Friday 23 March 2018

नाड़ी तंत्र का शुद्धिकरण

The System “Yoga in Daily Life” हिन्दी Homeअधिक नाड़ी शोधन प्राणायाम स्तर 4 नाड़ी तंत्र का शुद्धिकरण प्रारंभिक स्थिति : ध्यान मुद्रा। ध्यान दें : श्वास-प्रक्रिया पर। दोहराना : बाएं नथुने से प्रारम्भ करते हुए 5 बार और दाएं नथुने से प्रारम्भ करते हुए 5 बार। अभ्यास : सामान्य तनावहीन श्वास पर 5 मिनट ध्यान दें फिर हाथ को प्राणायाम मुद्रा में उठायें। श्वास को मन में गिनते जायें। अंगूठे से दायां नथुना बंद करें और बाएं नथुने से पूरक करते हुए 4 तक संख्या गिनें। दोनों नथुने बंद करें और 16 की संख्या गिनने तक श्वास रोकें। दायां नथुना खोलें और 8 की संख्या गिनने तक रेचक करें। दोनों नथुने बंद करें और 16 की संख्या गिनने तक श्वास रोकें। दायां नथुना खोलें और 4 की संख्या गिनने तक पूरक करें। दोनों नथुने बंद करें और 16 की संख्या गिनने तक श्वास रोकें। बायां नथुना खोलें और 8 की संख्या गिनने तक रेचक करें। दोनों नथुने बंद करें और 16 की संख्या गिनने तक श्वास रोकें। यह तारतम्य एक चक्र कहलाता है। 5 चक्रों का अभ्यास करें एवं फिर, सामान्य तनावहीन श्वास पर चित्त एकाग्र करें। कुछ समय पश्चात् दायें नथुने से शुरु करके पूरक करते हुए इस व्यायाम को दोहरायें। 5 चक्र करें। लाभ : नाड़ी शोधन प्राणयाम रक्त और श्वासतंत्र को शुद्ध करता है। गहरा श्वास रक्त को ऑक्सीजन (प्राणवायु) से भर देता है। यह प्राणायाम श्वास प्रणाली को शक्ति प्रदान करता है और स्नायुतंत्र को संतुलित रखता है। यह चिन्ताओं और सिर दर्द को दूर करने में सहायता करता है। इस प्राणायाम के अभ्यास पर टिप्पणी : ऊपर दी गई संख्या गिनने तक के 5 चक्र का अभ्यास नहीं कर सकें तो 4(पूरक) : 4(कुंभक) : 8(रेचक) के अनुपात में पूरक व अभ्यास करने के बाद ही कुंभक करने से शुरू करें। जब यह सुविधाजनक हो जाए, तब इसे 4:8:8 तक व बाद में 4:16:8 तक बढ़ा दें। इस प्रकार, कुछ समय तक अभ्यास करने के बाद रेचक के पश्चात् श्वास रोकने को भी अभ्यास में शामिल कर लें। भली-भांति परिचित हो जाने के बाद कम समय-अवधि के 4:16:8:8 के अनुपात से प्रारम्भ करते हुए निर्धारित 4:16:8:16 अनुपात तक आ जाएं। चक्र की लम्बाई आगे भी बढ़ाई जा सकती है। किन्तु अनुपात वही रहना चाहिए यथा 5:20:10:20, 8:32:16:32। सावधानी : सुविधा से जितनी देर तक संभव हो श्वास उतनी देर ही रोकें। यदि अस्थमा या हृदय रोग से ग्रस्त हो तो श्वास न रोकें। पीछे अगला चालू अध्याय: प्राणायाम नाड़ी शोधन प्राणायाम स्तर 1 नाड़ी शोधन प्राणायाम स्तर 2 नाड़ी शोधन प्राणायाम स्तर 3 नाड़ी शोधन प्राणायाम स्तर 4 भस्त्रिका प्राणायाम — जालंधर बन्ध के साथ भस्त्रिका प्राणायाम उज्जायी प्राणायाम - जालंधर बंध और खेचरी मुद्रा सहित महाबंध सहित भस्त्रिका प्राणायाम योग क्लास खोजें अधिक जानकारी के लिए दैनिक जीवन में योग - एक पद्धति परमहंस स्वामी महेश्वरानंद अभी ओर्डर करे ऊपर ^ HomeThe SystemOverviewAuthorYoga ClassesTVInitiativesKnowledgeMediaeStoreContact 5 Vishwaguru Maheshwarananda www.yogaindailylife.org www.swamiji.tv Chakras and Kundalini Sri Lila Amrit Om Ashram Copyright © 2018 The System “Yoga in Daily Life”. All rights reserved. Close navigation हिन्दी ČEŠTINA DEUTSCH ENGLISH FRANÇAIS MAGYAR Close navigation पद्धति में खोजें खोज... खोज Close navigation Home The System Overview Author Yoga Classes TV Initiatives Knowledge Media eStore Contact Close navigation

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