारत एक बहुत ही विस्मयकारी देश है ।
मूल प्रश्न कोण सत्य है यह नहीं है ? सत्य तो स्वंय सिद्ध होता है । हर एक धर्म , संप्रदाय के लोग अपने को ही सत्य समजते हैं ,और दूसरो को झूठे।
आज संसार में चारों तरफ उलझन है ,अनेकता , कट्टरता बढती जा रही है , धर्म और संप्रदाय की आंधी में मानवता रो रही है ,भौतिक सुख चरणसिमा पर हैं ,हर एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र को नेस्तनाबूद करने के तयारी में है । दुनिया ऐसे सफर पे चल रही है , जीसकी
कोई मंजिल नहीं है , और दुनिया ऐसा कुछ कर रही हैं जीसका कोई हासिल नहीं हैं ।
भारत की अवस्था भी कोई अलग नहीं है ,गीता और वेद अद्भुत और विशाल होते हुए भी , भारत में समानता और भाईचारा स्थापित नहीं कर सके हैं , भारत का एक विशाल समुदाय जब जब देश के भविष्य का फैसला होने जाता है ,तो आपने आपको पराया महसूस करता है, धैर्य ,साहस , वीरता होते हुए भी समाज का आधा हिस्सा वैश्य और शुद्र के नाम पर हजारों सालों से मानसिक यातनाएं भोग रहा है ,गीता और वेदों का आधार लेकर भारतीय के साथ पशुओं जैसा व्यवहार हो रहा है । आखिर क्या कारण हो सकते हैं , क्यों हम एक नहीं बन पा रहे हैं?
आपने कहा कि हमें सनातन धर्म की ओर लौटना है , सही तो कहा है आपने , भारत में सभी समस्याओं का यही एक हल है ।
लेकिन वो आदि सनातन धर्म कैसे लौट आएगा ? एक दूसरे पर आरोप लगाने पर? खुदको एक दुसरे से अलग समजने से?
अरे नहीं ,क्या हो गया है , मेरे भारतीय यो को ? अरे करोडों देवता के हम वंशज है कहा गये वो करोडों दाता? कहा गये हैं हमारे आर्य ,जो मनोविकारों के साथ युद्ध करते थे!
अमित भाई , केवल गीता और वेद पढने से आदि सनातन देवता धर्म लौट कर नहीं आ सकता है । हमें जरूरत है कि करोडों देवता जीसे हम चित्रों में ढुंढ रहे ,उनको हमारे चरित्रों में उतारना होगा ,करोडों देवता जीसे हम संसार में ढुंढ रहे हैं , उसको हमारे संस्कारो में उतारना होगा , हमें करोडों देवता की महिमा नहीं करनी है , बल्कि हम खुद महिमायोग्य बनना होगा ।
अगर भारत में ऐसे करोडों दाता प्रत्यक्ष होंगे तो ही सनातन धर्म लौटकर आएगा ,और भारत विश्व गुरु बन जाएगा , हमारी प्राचीन संस्कृति हमारे चरित्रों उत्तर जाएगी भारत शांतिदूत हो जाएगा !
भारत महान तब होगा जब हम खुद महान बन जाऐंगे ,हमारे आदि सनातन देवता धर्म की पुन्हा स्थापना के लिए जो आर्य समाज कार्य कर रहा है , वहीं कार्य ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय में हो रहा है , हमें एक दूसरोंको सम्मान देना होगा , सर्व के सहयोग से भारत में सर्वोदय होगा , भारत को माता कहा जाता है , क्योंकि करोडों दाता हमारे पूर्वज हैं । यह देवताओं कीभूमिहैं !
