Friday 31 March 2017

स्वाध्याय

#स्वाध्याय – हमारे प्रकाशन से

भारतीय काव्यशास्त्रस– डॉ. हरिश्चन्द्र वर्मा

काव्यशास्त्र का व्युत्पत्तिगत अर्थ
काव्य और शास्र्   शब्दों के मेल से निर्मित होने के कारण काव्यशास्त्र  एक समस्त पद है। काव्यशास्त्र  का अर्थ है काव्य का शास्त्र । काव्य के स्वरूप का नियमन, निर्धारण और विवेचन करने वाले शास्त्र  को काव्यशास्त्रअ कहते हैं। काव्यशास्त्रप के स्वरूप को समझने के लिए इसकी निर्मिति में निहित काव्य और शास्त्र शब्दों के व्युत्पत्तिगत अर्थों पर ध्यान देना उपयोगी होगा।

काव्य शब्द कवि की रचना के लिए प्रयुक्त होता है। व्युत्पत्ति की दृष्टि से कवि शब्द कव् धातु से निर्मित है, जिसका अर्थ है रचना करना, चित्रण करना या चित्र बनाना। इस प्रकार काव्य कवि की बि म्बमयी, रसात्मक रचना या कृति को कहते हैं। सृजनशील व्यक्ति ही कवि है और उसकी कृति काव्य है – कवयतीति कविः तस्य कर्म काव्यम्। कवि कविता के माध्यम से स्वच्छन्द आत्माभिव्यक्ति करता है। कविता कवि की आत्मपरक अभिव्यक्ति है।

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