Thursday 4 January 2018

रामानंद

खोजें आध्यात्मिक जगतभक्तभक्त व संतभक्त रामानंद जी (Bhagat Ramanand Ji) भक्त रामानंद जी (BHAGAT RAMANAND JI) 1 2 3 4 5 (3 votes) font size 7990 Views inShare भूमिका: पवित्र गंगा के किनारे काशी नगरी स्थित है जिसे बनारस भी कहा जाता है| इस नगरी में पन्द्रवी सदी में कभी घर-घर लोग रामानंद जी को याद करते थे| आप एक महा पुरुष हुए हैं| आप वैष्णव मत के नेता और योगी हुए हैं| "भक्त रामानंद जी" सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio Bhagat Ramanand Ji 0:00 परिचय: हिन्दी महान कोष व उस साल के लिखित ग्रंथो के अनुसार आप का जन्म प्रयाग (इलाहबाद) में एक ब्राह्मण भूरीरी कर्मा के घर माता सुशीला जी की गर्भ से संवत 1423 विक्रमी को हुआ| उस समय भारत में तुर्क तथा अरब देशों के मुसलमान दबदबा कायम कर चुके थे| आपका पूर्व नाम रामदत था| पांच साल तक आप घर में ही रहे और जनेऊ की रस्म होने के बाद विद्या के लिए आपको काशी ले जाया गया| उस समय काशी ही विद्या का घर था| वह अपने गुरु से अक्षर और व्याकरण पढते थे| एक दिन बाहर घूमते हुए उनका मेल राघवानंद जी के साथ हो गया| जो कि बहुत बड़े योगी व ज्योतिष विद्या के गुरु थे| उन्होंने रामदत को अपने पास बुलाया और कहा भगवान की लीला कितनी अदभुत है| यह बालक कितना सुन्दर व होनहार है परन्तु कुछ दिनों बाद इसकी मृत्यु हो जायेगी| यह बालक अल्प आयु लेकर आया है|  यह वचन करके राघवानंद जी आगे चले गए| रामदत जी अपने गुरु के पास आ गए जिनसे विद्या ग्रहण करते थे| उन्होंने रोते हुए सारी बात उनके आगे रखी कि थोड़े ही दिनों में मेरी मौत होने वाली है| इसलिए गुरु जी में विद्या प्राप्त नहीं करना चाहता| क्या लाभ विद्या ग्रहण करने का? गुरु जी ने जब राघवानंद जी का नाम सुना तो वह भी घबरा गए| उन्होंने ऊपर से रामदत जी को दिलासा देते हुए कहा, "कोई बात नहीं, उनका भाव होगा बचपन गया जवानी आई| आओ चलकर पूछते हैं| चिंता मत करो ईश्वर भला ही करेगा|" वह रामदत जी को लेकर राघवानंद जी के पास पहुँचे| राघवानंद जी ने वही बात गुरु के आगे भी रख दी| गुरु जी ने कहा महाराज! कौन सा ऐसा यत्न किया जाये, जिससे इस बालक की आयु लंबी हो जये?  राघवानंद जी ने उत्तर दिया, "इस बालक की आयु लंबी हो सकती है यदि योगाभ्यास हो|" रामदत जी के गुरु जे बिनती की कि फिर इस बालक को अपना शिष्य बनाए और इसकी आयु लंबी करें|  स्वामी राघवानंद ने रामदत को अपना शिष्य बना लिया और नाम रखा रामानंद| स्वामी जी ने उसको योगाभ्यास कराना शुरू कर दिया| योगाभ्यास करते करते और श्वास दसवें द्वार चढाते तथा उतारते रामानंद जी की आयु बढ़ गई और वह योगी हो गए| आपका ऐसा तेज प्रपात बढा कि प्रसिद्ध गुरु, जपी - तपी, करामाती प्रगट हुए| भगत रविदास जी आपके ही शिष्य बने| स्वामी रामानंद जी ने देश के समस्त तीर्थों की यात्रा करके भक्ति मार्ग का उत्तम उपदेश दिया| आप एक महा पुरुष और ब्रह्म ज्ञानी प्रसिद्ध हुए|  राजा बली साखी ब्रह्मा और सरस्वती की सत्यवादी राजा हरीशचन्द्र जी भक्त बेनी जी Please write your thoughts or suggestions in comment box given below. This will help us to make this portal better.SpiritualWorld.co.in, Administrator अपनी आप बीती, आध्यात्मिक