Friday, 31 March 2017
ब्रह्मचर्य पालन की शक्ति

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असीम शक्तियां है ब्रह्मचर्य में जानकर दंग रह जायेंगे आप…
आजकल काम भावना व सेक्स के बढते प्रभाव के कारण समाज में अनेक अपराध होने शुरु हो गये है। युवाओं की मानसिकता अश्लिल साहित्य व इंटरनेट के प्रभाव के कारण खराब होती जा रही है। इनके कारण युवाओं में मानसिक व शारीरिक दुर्बलताये पनपने लगी है। ब्रह्मचर्य को जानकर आप इन दुर्गुणों से मुक्त हो सकते है।
हिंदू धर्म में ब्रह्मचर्य का अत्यधिक महत्व है। ब्रह्मचर्य को सभी तपों में सर्वोपरी तप कहा गया है। ब्रह्मचर्य हमारी आत्मिक शक्ति है। छांदोग्योपनिषद् में ब्रह्मचर्य के विषय में कहा गया है कि ब्रह्मचर्य के पालन का फल चारों वेदों के उपदेश के समान है। ब्रह्मचर्य अमरत्व प्रदान करने वाला है। अमर होने का अर्थ सिर्फ मृत्यु न होने से ही नही है अपितु कर्मो के द्वारा अपने नाम को अमर करने से भी है। भीष्म पितामह, स्वामी विवेकानन्द, हनुमान जी, परशुराम और नारद मुनि इन सभी ने ब्रह्मचर्य का पालन कर अमरत्व को प्राप्त किया है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए इसे रखें अपने पास
ब्रह्मचर्य व बिंदु शक्ति…
प्राचीन समय में बडों के द्वारा आशीरर्वाद प्राप्त होने पर कहा जाता था वीर्यवान बनो। वीर्य रूपी बिंदु के सम्बंध में पुराणों में कहा गया है मरणं बिंदु पातेन, जीवनं बिंदु धारणम। बिंदु का पतन मृत्यु तथा धारण करना ही जीवन है। स्वामी रामतीर्थ जी ने वीर्य के सम्बंध में कहा है- वीर्य का संचय करने से यह सुषुम्ना नाडी द्वारा प्राण बनकर ऊपर चढता हुआ ज्ञान में परिवर्तित हो जाता है। आपकी हर मुश्किल करे आसान मूंगा हुनमान

शक्तिवान बनाता है ब्रह्मचर्य…
वीर्य से वीर शब्द की उत्पति भी झलकती है। वीर्य के अंदर अदभुत शक्ति है। जब ब्रह्मचर्य के द्वारा वीर्य रक्षण किया जाता है तब व्यक्ति के अन्दर आश्चर्य जनक शक्ति बनती है। ऐसा जातक परमवीर होता है और हमेशा विजयी रहता है। वैधक शास्त्र में ब्रह्मचर्य को परम बल कहा गया है- ब्रह्मचर्यं परं बलम। मुहुर्त ज्योतिष में कहा जाता है की सम्भोग के पश्चात युद्ध व यात्रा नहीं करनी चाहिये अन्यथा हानि होती है। सरकारी नौकरी चाहते हैं तो यहां पूरी हो सकती है आपकी ये मनोकामना
ब्रह्मचर्य से चेहरे का तेज बढता है…
ब्रह्मचारी जातकों के चेहरे पर हमेशा एक तेज व चमक बनी रहती है। ऐसे व्यक्ति अपना एक अलग प्रभाव रखते है हजारों की भीड में इन्हे अलग से पहचाना जा सकता है। गुरुगोविन्द सिंह जी ने कहा है ‘‘इंद्रिय संयम करो, ब्रह्मचर्य पालो, इससे तुम बलवान रहोगे और चमकोगे।”
ब्रह्मचर्य से मिलती है प्रसिद्धि व कीर्ति…
ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले दोष मुक्त होते हैं। ऐसे लोगों की बुद्धि सदमार्गो में प्रयोग होती है। ये धार्मिक प्रवृति के होते हैं और अपने परिवार का नाम रोशन करने वाले होते हैं। महात्मा बुध को ब्रह्मचर्य पालन करने के पश्चात ही बुद्धत्व प्राप्त हो पाया था। स्वामी विवेकानंद, भीष्म पितामह, हनुमान जी अपने कुल को शोभायमान करने वाले चमकदार सितारे बने। लाल किताब के उपायों से संवारें अपना भविष्य
ब्रह्मचर्य की शक्ति को जानते हुये ही भीष्म पितामह ने कहा था-
‘‘तीनों लोक के साम्राज्य का त्याग करना, स्वर्ग का अधिकार छोड़ देना, इससे भी कोई उत्तम वस्तु हो, उसको भी छोड़ देना परन्तु ब्रह्मचर्य को भंग न करना।’’
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