ब्राह्मण का जन्म: भगवान् विष्णु का अंश
अवतार।
२ ब्राह्मण की विद्या: ज्ञान का अथाह
सागर ।
३ ब्राह्मण की बुद्धि : समस्त समस्याओं
का समाधान ।
४ ब्राह्मण की वाणी : वेद का ज्ञान ।
५ ब्राह्मण की शिक्षा : जीवन जीने
की कला ।
६ ब्राह्मण की दृष्टी ; सम्भाव।
७ ब्राह्मण की शिखा: संकल्पों का समूह ।
८ ब्राह्मण की दया : संकटों का हरण ।
९ ब्राह्मण की कृपा : भवसागर तरने
का साधन ।
१० ब्राह्मण का कर्म : सर्व जन हिताय ।
११ ब्राह्मण का निवास : देवालय ।
१२ ब्राह्मण के दर्शन : सर्वमंगल ।
१३ ब्राह्मण का आशीर्वाद : समस्त
सुखो की प्राप्ति ।
१४ ब्राह्मण की सेवा : परलोक सुधारना ।
१५ ब्राह्मण का वरदान: मोक्ष
की प्राप्ति ।
१६ ब्राह्मण का अस्त्र : श्राप ।
१७ ब्राह्मण का शस्त्र : कलम ।
१८ ब्राह्मण को दान : सहस्त्रो पापो से
मुक्ति ।
१९ ब्राह्मण को दक्षिणा : सात
पीढ़ी का उद्धार ।
२० ब्राह्मण की संतुष्ठी: सभी भयो से
मुक्ति ।
२१ ब्राह्मण की हुँकार:
राजा महाराजयों का चरणागत होना ।
२२ ब्राह्मण की गर्जना : सर्वभूतों का संहार
।
२३ ब्राह्मण का कोप : सर्वनाश ।
२४ सर्व ब्राह्मण की एकता : सर्व
शक्तिमान।
jay parshuram.
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