Monday, 4 September 2017

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Aryamantavya Search PRIMARY MENUSKIP TO CONTENT ACHARYA SOMDEV JI, IMP, हिन्दी विश्व में प्रथम बार वेद ऑन लाईन JULY 6, 2016 AMIT ROY 19 COMMENTS विश्व में प्रथम बार वेद ऑन लाईन आज विज्ञान का युग है, विज्ञान ने प्रगति भी बहुत की हैं, इस प्रगति में तन्त्रजाल (इन्टरनेट) ने लोगों की जीवन शैली को बदल-सा दिया है। विश्व के किसी देश, किसी भाषा, किसी वस्तु, किसी जीव आदि की किसी भी जानकारी को प्राप्त करना, इस तन्त्रजाल ने बहुत ही सरल कर दिया है। विश्व के बड़े-बड़े पुस्तकालय नेट पर प्राप्त हो जाते हैं। अनुपलब्ध-सी लगने वाली पुस्तकें नेट पर खोजने से मिल जाती हैं। आर्य जगत् ने भी इस तन्त्रजाल का लाभ उठाया है, आर्य समाज की आज अनेक वेबसाइटें हैं। इसी शृंखला में ‘आर्य मन्तव्य’ ने वेद के लिए एक बहुत बड़ा काम किया है। ‘आर्य मन्तव्य’ ने वेद को सर्वसुलभ करने के लिए onlineved.com नाम से वेबसाइट बनाई है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं- १. विश्व में प्रथम बार वेदों को ऑनलाईन किया गया है, जिसको कोई भी इन्टरनेट चलाने वाला पढ़ सकता है। पढ़ने के लिए पी.डी.एफ. किसी भी फाईल को डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं है। २. इस साईट पर चारों वेद मूल मन्त्रों के साथ-साथ महर्षि दयानन्द सरस्वती, आचार्य वैद्यनाथ, पं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड, पं. हरिशरण सिद्धान्तालंकार व देवचन्द जी आदि के भाष्य सहित उपलब्ध हैं। ३. इस साईट पर हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी तथा मराठी भाषाओं के भाष्य उपलब्ध हैं। अन्य भाषाओं में भाष्य उपलब्ध कराने के लिए काम चल रहा है, अर्थात् अन्य भाषाओं में भी वेद भाष्य शीघ्र देखने को मिलेंगे। ४. यह विश्व का प्रथम सर्च इंजन है, जहाँ पर वेदों के किसी भी मन्त्र अथवा भाष्य का कोई एक शब्द भी सर्च कर सकते हैं। सर्च करते ही वह शब्द वेदों में कितनी बार आया है, उसका आपके सामने स्पष्ट विवेचन उपस्थित हो जायेगा। ५. इस साईट का सर्वाधिक उपयोग उन शोधार्थियों के लिए हो सकता है, जो वेद व वैदिक वाङ्मय में शोधकार्य कर रहे हैं। उदाहरण के लिए किसी शोधार्थी का शोध विषय है ‘वेद में जीव’, तब वह शोधार्थी इस साईट पर जाकर ‘जीव’ लिखकर सर्च करते ही जहाँ-जहाँ जीव शब्द आता है, वह-वह सामने आ जायेगा। इस प्रकार अधिक परिश्रम न करके शीघ्र ही अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा। ६. इस साईट का उपयोग विधर्मियों के उत्तर देने में भी किया जा सकता है। जैसे अभी कुछ दिन पहले एक विवाद चला था कि ‘वेदों में गोमांस का विधान है’ ऐसे में कोई भी जनसामान्य व्यक्ति इस साईट पर जाकर ‘गो’ अथवा ‘गाय’ शब्द लिखकर सर्च करें तो जहाँ-जहाँ वेद में गाय के विषय में कहा गया है, वह-वह शीघ्र ही सामने आ जायेगा और ज्ञात हो जायेगा कि वेद गो मांस अथवा किसी भी मांस को खाने का विधान नहीं करता। ७. विधर्मी कई बार विभिन्न वेद मन्त्रों के प्रमाण देकर कहते हैं कि अमुक मन्त्र में ये कहा है, वह कहा है या नहीं कहा। इसकी पुष्टि भी इस साईट के द्वारा हो सकती है, आप जिस वेद का जो मन्त्र देखना चाहते हैं, वह मन्त्र इस साईट के माध्यम से देख सकते हैं। इस प्रकार अनेक विशेषताओं से युक्त यह साईट है। इस साईट को बनाने वाला ‘आर्य मन्तव्य’ समूह धन्यवाद का पात्र है। वेद प्रेमी इस साईट का उचित लाभ उठाएँगे, इस आशा के साथ। – आचार्य