Friday, 31 March 2017

संध्या महत्व

  ▼ Wednesday, September 28, 2011 संध्या पूजन का इतना महत्व क्यों है ? धर्म की लगभग हरेक प्रसिद्ध पुस्तक में संध्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। संध्या का शाब्दिक अर्थ संधि का समय है यानि जहां दिन का समापन और रात शुरू होती है, उसे संधिकाल कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार दिनमान को तीन भागों में बांटा गया है- प्रात:काल, मध्याह्नï और सायंकाल। संध्या पूजन के लिए प्रात:काल का समय सूर्योदय से छह घटी तक, मध्याह्न 12 घटी तक तथा सायंकाल 20 घटी तक जाना जाता है। एक घटी में 24 मिनट होते हैं। प्रात:काल में तारों के रहते हुए, मध्याह्नï में जब सूर्य मध्य में हो तथा सायं सूर्यास्त के पहले संध्या करना चाहिए। संध्या पूजन क्यों? -नियमपूर्वक संध्या करने से पापरहित होकर ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। -रात या दिन में जो विकर्म हो जाते हैं, वे त्रिकाल संध्या से नष्ट हो जाते हैं। -संध्या नहीं करने वाला मृत्यु के बाद कुत्ते की योनि में जाता है। -संध्या नहीं करने से पुण्यकर्म का फल नहीं मिलता। -समय पर की गई संध्या इच्छानुसार फल देती है।-घर में संध्या वंदन से एक, गो -स्थान में सौ, नदी किनारे लाख तथा शिव के समीप अनंत गुना फल मिलता है। vidhya at 11:06 AM Share  10 comments:  Patali-The-VillageSeptember 28, 2011 at 12:31 PM बहुत सुन्दर जानकारी के लिए धन्यवाद| Reply  चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’September 28, 2011 at 12:36 PM बहुत ख़ूब वाह! Reply  डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)September 28, 2011 at 12:51 PM बहुत जी उपयोगी पोस्ट लगाई है आपने नवरात्रों में! -- संध्या शब्द सन्धि से मिला है और अऩ्धेरे व उजाले की सन्धि तो सुबह और शाम को होती है। इसलिए दोनों समय संध्या-वन्दन करना चाहिए। Reply  वन्दनाSeptember 28, 2011 at 3:22 PM माता रानी आपकी सभी मनोकामनाये पूर्ण करें और अपनी भक्ति और शक्ति से आपके ह्रदय मे अपनी ज्योति जगायें…………सबके लिये नवरात्रि शुभ हों Reply  रेखाSeptember 28, 2011 at 3:42 PM बहुत उपयोगी और सार्थक जानकारी .. Reply  रविकरSeptember 28, 2011 at 4:23 PM सुन्दर प्रस्तुति || माँ की कृपा बनी रहे || http://dcgpthravikar.blogspot.com/2011/09/blog-post_26.html Reply  डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)September 28, 2011 at 8:29 PM बहुत बढ़िया! आपको सपरिवार नवरात्रि पर्व की मंगलकामनाएँ! Reply  Deepak SainiSeptember 28, 2011 at 9:04 PM सुन्दर जानकारी के लिए धन्यवाद नवरात्रि पर्व की मंगलकामनाएँ! Reply  BabliSeptember 29, 2011 at 8:34 AM बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी मिली! आपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें ! Reply  सदाSeptember 29, 2011 at 11:05 AM बहुत ही अच्‍छी जानकारी दी है आपने ...आभार । Reply  मैं अपने ब्लॉग पर आपका स्वागत करती हूँ! कृपया मेरी पोस्ट के बारे में अपने सुझावों से अवगत कराने की कृपा करें। आपकी आभारी रहूँगी। Links to this post Create a Link ‹ › Home View web version About Me  vidhya मेरे दिल में सबके लिए सिर्फ प्यार है। कोलकाता में लालन पालन हुआ है इसलिए हिन्दी भाषा को पढ़ और लिख सकती हूँ। मैं बहुत ही भावुक प्रकृति की हूँ। किसी के भी दिल को ठेस पहुँचाना मुझे अच्छा नहीं लगता है। मैं आप सबसे भी यही आशा रखती हूँ। सरल हृदय वाले और सीधे-सच्चे इन्सान मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। मैं बहुत ही साधारण जीवन यापन करती हूँ। बनावट से मुझे बहुत नफरत है। आप सब एक चेन्नई की महिला के ब्लॉग को पढ़ते हैं, यह देख कर मुझे बहुत खुशी होती है। मुझे अपनी मातृभाषा से बहुत लगाव है। इसलिए हिन्दी में ब्लॉगिंग करती हूँ। View my complete profile Powered by Blogger. 

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