Saturday, 4 November 2017

धर्म प्रधान

Press question mark to see available shortcut keys 11 हिन्दू परिवार संघठन संस्थ Public Sep 3, 2014  महाभारत का सबसे बड़ा संदेश है कर्म महाभारत कई मायनों में धर्म प्रधान होते हुए भी कर्म प्रधान ही है | स्वयं श्रीकृष्ण भी कर्म की प्रधानता अर्जुन को गीता उपदेश के समय समझाते हुए कहते है कि कर्म करो फल की चिंता मत करो | अर्जुन युद्ध के मैदान में जब अपने ही परिजनों को समक्ष देखकर घबरा जाते हैं तब श्रीकृष्ण उन्हें कहते हैं कि एक तरफ तो आप यह कहते हैं कि ये मेरे भाई-बंधु है, मुझे इनसे युद्ध नहीं करना चाहिए और मेरे बड़ों पर मैं अस्त्र-शस्त्र नहीं उठाऊंगा तथा दूसरी तरफ तुम हे अर्जुन, जिन लोगों के विषय में नहीं सोचना चाहिए उनके विषय में तू सोचता है और ज्ञानियों की तरह बातें करते हो | महाभारत केवल युद्धकथा नहीं, जीवन जीने की शैली है महाभारत का नाम सुनते ही मस्तिष्क में भयंकर संहारक युद्ध का नजारा आंखों के सामने घूमने लगता है | अधिकतर लोग समझते हैं कि महाभारत एक युद्धकथा है, जिसमें राज्य के लिए पांडवों और कौरवों के बीच भयंकर युद्ध हुआ | किंतु अगर बारिकी से देखा जाए तो महाभारत में श्रेष्ठ जीवन के कई सूत्र छिपे हैं | यह कथा हमें सिखाती है कि पारिवारिक, सामाजिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में कैसे जीया जाए | "जय श्री कृष्ण" Translate 4 plus ones 4 no comments no shares Shared publicly•View activity Add a comment...

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