"तंत्र मन्त्र यंत्र साधना का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण शक्तिपीठ माँ भगवती बगलामुखी पीताम्बरा का आकर्षक स्वर्ण श्रृंगार के मंगल आरती दर्शन।"
"ॐ"ॐ" "ॐ"ॐ"ॐ"* ॐ"ॐ" "ॐ"ॐ"ॐ"* ॐ"ॐ" "ॐ"ॐ "ॐ"" ॐ"ॐ"ॐ"ॐ"ॐ"
"माँ बगलामुखी साधना"
"अब नीचे लिखे मंत्र का हल्दी की माला जप करें-
"गायत्री बगलामुखि मंत्र- ऊँ ह्लीं ब्रह्मास्त्राय विद्महे स्तम्भनबाणाय धीमहि। तन्नो बगला प्रचोदयात्।।
अष्टाक्षर गायत्री मंत्र- ऊँ ह्रीं हं स: सोहं स्वाहा। हंसहंसाय विद्महे सोहं हंसाय धीमहि। तन्नो हंस: प्रचोदयात्।।
अष्टाक्षर मंत्र- ऊँ आं ह्लीं क्रों हुं फट् स्वाहा
त्र्यक्षर मंत्र- ऊँ ह्लीं ऊँ
नवाक्षर मंत्र- ऊँ ह्लीं क्लीं ह्लीं बगलामुखि ठ:
एकादशाक्षर मंत्र- ऊँ ह्लीं क्लीं ह्लीं बगलामुखि स्वाहा।
ऊँ ह्ल्रीं हूं ह्लूं बगलामुखि ह्लां ह्लीं ह्लूं सर्वदुष्टानां ह्लैं ह्लौं ह्ल: वाचं मुखं पदं स्तम्भय स्तम्भय ह्ल: ह्लौं ह्लैं जिह्वां कीलय ह्लूं ह्लीं ह्लां बुद्धिं विनाशाय ह्लूं हूं ह्लीं ऊँ हूं फट्।
षट्त्रिंशदक्षरी मंत्र- ऊँ ह्ल्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा।
( 1) भय नाशक मंत्र—–
अगर आप किसी भी व्यक्ति वस्तु परिस्थिति से डरते है और अज्ञात डर सदा आप पर हावी रहता है तो देवी के भय नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए…
ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन
पीले रंग के वस्त्र और हल्दी की गांठें देवी को अर्पित करें…
पुष्प,अक्षत,धूप दीप से पूजन करें…
रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें…
दक्षिण दिशा की और मुख रखें….
( 2) शत्रु नाशक मंत्र—-
अगर शत्रुओं नें जीना दूभर कर रखा हो, कोर्ट कचहरी पुलिस के चक्करों से तंग हो गए हों, शत्रु चैन से जीने नहीं दे रहे, प्रतिस्पर्धी आपको परेशान कर रहे हैं तो देवी के शत्रु नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए….
ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु
नारियल काले वस्त्र में लपेट कर बगलामुखी देवी को अर्पित करें….
मूर्ती या चित्र के सम्मुख गुगुल की धूनी जलाये ….
रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें…
मंत्र जाप के समय पश्चिम कि ओर मुख रखें….
( 3) जादू टोना नाशक मंत्र—-
यदि आपको लगता है कि आप किसी बुरु शक्ति से पीड़ित हैं, नजर जादू टोना या तंत्र मंत्र आपके जीवन में जहर घोल रहा है, आप उन्नति ही नहीं कर पा रहे अथवा भूत प्रेत की बाधा सता रही हो तो देवी के तंत्र बाधा नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए….
ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय
आटे के तीन दिये बनाये व देसी घी ड़ाल कर जलाएं….
कपूर से देवी की आरती करें….
रुद्राक्ष की माला से 7 माला का मंत्र जप करें…
मंत्र जाप के समय दक्षिण की और मुख रखे….
( 4) प्रतियोगिता नोकरी में सफलता का मंत्र—–
आपने कई बार इंटरवियु या प्रतियोगिताओं को जीतने की कोशिश की होगी और आप सदा पहुँच कर हार जाते हैं, आपको मेहनत के मुताबिक फल नहीं मिलता, किसी क्षेत्र में भी सफल नहीं हो पा रहे, तो देवी के साफल्य मंत्र का जाप करें….