चलो हम यह नफरत की लाठी तोड देते हैं , लालच , अहंकार , ईर्ष्या , द्वेष , मत्सर इन सभी विकारों का त्याग कर देते हैं , कट्टरता और राष्ट्रवादी नहीं बल्कि विश्व बंधुत्व है हमारे संस्कार ।
आर्य समाज
REPLY
Amit Roy
MARCH 9, 2017 AT 4:34 AM
aary samaj niche likh dene se kuch nahi hota bhai jaan… aapki comment se jaankaari ho raha hai aapko kuch jaankaari nahi. aapko yah bhi nahi maalum ki dharm kise bolte hain. sampraday kise bolte hain.fir bhi khud ko bahut gyaani aap samjhate ho.. devta kitne hain yah bhi nahi maalum. chalo ji. aapne naa ved parhaa hai . geeta ki tulnaa ved se ki jaati hai. ved ki tulnaa geeta se nahi ki jaati. chalo hame 33 koti (aapke hisaab se 33 crore devta hain) devta ke naam hame bataye… dhanywaad
REPLY
sonu sharma
FEBRUARY 22, 2017 AT 11:30 PM
Barhmkumaries wale bilkul satya h . ye Maine bahut karib se mehsus kiya h. Main bachpan se barhmkumaries se juda hu muje anek bar saksaatkar ho chuke h. Maine shiv jyoti ko bahut Karin se mahsus kiya h. Ye gyan bahut simple or clear h isiliye iske liye budhi ka clear hona bahut jaruri h. Aaj chaaro or dukh hi dukh h iska karn hamare bitar ka kaam,karod,lob,moh,Shankar h. Hume inse yudh karne ki jarurt h aaps m nhi. Hum to parmatma ki santaan h hum bhai bhai h or iss duniya k sbi log hamare bhai h. Aaj duniya ko shanti ki jarurat h or ye shanti barhmkumaries me hi mil Sakti h. Kisi ko galat batana ye koi niyam nhi balki is se to ashanti phelti h. Aaj Hume pyaar ki jarurt h dusmani ki nhi. Mera aap sbi bhai bahno ko parnaam,namaste,om namah shivay.
REPLY
Rishwa Arya
FEBRUARY 23, 2017 AT 12:38 AM
“Maine shiv jyoti ko bahut Karin se mahsus kiya h’
🙂
thag babaa par undivided india men huyee FIR aur Mount abu men chalne wali sharab ki rangeen partiyon ki press report ye sab bayaan kartee hein ki wo kitane satya hein
is sansar ko huye 5000 saal batane wale to itihas ke bhee dushman hein
REPLY
bk yogesh bhai
FEBRUARY 26, 2017 AT 5:59 AM
aap kya jano brahmakumaris ke bare me ye to samay batayega kon kitne paani me hai
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 6:24 AM
bk yogesh bhai
saty ke maarg par bahut kam hote hain. aur jo saty ko samajh gaye ve saty sanatan dharam aur ved ki aor laut jaayenge. dhanywaad
REPLY
bk yogesh bhai
FEBRUARY 26, 2017 AT 6:03 AM
jo sachha snt hai wo har dharm v sant ka samman karta hai apki tarah brahmakumaris kisi ki burai nahi karte they are very peaceful ,knowlageful and sucsessful .it is the proff of truth.
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 6:27 AM
bk yogesh bhai
dharm kise bolte hain yah jaankaari dene ki kasht karenge? kya aapne geetaa parhaa hai ?? yadi parhaa hota to ved ki mahima kaa gungaan kiya gaya hai aap ek baar ved parh lete aapke saare shanka kaa samaadhaan ho jaata. dhanywaad.
REPLY
bk yogesh bhai
FEBRUARY 27, 2017 AT 5:30 AM
aarya samaji pagal ho gaye inko dusro ka samman karna nahi aata brahmakumaris viswa ki top 5 spritual orgnigation me hai aur uski head dadi janki ji world ki most stable mind wali mahila hai amerika sigapur narko university ke scientist ne machino se reserch kiya hai that is the proffof rajyoga and power of truth sirf batene karne se kuchh nahi hota kuch kar ke dikho brahmakumris to apne karmo se hi viswa patal par chamak rahi hai or future me or bahut aage hongi tum jaise to dekhte hi rah jayege jo swaym ko nahi dusro ko sudharne ka pryas kar rahe ho pahle kud ko sudharo sachhe sant kisi dharm vapne sant samaj ki burai nahi karte, vichar to sabke alag alag hi hote hai aur samay ke anusar gyan me uski bato me bhi parivrtan aavasyak hai vahi brahmakumari kar rahi hai ve vidwan hai apni rah kud banate hai purani cheej ko badalkar naya rup dete hai
REPLY
Amit Roy
FEBRUARY 27, 2017 AT 7:15 AM
bk yogesh bhai
saty bolne waale bahut kam hote hain. aur jo saty bolte hain use duniyaa dekhana nahi chahtaa. koi pagal to koi kuch bolte hain kyunki saty ko apanaana sabke bas ki baat nahi…… saty bolnewaale duniya me bahut kam hote hain. dhanywaad……….
