Sunday 17 September 2017

एकै साधे सब सधै

 हिन्दी वार्ता एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय – Rahim Ke Dohe  आमिर 1 year ago रहीम के दोहे Rahim ke dohe songs एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।  रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।। Ekai sadhe sab sadhai, sab sadhe sab jay Rahiman mulahin seechibo, foolai falai aghaay अर्थात (Meaning in Hindi): मन को एक समय में एम विषय पर केंद्रित किया जाए तो उसमें असफलता असंदिग्ध है। एक समय में अनेक विषयों में बुद्धि लगाने से किसी में भी सफलता अर्जित नहीं की जा सकती। कहा भी गया है कि जो आधे को छोड़ पूरे के चक्कर में भागता है, उसे पूरा तो नहीं मिलता, आधे से भी हाथ धो बैठता है। सदैव एकल सिद्धि करनी चाहिए, इसी से सब सिद्ध हो जाता है। रहीम कहते हैं, एक को साधना ही पर्याप्त है, इससे सब सध हो जाते हैं। यदि सबको एकसाथ साधने का प्रयास किया गया तो सबसे हाथ धोना पड़ेगा। पौधे को सींचने के लिए आवश्यक नहीं कि उसके तने, पत्तियों व फूलों की पंखुड़ियों को अलग-अलग सींचा जाए। इससे तय है कि पौधा नष्ट हो जाएगा। पौधे के मूल (जड़) को सींचना पर्याप्त है, इससे पौधा तृप्त होकर फलता फूलता है। रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय। भीति आप पै डारि कै, सबै पियावै तोय।। Rahiman reeti sarahiye, jog hat gun sam hoy Bheeti aap pai daari kai, sabai piyaavai toy अर्थात (Meaning in Hindi): दुनिया में ऐसे लोगों की कमी नहीं, जो खतरा मोलकर भी दूसरों की रक्षा करते हैं। दूसरों का हित साधने वालों से शिक्षा ली जाए तो मानवीय आचरण में सुखद परिवर्तन आ सकता है। यह भी पढ़िए रहिमन यहि संसार में, सब सो मिलिय धाइ - Rahim Ke Dohe रहीम कहते हैं, घड़े और डोरी की रीति सचमुच सराहनीय है। यदि इनके गुण को अपनाया जाए तो मानव समाज का कल्याण ही हो जाए। कौन नहीं जानता कि घड़ा कुएं की दीवार से टकराकर फूट सकता है और डोरी घिस घिसकर किसी भी समय टूट सकती है। किंतु अपने टूटने व फूटने की परवाह किए बिना दोनों खतरा मोल लेते हुए कुएं में जाते हैं और पानी खींचकर सबको पिलाते हैं। बड़ माया को दोष यह, जो कबहूं घटि जाय। तो रहीम मरिबो भलो, दुख सहि जिये बलाय।। Bad maya ko dosh yah, jo kabahun ghati jaya To rahim maribo bhalo, dukh sahi jiye balaay अर्थात (Meaning in Hindi): जब तक मनुष्य के पास संपन्नता है, तब तक सुख, सम्मान और यश है, किंतु संपन्नता के नष्ट होते ही सब आंखें फेर लेते हैं। ऐसी स्थिति में आशा निराशा में परिवर्तित हो जाती है। रहीम कहते हैं, माया (धन संपदा) कभी स्थिर नहीं होती। उसकी चंचलता ही उसका सबसे बड़ा दोष है। कभी घर में डोलती फिरती है तो कभी निष्ठुरता से मुंह मोड़कर चली जाती है। माया विहीन मनुष्य सबकी दृष्टि में हेय होता है। अतः इस प्रकार कभी माया घट जाए तो मर जाना ही बेहतर है। कौन निर्धनता में दुख सहते हुए जीना चाहेगा? कदली, सीप, भुजंग-मुख, स्वाति एक गुन तीन। जैसी संगति बैठिए, तैसोई फल दीन।। Kadali seep bhujang much, swaati ek gun teen Jaisi sangati baithiye, taisoi fal deen अर्थात (Meaning in Hindi): मनुष्य जिस वातावरण में पलता बढ़ता है, उसी से प्रभावित होकर उसके चरित्र का निर्माण होता है। संगति ही मनुष्य के विचारों को निर्मल अथवा मलिन बनाती है। लाठी एक है, किंतु यदि वह रक्षक के हाथ लगे तो रक्षा करती है, हत्यारे के हाथ लगे तो हत्या। यह भी पढ़िए रहिमन बिपदा हू भली, जो थोरे दिन होय - Rahim Ke Dohe रहीम कहते हैं, इसी प्रकार स्वाति की बूंदें एक ही जैसी होती है, किंतु वे जिसकी संगति में पड़ती है, वैसा ही गुण धारण करती है। यदि वह केले पर पड़ती है तो कपूर बन जाती है और सीप में पड़ने से मोती का रूप ले लेती है, जबकि सांप के मुंह में जाकर विष बन जाती है। अतः इससे सिद्ध होता है कि जो जैसी संगति में बैठेगा, वैसा ही आचरण करेगा। समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय। सदा रहे नहिं एक सी, का रहीम पछिताय।। Samay pay fal hot hai, samay pay jhari jay Sadaa rahe nahin ek see, ka Rahim pachhitay अर्थात (Meaning in Hindi): संसार में कौन सदा रहा है और इसी प्रकार किसी का समय भी एक सा नहीं रहता है। लोगों का आवागमन लगा रहता है। कभी सुख की छाया में बसते हैं तो कभी दुख की धूप में तपते हैं। वस्तुतः जीवन व जीवन का उतार चढ़ाव अस्थिर है। रहीम कहते हैं, सब कुछ समायनुसार होता है और समय सदैव परिवर्तनशील है। समय आने पर ही फल उत्पन्न होता है और समय आने वह झड़ भी जाता है। अच्छे समय में व्यक्ति संपत्ति से खिलवाड़ करता है, जबकि बुरे वक्त में उसके हाथ से सारी संपत्ति निकल जाती है। समय को कोई पकड़कर नहीं रख सकता। परिस्थितियां सदैव एक सी नहीं रहती। अतः पछताने से क्या लाभ? Categories: साहित्य Tags: Rahim ke dohe, Rahim ke dohe in hindi हिन्दी वार्ता Powered by WordPress Back to top

No comments:

Post a Comment