Thursday, 23 November 2017

सत्य श्लोका

Toggle navigation Sanskrit Slokas Satya Slokas(सत्य श्लोका) Satya is the Sanskrit word for truth. It also refers to a virtue in Indian religions, referring to being truthful in one's thought, speech and action. There is nothing higher than truth. Everything is upheld by truth, and everything rests upon truth. Here is collection of some 'satya Sanskrit Slokas': सत्येन रक्ष्यते धर्मो विद्याऽभ्यासेन रक्ष्यते । मृज्यया रक्ष्यते रुपं कुलं वृत्तेन रक्ष्यते ॥ भावार्थ : धर्म का रक्षण सत्य से, विद्या का अभ्यास से, रुप का सफाई से, और कुल का रक्षण आचरण करने से होता है । सत्येन धार्यते पृथ्वी सत्येन तपते रविः । सत्येन वायवो वान्ति सर्वं सत्ये प्रतिष्ठितम् ॥ भावार्थ : सत्य से पृथ्वी का धारण होता है, सत्य से सूर्य तपता है, सत्य से पवन चलता है । सब सत्य पर आधारित है । नास्ति सत्यसमो धर्मो न सत्याद्विद्यते परम् । न हि तीव्रतरं किञ्चिदनृतादिह विद्यते ॥ भावार्थ : सत्य जैसा अन्य धर्म नहीं । सत्य से पर कुछ नहीं । असत्य से ज्यादा तीव्रतर कुछ नहीं । सत्यमेव व्रतं यस्य दया दीनेषु सर्वदा । कामक्रोधौ वशे यस्य स साधुः – कथ्यते बुधैः ॥ भावार्थ : 'केवल सत्य' ऐसा जिसका व्रत है, जो सदा दीन की सेवा करता है, काम-क्रोध जिसके वश में है, उसी को ज्ञानी लोग 'साधु' कहते हैं । सत्यमेव जयते नानृतम् सत्येन पन्था विततो देवयानः । येनाक्रमत् मनुष्यो ह्यात्मकामो यत्र तत् सत्यस्य परं निधानं ॥ भावार्थ : जय सत्य का होता है, असत्य का नहीं । दैवी मार्ग सत्य से फैला हुआ है । जिस मार्ग पे जाने से मनुष्य आत्मकाम बनता है, वही सत्य का परम् धाम है । सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम् । नासत्यं च प्रियं ब्रूयात् एष धर्मः सनातनः ॥ भावार्थ : सत्य और प्रिय बोलना चाहिए; पर अप्रिय सत्य नहीं बोलना और प्रिय असत्य भी नहीं बोलना यह सनातन धर्म है । नानृतात्पातकं किञ्चित् न सत्यात् सुकृतं परम् । विवेकात् न परो बन्धुः इति वेदविदो विदुः ॥ भावार्थ : वेदों के जानकार कहते हैं कि अनृत (असत्य) के अलावा और कोई पातक नहीं; सत्य के अलावा अन्य कोई सुकृत नहीं और विवेक के अलावा अन्य कोई भाई नहीं । 1 2 Sanskrit Slokas(संस्कृत श्लोक) चाणक्य नीति श्लोक विदुर नीति श्लोक भगवद् गीता श्लोक विद्या श्लोक गुरु श्लोक प्रार्थना श्लोक सुभाषितानि श्लोक श्री दुर्गा सप्तश्लोकी संस्कृत निबंध प्रमुख श्लोक संस्कृत श्लोक गणेश मंत्र दुर्गा मंत्र शिव मंत्र सरस्वती मंत्र लक्ष्मी मंत्र श्री कृष्ण मंत्र वाल्मीकि रामायण श्लोक सत्य श्लोक परोपकार श्लोक व्यायाम श्लोक उपदेश श्लोक संस्कृत स्लोगन संस्कृत अनुवाद संस्कृत गिनती संस्कृत शब्दकोष गायत्री मंत्र इंडिया श्लोक © 2017 sanskritslokas.com. Designed by Krishna Jha - Privacy Policy - Contact Share on ➔ Twitter Facebook

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