प्रभु-स्मरण करो
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निकृष्टता का पैमाना क्या है । कोई कुछ कहता है कोई कुछ । लेकिन व्यास ऋषि का मानना है कि वेद-विद्या से हीन व्यक्ति निकृष्ट है, जबकि अन्य कहता है-सबसे उच्च स्थिति परमात्मा की उपासना है । सबकी अपनी-अपनी मान्यता है । महर्षि वेद व्यास जी कहते हैं कि जो परमात्मा की उपासना नहीं करता, वह सबसे निकृष्ट है---
केचिद् वदन्ति धनहीनजनो जघन्यः ।
केचिद् वदन्ति जनहीनजनो जघन्यः ।।
केचिद् वदन्ति दलहीनजनो जघन्यः ।
केचिद् वदन्ति बलहीनजनो जघन्यः ।।
व्यासो वदत्यखिलवेदविशेषविज्ञः ।
नारायणस्मरणहीनजनो जघन्यः ।।
भावार्थः---कुछ लोग कहते हैं कि जिसके पास धन नहीं है, वह व्यक्ति निकृष्ट है। कुछ कहते हैं कि जिस व्यक्ति के पास पारिवारिक जन नहीं हैं, वह निकृष्ट है। कुछ व्यक्ति कहते हैं कि जिसके साथ कोई दल (समूह या मित्रगण) नहीं है, वह निकृष्ट (घटिया) है। कुछ कहते हैं कि जिसकी भुजाओं में शक्ति नहीं है, वह घटिया है। वेदविशेष अर्थात् ईश्वर को जानने वाले महर्षि वेदव्यास ने कहा है कि जो ईश्वर को स्मरण नहीं करता वह व्यक्ति निकृष्ट (घटिया) है।
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