या शिक्षाप्रद कहानी को अपने नाम के साथ इस पोर्टल में सम्मलित करने हेतु हमें ई-मेल करें । (Email your story with your name, city, state & country to: info@spiritualworld.co.in) Submit your story to publish in this portal भक्त रामानंद जीBhagat Ramanand JiBhagat Ramanand Ji An IntroductionBhagatSant Media RELATED ITEMS श्री साईं बाबा जी राजा जनक (Raja Janak) बीबी बसन्त लता जी (Bibi Basant Lata Ji) छज्जू झीवर (Chjju Jhivar) जटू तपस्वी (Jatu Tapsvi) भाई सुजान जी (Bhai Sujan Ji) माई सरखाना जी (Maai Sarkhaana Ji) भाई साईयां जी (Bhai Saiyan Ji) भाई भाना परोपकारी जी (Bhai Bhana Propkari Ji) More in this category: « भक्त सूरदास जी (Bhagat Surdas Ji) भक्त परमानंद जी (Bhagat Parmanand Ji) » भक्त व संत भक्त अम्ब्रीक जी (Bhagat Ambrik Ji) अंबरीक मुहि वरत है राति पई दुरबासा आइआ|भीड़ा ओस उपारना… बीबी बसन्त लता जी (Bibi Basant Lata Ji) श्री कलगीधर पिता जी की महिमा अपरम्पार है, श्री आनंदपुर… संत तुकाराम जी (Sant Tukaram Ji) हमारे यहाँ तीर्थ यात्रा का बहुत ही महत्त्व है। पहले… जटू तपस्वी (Jatu Tapsvi) प्रेम पिआला साध संग शबद सुरति अनहद लिव लाई|धिआनी चंद… भक्त कबीर दास जी (Bhagat Kabir Das Ji) भूमिका: संत कबीर (Sant Kabir Ji) का स्थान भक्त कवियों… साखी राजा भक्तों की (Sakhi Raja Bhakton Ki) १. राजा परीक्षित-राजा परीक्षित अर्जुन (पांडव) का पौत्रा और अभिमन्यु… भक्त बेनी जी (Bhagat Beni Ji) भक्तों की दुनिया बड़ी निराली है| प्रभु भक्ति करने वालों… संत तुलसीदास जी (Sant Tulsidas Ji) भूमिका: श्रीमद भागवत के बाद दूसरे स्थान पर भारतीय जन… भक्त धन्ना जी (Bhagat Dhanna Ji) परिचय: भक्त धन्ना जी का जन्म श्री गुरु नानक देव… भक्त शेख फरीद जी (Bhagat Shek Farid Ji) देखु फरीद जु थीआ दाड़ी होई भूर || अगहु नेड़ा… सत्ता और बलवंड (Satta or Balwand) सत्ता और बलवंड दोनों सगे भाई थे| वह भाट जाति… भाई सुजान जी (Bhai Sujan Ji) मंनै पावहि मोखु दुआरु || मंनै परवारै साधारु ||मंनै तरै… भक्त रामानंद जी (Bhagat Ramanand Ji) भूमिका: पवित्र गंगा के किनारे काशी नगरी स्थित है जिसे… गौतम मुनि और अहल्या की साखी (Gautam Muni or Ahlya ki Sakhi) प्राचीन काल से भारत में अनेक प्रकार के प्रभु भक्ति… भक्त अंगरा जी (Bhagat Angra Ji)  गुरु ग्रंथ साहिब में एक तुक आती है: भक्त जयदेव जी (Bhagat Jaidev Ji) प्रेम भगति जै देऊ करि गीत गोबिंद सहज धुनि गावै… भाई तिलकू जी (Bhai Tilku Ji) ऐसा जोगी वडभागी भेटै माइआ के बंधन काटै ||सेवा पूज… महर्षि वाल्मीकि जी (Maharshi Walmiki Ji) महर्षि वाल्मीकि का जन्म त्रैता युग में अस्सू पूर्णमाशी को… भक्त नामदेव जी (Bhagat Namdev Ji) भूमिका: परमात्मा ने सब जीवो को एक - सा जन्म… भाई समुन्दा जी (Bhai Samunda Ji) अनदिनु सिमरहु तासु कऊ जो अंति सहाई होइ || इह…   Videos नम्रता का पाठ एक बार अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन नगर की स्थिति का जायजा लेने के लिए निकले। रास्ते में एक जगह भवन का निर्माण कार्य चल रहा था। वह कुछ देर के लिए वहीं रुक गए और वहां चल रहे कार्य को गौर से देखने लगे। कुछ देर में उन्होंने देखा कि कई मजदूर एक बड़ा-सा पत्थर उठा कर इमारत पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। किंतु पत्थर बहुत ही भारी था, इसलिए वह more...   