Friday 19 January 2018

षोडशी त्रिपुर सुंदरी बीज मंत्र

नमस्कार साधकों
श्री विद्या आत्म साधना का क्रमांश .....
श्री विद्या साधना

इस साधना का साधक भोग तथा मोक्ष दोनों प्राप्त करने में समर्थ होता है। तंत्र में इस साधना कि पूर्णता को सर्वोच्च स्थिति माना गया है। इसकी पूर्ण सिद्धि प्राप्त साधक फिर पुरुष न रह कर युगपुरुष हो जाता है। इस साधना के द्वारा निम्नलिखित लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। :-

१. विवाह बाधा का निवारण।
२. गृहस्थ सुख में पूर्णता।
३. पूर्ण पौरुष प्राप्ति।
४. संतान प्राप्ति।
५. पूर्ण ऐश्वर्य।
६. विद्वत्व, कवित्व तथा कला निपुणता।
७. पूर्ण कुण्डलिनी जागरण।
८. आध्यात्मिक पूर्णता।

षोडशी त्रिपुर सुंदरी मंत्र।

"ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं। "

यदि यह मंत्र न कर सकें तो निम्नलिखित बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

षोडशी त्रिपुर सुंदरी बीज मंत्र
!ह्रीं!
विशेष :-
१. साधना के रूप में इसका पुरश्चरण सवा लाख मन्त्रों का होगा।
२. रात्रि 9 से 1 बजे तक का समय श्रेस्ठ माना जाता है।
३. प्रतिदिन षोडशी स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ आर्थिक लाभ देगा।
४. अपनी क्षमता के अनुसार ताम्बा, चांदी या सोने से निर्मित श्री यन्त्र के सामने जाप करना लाभप्रद होगा। अभाव में जगदम्बा के चित्र, मूर्ति, यन्त्र या मंदिर में जाप करना लाभप्रद होगा।
५. यह जाप यदि यन्त्र के सामने कर रहे हों तो जाप के बाद यन्त्र को गुलाबी रंग के रेशमी कपडे में लपेट कर रखें। प्रयास करें कि इस यन्त्र को कोई देख  या स्पर्श न कर सके।
६. यन्त्र देवता तथा आपके बीच का एक माध्यम है, इसे यथा सम्भव गोपनीय तथा सात्विकता के साथ रखें।
७. मंत्र या स्तोत्र का पाठ पूरे मन से करें। विश्वास तथा श्रद्धा के साथ किया गया जाप सदैव जापकर्ता के लिए लाभदायक होता है।
८. साधना काल में प्रत्येक स्त्री को सम्मान दें, क्यूंकि प्रत्येक स्त्री जगदम्बा का ही प्रतिरूप है।
९. साधना काल में सामने दीपक जलाएं। माघ पूर्णिमा या किसी पूर्णिमा से जाप प्रारम्भ करें।
१०. सात्विक भोजन करें। साधना काल में क्रोध न करें।
११. यदि चाहें तो साधना के स्थान पर प्रतिदिन पूजन के साथ कुछ समय के लिए उपरोक्त मंत्र का जाप कर सकते हैं।

त्रिपुर सुंदरी की साधना तथा मंत्र जाप जिस घर में होता है वह घर सभी दृष्टियों से पूर्ण होता है। ऐसे घर में स्वयं माँ अपने साधकों कि भौतिक तथा आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ती के लिए तत्पर रहती हैं।

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