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सनाढ्य ब्राह्मण
सनाढ्य का शाब्दिक अर्थ दो शब्दों से मिलकर बना है,सं+आढय जिसका अर्थ तपस्या में रत रहने बाले अर्थात तपस्वी।
सर्व ब्राह्मणों के 752 गोत्रो में केवल 700 गोत्र सनाढ्य ब्राह्मणों के है।जो की ब्राह्मण के नियमो को अपनाकर उच्च ब्राह्मणों की श्रेणी में आते हैं।
Last edited 10 days ago by चक्रबोट
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