Friday, 3 November 2017

शैले शैले न माणिक्यं मौक्तिक

शैले शैले न माणिक्यं मौक्तिकं न गजे गजे साधवो न हि सर्वत्र चन्दनं न वने वने हितोपदेश

हर एक पर्वतपर माणिक नहीं होते, , हर एक हाथी में ह्मउसके गंडस्थलमें ) मोती नहीं मिलते |
साधु सर्वत्र नहीं होते , हर एक वनमें चंदन नहीं होता |
ह्म दुनिया में अच्छी चीजें बडी तादात में नहीं मिलती

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