Friday, 23 March 2018

योगिनी तंत्र साधना मंत्र

Skip to content Saturday, March 24, 2018 समस्याओं के निकारण के लिए अभी संपर्क करे इंद्रजाल वशीकरण मंत्र पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग कर्ण पिशाचिनी प्रयोग सिद्धि संपर्क करें रुद्रयामल तंत्र साधना एवं सिद्धि 25/07/2017 नजर दोष से बचने या उतारने के अचूक उपाय 23/06/2017 बंगाली चमत्कारी शाबर मंत्र साधना टोने टोटके 30/05/2017 लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज 03/04/2017 योगिनी तंत्र साधना मंत्र 29/03/2017 पति को वश में करने के लिए उपाय 10/02/2017 पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके 10/01/2017 गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग 14/12/2016 कर्ण पिशाचिनी प्रयोग सिद्धि 29/11/2016 इंद्रजाल वशीकरण मंत्र 30/09/2016 रुद्रयामल तंत्र साधना एवं सिद्धि 25/07/2017 नजर दोष से बचने या उतारने के अचूक उपाय 23/06/2017 बंगाली चमत्कारी शाबर मंत्र साधना टोने टोटके 30/05/2017 लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज 03/04/2017 योगिनी तंत्र साधना मंत्र 29/03/2017 पति को वश में करने के लिए उपाय 10/02/2017 पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके 10/01/2017 गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग 14/12/2016 कर्ण पिशाचिनी प्रयोग सिद्धि 29/11/2016 इंद्रजाल वशीकरण मंत्र 30/09/2016 वशीकरण टोने वशीकरण टोने से पाए सफलता. Call +91-7347641657 Menu वशीकरण टोने योगिनी तंत्र साधना मंत्र Written by: टोने गुरूजी Posted on: 29/03/2017 योगिनी तंत्र साधना मंत्र चौसठ योगिनी साधना, षोडश/चाँद/मधुमती योगिनी साधना, योगिनी तंत्र साधना मंत्र विधि- अपने देश में प्राचीन काल से ही आराधना के कई पंथ विकसित रहे हैं| शैव, वैष्णव, शाक्त आदि| परंतु निर्विवाद रूप से शक्ति की आराधना सभी करते हैं| विष्णु उपासक लक्ष्मी की तथा शिव उपासक पार्वती की स्वाभाविक रूप से आराधना करते हैं| परंतु प्राचीन मनीषियों ने सदैव शक्ति आराधना को पहले सोपान पर रखा है| योगिनियों के संबंध में दो धारणाएँ प्रचलित हैं| प्रथम धारणा के अनुसार ये देवी पार्वती की सखियाँ तथा सहायिकाएँ हैं| दूसरी धारणा के अनुसार ये देवी आध्या अर्थात पार्वती की ही चौंसठ रूप हैं| प्रयोजन के समय उपस्थित होकर कार्य करती हैं, एवं प्रयोजन समाप्त होते ही पुनः आदि शक्ति महेशवरी में उनका लय हो जाता है| इन्हें मातृका भी कहा जाता है| योगिनी तंत्र साधना मंत्र सामान्य दृष्टि से भी देखें तो मातृका शक्ति के बिना इस सृष्टि की कल्पना संभव ही नहीं है|  इनकी संख्या चौंसठ बताई गई हैं जिनके अलग-अलग नाम हैं| प्राचीन काल में राज्य के श्री वृद्धि तथा राजा के स्वास्थ्य रक्षा हेतु चौंसठ योगिनियों का मंदिर बनवाया जाता था, जबकि सम्पन्न आम नागरिक अपनी श्री वृद्धि तथा स्वास्थय रक्षा हेतु  अष्ट योगिनियों का मंदिर बनवाया करते थे| योगिनी विद्या में भी इनके दो वर्ग हैं| प्रथम वर्ग में आठ योगिनी है तथा दूसरे वर्ग में चौंसठ योगिनियाँ हैं| संभवतः यह वर्गिकरण उनकी शक्तियों के आधार पर किया गया होगा|  परंतु प्रायः चर्चा चौंसठ की ही होती है| तंत्र मार्गियों का मानना है कि इनमे से किसी भी योगिन को सिद्ध करके मनोवांछित कार्य करवाया जा सकता है| चौसठ योगिनी साधना