Thursday, 30 March 2017

ब्रह्म भोज महत्व

खबर-संसारज्योतिषबॉलीवुडधर्म-संसारNRIवीडियोअन्यProfessional Courses हिंदी  धर्म-संसार » व्रत-त्योहार » श्राद्ध पर्व श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन कराना जरूरी क्यों? WD|   FILE हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी में विधिवत डाला हुआ अन्न का बीज सौगुणा बढ़ता है और जल के अनुपात से खाई हुई औषधि सहस्रगुणी फलवती होती है। इसी प्रकार अग्नि में डाली गई वस्तु लक्षगुणा तथा वायुकणों में परिव्याप्त अनन्तगुणी हो जाती है। एक रत्ती हींग का भंगार-जिसे देशभेद से 'छौंक' या 'तड़का' भी कहते हैं, सहस्रों मनुष्यों को अपनी सत्ता की सूचना दे देता है और घ्राणतर्पक सिद्ध होता है। रेडियो यन्त्र के सान्निध्य में समुच्चरित एक शब्द विद्युत शक्ति के प्रभाव से ब्रह्माण्ड भर में परिव्याप्त हो जाता है। सो वैदिक विज्ञान में भी लोकान्तर में बसने वाले देव- पितर आदि प्राणियों तक पृथ्वी लोक से द्रव्य पहुँचाने के लिए अग्निदेव का माध्यम नियत किया गया है जिस का प्रक्रियात्मक स्वरूप, अग्नि में हव्य और कव्य को विधिवत होमना है। भौतिक अग्नि सूर्य-समुद्भूत है। अतः अग्नि में डाले पदार्थ का स्थूल अंश जहाँ भस्मरूप में परिणत हुआ दीख पड़ेगा, वहाँ उसका सूक्ष्म अंश अपने अंशी सूर्य-मण्डल पर्यन्त बेरोक-टोक अबाध गति से पहुँचे बिना परिसमाप्त न होगा। ब्राह्मण भी अग्नि स्थानीय है, अर्थात विराट के जिस मुख से अग्नि देव उत्पन्न हुआ है उसी मुख से ब्राह्मण की उत्पत्ति लिखी है। जैसे रेडियों पर बोला शब्द यद्यपि ब्रह्माण्ड भर में परिव्याप्त हो जाएगा, परन्तु उसकी अभिव्यक्ति वहीं होगी जहां कि उस को कैच कर सकने वाले यंत्र की सुई ठीक उसी नंबर के किलोमीटर पर होगी। इसी प्रकार अग्नि में डाला हव्य वेद मंत्रों के 'स्वाहाकार' संकेत से मन्त्रोक्त देवता की तृप्ति का कारण बनेगा और श्राद्ध-विधान के वेदोक्त 'स्वधाकार' संकेत से संकल्प-पठित पितर को परितृप्त करने वाला सिद्ध होगा। यह तो हुआ भौतिक अग्नि में किए गए हवन द्वारा देव और पितरों की तृप्ति होने का वैज्ञानिक विश्लेषण, परन्तु इसी के साथ इतना शास्त्र रहस्य और अधिक मनन कर लेना चाहिए कि ब्राह्मण भी अग्नि स्थानीय है, अर्थात विराट के जिस मुख से अग्नि देव उत्पन्न हुआ है उसी मुख से ब्राह्मण की उत्पत्ति लिखी है। << < 1 2 > >> वेबदुनिया हिंदी मोबाइल ऐप अब iOS पर भी, डाउनलोड के लिए क्लिक करें। एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें। ख़बरें पढ़ने और राय देने के लिए हमारे फेसबुक पन्ने और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

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