Sunday 24 September 2017

सृष्टि संरचना में भी गणित का उपयोग

गणित की उपयोगिता पर जगद्गुरु शंकराचार्यजी का दार्शनिक उत्तर-"समग्र सृष्टि गणित पर आधारित है"

सृष्टि संरचना में भी गणित का उपयोग :-

सारी सृष्टि गणित की देन है । और सारी सृष्टि का ज्ञान गणित से हो सकता है । धर्म , अर्थ , काम ,मोक्ष चारों गणित से सिद्ध हो सकता है यही आजकल मैं लिख रहा हूं । केवल अर्थ ही नहीं और जो गणित के ज्ञान व्यवहार में प्रयोग में नहीं आ पाते हैं , पढ़ाने वाले की मेधा शक्ति तीव्र हो तो व्यवहार में उनका प्रयोग सिखाया जा सकता है औेर किया जा सकता है । देश , काल और वस्तु की गणना गणित के माध्यम से होती है । अब गणित के बिना कोई मशीन या यन्त्र बन ही नहीं सकता । गणित का उपयोग ज्योतिष में होता है ,रेखा गणित में होता है , सृष्टि की संरचना में गणित का उपयोग होता है , सारे व्यवहार में गणित का उपयोग होता है और ये गणित का उपयोग मैं बता रहा हूं । भूख सगुण है या साकार ? भूख को आंख से देख सकते हैं या नहीं ? भूख को ? निराकार है । और सगुण भी है । सगुण निराकार भूख है , भोजन सगुण साकार । अब गणित यहां काम दे रहा है या नहीं । कितनी भूख लगी है , भूख क्या है सगुण निराकार , भूख साकार नहीं है ना आखों का विषय नहीं है और निर्गुण तो परमात्मा हैं । सगुण निराकार भूख है , भोजन जो है सगुण साकार । भोजन की क्षमता कैपेसीटी का ज्ञान हो यह आवश्यक है जिस भोजन सामग्री से हम परिचित हैं उसमें कितना गुरुत्व है कितना लघुत्व है कितना हलका है कितना भारी है तो सगुण साकार भोजन को देखकर अब गणित काम कर रहा है या नहीं । जितनी भूख है उतने भूख की पूर्ति इतने भोजन से हो जायेगी । अब ये गणित हुआ या नहीं । अच्छा प्यास जो है वो क्या है , सगुण निराकार और पानी जो है वो सगुण साकार । अब गणित के बिना व्यवहार कैसे चलेगा । इतने घूंट पानी पीने पर इतनी प्यास की निवृत्ति हो जायेगी , है या नहीं । बिना गणित के व्यवहार , अच्छा ड्रायवर है वो बिना गणित के चला सकता है क्या । वो इतनी स्पीड से सामने से गाड़ी आ रही है , मेरी कार इतनी स्पीड से जा रही है , कैसे क्रास कर लूंगा , वहां गणित में चूक जाये तो एक्सीडेंट हो जाये , दोनों में कोई भी ड्राईवर गणित में चूक जाये तो एक्सीडेंट हो जाये । इसिलिये सारा व्यवहार तो गणित से चलता है । गणित से ही सारा व्यवहार चलता है बाकी जिसका प्रयोग जोड़ , घटा , गुणा , भाग , अच्छा गणित की कोई भी पहेली ले लिजिये जिसमें गुप्त या प्रकट जोड़ , घटा , गुणा , भाग का योग ना हो । क्यों ? गणित का मतलब क्या है , जोड़ , घटा , गुणा , भाग को पहले दो में करते हैं । योग प्लस , घटाओ ऋण माईनस । इसी का विकसित रुप है गुणा और भाग । क्या जोड़ घटाओ का विकसित रुप क्या हो जाता है गुणा और भाग । बाकी जितने प्रकल्प हैं गणित में वो सब जोड़ , घटा , गुणा , भाग के बिना हो ही नहीं सकते । इसिलिये पूरा गणित जो है जोड़ और घटाओ । जोड़ घटाओ का अर्थ क्या है संयोग और वियोग , व्यवहार । और अंत में बनना और बिगड़ना । सारी सृष्टी तो गणित के साथ लगी हुई है । जो ग्रन्थ अभी लिखा है 150 पृष्ठों में उसमें यही सिद्ध किया गया है , सारा व्यवहार गणित से चलता है ।

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