Monday 18 September 2017

इच्छाशक्ति के द्वारा सपनो को साकार करने के छः सिद्धांत

 सफलता का रहस्य THE SECRET OF SUCCESS आप की सफलता हिंदी ब्लॉग में आप का स्वागत है! सफलता का रहस्य जानने के लिए इस ब्लॉग में आप को मिलेगी प्रेरणादायक कहानियाँ,प्रेरक प्रसंग और अनमोल वचन जिनको पढ़ कर आप भी अपने जीवन और व्यक्तित्व को सफल बना सकते हो।  ▼ Tuesday, 10 November 2015 इच्छाशक्ति के द्वारा सपनो को साकार करने के छः सिद्धांत  दोस्तों, लाइफ में हम किसी कार्य को करने के लिए बहुत ज्यादा प्लानिंग करते हैं। चाहे वो अमीर बनने के लिए हो, चाहे वो एग्जाम में अच्छे नंबर से पास होने के लिए हो, या चाहे वो किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए हो। लेकिन किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए मन में दृढ इच्छाशक्ति का होना अनिवार्य है। आइये जानते हैं वो छः सिद्धांत कौन से हैं जो हमें सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ा सकते हैं:- (1.) लक्ष्य का चुनाव:- अपने मस्तिष्क में अपने टारगेट को स्पष्ट कर लें कि वाकई आपका लक्ष्य क्या है? यदि आपको धनवान बनना है, पैसे कमाना है, तो उस पैसे की निश्चित राशि दिमाग में क्लिअर कर लें जिसे हासिल करने के लिए आप दिन-रात एक कर सकते हैं। बिना निश्चित या अपरिभाषित लक्ष्य के रास्ता कभी साफ़ नहीं हो सकता। "मुझे बहुत अमीर बनना है, बहुत पैसे कमाने हैं!" ऐसे लाइनो का प्रयोग करने की बजाये एक निश्चित राशि को लेकर विचार करना श्रेष्ठ है, जैसे इन शब्दों की जगह स्पष्ट का करें:- "मुझे इस महीने 200,000 रूपये कमाने हैं। दो लाख रूपये इस महीने की मेरी इनकम होगी" "इस रकम के साथ ही अब मुझे आगे बढ़ना है और इन छः महीनों के अंदर 12,00,000 बारह लाख रूपये की राशि के साथ सफलता हासिल करना है।"लक्ष्य जितना साफ़ होगा, सफलता का प्रकाश उतना ही उजागर होता चला जायेगा। निश्चित रकम निर्धारित करने से आप कभी भी अपनी दिशा से नहीं भटकेंगे, और यह आपकी अमीरी की दिशा में आपका बढ़ता हुआ सही कदम होगा। ऐसे ही लक्ष्य का चुनाव आपको हर उसे कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाएगा जिसका आप कई दिनों से सपना देखते आ रहे हैं। पर दिमाग में लक्ष्य प्राप्ति की इच्छाशक्ति जोरों से होनी चाहिए तभी आप आगे कदम बढ़ा पाएंगे। (2.) कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है :- लोग कहते हैं कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। पर आज की तारीख में मुझे लगता है कि कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है। बहुत कुछ खोने से तात्पर्य है कि आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। आप किस भरोसे पर अपने लिए कुछ पाने की उम्मीद करते हैं। आपने निर्धारित लक्ष्य चुना है कि आप इस महीने 200,000 कमाने वाले हैं लेकिन आप इसके लिए क्या कीमत चुकाना चाहते हैं। कीमत चुकाने से तात्पर्य है, आप ऐसा क्या करने वाले हैं कि इस महीने आपके अकाउंट में धन की एक निश्चित राशि जमा होने वाली है। क्या आप इसके लिए दिन-रात एक करके काम करना पसंद करेंगे, क्या आपके टीम में आप अपना विश्वास दोगुना करना पसंद करेंगे। आप उन 200,000 रूपये जो आपका निश्चित लक्ष्य है उसके बदले क्या देना चाहेंगे क्योंकि बड़ी सच्चाई यह है कि इस दुनिया में कोई भी चीज मुफ्त में नहीं मिलती। क्या आप मेहनत करने और कीमत चुकाने को तैयार हैं? इच्छाशक्ति को कार्य में बदलने के लिए आपको मेहनत करना ही पड़ेगा, पसीना बहाना ही पड़ेगा, संघर्ष करना ही पड़ेगा। याद रखिये शेर को भी शिकार करने के लिए जाना ही पड़ता है, उसको बैठे-बैठे