Tuesday, 28 November 2017

32 प्रकार के राजयोग 

HOME HOROSCOPE ज्योतिष में हैं 32 प्रकार के राजयोग, जानिए आपके भाग्य में कौनसा है SUNIL SHARMA Publish: Dec, 16 2015 04:30:00 (IST) HOROSCOPE ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में कुल 32 प्रकार के राजयोग बताए गए हैं। जिस मनुष्य की कुंडली में 32 प्रकार के सभी योग पूर्ण रूप से घटित हो जाते हैं, वह मनुष्य चक्रवर्ती सम्राट बनता है ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में कुल 32 प्रकार के राजयोग बताए गए हैं। जिस मनुष्य की कुंडली में 32 प्रकार के सभी योग पूर्ण रूप से घटित हो जाते हैं, वह मनुष्य चक्रवर्ती सम्राट बनता है। इसमें नीचभंग राजयोग भी प्रमुख माने जाते हैं।  आइए देखते हैं जन्मकुंडली में वे कौनसे योग होते हैं जिनके होने पर राजयोग बनता है तथा व्यक्ति को उच्च पद, मान सम्मान, धन तथा अन्य प्रकार की सुख-संपत्ति प्राप्त होती हैं। जन्मपत्री में जो नीच ग्रह अपने उच्चांश में बली हों तो व्यक्ति राजा के समान ऐश्वर्य भोगता हैं। जबकि उच्च के ग्रह अपने नीचांशो में होने पर व्यक्ति को गरीबी में जीवन बिताना पड़ता है। जिस मनुष्य का पूर्ण बली चन्द्रमा लग्न को छोड़कर शेष केन्द्र या त्रिकोण (4,7,10,5,9) में यदि पूर्ण बली शुक्र या बृहस्पति से युति बनाता हो तो वह मनुष्य साक्षात राजा के समान ही सुख-संपत्ति और वैभवपूर्ण जीवन जीता है। किसी व्यक्ति के जन्म समय में जो भी ग्रह अपनी नीच संज्ञा वाली राशि में स्थित हो या बैठा हो, यदि उस राशि का स्वामी और उसकी उच्च संज्ञा राशि का स्वामी त्रिकोण (5,9) या केंद्र (1,4,7,10) में बैठा हो तो वह मनुष्य या तो राजा होता है या फिर चारों दिशाओं में घूमने वाला यशस्वी, धार्मिक नेता होता है। ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, योगी, शंकराचार्य या इसी तरह के पद पर विराजमान होता है। जिस मनुष्य का कर्क लग्न बृहस्पति से युक्त हो, शुक्र धर्म स्थान में विराजमान हो तथा शनि व मंगल सातवें घर में बैठे हों तो वह मनुष्य सम्राट होता है। किसी व्यक्ति के जन्म केसमय जो ग्रह नीच राशि में हो, उस राशि का स्वामी या उसकी उच्चराशि का स्वामी लग्न में हो या चंद्रमा से केंद्र (1,4,7,10) में हो तो वह व्यक्ति स्वभाव से अत्यंत धार्मिक तथा चक्रवर्ती सम्राट होता है। जिस व्यक्ति के दूसरे, पांचवें तथा नवें या ग्यारहवें घर में सभी शुभ ग्रह विराजमान हो तो वह मनुष्य धनवान होता है। यदि लग्नेश शुभ ग्रहों से युक्त होकर केंद्र त्रिकोण में उच्च या स्वगृही बैठा हो तो मनुष्य बहुत धनवान राजनीतिज्ञ होता है। यदि व्यक्ति की कुंडली में नवमेश अपने नवांशनाथ के साथ केन्द्र में पंचमेश से युति बना रहा हो तो ऐसे व्यक्ति का राजा भी सम्मान करते हैं। प्राय: ऐसे लोग उच्च पदस्थ सरकारी अफसर बनते हैं। यदि मेष में गुरु, धन में शनि और चन्द्रमा, दशम में राहु-शुक्र साथ बैठे हो तो व्यक्ति बहुत बड़ा राजनेता बनता है। यदि सभी ग्रह (2,6,7,12) में बैठे हो तो व्यक्ति बहुत ही बड़ा प्रभावशाली राजपुरुष होता है। विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मॅट्रिमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें ! Web Title "32 Types of Raj Yoga in Jan Kundli, know which one is in your horoscope " SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER Never miss any news Email Address आगे पढे़ं 5 वास्तु टिप्स: बेडरूम में रोमांस के लिए रखें इन बातों का ध्यान   LATEST NEWS Home About Us Advertise Careers Newsroom Archive Privacy Policy Sitemap © 2017 Patrika Group

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