Friday, 19 January 2018

शाम्भवी मुद्रा 

Shiv Shiva - The Creator Shambhavi Maha Mudra  Admin 2 years ago Advertisements  शाम्भवी मुद्रा : शाम्भवी मुद्रायोग साधना मे शाम्भवी मुद्रा का विशेष महत्व हैं। लम्बे समय तक साधना करने से साधक को नींद आने लगती है तथा कुछसाधकों को मूर्छा जैसी स्थिति होने लगती है। जिसे साधक समाधि समझने लगता है। इस भ्रम से बचने के लिए सब से पहले शाम्भवी मुद्रा का अभ्यास कर लेना चाहिए। इस मुद्रा के बाद साधक घण्टो तक एक आसन पर चेतन अवस्था मे रहकर साधना कर सकते है। यह मुद्रा भगवान शिव की मुद्रा हैं। इस मुद्रा में दोनो आँखे ऊपर मस्तिष्क में चढ़ जाती है व दिव्य प्रकाश के दर्शन भी होने लगते है। इस मुद्रा को करने की दो विधियो का वर्णन कर रहा हूँ। 1. धारणा करें कि मस्तिष्क के ऊपरी भाग से बाये से दाये की तरफ आप की आँखे घूम रही है मस्तिष्क के ऊपर आगे की तरफ न का जाप करें बाये कान के ऊपर सिर के ऊपरी भाग पर म का, सिर के पिछले भाग पर शि का, दाए कान केशाम्भवी मुद्रा ऊपर वा का, सिर के ऊपर बिल्कुल मध्यम में य का जाप करे व धारणा करें की मेरी आँखे ऊपर की तरफ देख रही है और निरन्तर ओ३म नमः शिवाय का जाप करते रहे। यह क्रिया प्रतिदिन सुबह शाम एक एक घण्टा करेें बहुत कम समय में शाम्ंभवी मुद्रा लगने लग जायेगी। 2. यदि आप के पास श्री यन्त्र है तो आप उसे ध्यान पूर्वक अन्दर की तरफ से देखें। आप देखेंगें की श्री यन्त्र के ऊपरी भाग पर त्रिकोण बना हुआ है। आप धारणा करे कि श्री यन्त्र आप के सिर के ऊपर बायें से दाये घूम रहा है। त्रिकोण मे तीन रेेखाये है, पहली रेखा को देखते हुए जाप करें। का ऐ ई ला हरीम् दूसरी रेखा को देखते हुए जाप करे हा सा का हा ला हरीम् तीसरी रेखा को देखते हए जाप करे सा का ला हरीम् शाम्भवी मुद्रायह विधि अति उत्तम हैं, इस विधि से शाम्भवी तो सिद्ध होती ही हैं और इसके साथ आप को श्री विद्या साधना का भी फल मिलने लगता है। इससे श्री विद्या साधना का भी शुभारम्भ हो जाता है। धीरे-धीरे साधना करते हुए धारणा करें कि श्री यन्त्र का आकार बढता जा रहा हैं जिस कक्ष मे आप साधना कर रहे हैं उस कक्ष की छत की ऊचाई के सामान श्री यन्त्र का आकार हो गया है और आप अब ऊपर त्रिकोण पर ध्यान कर रहे हैं व जाप कर रहे हैं। श्री विद्या के विषय मे आगे वर्णन किया है । Advertisements  Categories: Avdhoot Baba Shivanad Ji Shiv Shiva - The Creator Create a free website or blog at WordPress.com. Back to top

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