Saturday, 11 November 2017

ध्यान-योग

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परम अहम्) :सामाजिक, नैतिक जरूरतों के अनुसार उत्पन्न होता है तथा अनुभव का हिस्सा बन जाता है। इसके अचेतन भाग को अहम्-आदर्श (ईगो-आइडियल) तथा सचेतन भाग को विवेक कहते हैं।      ओशो कहते हैं कि मृत्यु के पहले मन खो जाए, तो मृत्यु के बाद फिर दूसरा जन्म नहीं होता, क्योंकि जन्म के लिए मन जरूरी है। मन ही जन्मता है।   मन ही अपूर्ण वासनाओं के कारण, जो वासनाएं पूरी नहीं हो सकीं, उनके लिए पुन:-पुन: जन्म की आकांक्षा करवाता है। जब मन ही नहीं रहता, तो जन्म नहीं रहता। मृत्यु पूर्ण हो जाती है। धीरे-धीरे मन को गलाना, छुड़ाना, हटाना, मिटाना है। ऐसा कर लेना है कि भीतर चेतना तो रहे, मन न रह जाए। चेतना और बात है। चेतना हमारा स्वभाव है। मन हमारा संग्रह है।   हम हमेशा मन की बातों में आ जाते हैं अगर शरीर की मानें तो हम कभी भी बीमार न पड़ें लेकिन हम हमेशा अपने मन को तरजीह देते हैं। पूरा पेट भरा है, भूख भी नहीं हैं लेकिन अगर हमारे मन की मिठाई या डिश दिख जाती है तो शरीर कितना ही चीख-चीखकर मना करे, हम मन की बात मानकर उसे खा ही लेते हैं और फिर शरीर को भुगतान करना पड़ता है। चेतना नहीं बदलती, चेतना तो वही बनी रहती है।   मन की पर्त चारों तरफ घिर जाती है। मांग वही बनी रहती है, वासना वही बनी रहती है। शरीर सूख जाता, वासना हरी ही बनी रहती है। मन में वासनाओं का अंबार लगा है। पैसे, सम्मान, कामुकता आदि न जाने कितनी वासनाएं हमारे मन को उकसाती रहती हैं और पतन के गर्त में धकेल देती हैं।    किसी रूपवती सुंदरी नारी को देख कामी, दार्शनिक या विरक्‍त योगी के मन में जो असर पैदा होता है और जो भावनाएं चित्‍त में उठती हैं, वे सब अलग-अलग उन लोगों के मन को उद्वेलित करती हैं। कामी मन उसके शरीर को पाने की लालसा करेगा। दार्शनिक या योगी का मन उसमें मां पराम्बा का स्वरूप देखेगा।    हमारे मन में उपस्थित विकार ही अच्छे या बुरे भावों के जनक होते हैं और भावों से ही विचार जन्मते हैं तथा विचार ही आचरण में उतरते हैं।   भगवान कृष्‍ण ने गीता में मन के गुणों के बारे में कहा है-   मन: प्रसाद: सौम्‍ययत्‍वं मौनमात्‍मविनिग्रह:। भाव संशुद्धिरित्‍येतत्तपो मानसमुच्‍यते।।   मन प्रसाद अर्थात आनंद है, सौम्य है, मौन अर्थात मुनिभावयुक्त है। मन के और भी गुण सहानुभूति, आश्‍चर्य, कुतूहलपूर्वक जिज्ञासा, प्रेम, बुद्धि या प्रतिभा, विचार या विवेक आदि हैं।   प्रत्येक व्यक्ति के मन में सत्व, रज और तम- ये तीनों प्राकृतिक गुण होते हुए भी इनमें से किसी एक की सामान्यत: प्रबलता रहती है और उसी के अनुसार व्यक्ति सात्विक, राजस यातामस होता है, किंतु समय-समय पर आहार, आचार एवं परिस्थितियों के प्रभाव से दूसरे गुणों का भी प्राबल्य हो जाता है। इसका ज्ञान प्रवृत्तियों के लक्षणों द्वारा होता है यथा राग-द्वेष-शून्य यथार्थदृष्टा मन सात्विक, रागयुक्त, सचेष्ट और चंचल मन राजस और आलस्य, दीर्घसूत्रता एवं निष्क्रियता आदियुक्त मन तामस होता है। मन आत्मा के संपर्क के बिना अचेतन होने से निष्क्रिय रहता है।   सद्गुरु जग्गी वासुदेव मन के बारे में कहते हैं कि अगर आप शरीर को स्थिर रखेंगे तो मन धीरे-धीरे अपने आप शिथिल पड़ने लगेगा। मन जानता है कि अगर उसने ऐसा होने दिया तो वह दास बन जाएगा। अभी आपका मन आपका बॉस है और आप उसके सेवक। जैसे-जैसे आप ध्यान करते हैं, आप बॉस हो जाते हैं और आपका मन आपका सेवक बन जाता है और यह वह स्थिति है, जो हमेशा होनी चाहिए। एक सेवक के रूप में मन बहुत शानदार काम करता है। यह एक ऐसा सेवक है, जो चमत्कार कर सकता है, लेकिन अगर आपने इस मन को शासन करने दिया तो यह भयानक शासक होगा।   अगर आपको नहीं पता है कि मन को दास के रूप में कैसे रखा जाए तो मन आपको एक के बाद एक कभी न खत्म होने वाली परेशानियों में डालता रहेगा। मन एक भूमि मानी जाती है जिसमें संकल्प और विकल्प निरंतर उठते रहते हैं। विवेक शक्ति का प्रयोग करके अच्छे और बुरे का अंतर किया जाता है। मन धीरे-धीरे विसर्जित होता है। परमात्मा की प्राप्ति में मन बहुत बड़ी रुकावट है। जितना मन संगठित होगा उतनी वासनाएं संगठित होंगी।   अगर परमात्मा में गति करनी हो तो मन विसर्जित होना चाहिए।   उधो, मन न भए दस बीस। एक हुतो सो गयौ स्याम संग, को अवराधै ईस।। सिथिल भईं सबहीं माधौ बिनु जथा देह बिनु सीस।   सम्बंधित जानकारी जानिए सूर्य नमस्कार के 12 चरण और उनके लाभ जानिए ध्यान के चमत्कारिक एवं निराले अनुभव जानिए ध्यान कैसे करें..? विज्ञापन विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें!   by Taboola Sponsored Links You May Like Shohei Otani’s club plans to make star available to MLB teams NYDailyNews Aly Raisman says she was sexually abused by U.S. team doctor NYDailyNews VIDEO: Conor McGregor storms ring, shoves ref in Dublin MMA match NYDailyNews Video shows Halladay doing stunts days before fatal plane crash NYDailyNews Jets' Todd Bowles deserves NFL Coach of the Year consideration NYDailyNews Need for Speed: Payback is more than just a racing game: Will Ho NYDailyNews LOADING मुख पृष्ठ | हमारे बारे में | विज्ञापन दें | अस्वीकरण | हमसे संपर्क करें Copyright 2016, Webdunia.com Click

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