REPLY
Beer
FEBRUARY 27, 2017 AT 8:53 AM
Itne saare comment se sidhh ho chuka hai ki sahi kon hai aap jabrjasti kisi ko galat nahi bana sakte aap kabhi gaye bhi ho brahmakumaris me? Kitne sal rahe vaha , kya dekha hai aapne brahmakumaris ka jb apni aankho se dekha nahi to aap kuch nahi bol sakte uper jo baate dada lekhraj ke baare me likhi ve bilkul asatya hai aap reserch kar sakte hai unke sath ke vaypari v log ajj bhi jinda hai bombay me rahte hai. Aur 2v 2 to 4 hi rahege kisi ke kahne se 5 nahi hoge bahas ki koi jarurat nahi sach to swayam sidhh hota usko sidhh karne ki jarurat nahi hoti.
REPLY
Amit Roy
MARCH 6, 2017 AT 8:48 AM
janab saty to saty hota hai sahi kaha aapne. is baat se ham sahmat hain. hame ek baat batana ji kya aap science ko maante ho ?? pralay aapke hisaab se kab aati hai ??? mai bahut se watsapp ke brahmkumari samuh me hu. jisme yah bataya jaata hai ki sristi 5000 ki hoti hai… fir to aapke bk waale galat huye janab. 5152 saal pahle geeta kaa updesh diya gaya thaa. aise kai sawal uth sakte hain. aapke bk ke hisaab se sristi aarambh kab huyi bataye
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 7, 2017 AT 4:18 AM
srasti to aanadi hai ye chakra na kabhi shuru hota hai na hi khatam ye to anvarat goomta rahta hai but ek chakra ki avadi shiv baba ke anusar 5ooo saal hoti hai jaise din v rat hamesha se chale aaye hai par kab shuru hua pahle din tha yapahle rat ye ham nahi kah sakte but1 chakra 24 ghante ka hota hai usi prakar se koi ke hihab se sal me 365 din hote hai but hindi calender ke anusar aage peeche bhi ho jata hai ye to apni apni gadna hai ham kisi ko galat nahi kah sakte hai aapko aur detail janna hai to youtube pe bk usha srasti chakra ka rahsya likhkar serch karen anwer mil jayega
REPLY
Amit Roy
MARCH 9, 2017 AT 4:42 AM
yogesh bhai
aanadi kise bolte hain yah jaankaari dena ji. aur ek sawal ji shiv baaba kab aaye prithvi par yah bhi jaankaari denaa ??? kyaa 5000 saal pahle ??? geetaa kaa updesh 5152 pahle diya gaya thaa fir 5000 me pralay ho jaati hai yah baat samjh se baahar lagti hai aur shiv baba jhute pramaint najar aane lagte hain… aur sune hindi calender aap bol rahe ho wah chaand ki prikrama ke aadhaar par hota hai… aur us hisaab se ganana ki jaati hai. hindi ke kitne mahine hote hain?? yah maalum hai aapko ??? ab google par search karke jawab nahi denaa.
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 9, 2017 AT 12:40 PM
Mere brata ji aapke gyan chrcha me ego ki lahar aarahi hai bhia aap hi sahi ho aur saare galat hai theek hai. ham apni life apne gyan se santust vkush hai hame ab koi galat nahi lagata mujhe apna samay barbad nahi karna aapko yadi janna hai to najdeek aao hame aapse koi shikayat nahi you can call call me 9584210287
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Amit Roy
MARCH 14, 2017 AT 8:38 AM
bk yogesh bhai
charchaa se kabhi samay barbaad nahi hota. gyaan ki vridhi hoti hai, ab jo purvagrah me ho wah apani paksh ko sahi hi bolegaa. soch aapki vichaar aapki… aap apani soch se apne mat ko sahi bole. hamne kab aapko manaa kiya hai.. aap chahe to charchaa kar sakte hain jisse aur logo ko bhi gyaan ki prapti ho sake… dhanywaad…
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:36 AM
Jyada gyaan sehat me liye achcha nahi hota.