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगामुखी देव्यै ह्लीं साफल्यं देहि देहि स्वाहा:
बेसन का हलवा प्रसाद रूप में बना कर चढ़ाएं…
देवी की प्रतिमा या चित्र के सम्मुख एक अखंड दीपक जला कर रखें…
रुद्राक्ष की माला से 8 माला का मंत्र जप करें…
मंत्र जाप के समय पूर्व की और मुख रखें…
(5) बच्चों की रक्षा का मंत्र—-
यदि आप बच्चों की सुरक्षा को ले कर सदा चिंतित रहते हैं, बच्चों को रोगों से, दुर्घटनाओं से, ग्रह दशा से और बुरी संगत से बचाना चाहते हैं तो देवी के रक्षा मंत्र का जाप करना चाहिए.. .
ॐ हं ह्लीं बगलामुखी देव्यै कुमारं रक्ष रक्ष
देवी माँ को मीठी रोटी का भोग लगायें…
दो नारियल देवी माँ को अर्पित करें…
रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें….
मंत्र जाप के समय पश्चिम की ओर मुख रखें…
( 6) लम्बी आयु का मंत्र—-
यदि आपकी कुंडली कहती है कि अकाल मृत्यु का योग है, या आप सदा बीमार ही रहते हों, अपनी आयु को ले कर परेशान हों तो देवी के ब्रह्म विद्या मंत्र का जाप करना चाहिए…
"ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा:"
"पीले कपडे व भोजन सामग्री आता दाल चावल आदि का दान करें…
मजदूरों, साधुओं,ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन खिलाये…
प्रसाद पूरे परिवार में बाँटें….
रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें…
मंत्र जाप के समय पूर्व की ओर मुख रखें…Z"
( 7) बल प्रदाता मंत्र—-
यदि आप बलशाली बनने के इच्छुक हो अर्थात चाहे देहिक रूप से, या सामाजिक या राजनैतिक रूप से या फिर आर्थिक रूप से बल प्राप्त करना चाहते हैं तो देवी के बल प्रदाता मंत्र का जाप करना चाहिए…
"ॐ हुं हां ह्लीं देव्यै शौर्यं प्रयच्छ"
पक्षियों को व मीन अर्थात मछलियों को भोजन देने से देवी प्रसन्न होती है…
पुष्प सुगंधी हल्दी केसर चन्दन मिला पीला जल देवी को को अर्पित करना चाहिए…
पीले कम्बल के आसन पर इस मंत्र को जपें….
रुद्राक्ष की माला से 7 माला मंत्र जप करें…
मंत्र जाप के समय उत्तर की ओर मुख रखें…
( 8) "सुरक्षा कवच का मंत्र—-
प्रतिदिन प्रस्तुत मंत्र का जाप करने से आपकी सब ओर रक्षा होती है, त्रिलोकी में कोई आपको हानि नहीं पहुंचा सकता …."
"ॐ हां हां हां ह्लीं बज्र कवचाय हुम"
देवी माँ को पान मिठाई फल सहित पञ्च मेवा अर्पित करें..