सोमदेव, ऋषि उद्यान, पुष्कर मार्ग, अजमेर SHARE THIS: TwitterFacebookGoogleEmailPrint Related विश्व में प्रथम बार वेद ऑन लाईन April 29, 2016 In "Acharya Somdev jI" ‘ईश्वर, वेद और विज्ञान’ April 6, 2016 In "IMP" वेद एवं वैदिक साहित्य के अर्थ-ज्ञान का प्रकार June 12, 2017 In "Dr. Dharmveer Paropkarini Sabha Ajmer" VED ONLINE Post navigation PREVIOUS POST ईश्वर की सिद्धि में प्रत्यक्षादि प्रमाण सिद्ध नहीं हैं NEXT POST स्तुता मया वरदा वेदमाता 19 THOUGHTS ON “विश्व में प्रथम बार वेद ऑन लाईन” annoy moods APRIL 21, 2017 AT 7:55 AM arya ji atharveda 12.5 mein kya nastikon ko marne ke lie likha hua hai ?? kripya sapasht karien ?? aapki website pe athrveda 12.5 pura nahi hain ?? REPLY Amit Roy APRIL 21, 2017 AT 10:35 AM पूरा है अथर्ववेद | आप सही से देखे साईट को | http://www.onlineved.com/atharva-ved/?language=2&commentrator=5&kand=12&sukt=5&mantra=1 http://www.onlineved.com/atharva-ved/?language=2&commentrator=5&kand=12&sukt=5&mantra=2 http://www.onlineved.com/atharva-ved/?language=2&commentrator=5&kand=12&sukt=5&mantra=3 http://www.onlineved.com/atharva-ved/?language=2&commentrator=5&kand=12&sukt=5&mantra=4 http://www.onlineved.com/atharva-ved/?language=2&commentrator=5&kand=12&sukt=5&mantra=5 http://www.onlineved.com/atharva-ved/?language=2&commentrator=5&kand=12&sukt=5&mantra=6 http://www.onlineved.com/atharva-ved/?language=2&commentrator=5&kand=12&sukt=5&mantra=7 REPLY annoy moods APRIL 21, 2017 AT 11:52 AM sir atharveda 12. 5 sukta mein 60 ke around mantra hain REPLY Amit Roy APRIL 21, 2017 AT 12:58 PM नहीं जी |सात मंत्र हैं केवल REPLY annoy moods APRIL 21, 2017 AT 1:25 PM sir arya samaj jamnagar ki website pe jakar dekiye REPLY annoy moods APRIL 21, 2017 AT 1:47 PM aha atharveda 12.5 ke 7th mantra ke bhashya mein ved virodhi ko marne, katne , ke bare mein kaha gaya hai ye kahan ka nyay hai ?? batyenge jara ?? REPLY annoy moods APRIL 21, 2017 AT 1:48 PM apake he diye mantro mein dekhiye khud aur boliye ?? REPLY Amit Roy APRIL 22, 2017 AT 7:55 AM हमारे दिए हुए मंत्र में आपको क्या गलत लगा ? क्या सही से समझने की कोशिश की आपने ??? आप इस मंत्र की बात कर रहे हो ना अथर्ववेद १२.5.७ ? इसमें http://www.onlineved.com में आपको क्या समझ में नहीं आया ?? आपकी आयु क्या है यह भी बतलाना जी | REPLY Amit Roy APRIL 22, 2017 AT 7:59 AM क्या आपने अथर्ववेद के १२.5.७ को सही से पढ़ने और समझने की कोशिश की ? यदि समझे होते तो ऐसा नहीं बोलते | यदि नहीं समझे हो तो आपको जानकारी जरुर दूंगा | क्या बोला गया है किसे मार डालो किसे जला डालो | थोडा सही से अर्थ को समझने की कोशिश करे भाई |यदि अर्थ नहीं समझे हो तो जरुर आपको जानकारी दी जायेगी इस मन्त्र पर | कई बार इस पर चर्चा कर चूका जू fb पर मैंने| आपके जवाब की प्रतीक्षा में | REPLY Amit Roy APRIL 21, 2017 AT 1:55 PM जी जानकारी देने के लिए धन्यवाद | बहुत जल्द इसे ठीक कर दिया जाएगा | आप अथर्वेद १२ सूक्त 5 की कौन सी मंत्र की जानकारी लेना चाहते हैं बताये उसका हिंदी अनुवाद आपको करके दे दिया जाएगा | हामरे पास भी है जिसमे ७० मंत्र है जी | हमने सोचा था इसमें पूरा मंत्र दाल दिया गया है साईट पर | असुविधा