REPLY
Rishwa Arya
MAY 24, 2017 AT 4:10 PM
🙂
fir apake aaradhya Buddh ke bare men kya kahna hai
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Beer
FEBRUARY 27, 2017 AT 9:07 AM
Dharm ka aarth hai dharna aur dharna niyam v sidhant har ek ke apne apne hote hai usme viswas v sradha apni apni hoti hai jabarjasti kisi pe thope nahi ja sakte maine geeta v ved pade hai geeta ke 18 ve adaaya ke 48 ve slok mantra me spast likha hai he arjun mujhe yagya jap tap v vedo se nahi paya ja sakta me inse pare hu mujhe to sirf hraday me prem bhav se hi jan sakte hai aap mujhe call kar bat kar sakte ho aapke sare prasno ka utar hai mere pas dene ki koshis karuga my no. 9584210287 mil lo to aur utam hoga
REPLY
Amit Roy
MARCH 6, 2017 AT 9:03 AM
janab yahi par charchaa karen… ham charchaa karne ko taiyaar hain aap jisse charcha karnaa chaho… ek baat batao kya aapne geetaa parhaa hai vo bhi pauranik geetaa??? chalo pauranik geetaa ke hisaab se hi jawab deta hu. aap us shlok ko yaad kare jisme krishn ne bola hai main main saamved hu. main rigved hu. main atharved hu… fir ved ko kyu nahi maan rahe janab. aur sune krishn ne jo sahi me jo geeta kaa upesh diya thaa usme maatra 70 shlok the jo aaj 700 aur mere ek mitra ke paas to 740 shlok waali bhi geetaa hai magar 740 waali shlok waale geeta ke baare me mujhe jyada jaankaari nahi. aap aaye hamare fb page par charchaa kare. aapko screenshot ke saath jawab diya jaayegaa… dhanywaad…
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 7, 2017 AT 4:23 AM
jab geeta me 70 se 740 slok ho gaye to usme satya aate me namak ke barabar hai phir ham uska hawala kaise de sakte hai yahi bat brahmakumaris me batai jati hai vahi to aapkah rahe ho phir problem kya hai
REPLY
Amit Roy
MARCH 9, 2017 AT 5:03 AM
yogesh bhai
yadi aapse charchaa karunga to aap bhi hame 700 shlok waale geeta se charchaa karoge. 740 waale shlok mere paas nahi wah to mere mitra ne jaankaari di thi ki unke paas 740 shlok waale geetaa hai. aur kai brahmkumaari ke logo se charchaa kiya hai ve bhi 700 shlok waale geeta se charchaa karte hain… fir brahmkumaari saty ki jaankaari kaise de rahe hain ji… yah samajh se pare hai…
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 9, 2017 AT 12:27 PM
Bhaiya mere jabgeeta sunai tab aap bhi vaha nahi the hambhi nahi to satya kya hai vo dono me koi nahi bata sakta imp. ye hai ki wo geeta gyan hamare jeevan me kitna hai v mujhe usse present me kya laabh hai aur aap chek karege to janege geeta me jo baate hai un par brahmakumaris wale sabse jayda amal me late hai aur practical thory gyan se jyada imp. hai
REPLY
Amit Roy
MARCH 14, 2017 AT 8:34 AM
bk yogesh bhai
ham jo saty hai use batlaate hain. bk waale to bible quraan ityaadi ko bhi sahi maante hain … fir aap un sabke baare me bhi jaankaari dete ho.. sab sahi kaise ho sakta hai… saty to koi ek hi hogaa…. aur bible quran ityaadi me bahut aisi baate hai jise sahi nahi mana jaa sakta..
