Sunday, 14 January 2018
7 आसान चरण से इस तरह पूरी होगी ध्यान साधना
7 आसान चरण से इस तरह पूरी होगी ध्यान साधना
By: Sathya Narayanan
ध्यान साधना कैसे करें
मन की एकाग्रता से आने वाली शांति को पाने का रास्ता ही ध्यान है और यहीं ध्यान अष्टांग योग के अंतिम चरण में समाधि की अवस्था पा लेता है। ध्यान योग का महत्वपूर्ण तत्व है जो तन, मन और आत्मा के बीच लयात्मक संबंध बनाता है। अंग्रेजी में इसे मेडिटेशन कहते हैं। ध्यान चारों दिशाओं में प्रकाश फैलाने वाले बल्ब की तरह है। योगियों का ध्यान सूर्य के प्रकाश की तरह होता है।
पहले प्राणायाम करें
ध्यान के लिए सुबह का समय अति उत्तम है। ध्यान करने से पहले प्राणायाम जरूर करें, इससे सांस स्थिर होगी। इसके लिए चाहें तो आप योग का भस्त्रिका और कपालभाती कर सकते हैं। आप इसके अलावा शरीर को थकाने के लिए कुछ और भी कर सकते हैं। याद रखें कि ध्यान को पूर्ण करने के भी आपकों प्राणायाम जरूर करना है।
इष्टदेव को याद करें
अब आप साफ वातावरण में कुश के आसन पर बैठें। इसके बाद हृदय के पास दोनों हाथ जोड़ कर अपने इष्टदेव को याद करें और मन ही मन में ध्यान साधना को पूर्ण करने के लिए उनसे आर्शीवाद लें। क्योंकि किसी भी कार्य के पूर्ण होने में आपके इष्टदेव का योगदान महत्वपूर्ण होता है।
शरीर की हलचलों पर ध्यान दें
इसके बाद सिद्धासन में बैठकर बाएं हाथ को बाएं घुटने पर और दाएं हाथ को दाएं घुटने पर रखें। रीढ़ को सीधे रखते हुए गहरी सांस ले और छोड़ें। अपने शरीर की सभी हलचलों पर ध्यान देते हुए आपके आसपास जो भी घटित हो रहा है उस पर भी ध्यान दें।
सिर्फ सांसों पर ध्यान दें
अब आप अपनी सांसों को छोडने और लेने की प्रक्रिया पर ध्यान दें। सांसों की ओर ध्यान देने से चित्त शांत होने लगेगा और चित्त का शांत होना ध्यान की शुरुआत के लिए बेहद जरूरी है।
महसूस होने के लिए तैयार हों
अब आप सिर्फ अपनी सांसों पर ही ध्यान दें और संकल्प कर लें कि पांच मिनट तक अपने दिमाग को शून्य कर लूंगा। अब आप केवल महसूस और देखने के लिए तैयार हैं और जैसे-जैसे सुनना और देखना गहराएगा आप ध्यान में उतरते जाएंगे।
अवधि
इस ध्यान विधि को नियमित 30 दिन तक 05 मिनट तक करें। 30 दिन के बाद आप 10 मिनट और फिर अगले 30 दिन के लिए 20 मिनट कर दें। इसके बाद आप जितनी अवधि और जब तक करना चाहें कर सकते हैं।
लाभ
प्रदूषण और काम के अधिक दबाव से व्यक्ति तनाव और मानसिक थकान का अनुभव करता है। निरंतर ध्यान करने से मस्तिष्क को नयी ऊर्जा मिलती है और तनाव से बचा जा सकता है। साथ ही ध्यान लगाने वाले व्यक्ति को थकान का अहसास नहीं होता है। गहरी से गहरी नींद से भी कहीं अधिक लाभ ध्यान से मिलता है।
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