तंत्र विदद्या में यद्यपि असंभव शब्द नहीं है तथापि एक साथ चौंसठ योगिनीयों की साधना करने के, किसी एक को सिद्ध करना ही श्रेयस्कर है| इसके लिए साधकों को सभी योगिनियों के गुण-धर्म के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करने की कोशिश करनी चाहिए| जिस प्रकार एक मनुष्य दूसरे मनुष्य से अलग होता है, उसकी प्रकार ये योगिनियाँ भी एक दूसरे से सर्वथा भिन्न है | तथापि सामर्थ्यवान तांत्रिक इस दुर्लभ सिद्धि की प्राप्ति में भी पीछे नहीं हटते| यह साधक पर निर्भर करता है कि वह योगिनियों की आराधना पत्नी के रूप में, प्रेयसी के रूप में करता है अथवा बहन के रूप में| योगिनी विधि योग्य तांत्रिक साधना हेतु आठ विधि से संस्कारित शुद्ध पारद  का उपयोग करते है| इन्हें 11 रुद्रमंत्र तथा कामख्या मंत्र की साहायता से अभिमंत्रित करते हैं| इसकी सहायता से साधना सरल हो जाता है| परंतु यह एक दुष्कर कार्य है| इसलिए कुछ लोग इसके बिना ही साधना सम्पन्न करते हैं| अमावास्या, पूर्णिमा अथवा सोमवार की रात साधना प्रारम्भ करें| चूंकि शक्ति पूजा बिना शिव की सहायता और अनुमति के नहीं की जा सकती है इसलिए सर्वप्रथम पूजा स्थल पर शिवलिंग स्थापित करें| पंचोपचार विधि से उक्त शिवलिंग का पूजन करें| जिस अभिलाषा से चौंसठ योगिनी की पूजा कर रहे हैं उसे उच्चारित करते हुए शिवलिंग पर श्वेत पुष्प अर्पित करें| इसके बाद सभी योगिनियों का आवाहन करते हुए ओम हृङ्ग आगच्छ—–स्वाहा| रिक्त स्थान पर योगिनी का नाम कहें| बारी-बारी से सभी योगिनियों का नाम लेते हुए आवाहन करने से वे सभी शक्तियाँ आपके इर्द गिर्द एकत्र हो जाएंगी| अब उनकी आराधना उनके विशेष बीज मंत्र से करें| हर योगिनी के लिए अलग बीज मंत्र है| योगिनियों के नाम और उनके बीज मंत्र किसी योग्य गुरु से प्राप्त करें|  चौंसठ बीज मंत्र के पाठ के बाद सभी शक्तियों को गुलाब, नेवेद्य सुगंधित अगरबत्ती आदि से पूजन करें| तत्पश्चात शिव जी की आरती करें| एक बार पुनः अपनी मनोकामना कहें| पूजा में प्रयुक्त सामग्री ससम्मान किसी नदी में प्रवाहित कर दें| इस साधना यदि योगिनी प्रसन्न हो जाए तो सभी शक्तियाँ समवेत होकर मनोकामना सिद्ध करती हैं| संभव है साक्षात्कार न हो| परंतु उनकी ऊर्जा तरंगे उनकी उपस्थिती का आभास अवश्य करा देती हैं| इसमे उन्हें देवी भाव से ही पूजें| क्योंकि उनकी संख्या 64 हैं, भक्ति के अलावा ऐसी को भावना नहीं जो सहजता से एकसमान 64 हिस्सो में संप्रेषित हो सके| मधुमती योगिनी साधना पूर्व में उल्लेख किया जा चुका है कि तंत्र शास्त्र में वर्णित योगिनियों को दो वर्गों मे बांटा गया है| प्रथम वर्ग में 8 तहा दूसरे वर्ग में 64 योगिनियाँ आती हैं| मधुमती प्रथम वर्ग की आठवीं योगिन हैं| मान्यता हैं कि यह अत्यंत सरल हृदय के स्वामिनी हैं तथा किसी को कष्ट में देखकर उसके सहायतार्थ तत्पर हो जाती हैं| साधना का प्रारम्भ अक्षय तृतीया, मंगलवार अथवा शुक्रवार से रात के नौ बजे के बाद करें | पूर्वाभिमुखी होकर किसी स्वछ आसन पर बैठें| पूजन सामग्रियों में अन्य वस्तुओं के साथ नई लाल साड़ी तथा स्त्री श्रुंगार सामग्री रखें| अपने सम्मुख कल्पना से बनवाई गई देवी मधुमती का चित्र अथवा यंत्र रखें| ‘एं श्रीङ्ग मधुमती देवी यह आगच्छ’ मंत्र से आवाहन करें| पुनः ध्यान करें| ध्यान करने हेतु विशिष्ट मंत्र की आवश्यकता नहीं होती| यह वैसा ही है, किसी के बार में सुनकर