Friday, 31 March 2017

यज्ञोपवित का अर्थ

मुख्य मेनू खोलें  खोजें मेरी अधिसूचनाएँ दिखाएँ 1 यज्ञोपवीत को आपकी ध्यानसूची में जोड़ दिया गया। संपादित करेंध्यानसूची से हटाएँ।किसी अन्य भाषा में पढ़ें यज्ञोपवीत  यज्ञोपवीत यज्ञोपवीत (संस्कृत संधि विच्छेद= यज्ञ+उपवीत) शब्द के दो अर्थ हैं- उपनयन संस्कार जिसमें जनेऊ पहना जाता है और विद्यारंभ होता है। मुंडन और पवित्र जल में स्नान भी इस संस्कार के अंग होते हैं।[1] जनेऊ पहनाने का संस्कार[2] सूत से बना वह पवित्र धागा जिसे यज्ञोपवीतधारी व्यक्ति बाएँ कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है।[3][4] यज्ञ द्वारा संस्कार किया गया उपवीत, यज्ञसूत्र या जनेऊ[5] यज्ञोपवीत एक विशिष्ट सूत्र को विशेष विधि से ग्रन्थित करके बनाया जाता है। इसमें सात ग्रन्थियां लगायी जाती हैं। ब्राम्हणों के यज्ञोपवीत में ब्रह्मग्रंथि होती है।[6]तीन सूत्रों वाले इस यज्ञोपवीत को गुरु दीक्षा के बाद हमेशा धारण किया जाता है। तीन सूत्र हिंदू त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं।[7]अपवित्र होने पर यज्ञोपवीत बदल लिया जाता है। बिना यज्ञोपवीत धारण कये अन्न जल गृहण नहीं किया जाता। यज्ञोपवीत धारण करने का मन्त्र है यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्। आयुष्यमग्रं प्रतिमुञ्च शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।। सन्दर्भ बाहरी कड़ियाँ संवाद Last edited 2 years ago by Sanjeev bot RELATED PAGES आशीर्वाद दोपहर आचार्य (बहुविकल्पी) बहुविकल्पी पृष्ठ  सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। गोपनीयताडेस्कटॉप

No comments:

Post a Comment