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 15, 2017 AT 10:03 AM
Kya bibale kuran me achhi bate nahi hai? jo bhi achhi jeevan sudharne wali bate hai ham unko mante hai . jab ham kisi ka smman nahi karege to dusra hamari bat kaise samjhega ye to muslim sikh sab jante hai ki sab dharmo ka uday sanatan dharm se hi hua hai aur jo galat bate hai jisse hamare dham pe aakhep lagta wo ham nahi mante chae geeta vkuran ya bibale me ho but unki aachhi bato ke liye ham unka samman bhi karte hai
REPLY
Amit Roy
MARCH 23, 2017 AT 12:02 PM
bk yogesh bhai
sabse pahli baat quraan bible ityaadi me waisi achhi kya baat hai thoda hame jaankaari dena ji… jo bhi achha chij ho use swikaar karna chahiye magar aisa koi baat hai hi nahi jise sahi bolaa jaa sake… aur aapko kisane bol diya ki islaam aur isai waale yah maante hain ki “samjhega ye to muslim sikh sab jante hai ki sab dharmo ka uday sanatan dharm se hi hua hai “
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:34 AM
Sanatan dharm ka matalab maloom hai aap ko ,, vishva ka dharm , vishva ke jitane bhi dharm hai sanatan hai
REPLY
Rishwa Arya
MAY 24, 2017 AT 4:11 PM
🙂
mohd amar khan aarfi
FEBRUARY 27, 2017 AT 8:40 PM
बिधना के मारग है तेते,
सरग नखत तन रोया जेते,
अर्थात ईश्वर को पाने के unlimited wayes hai,
ye insani swabhav hai ki ko kisi ek ko hi sach manna chahta hai,
aksr log apne chhote bachchon se poochhte hai ki aap mumma ko jyada pyar krte ho ya papa ko,
agr aapko apne ghr se office tk jana hai to,
car chahe hundai ki ho honda ki tata ki scoda ki,
ya kisi bhi compny ki sb pahuchayegi vahi jahan aapko jana hai,
jo bhi car jisko offce pahucha deti hai vo uske lia sahi hai,
aur vo apne logo ko usi k bare me bata hai,
aur hm sb तर्क करने मे लगे हुये है,
car me baithne aur usse drive krne ki conditions jo poori kr lega usse every car offce tk le jayegi,
jo cars k bare तर्क पे तर्क कर कर के किसी को सही किसी को गलत करता रहेगा वो……
REPLY
Rishwa Arya
FEBRUARY 28, 2017 AT 3:17 PM
Mohd Aritf
aapki bat man lee jaye ki iswhar ko mananae ke tareeke alag hein to kya Muhammad se alag bhee ishwar ko paane ke tareeke hein ?
kripya apnee ray rakhen
REPLY
rakhi
MARCH 5, 2017 AT 3:54 AM
Mujhe lagta hai aap ghor Nashik hain. yadi ishwar me viswas hota to unko pahchan lete. I m connecting with shiv baba. Jeevan ke har pal me unhone mera margdarshan kiya hai. Aap apna karm kharab kyon kar rahe hain. Yaad hai sisupaal jisne Krishna ji ki kitni minds ki thi. Hirdyakashyap jisne chunooti di thi. Parinaam aap Janet hain.ek ache aur sahi gyaan ki ninda n.a. kare. Kuoki viswas utuna hi atal hota jaega.
REPLY
Rishwa Arya
MARCH 5, 2017 AT 5:11 AM
@rakhi:”. I m connecting with shiv baba”
ye aapke shiv baba wo hee hein jin par undivided India men case chalaya gaya tha
auraton ko bharmane ke aaropi bane aur fir bhag kar Mount aabu men aakar jam gaye
Us samay ke angreji patron men inki kargujariyan badee achchee tarah se jan samanya ke smane aaye theen
REPLY
rahul
MARCH 7, 2017 AT 4:39 AM
ye bilkul galat hai he is a great men nahi tom ajj ye sansthan itna aage na badti jarur uska foundation bahut majboot hoga phal dekhkar uske beej ka pata pad jata hai.