नाश्ता नहीं मिल जाता। इसलिए सिर्फ कल्पना करने, सोचते रहने, सपने देखते रहने से कुछ नहीं होता, आपको यदि कुछ पाना है, तो अपने नींद चैन को त्यागना होगा। तभी आपका लक्ष्य पूरा होते नजर आएगा। (3.) निश्चित तारीख का होना:- एक निश्चित तारीख तय कर लीजिये, कि वो कौन-सी तारीख होगी जब आपके बैंक अकाउंट में 200,000 रूपये जमा हो गए होंगे। तारीख तय करने का फायदा यह होता है, कि आप हमेशा समय का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ते हैं। आपके कार्य करने की ऊर्जा का सही जगह ही इस्तेमाल होता है। इसलिए एक निश्चित तारीख तय करना बहुत जरुरी है। यह कहने की बजाये कि "200,000 रूपये फलाना कार्य के बदले मिलने हैं यह कहिये "मुझे फलाना कार्य करना है जिसके बदले 25 December 2015 को मेरे बैंक अकाउंट में इस महीने का 200,000 रूपये जमा होना है। " (4.) योजना, जो आपकी इच्छाशक्ति को मजबूत करेगी:- आपका सबसे मजबूत पड़ाव आपकी अपनी योजना है। बिना किसी प्लान के आगे नहीं बढ़ा जा सकता। आपका लक्ष्य स्पष्ट है कि आपको 14 Dec. 2015 को बैंक खाते में चार लाख सोलह हजार छः सौ चैसठ रूपये चाहिए लेकिन यदि आपके पास कोई योजना नहीं तो आगे बढ़ने का सवाल ही खत्म हो जाता है। एक निश्चित प्लान बना लें कि किस तरह आपको अपनी प्रबल इच्छा को हकीकत में बदलना है। प्लान बनते ही अपने कार्य में जुट जाएँ। ये मत देखें कि आपके पास क्या है, क्या नहीं? जो है उसी के साथ अपने योजना के अनुरूप कार्य शुरू कर दें। जब आप आगे बढ़ते जायेंगे, वो सारी चीजें भी सामने आती जाएँगी जो आपके लिए जरूरी है और उतने समय आप उसे आसानी से हासिल कर पाएंगे। इसलिए बस कदम बढ़ाने और आपके शुरूआत करने की देरी है। अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ते चले जाएँ। (5.) लक्ष्य को हमेशा सामने पाएं:- आप लक्ष्य क्या है ? उसे हासिल करने के लिए आप क्या कीमत चुकाना चाहते हैं ? उसे कितने दिनों तक साकार करना है ? उसके लिए आपने क्या योजना बनाई है ? ऊपर बताये गए सभी स्टेप को स्पष्ट रूप से संक्षिप्त बनाकर नोट कर लें। अपने टारगेट की छवि हमेशा मन में बनाते रहें। उसका प्रिंट आउट निकालकर रखें। /लैपटॉप/कंप्यूटर /मोबाइल में वॉलपेपर रख दें। ताकि आप अपनी दिशा से कभी भटकें नहीं। जब नक्शा सामने हो तो दिशा से भटकने का सवाल ही नहीं उठता। (6.) आत्मविश्वास को बरकरार रखें:- जब तक मन में उत्साह नहीं आता शरीर अपना कार्य नहीं करता। यदि आपको अपने अंदर आत्मविश्वास को बनाये रखना है तो आप अपने लिखे हुए स्पष्ट ब्योरे को दिन में दो बार रोज पढ़ें। एक सोने से पहले और एक बार सुबह उठते है। सोने से पहले अपने लक्ष्य को याद करना आपको यह बताएगा कि अभी आप कहाँ पहुंचे हैं। सुबह उठते ही ब्योरे को पढ़ना आपको बताएगा कि आज का काम कितना है और बचे हुए काम को कैसे आगे तक लेकर जाना है। और जब ये दोनों प्रक्रिया साथ-साथ चलती रहेगी तो आपके कदम कभी भी पीछे नहीं मुड़ेंगे। आप हमेशा इसी उत्साह, जोश और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते चले जायेंगे। दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल से आप भी अपनी इच्छाशक्ति को सोने में बदल सकते हैं। अपने कार्य क्षेत्र में चमत्कार कर सकते हैं। अपने सपनों को सच कर सकते हैं। और इन सिद्धातों को अपनी जिंदगी में शामिल करके एक बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। धन्यवाद! Narendra Kumar Jangir at 04:21 Share   ‹ › Home View web version  About Me  Narendra Kumar Jangir  View my complete profile Powered by Blogger. 

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