छोटी छोटी कन्याओं को प्रसाद व दक्षिणा दें…
रुद्राक्ष की माला से 1 माला का मंत्र जप करें…
मंत्र जाप के समय पूर्व की ओर मुख रखें…
ये स्तम्भन की देवी भी हैं। कहा जाता है कि सारे ब्रह्मांड की शक्ति मिलकर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकती। शत्रु नाश, वाक सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए देवी बगलामुखी की उपासना की जाती है।
"बगलामुखी देवी को प्रसन्न करने के लिए 36 अक्षरों का बगलामुखी महामंत्र "
‘"ऊं हल्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिहवां कीलय बुद्धिं विनाशय हल्रीं ऊं स्वाहा’"
का जप, हल्दी की माला पर करना चाहिए।
"यह विद्या शत्रु का नाश करने में अद्भुत है, वहीं कोर्ट, कचहरी में, वाद-विवाद में भी विजय दिलाने में सक्षम है। इसकी साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है। उसके मुख का तेज इतना हो जाता है कि उससे आँखें मिलाने में भी व्यक्ति घबराता है। सामनेवाले विरोधियों को शांत करने में इस विद्या का अनेक राजनेता अपने ढंग से इस्तेमाल करते हैं। यदि इस विद्या का सदुपयोग किया जाए तो देशहित होगा।
मंत्र शक्ति का चमत्कार हजारों साल से होता आ रहा है। कोई भी मंत्र आबध या किलित नहीं है यानी बँधे हुए नहीं हैं। सभी मंत्र अपना कार्य करने में सक्षम हैं। मंत्र का सही विधि द्वारा जाप किया जाए तो वह मंत्र निश्चित रूप से सफलता दिलाने में सक्षम होता है।
हम यहाँ पर सर्वशक्ति सम्पन्न बनाने वाली सभी शत्रुओं का शमन करने वाली, कोर्ट में विजय दिलाने वाली, अपने विरोधियों का मुँह बंद करने वाली माँ बगलामुखी की आराधना का सही प्रस्तुतीकरण दे रहे हैं। हमारे पाठक इसका प्रयोग कर लाभ उठाने में समर्थ होंगे, ऐसी हमारी आशा है।
यह विद्या शत्रु का नाश करने में अद्भुत है, वहीं कोर्ट, कचहरी में, वाद-विवाद में भी विजय दिलाने में सक्षम है। इसकी साधना करने वाला साधक सर्वशक्ति सम्पन्न हो जाता है।
इस साधना में विशेष सावधानियाँ रखने की आवश्यकता होती है जिसे हम यहाँ पर देना उचित समझते हैं। इस साधना को करने वाला साधक पूर्ण रूप से शुद्ध होकर (तन, मन, वचन) एक निश्चित समय पर पीले वस्त्र पहनकर व पीला आसन बिछाकर, पीले पुष्पों का प्रयोग कर, पीली (हल्दी) की 108 दानों की माला द्वारा मंत्रों का सही उच्चारण करते हुए कम से कम 11 माला का नित्य जाप 21 दिनों तक या कार्यसिद्ध होने तक करे या फिर नित्य 108 बार मंत्र जाप करने से भी आपको अभीष्ट सिद्ध की प्राप्ति होगी।
आँखों में तेज बढ़ेगा, आपकी ओर कोई निगाह नहीं मिला पाएगा एवं आपके सभी उचित कार्य सहज होते जाएँगे। खाने में पीला खाना व सोने के बिछौने को भी पीला रखना साधना काल में आवश्यक होता है वहीं नियम-संयम रखकर ब्रह्मचारीय होना भी आवश्यक है।
"ऊँ ह्मीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ऊँ स्वाहा।
हमने उपर्युक्त सभी बारीकियाँ बता दी हैं। अब यहाँ पर हम इसकी संपूर्ण विधि बता रहे हैं। इस छत्तीस अक्षर के मंत्र का विनियोग ऋयादिन्यास, करन्यास, हृदयाविन्यास व मंत्र इस प्रकार है--
विनियोग
अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि।
त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये।
ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।
ऊँ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।
आवाहन
"ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा।
ध्यान
सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम्
हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्
हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै
व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।
मंत्र इस प्रकार है-- ऊँ ह्मीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ऊँ स्वाहा।
मंत्र जाप लक्ष्य बनाकर किया जाए तो उसका दशांश होम करना चाहिए। जिसमें चने की दाल, तिल एवं शुद्ध घी का प्रयोग होना चाहिए एवं समिधा में आम की सूखी लकड़ी या पीपल की लकड़ी का भी प्रयोग कर सकते हैं। मंत्र जाप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर के करना चाहिए।
साधनाकाल की सावधानियाँ
- पीले वस्त्र धारण करें।
- एक समय भोजन करें।
- मंत्र के जप रात्रि के 11.45PM से प्रात: 4 AM बजे के बीच करें।
- दीपक की बाती को हल्दी या पीले रंग में लपेट कर सुखा लें।
- साधना में छत्तीस अक्षर वाला मंत्र श्रेष्ठ फलदायी होता है।
- साधना अकेले में, नलखेड़ा मंदिर में, पातल गामी हनुमान (उल्टे हनुमान), बिलवा टवेश्वेर महादेव मंदिर, धरम पूरी ,धार पर या किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर की जानी चाहिए।"
"ॐ"ॐ" "ॐ"ॐ"ॐ"* ॐ"ॐ" "ॐ"ॐ"ॐ"* ॐ"ॐ" "ॐ"ॐ "ॐ"" ॐ"ॐ"ॐ"ॐ"ॐ"
" प्रथ्वि के हर पवित्र इंसान के लिए सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, आध्यात्म में अंदर व बाहर की संपूर्ण उन्नति ???????"
