Saturday, 4 November 2017

गायत्री की उच्चस्तरीय पाँच साधनाएँ

All World Gayatri Pariwar Books गायत्री की उच्चस्तरीय... 🔍 READ ONLINE BUY ONLINE  Avilable in  गायत्री की उच्चस्तरीय पाँच साधनाएँ सोऽहम साधना का तत्त्वज्ञान और विधि- विधान जीवात्मा जिन पाँच आवरणों में आबद्ध है, गायत्री उपासना में उनका दिग्दर्शन पाँच कोशों के रूप में कराया जाता है ।। गायत्री को कहीं- कहीं पंचमुखी चित्रित किया जाता है, उसका अभिप्राय यही है कि आत्मा पाँच आवरणों से ढँका हुआ है, जो उन्हें समझ लेता है, उनका अनावरण कर लेता है, वह आत्मसत्ता भगवती गायत्री का साक्षात्कार करता है ।। इसी श्रृंखला की पुस्तक '' गायत्री पंचमुखी और एकमुखी '' में इस पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है ।। साधना- विधान का जिक्र आने पर यह कहा गया है कि यह उच्चस्तरीय साधानाएँ यद्यपि साधक को सामान्य उपासक की अपेक्षा अत्यधिक और शीघ्र लाभान्वित करती हैं, तथापि यह पूर्णत: निरापद नहीं ।। कुछ विधान तो ऐसे होते हैं, जो परमाणु विखंडन की तरह क्षण भर में अद्भुत शक्ति का भंडार उपलब्ध करा देने वाले हैं, पर विज्ञान के विद्यार्थी जानते होंगे कि मैडम क्यूरी की मुत्यु ऐसे ही एक कठिन प्रयोग करते समय हो गई थी ।। उच्चस्तरीय साधनाओं की इसी कठिनाई को पार करने के लिए प्राचीनकाल से आरण्यक परंपरा रही है ।। उच्चस्तरीय साधना के इच्छुक इन आरण्यकों में रहकर योग्य मार्गदर्शकों के सान्निध्य -संरक्षण में ये साधनाएँ संपन्न किया करते थे ।। यह परंपरा आज यद्यपि रही नहीं, तथापि वह स्थान अपने स्थान पा ज्यों -के- त्यों हैं ।। ………….  Versions  HINDI गायत्री की उच्चस्तरीय पाँच साधनाएँ Scan Book Version HINDI गायत्री की उच्चस्तरीय पाँच साधनाएँ Text Book Version gurukulamFacebookTwitterGoogle+TelegramWhatsApp अखंड ज्योति कहानियाँ मौत का ख्याल (kahani) भक्तिमती मीराबाई अपने (Kahani) धर्म और संस्कृति (Kahani) उलटे पैर लौट गए (Kahani) See More शुनिशेपों की खोज एक पौराणिक कथाएक बार इन्द्र देव ने कुपित होकर दुष्ट दुरात्मा प्रजाजनों के दुष्कर्मों का दण्ड देने के लिए उन्हें वर्षा का अनुदान देना बन्द कर दिया। बारह वर्षों तक लगातार दुर्भिक्ष पड़ा। पानी न बरसने से घास- पात, पेड़- पौधे, जलाशय सब सूख गये। अन्न उपजना बन्द हो गया। तृषित और क्षुधित प्राणी त्राहि- त्राहि करके प्राण त्यागने लगे। सर्वत्र हा- हाकार मच गया।स्थिति असह्य हो गयी तो मनीषियों न More About Gayatri Pariwar Gayatri Pariwar is a living model of a futuristic society, being guided by principles of human unity and equality. It's a modern adoption of the age old wisdom of Vedic Rishis, who practiced and propagated the philosophy of Vasudhaiva Kutumbakam. Founded by saint, reformer, writer, philosopher, spiritual guide and visionary Yug Rishi Pandit Shriram Sharma Acharya this mission has emerged as a mass movement for Transformation of Era. Contact Us Address: All World Gayatri Pariwar Shantikunj, Haridwar India Centres Contacts Abroad Contacts Phone: +91-1334-260602 Email:shantikunj@awgp.org Subscribe for Daily Messages 24 in 0.036651849746704

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