REPLY
Amit Roy
MARCH 9, 2017 AT 5:06 AM
yogesh bhai
kya aap bhi naam badalkar charchaa kar rahe ho?? aise hi nafees ji aur bahut hain jo naam badalkar charchaa karte hain isse maalum hota hai aap galat ho tabhi to naam chhupa rahe ho. aur sune bahut se lobh di jaati hai jis kaaran sansthaa chalti hai. osho kaa bhi sanshtha hai… aur usme bhi bahut hain. sai waale sansthaa hain. jinhe saty ki jaankaari nahi hoti ve use satya samjh lete hain…
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 9, 2017 AT 12:18 PM
Roy ji jab aapne hamko galat samajh hi liya hai to sari charcha karna bekar hai lekin mera vo aim nahi hai jo aap samajh rahe hai ab me kuchh nahi kahuga but bhai mere school ka nam alag hai v teeno naam chalte hai aur jisne bina jankari vbina dekhe galat man liya usko to samay hi samjha sakta hai sachhe log bahas me nahi jate bhaiji aapki tarah 13 sal pahle mujhe bhi shak tha to maine in logo ke sath rahkar chek kiya aur apna shak door kiya pas se dekhkar aapko bhi apnashak door kud hi karna padega baki shak ki koi dava nahi hoti bhgwanji aapko satbuddi de om shanti
REPLY
Amit Roy
MARCH 14, 2017 AT 8:31 AM
bk yogesh bhai ji
aapko batla du main mai watsapp me bk ke samuh me hu… aur sab yahi bolte hain 7 din kaa claas kar lo… yah jaan jaao kai video audio aur aarticle bhi un samuh me share ki jaati hai.. is kaaran yah mat bolnaa ki main bk ke baare me kuch nahi jaanta. aur haa maine aapko galat nahi bola hai.. aap apane hisab se sochate ho aur ham apani hisaab se. soch aapki vichaar aapka… ham to kewal aapko saty ki rastaa dikhlayenge
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 15, 2017 AT 10:12 AM
aapka focus burai dekhne pe hai aur ham log aachhi dekhte hai chahe wo kahi bhi kisi bhi dharm pustak me kyo na ho bas yahi aantar hai kya muslim hindu jain sikh ye aanter bhagwan ke yaha bhi hota hai kya ved yahi sikhte hai ? jab ham aapas me kami hi dekhege to prem kaise paida hoga hamare aander
REPLY
Amit Roy
MARCH 23, 2017 AT 12:09 PM
bk yogesh bhai
bible quran parho sab maalum chal jaayegaa… ved to pura sansaar ko vasudhaiv kutumbkam ke rup me rhne ko bolta hai… quran ityaadi ki tarah nahi ki kaafiro ko maaro…. maleechh ko bhi maaro … quran kaa allah yahova aur ved ke parmatma me bhi bahut antar hai… aap purvagrah se grasit ho is kaaran aapko saty aur asatay najar nahi aata.. hamara maksad bas ek hai…. bhatke aur galat logo ko sahi raste par laao… aur yahi kaaran hai jo galti kar rahe hain use sahi laane kaa koshish kar rahe hain… magar aap to purvagrah se grasit ho aapko achha bhi bura lagega to kya kar sakte ham…
REPLY
bk yogesh bhai
MARCH 15, 2017 AT 10:27 AM
abhi aap jo bhi jante hai bk ke baare mai wo bahut kam aadura v aasatya hai isliye pas se kud parikhan karna chahiye kai bar jo chhech dor se jaisi dikhti hai pas jake pata padta hai ki vo vaisi nahi ham log har jagah se achhai lekar apne ko guno se sajate hai hamara focous sabki aachhi par rahta hai jaise bagula keede khata hai par hans hamesha moti hi chgta hai chaae kitni hi gandgi me wo chhipa ho
REPLY
Amit Roy
MARCH 23, 2017 AT 12:17 PM
bk yogesh bhai
ham jab tak parikshan nahi karte tathy par nahi jaate praman nahi dekhate tab tak ham kuch nahi bolte… aur jab kuch bolte hain to jaankari hone ke baat hi hota hai ji…. aur bahut ko dekhane kaa najriya bhi alag hota hai ji… jaise gurmehar ko uske pita ko paakistaan ne nahi maara.. use to yudhh ne maara. ab aap socho yudh kaa kaaran kya thaa paakistaan.. ab koi bole yuvraj sing ne thode 6 ball par 6 sixer lagaya wah to uski bat ne lagayaa.. ab aap jaise soch rakho use koi mana nahi kar sakta… soch aapki vichaar aapki… dhanywaad….
REPLY
rakhi
MARCH 5, 2017 AT 4:25 AM
Bogus website nakaratmak urja ka Kendra. Sundar so duniya ko aap jaie kans kya samjhege
REPLY
Rishwa Arya
MARCH 5, 2017 AT 5:11 AM
Ishwar ki sattt men vishwas karna aastiktaawad hai n kisee pakhandi ko bhagwaan man lena
ishwar aapko sadbuddhi de
REPLY
rakhi
MARCH 6, 2017 AT 10:35 PM
Aap apna Sammy jisme chahe laga sakte hain. Apka karm apka bhagya. Ninda karne me khushi milti hai, karte rahiye. is janam me bhi aur ishwar kare har janam me aap logon ki aisi hi ninda karte rahe. Kush rahe bhai.
REPLY
Amit Roy
MARCH 8, 2017 AT 3:50 AM
rakhi ji…
sabse pahli baat yah ki ham saty ki jaankaari dete hain kisi ki ninda nahi karte. bahut se log bolte hain 2+2=5 , to kya use yah jaankaari denaa ki 2+2=4 hote hain yah bolnaa kya ninda karna hota hai ?? aur main har janam me chahunga ki isi tarah parmatama hame ved kaa prachaar karne me lagate rahe… aur logo kaa marg darshan karte rahe…. dhanywaad………
REPLY
sanjit,
MAY 11, 2017 AT 9:39 AM
Aap goutam Buddha hai kya jinhone satya ka gyan lagaane ke liye tapasya kiya , jara unhi se gyaan le lijiye naa ishwar me baare me.
REPLY
dainelaxman
MARCH 8, 2017 AT 12:46 PM
अमित भाई, गीता में भगवान कहते हैं
ना वेद ना तपस्या ना दानेन ना त्येजया
अर्थात वेद ,दान, तप इससे मेरी ( परमात्मा ) की प्राप्ति नहीं हो सकती हैं! परमात्मा खुद कहते हैं कि वेदों से मेरी प्राप्ति नहीं होती है , तो परमात्मा आपको वेदों का प्रचार करने के लिए कैसे कहेगें ?
REPLY
Amit Roy
MARCH 10, 2017 AT 4:54 AM
danelaxman ji
yadi aap geeta se hi charchaa karna chahte hain to aaye aap hamare page par. aapko pura geeta se charchaa ki jaayegi screenshot ke saath . rahul jhaa ji ke dwara. hamara fb page hai http://www.facebook.com/Aryamantavya/
REPLY
Hitesh
MARCH 8, 2017 AT 1:41 PM
Koi gya tha in om shanti ashram me vaha usko ek kAmra mila aur usme ek drawer bhi tha usne usko khol ke dekha to usme comdom k pkt. Mila vo bechara samaj gya yaha gadbad chal rahi hai to khisak liya , usne hum sab friends ko khud bataya , bahut gandagi chal rahi hai vaha sex ! Sex ! Sex! Nothing else mai arya samaj ka samarthak nahi hu per post pada to yu hi purani baat yaad aa gai apne ek om shanti wale dost ki baat ….
REPLY
dainelaxman
MARCH 11, 2017 AT 2:59 PM
हितेश भाई , आपने ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय के बारे में उपर जो लिखा है , वह बहुत ही खेदजनक हैं ।
ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय का आधार ही पवित्रता हैं । मैं ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय में जाने से पहले अपवित्र जीवन जीता था , वासना में आधा था , लेकिन ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय मुझे पवित्रता सिखाई हैं ! हर एक को आत्मिक दृष्टि से दिखाना सिखाया । मै भी पवित्रता के मार्ग चल रहा हूं ।
आपने जो लिखा है , उसमें बिल्कुल सच्चाई नहीं है ! आज लाखों लोग ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय में पवित्र जीवन जी रहे हैं !
