Tuesday 20 March 2018

सहज योगा मेडिटेशन के तरीके 

सहज योगा मेडिटेशन के तरीके और उसके लाभ कुण्डलिनी को जागृत कर आत्म चेतना प्राप्त करने का एक उपयुक्त तरीका है सहज योग। इससे कुंडलिनी जागृत कर खुद के साथ एकता का एहसास किया जा सकता है। BY: ANSHIKA SHARDA | Oct 10, 2017 12:34 pm NEXT सजह योगा खुद के साथ स्वाभाविक रुप से जुड़ने का एक तरीका है। यह एक ऐसी तकनीक है जो लोगों में खुद के साथ जागरुकता और एकता पैदा करता है। सहज योगा दिमाग में शांति और शख्सियत में सहजता पैदा करता है आइए जानते हैं कि क्या और कैसे होता है सहज योग मेडिटेशन। [ये भी पढ़ें: संकेत जो आपको बताते हैं कि आप सही तरीके से मेडिटेशन कर रहें हैं] क्या होता है सहज योग: सहज योग का मतलब होता है अपने खुद के साथ एकता, आत्मएकता से जीवन में परिवर्तन लाना सहज योग का मुख्य मकसद होता है। इसे 1970 में माता निर्मला देवी ने विकसित किया था, इसका मुख्य मकसद कुंडलिनी को जागृत कर खुद को बदलना होता है। इससे व्यक्ति अत्यधिक शांति और खुशी प्राप्त करता है। कैसे करें सहज योगा मेडिटेशन: आत्म-साक्षात्कार सहज योग का एक मूलभूत आधार है, ये कुण्डलिनी जागृत करने के अनुभव पर निर्भर करता है। इसे करने के बाद आपको खुद के साथ एक जुड़ाव महसूस होता है, इससे आपको अपने शरीर में एक ठंडी हवा के संचार होने का एहसास होता है। खुद को आत्म-साक्षात्कार के लिए तैयार करें: एक शांत स्थान चुनें और अपने एक हाथ को अपने बाएं पैर पर रखें आपकी हथेली ऊपर की ओर होनी चाहिए।[ये भी पढ़ें: अगर आप अधिक चिंतित रहते हैं तो जरुर जानें मेडिटेशन से जुड़े कुछ राज] 1. आपके दाहिनी हथेली का इस्तेमाल आपके शरीर के कुछ हिस्सों को बायीं ओर स्पर्श करने के लिए करेंगे। 2. आप इस दौरान गति करते हैं इसलिए पूरी क्रिया के दौरान अपनी आंखें बंद रखें, इससे आपको बहुत अपना पूरा ध्यान खुद में लगा सकें और उस गति को महसूस कर सकते हैं। 3. अपना सीधा हाथ अपने दिल पर रखे और अपने अंदर कुण्डलिनी को से पूछें कि मां, क्या मैं एक आत्मा हूं? ये बात आपको लगातार तीन बार पूछनी है। 4. आपके शरीर के बायीं तरफ पसलियों के नीचे अपने दाहिने हाथ को रखें और कुंडलिनी से तीन बार पूछें: “माँ, क्या मैं खुद का मालिक हूँ?” 5. इसके बाद, अपने दाहिने हाथ को कमर के नीचे अपनी बाईं ओर रखें, धीरे से दबाएं और कुंडलिनी से छह बार अपने शरीर से पूछें: “माँ, कृपया मुझे शुद्ध ज्ञान दें।” 6. फिर, अपने दाएं हाथ को अपनी बाईं पसलियों के नीचे रखें और दस बार कहें: “माँ, मैं खुद का मालिक हूं।” 7. अपने दिल पर अपना दाहिना हाथ रखें और कुंडलिनी से 12 बार कहें: “माँ, मैं शुद्ध आत्मा हूं।” 8. इसके बाद, अपने दाहिने हाथ को अपनी ओर और बाएं कंधे के बीच रखें, अपना सिर सही दिशा में रखें। कुंडलिनी को सोलह बार दोहराएं: “माँ, मैं बिल्कुल दोषी नहीं हूं।” 9. अपने दाहिने हाथ को अपने सिर पर रखकर, अपने सिर को झुकाएं और कुछ बार कहें: “माँ, मैं अपने आप को और बाकी सबको माफ़ करता हूं।” 10. फिर, अपने दाहिने हाथ को अपने सिर के पीछे रखें, अपना सिर वापस नीचे लाएं और कहें, “ओ, दिव्य शक्ति, अगर मैंने कोई गलती की है, तो कृपया मुझे क्षमा करें।” 11. अपने हाथ को पूरा खोलें और अपने सिर के फोन्टेनल बोन को दबाएं, इसे घड़ी की दिशा में 7 बार घुमाएं। हर बार कहें कि मां कृ्प्या मुझे आत्म-जागरुकता प्रदान करें। सहज योग मेडिटेशन के फायदे: इससे आपको आत्मिक शांति, आपके अपने साथ और आपके अपनो के साथ अधिक आत्मिकता महसूस होती है। ये आपमें आत्म-चेतना का संचार करती है। साथ ही आपको मानसिक बीमारियों जैसे- एंग्जाइटी, ब्लड-प्रेशर, अस्थमा आदि के खतरे को भी कम करता है। [ये भी पढ़ें: उद्देश्य पा लेने के बाद जीवन में कैसे संतुलन आ जाता है]

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