के लिए क्षमाप्रार्थी हैं हम | जल्द से जल्द साईट पर पुरे मंत्र को डालने की कोशिश की जायेगी | जानकारी देने के लिए धन्यवाद | और भी कहीं मंत्र ना मिले टी जानकारी दे उसे भी सुधार कर दी जायेगी | REPLY anony mous APRIL 22, 2017 AT 7:18 AM amit roy ji dhanyavad mujhe is pure sukta ki ttranslation se dikkat hai ? is me har jagah ved virodhi shabd ka prayog kiya gaya hai jo theek nahi hai kripya isse theek karein aur pure mantra daalien website pein ji dhanyvad REPLY anony mous APRIL 22, 2017 AT 7:21 AM matra ved virodhi hone se kisi ko saja dena khud vedon ke khilaaf hai amit ji REPLY anony mous APRIL 22, 2017 AT 7:33 AM AMIT JI IS sukta ka prayog KAI ISLAMI WEBSITES KAR RAHI HAI ye DIKHANE KE LIE KI VED NAASTIK VIRODHI HAIN TO MERI PURE ARYA SAMAJ SE VINTI HAI KI IS SUKTA KI FIR SE JAANCH KI JAI REPLY Amit Roy APRIL 22, 2017 AT 8:20 AM मेरे भाई कई लोग है जो गलत जानकारी देते हैं या अर्थ को सही नहीं समझते | उनका मकसद होता है किसी भी प्रकार से अपने अपने मत मजहब को सही साबित करना चाहे वह झूठ का सहारा ही क्यों ना ले | यहाँ तक जाकिर नायक ब्र इमरान इत्यादि यह साबित करते हैं की वेद में मुहमद का नाम आया है मक्का मदीना का वर्णन है | यह लोगो को गुमराह करने के लिए किया जाता है जिसे ज्ञान नहीं होती है वे अपने मार्ग से भटक जाते हैं और उनकी चंगुल में फास जाते हैं | केवल इस्लामी साईट पर ही नहीं इसाई के लोग भी यह बोलते हैं की वेद में ईसा की जानकारी है | कृपया सत्य को जानने की कोशिश करे | बहुत से लोग गलत जानकारी दे कर मत मजहब में परिवर्तन करवा देते है उनसे बचकर रहने की जरूरत है | आपकी साड़ी शंका का समाधान की जायेगी | धन्यवाद | Amit Roy APRIL 22, 2017 AT 8:04 AM आप अर्थ को नहीं समझ रहे हैं | अर्थ समझोगे तो आपको सत्य की जानकारी मिल जायेगी | REPLY Amit Roy APRIL 22, 2017 AT 8:03 AM जी आपको जिस जिस मंत्र में आपको दिक्कत आ रही है आप कृपया हमारे fb पेज पर आये आपको प्रमाण सहित जानकारी दी जायेगी | हमारा fb पेज https://www.facebook.com/Aryamantavya/ कोई ना कोई आपको जवाब दे देगा | आये यहाँ पर स्क्रीनशॉट रखना कमेंट में संभव नहीं | fb पेज पर आपको सरे शंका का जवाब मिल जाएगा | धन्यवाद | REPLY anony mous APRIL 22, 2017 AT 7:40 AM AMIT JI MERI BAAT PE YAKEEN NA AAYE TO SVAYAM INTERNET PE ATHARVEDA 12.5..62 KO GOOGLE PE SEARCH KARKEIN DEKHEIN SWAYAM REPLY Amit Roy APRIL 22, 2017 AT 8:12 AM मेरे भाई हमारे पास खुद वेद के कई भाष्यकार की भाष्य की गयी वेद है इस कारण हमें इन्टरनेट पर खोजने की जरूरत नहीं है | इन्टरनेट पर बहुत सी गलत बात को भी समाहित कर दी जाती है | सबसे पहले यह आपको तर्क करने की क्षमता होनी चाहिए की क्या सही है क्या गलत है जो इन्टरनेट पर डाला गया है | REPLY anony mous APRIL 22, 2017 AT 8:46 AM AMIT JEE DHANYVAD MAIN SIRF ATHARVEDA 12.5.60 AUR ATHARVEDA 12.5.62 KI TRANSLATION CHATA HUN BAS AUR KUH NAHI AUR HAAN WEBSITE PE KAB SARE VED MANTTRO KI TTRNALTION AAIEGI USKA BHI BATA JIYE DHANYAVAD HAAN AUR APNE FACEBOOK PE IS SUKTA KE DISUSSION KI HAI USKA SCREEN SHOT puneetjhurani0@gmail.com pe bhej de aapki badi meher baani REPLY LEAVE A REPLY Your email address will not be published. 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