पवित्र ही सब सुख और शांति की जननी है । काम क्रोध, लोभ यह नर्क के द्वार है , यह गीता का उपदेश हमें आचरण में उतारना सिखाया जाता है ।पवित्रता से ही दुनिया के सभी समस्याओं का हल है ।
वासना में अंधे होने के कारण मनुष्य ने विवेक का सहारा खो दिया है । मनुष्य सत्य के बारे में इतना भ्रमित है , सत्य को ही धोखा समज बैठा हैं।
REPLY
Amit Roy
MARCH 15, 2017 AT 5:42 AM
danielaxman bhai
bk me kewal geeeta ki hi jaankaari nahi di jaat. bible quran ityaadi ki bhi jaankaari di jaati hai aur un sab me yah bhi bataya gaya hai jaise bible me ki apani beti se jismaani sambandh kar lo aur santaan paida kar lo … jaise lut kaa prakaran… quran me bhi apni putra ki biwi se nikaah kar lo aisa hai shayad 33:50 me.. thik se yaad nahi aa raha…. bible me bahu ne sasur se jismani sambandh banaye aur santaan paida kiye… jab aap log in sab ki jaankaari dete hai to jo use pura parhega bible quran hadees ko to sex ki aor jarur bhagegaa.. kshma chahta hu kisi kaa dil dukhaa ho to ….
REPLY
dainelaxman
MARCH 8, 2017 AT 3:40 PM
अमित भाई, गीता में भगवान कहते हैं ना वेद ना तपस्या ना दानेन ना त्येजया अर्थात वेद, दान, तप इससे मेरी ( परमात्मा ) की प्राप्ति नहीं हो सकती हैं, परमात्म खुद कहते हैं कि वेदों से मेरी प्राप्ति नहीं हो सकती हैं, तो आपको परमात्मा वेदों का प्रचार करने के लिए कैसे कहेगें?
REPLY
Amit Roy
MARCH 10, 2017 AT 5:15 AM
danielaxman ji…
parmatama har bure kaam karne se rokta hai aur achha kaam karne ko prerit karta hai magar use log maante nahi aur apani man ki karte hain. udaharn deta hu kabhi aapko man me hota hai yah kaam nahi karna chahiye yah kaam buraa hai aur aap use karte hain … yah parmatama hi hai jo use kaam karne se rokta hai. yah ek udaharn diyaa aapko… aise kai udaharn aapko mil jaayenge……… aap ise se samjh jaaye. parmatama har achhe kaam karne ki prerna aur bure kaam ko karne se rokne ki prerna deta hai…. dhanywaad….
REPLY
ASHISH
MARCH 20, 2017 AT 8:10 AM
brahmakumari sanstha me koi khot nhi h, but har koi ise nhi samaj sakta h, koti me koi aur koi me bhi koi hi is gyan ko samajh skte h, parmatma to guruo k bhi guru sadguru h, sadguru ka nindak thaur na paye…. kripya aap log kuchh bhi samjhe per dusaro ki burai to na kare
REPLY
Amit Roy
MARCH 20, 2017 AT 8:24 AM
ashish bhai
brahmkumaari logo ko bhram me daalti hai… aap vigyaan ko maante ho kyaa??? sristi kab aarambh huyi??? prithvi ki aayu kya hai??? yah sab baataye…. geetaa kaa updesh diya huwa 5152 saal ho gaye yaa ek do saal jayada honge… magar brahmkumaari ke aadhaar par sristi 5000 saal kaa hota hai .. isi se to brahmkumaari ki baate jhuthi hone lagti hain… aur dusari baat ham 2+2=4 bolte hain aur koi 2+2=5 bole use saty maarg par laane kaa prayas kare to yah burai kaise ho gaya… soch aapki vichaar aapki…. is baare me aapko kuch nahi bolunga… dhanywaad
REPLY
dainelaxman
MARCH 25, 2017 AT 3:42 PM
अमित भाई , आपको बता दें ता हूं कि ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय में बडे बडे डाॅक्टर , इंजीनियर , वैज्ञानिक , वकील , प्राध्यापक समर्पित है । क्या वो विज्ञान नहीं जानते?
आपने कहा कि सृष्टि कब आरंभ हुई? सृष्टि आरंभ नहीं हुई है । यह अनादि है । this material world is made up of atom ,which is energy . Energy can neither be created nor be destroyed . यह भौतिक संसार ऊर्…
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