Wiki Loves Earth photo contest: Upload photos of natural heritage sites in India to help Wikipedia and win fantastic prizes! मुख्य मेनू खोलें  खोजें संपादित करेंइस पृष्ठ का ध्यान रखें शब्दशक्ति शब्दवृत्ति या शब्दशक्ति (अथवा शब्द शक्ति अथवा शब्द-शक्ति) अर्थात शब्दों की शक्ति। हिन्दी व्याकरण में किसी वाक्य के भाव को समझने के लिए प्रयुक्त अर्थ को शब्द शक्ति कहा जाता है। कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ सभी लोगों के लिए समान होते हैं लेकिन कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार लेता है। इसी आधार पर उस वाक्य में प्रयुक्त शब्दों के प्रकार, शक्ति और व्यापकता के आधार पर उसे विभिन्न प्रकार से विभक्त किया जाता है। परिभाषा संपादित करें शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। शब्दशक्ति के प्रकार संपादित करें हिन्दी व्याकरण में शब्दशक्ति तीन प्रकार की होती है: अभिधा संपादित करें वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है। उदाहरण हिन्दी एक भाषा है। वाक्य का अर्थ और भावार्थ यहाँ वाक्य का अर्थ साधारण है। चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है। लक्षणा संपादित करें मुख्य लेख : लक्षणा यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है। उदाहरण रामू शेर है। वाक्य का अर्थ और भावार्थ यहाँ दिया गया वाक्य एक लघु वाक्य है और इसका अर्थ सामान्य नहीं है। अर्थात रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है। व्यंजना संपादित करें व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है। उदाहरण सुबह के 08:00 बज गये। वाक्य का अर्थ और भावार्थ यहाँ वाक्य साधारण है लेकिन इसका प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न अर्थ है। जैसे एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग। मिश्रित वाक्य संपादित करें यह आवश्यक नहीं की एक वाक्य अथवा वाक्यांश में एक ही शब्द शक्ति का उपयोग हुआ है। कभी-कभी एक ही वाक्य में कई शब्द शक्तियाँ प्रयुक्त की जाती हैं। उदाहरण जोसफ होशियार है। (अभिधा एवं लक्षणा) वाक्य का अर्थ और भावार्थ यहाँ वाक्य साधारण है और इसका साधारण अर्थ है। चूंकि यह वाक्य जोसफ नामक व्यक्ति की विशेषता भी वताता है अतः यहाँ लक्षणा शब्दशक्ति भी है। सन्दर्भ संपादित करें ये भी देखें संपादित करें अभिधा लक्षणा व्यंजना हिन्दी व्याकरण अलंकार बाहरी कड़ियाँ संपादित करें भाषिक अभिव्यक्ति के साहित्यिक रुप अर्थ गौरव की ऊर्जा है शब्द शक्ति हिन्दी व्याकरण Last edited 2 months ago by अनुनाद सिंह RELATED PAGES शब्द अभिधा व्यंजना  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप
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