Download Wallpapers व्यर्थ की लड़ाई एक आदमी के पास बहुत जायदाद थी| उसके कारण रोज कोई-न-कोई झगड़ा होता रहता था| बेचारा वकीलों और अदालत के चक्कर के मारे परेशान था| उसकी स्त्री अक्सर बीमार रहती थी| वह दवाइयां खा-खाकर जीती थी और डॉक्टरों के मारे उसकी नाक में दम था| एक दिन पति-पत्नी में झगड़ा हो गया| पति ने कहा - "मैं लड़के को वकील बनाऊंगा, जिससे वह मुझे सहारा दे सके|" more...   English Version धर्म और दुकानदारी एक दिन एक पण्डितजी कथा सुना रहे थे| बड़ी भीड़ इकट्ठी थी| मर्द, औरतें, बच्चे सब ध्यान से पण्डितजी की बातें सुन रहे थे| पण्डितजी ने कहा - "इस दुनिया में जितने प्राणी हैं, सबमें आत्मा है, सारे जीव एक-समान हैं| भीड़ में एक लड़का और उसका बाप बैठा था| पण्डितजी की बात लड़के को बहुत पसंद आई और उसने उसे गांठ बांध ली| अगले दिन लड़का दुकान पर गया| थोड़ी देर में एक more...   E-Mail समझदारी की बात एक सेठ था| उसने एक नौकर रखा| रख तो लिया, पर उसे उसकी ईमानदारी पर विश्वास नहीं हुआ| उसने उसकी परीक्षा लेनी चाही| अगले दिन सेठ ने कमरे के फर्श पर एक रुपया डाल दिया| सफाई करते समय नौकर ने देखा| उसने रुपया उठाया और उसी समय सेठ के हवाले कर दिया| दूसरे दिन वह देखता है कि फर्श पर पांच रुपए का नोट पड़ा है| उसके मन में थोड़ा शक पैदा हुआ| more... आध्यात्मिक जगत - World of Spiritual & Divine Thoughts. महान भक्त I राजा जनक भगत बुल्ले शाह जी भगत रहीम जी भगत रविदास जी भगत नामदेव जी महान भक्त II भक्त बेनी जी भक्त सधना जी भक्त भीखण जी भक्त सैन जी भक्त धन्ना जी महान भक्त III अजामल जी गनिका जी राजा हरिचन्द राजा उग्रसैन गजिन्द्र हाथी महान भक्त IV भक्त अम्ब्रीक जी भक्त अंगरा जी भक्त पीपा जी भक्त जयदेव जी भक्त त्रिलोचन जी महान भक्त V भक्त शेख फरीद जी भक्त परमानंद जी भक्त रामानंद जी भक्त सूरदास जी भक्त ध्रुव जी महान भक्त VI भक्त मीरा बाई जी महर्षि वाल्मीकि जी राजा बली भाई समुन्दा जी भक्त परमानंद जी DISCLAIMER   इस वेबसाइट का उद्देश्य जन साधारण तक अपना संदेश पहुँचाना है| ताकि एक धर्म का व्यक्ति दूसरे धर्म के बारे में जानकारी ले सके| इस वेबसाइट को बनाने के लिए विभिन्न पत्रिकाओं, पुस्तकों व अखबारों से सामग्री एकत्रित की गई है| इसमें किसी भी प्रकार की आलोचना व कटु शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया| Special Thanks to Dr. Rajni Hans, Ms. Karuna Miglani, Ms. Anisha Arora, Mr. Ashish Hans, Ms. Mini Chhabra & Ms. Ginny Chhabra for their contribution in development of this spiritual website. Privacy Policy | Media Partner | Wedding Marketplace CONNECT WITH US   Facebook Pinterest Linkedin Google + Enter Your Email Address Sign Up CONTACT US   New Delhi, INDIA +91 99998 96100 info@spiritualworld.co.in Contact Us Munish Ahuja, Founder SpiritualWorld.co.in Designed and Maintained by sinfome.com For any feedback or query kindly mail to info@sinfome.com

No comments:

Post a Comment