" How to Manifest Inner & Outer Happiness for Every Individual on Earth Plane?
*"ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
"संसारी दोष कितने कम हुए, हमे इस पर हर समय दृष्टि रखनी है।
हमारे स्वभाव में अहमता, ममता कितनी कम हुई, इस और ध्यान देना है । स्वाभिमान कितना कम हुआ, अपने अपमान का अनुभव होना कितना कम हुआ, आत्म-प्रशंसा कितनी अचछी लगती है ।
संसारी विषयों के अभाव मेँ कितना दुख होता है, उनके मिलने मेँ कितना सुख मिलता है, यह सब अपनी आध्यात्मिक उन्नति को नापने का सबसे बढ़िया पैमाना है।
* "ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
"सर्व धर्म मन्त्र सुख -शांति के लिए!!!."
"ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हिलीम् ऊँ सर्व देव-देवी स्वरूपाए श्री अल्लाए, ओम गौतम बुद्धा ये, ओम महाविरये, ओम वाहे गुरु, ओम .,. ओम प्रभु इशू, ओम ब्रह्मा- विष्णु-शिव-शक्ति भयाम नमो नमः ."
.“OM AIEM HRIM SHRIM KLIM HLIM OM SARVA DEO-DEVI SARUPAYE SHRI ALLHAYE, OM GAUTAM BUDDHAYE, OM MAHAVIRAYE, OM WAHE GURU, OM SAI, OM PRABHU ISHU, OM BRAHMA- VISHNU-SHIV-SHAKTI BHYAM NAMO NAMHA.”
*"ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
"The Greatest, Simplest & Easiest Siddhis , सिद्धि ( Acquire Divine Power) in this World is the Siddhi of "EQUANIMITY", समानता among all the Siddhi of Universe with non duality, अद्वैत,
manifest IT for Unconditional LOVE & Mental Peace for welfare of Humanity & Harmony"
*"ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
"श्री* ॐ"~"श्री*~* ॐ~"श्री*~ ॐ"~"श्री*~ ॐ"*"श्री** ॐ"*"श्री* "श्री*~ ॐ"~"श्री*~ ॐ"*"श्री** ॐ"*"श्री*
"The Divine Power of 'OM"action in universe that works under the power of Shiva- Parvati (Lord Being, Divine Power) -
''Om'', Aa -Brahma, U - Vishnu, M - Mahesh. GOD: (Lord -Being,God)"
"G-Generator, O-Operator, D-Destroyer.(GOD) - Shiva(Lord) as Brahma, when the act of creation ... His Kriyashkti (Divine Power) -''Mahasaraswati''
"When you make the task of operation their Kriyashkti -''Mahalakshmi''
" When his Kriyashkti acts of destruction -''Mahakali''
"When HE act as the "Mahamrityunjaya" His Kriyashkti -'' Baglamukhi''
"Shiva & Shakti (God) the Annatta (infinite), all automatic actions (creation, execution, destroy, etc.) engaged in the Parmeshwari or Power is Parvati."
'ऊँ''OM, अ (A) -ब्रह्मा, उ (U) -विष्णु, म् (M)- महेश ."
"ऐं(AEIM) E=Swarswati,Anuswar=Destroyer of griefs.Lord Swarswati destroy our griefs i.e. Aghyan(Darkness of Knowledge)."
"ह्रीं (Hrim) ह H=Shiv, R रं=Nature, i=Maya, Anuswar = Destroyer of griefs."
"श्रीं(Shrim), श S= Lakhmi , R=Prosperity, I =Satisfaction, Anuswar=Destroyer of griefs."
"क्लीं (Klim), क K= Krishna, L=Lord Indra, I= Satisfaction, Anuswar = Destroyer of griefs i.e. Lust particular."
"हिलीम् (Hlim), ह H=Shiva, L=Baglamukhimi & Nature I=Satisfaction, Anuswar
=Destroyer of griefs (Enemies within) i.e. All Vasana (Propensity), Vices, Attachment, Ego & so forth."
*"ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
"श्री* ॐ"~"श्री*~* ॐ~"श्री*~ ॐ"~"श्री*~ ॐ"*"श्री** ॐ"*"श्री** ॐ" *"श्री* * ॐ"*
"COMPETENCE means the ABILITY of human beings of universe to swim across the RIVER of LIFE and reach to SHORE of LORD'S CONSCIOUSNESS."