अपनी कल्पना में आप वैसी ही छवि अंकित कर लेते हैं| योगिन की मनोहारी छवि की कल्पना करें| यही ध्यान की सर्वोत्तम विधि है| पंचोपचार विधि से पूजन करें| पूजा से पहले तय कर लें किस भाव से देवी की पूजा करनी है| वह सभी रूपों में कल्याणकारी हैं| अब अगले 21 दिनों तक गुरु द्वारा प्रदत्त मधुमती योगिनी का बीज मंत्र पाठ करें अथवा निम्नलिखित शाबर मंत्र का जाप 11 अथवा 21 माला नित्य करें| आवो सुंदरी मधुमती/अरु बैराजो बाम/दूर करो जंजाल सभी कूँ/सुख भोगौं सकाम उक्त मंत्र में पत्नी रूप में देवी का आवाहन किया जा रहा है\ इसलिए साधना के दौरान अथवा बाद में भी पत्नी सहित सभी स्त्रियॉं से दूरी बना लें| शाबर मंत्रों की विशेषता है कि इसमे भावनाएँ अपने स्वाभाविक स्वरूप में व्यक्त होती हैं| यदि बहन रूप में सखी रूप में आराधना करनी हो तो उनके लिए अलग मंत्र हैं| ऐसी बातों की जानकारी योग्य गुरुओं के पास सदैव होती है| योगिनी साधना लाभ मधुमाती योगिन की साधना से अनायास ही सभी समस्याओं का अंत हो जाता है| शारीरिक आकर्षण में वृद्धि होती है| व्यक्तित्व में सम्मोहन आ जाता है| धन संपत्ति की कमी नहीं रहती| यदि बहन अथवा सखी भाव से मधुमती योगिन की आराधना की गई हो तो उनके आशीर्वाद से सुमुखी, सौम्य तथा मृदु स्वभाव की जीवन संगिनी मिलती है|   Related posts: कर्ण पिशाचिनी प्रयोग सिद्धि पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज Post navigation Previous Post Previous post:पति को वश में करने के लिए उपाय Next Post Next post:लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज टोने गुरूजी वशीकरण टोने गुरूजी वशीकरण टोने तंत्र विद्या की एक शैली है, जिसमे किसी को अपने काबू मे करने के लिए उस व्यक्ति विशेस की पसंद की कोई चीज़ हासिल की जाती है फिर उस चीज़ को वशीकरण मंत्र के द्वारा सिद्ध किया जाता है. उसके बाद वशीकरण पूजा की जाती है तथा फिर उस चीज़ को एक नियत दिन, समय पर व्यक्ति विशेस पर आजमाया जाता है. ये क्रिया एक योग्य वशीकरण गुरु के द्वारा सम्पादित की जाती है. कोई भी वशीकरण टोना की सफलता एक योग्य गुरु पर निर्भर करती है. Similar Articles कर्ण पिशाचिनी प्रयोग सिद्धि टोने गुरूजी29/11/2016Comments Disabled पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके टोने गुरूजी10/01/2017Comments Disabled इंद्रजाल वशीकरण मंत्र टोने गुरूजी30/09/2016Comments Disabled वशीकरण टोने गुरूजी Acharya Devanand Ji Moblie : +91-7347641657 Email : acharyadevanandji@gmail.com वशीकरण टोने सेवाएं रुद्रयामल तंत्र साधना एवं सिद्धि नजर दोष से बचने या उतारने के अचूक उपाय बंगाली चमत्कारी शाबर मंत्र साधना टोने टोटके लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज योगिनी तंत्र साधना मंत्र पति को वश में करने के लिए उपाय पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग कर्ण पिशाचिनी प्रयोग सिद्धि इंद्रजाल वशीकरण मंत्र वशीकरण टोने अभिलेखागार वशीकरण टोने अभिलेखागार वशीकरण टोने सूची वशीकरण टोने सूची इंद्रजाल वशीकरण मंत्र पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग कर्ण पिशाचिनी प्रयोग सिद्धि संपर्क करें Copyright © 2018 वशीकरण टोने. All rights reserved. Theme: The NewsMag by Bishal Napit. Powered by WordPress.  

No comments:

Post a Comment