हिन्दू धर्मशास्त्रों में आए शब्दों का अर्थ जानिए-1
अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'|
नर और नारायण : नर का अर्थ अधिकतर लोग मनुष्य से लगाते हैं। हिन्दू धर्म में दो महान ऋषि हुए हैं जिन्हें भगवान विष्णु का... Read more at: http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-article/hinduism-word-114111200033_3.htmlअवतार : हिन्दू धर्म के पास ऐसे कई शब्द हैं जिनका दुनिया की दूसरी भाषाओं में अनुवाद नहीं किया जा सकता और जिनको अच्छे से समझाया भी नहीं जा सकता। उनमें से ही एक है अवतार। अवतार का अर्थ क्या है यह जानना जरूरी है। अवतार शब्द 'तृ' एवं उपसर्ग 'अव' से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है उतरना अर्थात ऊपर से नीचे आना। अवतरित होना या अवतरण होना। भगवान विष्णु 3 तरह से धरती पर उतरे- पहला उन्होंने स्वयं ही जन्म लिया, दूसरा उन्होंने किसी के शरीर में उतरकर अपना संदेश दिया, तीसरा वे स्वयं प्रकट होकर पुन: अंतर्ध्यान हो गए उदाहरणार्थ भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए वे एक खंभे में से नृसिंह के रूप में प्रकट हो गए थे। विष्णु के 24 अवतार हैं। इसी तरह भगवान शिव के भी अवतार हैं। प्रभु : यह शब्द परमेश्वर की तरह शुद्ध रूप से हिन्दुओं का शब्द है। पर+भू अर्थात भूमि से परे। आपने परब्रह्म सुना होगा अर्थात ब्रह्म से पहले परब्रह्म। हिन्दू शास्त्रों में ब्रह्म, परम ब्रह्म और परब्रह्म की चर्चा मिलेगी। परमेश्वर या ईश्वर की यह तीनों ही अवस्था अलग-अलग है। ब्रह्मा को ब्रह्म का पुत्र कहा जाने के कारण ही ब्रह्मा कहा गया है।
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