Friday, 15 September 2017
शांडिल्य गोत्र की व्युत्पत्ति
शांडिल्य गोत्र सरयूपारीण ब्रह्मण | Shandilya Gotra Saryuparin Brahman
सोमवार, 16 मार्च 2015
शांडिल्य गोत्र सरयूपारीण ब्रह्मण | Shandilya Gotra Saryuparin Brahman
शांडिल्य, की परिभाषा शांडिल्य, का अर्थ शांडिल्य - शांडिल्यसंज्ञा पुं० [सं० शाणिडल्य]
१. बेल । श्रीफल ।
२. अग्नि ।
३. एक मुनि जिनकी रची एक स्मृति है और जो भक्तिसूत्र के कर्ता माने जाते हैं ।
४. शांडिल्य के कुल में उत्पन्न पुरूष ।
५. सरयूपारीण ब्राह्मणों के तीन प्रधान गोत्रों में से एक गोत्र । यौ०—शांडिल्य गोत्र = शांडिल्य के कुल में उत्पन्न ।
शांडिल्य गोत्र की व्युत्पत्ति
व्रह्मा : - कश्यप,असिती,देवल.
वेद :- सामवेद
प्रवर :- कश्यप,असिती,देवल
शाखा :- कौथुमी
उपवेद:- गन्धर्व
शिखा:- वाम
पाद :- वाम
सूत्र :- गोमिल
इष्ट देव :- शिव
वंशज :- सरया,सोहगौरा,मठिया,देउरवा,बलुआ,सिरजम,धानी,सोपारी,चेतिया,परतावल.
उप नाम: - राम,कृष्ण,नाथ,मणि.
राम घराना:- गोरखनाथ नामक एक तपस्वी एवं ओजस्वी ब्राह्मण थे उन्ही के नाम पर राम घराना नाम पड़ा.
सरया,सोहगौरा,उनवलिया,अतरौलिया,रुद्रपुर,झुडिया,वहुआरी,मसरुतिया,कोठा,वदश,मऊ,गोहना,दुलई,मलहानी.
कृष्ण घराना:- बारिपुर, बसावनपुर, बंजरिया ,बुधियाबारी.
नाथ घराना:- नदौली , चेतिया,परतावल,मिलौनी,निगहिया.
मणि घराना:- देवता, पचरुखिया, धानी, हरदी,बलुआ,बुधियाबारी,तलियाबाद,बढ़ना,सिरजम,सेमरी,रथवर्ग,देवतिया,बरपार,उद्धवपुर,हथिदह,परास्सुपारी,यमुना,करकपर्गढ़,सुकरौली,सोनौरा ,कुठौली,सिसवांलेदक |
Nadouli nath gharana पर 10:10 pm
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