Thursday, 9 November 2017
तत् सत् का अर्थ-
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11
Ashish Oza
Public
Apr 13, 2017
ॐ तत् सत् का अर्थ-
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ॐ तत्सदिति निर्देशो ब्रह्मणास्त्रिधिध: स्मृत:।
ब्राह्मणास्तेन वेदाश्च विहिता: पुरा।।23।।
श्रीमद्भागवतगीता-
भावार्थ:- ॐतत् सत् -ये तीनों अक्षर ब्रह्मतत्व के
वाचक है;इसी नाम से सृष्टि के आदिकाल में ब्राह्मण,
वेद और यज्ञ प्रकट हुए थे।
परन्तु ॐ तत् सत् ,अर्थात सच्चितानन्दमय
श्रीभगवान् की और लक्षित होने पर ये पारमार्थिक
उन्नति के साधन बन जाते है।शास्त्रों मे इस
लक्ष्य का उल्लेख है।
ये तीनों शब्द ॐ तत् सत् विशेष रूप से है
परब्रह्म श्रीकृष्ण का वाचक है।
वैदिक मन्त्रो मे ओंकार तो सदा पाया ही जाता है।
ओमित्येतद् ब्रह्ममणो नेदिष्टं नाम
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इस श्लोक से स्पष्ट है कि ओम् परब्रह्म का पहला नाम है।फिर तत्वमसि श्रुति से दूसरा नाम है।तत् इंगित है।
और सदैव सौम्य तीसरे सत् नाम का द्योतक है।
ॐ तत् सत् मे इन तीनों का समावेश है ।
!! शुभ संध्या !!
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