Friday, 3 November 2017
ॐ के उच्चारण में ही तीनो शक्तियों का समावेश
Toggle navigation
Sanskrit Slokas
Gayatri Mantra With Meaning
The Gāyatrī Mantra is a highly revered mantra from the Vedas.The Gayatri mantra is one of the oldest and most powerful of Sanskrit mantras.
गायत्री मंत्र (वेद ग्रंथ की माता) को हिन्दू धर्म में सबसे उत्तम मंत्र माना जाता है । गायत्री मंत्र में तीन पहलूओं क वर्णं है - स्त्रोत, ध्यान और प्रार्थना । गायत्री देवी, वह जो पंचमुख़ी है, हमारी पांच इंद्रियों और प्राणों की देवी मानी जाती है ।
Vishwamitra Rishi is credited as the author of Gayatri Mantra. Rishi Vishwamitra is considered to be one of the most revered rishis (sages) of the ancient India.
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
भावार्थ :
ॐ के उच्चारण में ही तीनो शक्तियों का समावेश हैं । हे माँ भगवती जिसने सभी शक्तियों का सर्जन किया ऐसी प्राणदायिनी, दुःख हरणी, सुख करणी, समस्त रोगों का निवारण करने वाली, प्रज्ञावान माँ भगवती जो सभी देवों की देवी हैं उसकी में उपासना करती हूँ जिसने मुझे संरक्षण दिया और सभी प्रकार के ज्ञान से समृद्ध बनाया ।
Sanskrit Slokas(संस्कृत श्लोक)
चाणक्य नीति श्लोक
विदुर नीति श्लोक
भगवद् गीता श्लोक
विद्या श्लोक
गुरु श्लोक
प्रार्थना श्लोक
सुभाषितानि श्लोक
श्री दुर्गा सप्तश्लोकी
संस्कृत निबंध
प्रमुख श्लोक
संस्कृत श्लोक
गणेश मंत्र
दुर्गा मंत्र
शिव मंत्र
सरस्वती मंत्र
लक्ष्मी मंत्र
श्री कृष्ण मंत्र
वाल्मीकि रामायण श्लोक
सत्य श्लोक
परोपकार श्लोक
व्यायाम श्लोक
उपदेश श्लोक
संस्कृत स्लोगन
संस्कृत अनुवाद
संस्कृत गिनती
संस्कृत शब्दकोष
गायत्री मंत्र
इंडिया श्लोक
© 2017 sanskritslokas.com. Designed by Krishna Jha - Privacy Policy - Contact
Share on ➔ Twitter Facebook
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment