Friday 23 March 2018

नाड़ीसोधन

MENU घरहमें जानिएआयुषहेल्थ & फ़िटनेसपर्सनल केअरशिक्षासंपर्क करें HomeAYUSHनाड़ीसोधन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानियां नाड़ीसोधन प्राणायाम विधि, लाभ और सावधानियां July 27, 2016 AYUSH 1 Comment नाड़ीसोधन प्राणायाम क्या है? नाड़ीसोधन प्राणायाम को अनुलोम-विलोम के रुप में भी जाना जाता है। नाड़ीसोधन प्राणायाम या अनुलोम-विलोम को अमृत कहा गया है और स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम प्राणायामों से एक है। कहा जाता है की शायद ही कोई ऐसी बीमारी हो जिसको अनुलोम विलोम से फायदा न पहुँचता हो। शास्त्रों में नाड़ीसोधन प्राणायाम हठयौगिक शास्त्रों में कहा गया है कि साधक को हमेशा बारी-बारी से एक-दूसरे नासिका छिद्र से श्वास लेना और छोड़ना चाहिए। जब श्वास लेना पूरा हो जाए तो दाहिनी नासिका को अंगूठे और बाईं नासिका को अनामिका और छोटी उंगली से दोनों नासिकाओं को बंद कर दें। अब  अपने हिसाब से कुंभक करें।  और उसके बाद श्वास बाहर छोड़ा जाता है (घेरंडसंहिता  5/53)। शिवसंहिता के अनुसार, अच्छे साधक दाहिने अंगूठे से पिंगला (दाहिनी नासिका) को बंद करते हैं और इदा (बायीं नासिका) से श्वास लेते हैं और श्वास रोककर, जबतक संभव हो, वायु को अपने अंदर रखते हैं। अब दाहिनी नासिका से धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हैं। फिर, दाहिनी नासिका से श्वास लेते हैं, इसे  रोकते हैं और बाद बायीं नासिका से धीरे-धीरे वायु बाहर छोड़ते हैं (शिवसंहिता 3/22-23)। नाड़ीसोधन प्राणायाम  की विधि किसी भी आरामदायक योग पोज़ में बैठें, बेहतर होगा यदि आप ध्यान वाले मुद्रा में बैठते हैं। लेकिन अगर कोई तकलीफ हो तो पैर खोलकर दीवार के सहारे या कुर्सी पर  भी बैठ सकते हैं। आपका कमर, सिर और रीढ़  की हड्डी सीधा होना चाहिए। आंखें बंद  रखें और अपने श्वास पर ध्यान दें। अब आप दाहिने अंगूठे से पिंगला (दाहिनी नासिका) को बंद करें और इदा (बायीं नासिका) से  धीरे धीरे श्वास लें। जब आप पूरा श्वास भर लें तो इदा (बायीं नासिका) को भी बंद करें और अपने क्षमता के अनुसार श्वास को रोकें। श्वास को न रोक पाने पर पिंगला (दाहिनी नासिका) से धीरे धीरे श्वास छोड़े। फिर आप पिंगला (दाहिनी नासिका) से ही श्वास लें और इदा (बायीं नासिका) को बंद रखें। जब पूरा श्वास भर जाये तो पिंगला (दाहिनी नासिका) को बंद करें और कुम्भक करें। और फिर धीरे धीरे इदा (बायीं नासिका) से श्वास को निकाले। ये नाड़ीसोधन प्राणायाम का एक चक्र है। शुरूआत में 3 से 5 मिनट के लिए 5 बार अभ्यास करें। इसे क्षमता के अनुसार कई बार दोहराया जा सकता है। ध्यान रहे जब आप  श्वास  निकालते  हैं तो आवाज बिल्कुल ना हो। नाड़ीसोधन प्राणायाम के लाभ इस प्राणायाम के अभ्यास से नाड़ी (तंत्रिका) की सारी अशुद्धियां शुद्ध हो जाती हैं और इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में मदद मिलती है। चिंता एवं तनाव को कम करने के लिए यह रामबाण है। मस्तिष्क के बायें और दायें भाग में संतुलन  करता है और सोचने एवं समझने में सुधार ले कर आता है। यह ऊर्जा प्रवाह करने वाले तंत्र  को शुद्ध करने में मदद करता है। मानसिक शांति, ध्यान और एकाग्रता में सुधार लाने के लिए यह उत्तम प्राणायाम है। ऊर्जा प्रवाह को खोलता है, उनमें से रुकावटों को दूर करता है और पूरे शरीर में ऊर्जा का मुक्त प्रवाह करता है। मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बढ़ाता है। यह आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। उच्च रक्तचाप का प्रबंधन करने में मदद करता है। हमारे शरीर की हर एक कोशिका को कार्य करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध करता है। पाचन में पर्याप्त ऑक्सीजन भेज कर भोजन को  पचाने में मदद करता है। शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरे  विषैले गैसों  को निकलने में मदद करता है। मस्तिष्क में उत्तेजक केन्द्रों को शांत करता है। मांसपेशियों को मजबूत करता है और डायाफ्राम की गतिशीलता पर नियंत्रण पाने में मदद करता है, ये पेट के आवाज में सुधार करता है। अस्थमा के लिए लाभकारी है। एलर्जी को कम करने में भी बहुत सहायक है। तनाव से संबंधित हृदय की बीमारियां को रोकता  है। अनिद्रा को कम करने में सहायक है। पुराने दर्द, अंतःस्रावी असंतुलन, व्याग्रता, तनाव इत्यादि के लिए भी बहुत प्रभावी है। नाड़ीसोधन प्राणायाम की  सावधानियां यह प्राणायाम खाली पेट करनी चाहिए। शुरुआत में श्वास को रोकने (कुंभक) से बचना चाहिए। इस प्राणायाम को करते समय जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। जहाँ तक भी हो सके इसे बहुत ही शांत भाव में करना चाहिए। Recommended Articles: Tweet Pin It About The Author Admin तनवी प्रकृति रचनाकार एवं स्वास्थ मंच लेखिका होने के नाते वैकल्पिक चिकित्सा जैसे आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध, होमियोपैथी (आयूष), हेल्थ, फिटनेस और पर्सनल केयर को आपके सामने सरलता एवं सहजता के साथ पेश करती हैं । One Response Essence MAY 18, 2017 That’s logically shown Reply Leave a Reply Comment Text* Name* Email* Website Post Comment Search the site Search FIND US ON FACEBOOK सब्सक्राइब करें Enter your email address: Subscribe Delivered by FeedBurner POPULAR POSTS प्राणायाम इन हिंदी। Pranayama in Hindi ज्ञान अनलिमिटेड Copyright © 2018. Disclaimer: लेख में दी गई सूचना को वैकल्पिक चिकित्सा निदान के विकल्प के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए । यह जानकारी स्वास्थ को एक बेहतर तरीके के तौर पर समझने के लिए है । कोई भी वैकल्पिक चिकित्सा लेने या वैकल्पिक चिकित्सा का अभ्यास करने से पहले किसी चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श करनी चाहिए।  

No comments:

Post a Comment