"The TEN Sounds of "ANHAD NAAD" (Divine Melody of Sound manifest In Ultimate - YOGA )."
" The "HANSOPINISHED" (VEDA) makes mention of Ten Types of "DIVINE SOUND" manifest by 'ANAHAD"."
"The First one is " CHHINI",
"The Second is "CHHICHHINI",
"The Third sound is "BELL",
"The Fourth sound of CONCHSHELL",
"The Fifth sound of Indian LUTE ( TANTRI),
"The sixth sound of "DRUM",
"The seventh sound of "FLUTE ",
"The Eight sound of "TABOR" ( MRIDANGA)",
"The ninth sound of "KETTLEDRUM" (BHERI) and,
"The last one is the sound of "THUNDER CLOUDS."
* "ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
"To Pray and Chant daily and to practice our own Mantra with Faith, Emotion & Feeling to the best of Life fulfillment for welfare of Living & Non living.."
* "ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
"For this everybody should be chant the Mantra given by Sadaguru Swami Shivom Thirthji Maharaj and Maa Bagulamukhi at the fix time 7.00 - 7.15 A.M. daily in the Homes, Temples (all types), Churchs (all types), Bodha-Chaityalayas (all types), All Holy Places (all types), Gurudwaras (all types) and all the Holly Places according to their own emotion & worship as well in HOME."
"To manifest the Homologous "Divine Power of Lord" to Over Come *THE GLOBAL WARMING in every Sphere of Life i.e. Welfare of Living & Non Living."
1,“OM AEIM HRIM SHRIM KLIM HLIM OM JIVA-NIRJIVA (LIVING & NON LIVING)
KALAYANKARI PARAM MAA PARMESHWARI NAMO NAMHA”
1. "ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हिलीम् ऊँ जीव-निर्जीव कल्याणकारी परम्-माँ परमेश्वरी नमो नमः ॥''
*"ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
2."Om Aeim Hrim Shrim klim Hlim Om Shiv Shakti Bhyam Namoha Namaha."
* "ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
3 "ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हिलीम् ऊँ सर्व देव-देवी स्वरूपाए श्री अल्लाए, ओम गौतम बुद्धा ये, ओम महाविरये, ओम वाहे गुरु, ओम .,. ओम प्रभु इशू, ओम ब्रह्मा- विष्णु-शिव-शक्ति भयाम नमो नमः ."
.“OM AIEM HRIM SHRIM KLIM HLIM OM SARVA DEO-DEVI SARUPAYE SHRI ALLHAYE, OM GAUTAM BUDDHAYE, OM MAHAVIRAYE, OM WAHE GURU, OM SAI, OM PRABHU ISHU, OM BRAHMA- VISHNU-SHIV-SHAKTI BHYAM NAMO NAMHA.”
*"ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
4.“OM AIEM HRIM SHRIM KLIM HLIM OM MANI PADME HUM or HOOM."
*"ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
5. When you take your Sattvic Food Chant this Mantra 9 Time & then consume your Diet.
“OM AIEM HRIM SHRIM KLIM HLIM OM SARVA DEO-DEVI SARUPAYE SHRI ANNAPURANAYE Namoha Namaha."
* "ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
6. When you taking any Medicine Chant this Mantra 9 time."
“OM AIEM HRIM SHRIM KLIM HLIM OM SARVA DEO-DEVI SARUPAYE SHRI ACHHUTAY Namaha, ANNANTAYE Namaha GOVINDAYE Namoha Namaha."
* "ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
7. "Regards & Chant the Mahamantra Nama kirtan:
"Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare."
* "ॐ"~Guru Tattwa, Prarbdha~"ॐ"*
GURU TATTWA, EINSTEINJI, MOTHER TERESAJI, GANDHIJI, POETYCAJI, PRARBDHA
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"Consciousness of universal Frds. for welfare of Living & Non living (to over come the Global Warming) with Love & Peace within{Self Realized} with non-duality(Advaita),i.e. "Only One God" "ONE FOE ALL & ALL for ONE" i.e. *{"Holy Human"}*
GURU TATTWA, EINSTEINJI, MOTHER TERESAJI, GANDHIJI, POETYCAJI, PRARBDHA
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