Sunday, 5 November 2017

सामान्य साधना विधि !

  श्री ज्योतिर्मणि पीठ ! मणिकूट - नीलकण्ठ पोस्ट :- नीलकण्ठ महादेव, जिला- पौड़ी गढ़वाल उत्तराखण्ड, 249304 (भारत) Email:- info@shripeeth.in                            मुखपृष्ठ श्री ज्योतिर्मणि पीठ संपर्क करें जानकारी साधनायें साधना शिविर पूजा विधियां देवभूमि उत्तराखण्ड विचित्र बाजार विविध Join Us  श्रीविद्या के बारे में श्रीविद्या की अधिष्ठात्री देवी गुप्तगायत्री श्रीविद्या की उत्पत्ति व विस्तार श्रीविद्या के सम्प्रदाय व कुल श्रीविद्या साधना के भेद श्रीविद्या पूर्णाभिषेक दीक्षा श्रीविद्या क्रमदीक्षा क्या है ? श्रीविद्या या महाविद्या साधना ? श्रीविद्या साधना शाम्भवी साधना श्रीविद्या हृदयस्थ साधना श्री विद्या से मोक्ष का परमसत्य श्रीविद्या के नाम पर मोक्ष का भ्रम दीक्षा क्या होती है ? साधक के लक्षण व योग्यताएं मन की शक्ति व पूर्वाभास साधना हमारा उद्देश्य चलचित्र संग्रह Join Us         सामान्य साधना विधि ! या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः । माँ भगवती आप सब के जीवन को अनन्त खुशियों से परिपूर्ण करें । प्राणायाम आचमन आदि कर आसन पूजन करें :- ॐ अस्य श्री आसन पूजन महामन्त्रस्य कूर्मो देवता मेरूपृष्ठ ऋषि पृथ्वी सुतलं छंद: आसन पूजने विनियोग: । विनियोग हेतु जल भूमि पर गिरा दें । पृथ्वी पर रोली से त्रिकोण का निर्माण कर इस मन्त्र से पंचोपचार पूजन करें – ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवी त्वं विष्णुनां धृता त्वां च धारय मां देवी पवित्रां कुरू च आसनं ।ॐ आधारशक्तये नम: । ॐ कूर्मासनायै नम: । ॐ पद्‌मासनायै नम: । ॐ सिद्धासनाय नम: । ॐ साध्य सिद्धसिद्धासनाय नम: । तदुपरांत गुरू गणपति गौरी कुलपित्र, कुलगुरु, कुलदेवता, कुलदेवी व स्थान देवता आदि का स्मरण व पंचोपचार पूजन करें । निम्न मन्त्रों से करन्यास करें :- 1 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) अंगुष्ठाभ्याम नमः । 2 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) तर्जनीभ्यां स्वाहा । 3 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) मध्यमाभ्यां वष्‌ट । 4 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) अनामिकाभ्यां हुम्‌ । 5 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) कनिष्ठिकाभ्यां वौषट । 6 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) करतल करपृष्ठाभ्यां फट्‌ । निम्न मन्त्रों से षड़ांग न्यास करें :- 1 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) हृदयाय नमः । 2 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) शिरसे स्वाहा । 3 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) शिखायै वष्‌ट । 4 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) कवचायै हुम्‌ । 5 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) नेत्रत्रयाय वौषट । 6 ॐ (दीक्षा में प्राप्त मन्त्र का मानसिक उच्चारण कर) अस्त्राय फट्‌ । निम्न मन्त्रों से गुरू पूजन करें :- 1 ॐ श्री गुरू पादुकां पूजयामि नमः । 2 ॐ श्री परम गुरू पादुकां पूजयामि नमः । 3 ॐ श्री परात्पर गुरू पादुकां पूजयामि नमः । अपनी आराध्या भगवती शिवा का ध्यान करें :- ॐ बालार्क मण्डलाभासां चतुर्बाहां त्रिलोचनां। पाशांकुश शरांश्चापं धारयन्तीं शिवां भजे ।। तदुपरान्त दीक्षा में प्राप्त हुए मूल मन्त्र का निर्धारित संख्या में केवल मानसिक जप आदि कर्म सम्पन्न कर हाथ में जल लेकर भगवती पराम्बा अथवा दीक्षा देने वाले गुरु को अपना मन्त्र जप कर्म समर्पित कर आसन त्यागें ।       Copyright © सर्वाधिकार सुरक्षित . श्री ज्योतिर्मणि पीठ !                              Terms & Conditions  |  Privacy Policy  |  Refund Policy  |  Donate Us

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